5G क्या है? और भारत मे कब आएगा सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में (2024)

नमस्कार दोस्तों इस लेख में आपको 5G टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी मिलेगी जैसे की 5G क्या है?, 5G Technology In Hindi और ये कैसे काम करता है। आजकल ज्यादातर लोगो के मन में यह सवाल उठ रहा है, की आखिर 5G Network में क्या होगा, भारत में कब तक Launch होने वाला है, और इससे इंटरनेट स्पीड कितनी बड़ जाएगी।

कुल मिलाकर 5G Network इस वक़्त चर्चा का विषय बना हुवा है, और इंटरनेट उपभोक्ताओं का इसके बारे में जानकारी रखना भी स्वाभाविक है, क्योंकि स्मार्ट फोन तो आज के समय में अधिकत्तर लोगो के पास है, और ज्यादातर कार्यो को डिजिटल तरीकों से ही पूरा किया जा रहा है।

ऐसे में इंटरनेट स्पीड सभी के लिए बहुत महत्व रखती है, यदि देखा जाए तो पिछले हर 10 सालों में मोबाइल नेटवर्क Generations में बढ़ोतरी होती आई है, और इस बार 4G LTE नेटवर्क से एक कदम आगे बढ़ते हुए 5G Technology पर काम किया जा रहा है। तो आईये समझते हैं 5G टेक्नोलॉजी क्या है और भारत में कब तक लांच होगा और इससे इंटरनेट स्पीड कितनी बड़ जाएगी।

5G क्या है? और भारत मे कब आएगा सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में (2022)
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5G क्या है? (What is 5G in Hindi) 

5G मोबाइल नेटवर्क का पांचवा जनरेशन है. 5g का Full Form है Fifth Generation. ये Fifth-generation wireless, या 5G, बहुत ही latest cellular technology है, जिसे की ख़ास तोर से engineered किया गया है जिससे की wireless networks की speed और responsiveness को आसानी से बढाया जा सके.

वहीँ 5G, में data को wireless broadband connections के माध्यम से लगभग 20 Gbps से भी ज्यादा की speed में transmit किया जा सकता है. इसके साथ ये बहुत ही कम latency जो की है 1 ms offer करती है और जहाँ real-time feedback की जरुरत है वहां और भी कम. 5G में ज्यादा bandwidth और advanced antenna technology होने के कारण इसमें ज्यादा amount की data को wireless के माध्यम से transmit किया जा सकता है.

यहाँ पर speed, capacity और latency, में improvement के अलावा 5G दुसरे network management features भी प्रदान करती है, जिसमें की मुख्य है network slicing, जो की दुसरे mobile operators को allow करती है multiple virtual networks create करने के लिए वो भी एक single physical 5G network में.

इस capability से wireless network connections को किसी specific uses या business cases में इस्तमाल किया जा सकता है और इसे as-a-service basis में बेचा भी जा सकता है. एक उदहारण के तोर पर self-driving car, जो की एक network slice require करता है जो की extremely fast, low-latency connections प्रदान करती है. इससे एक vehicle real-time में navigate कर सकती है.

वहीँ एक home appliance, को हम एक lower-power, slower connection के via भी connect कर सकते हैं क्यूंकि इसमें high performance की कोई जरुरत ही नहीं है. इसके अलावा internet of things (IoT) में हम secure, data-only connections का इस्तमाल कर सकते हैं.

5G networks और services को कई stages में deploy किया जायेगा next कुछ वर्षों में जो की बढती mobile और internet-enabled devices की जरुरत हो आसानी से पूर्ण कर सके. Overall, की बात करें तब 5G के माध्यम से हम बहुत variety के नए applications को generate कर सकते हैं. भारत में अभी 4G का विस्तार हो रहा है मगर दुनियाभर के टेलिकॉम ऑपरेटर्स मोबाइल टेक्नॉलजी की अगली जेनरेशन 5G लाने की तैयारी में जुट गए हैं। इसीलिए उसने 5G लाने की तैयारी शुरू कर दी है।

4G से 5G कितना अलग होगा? (How different will 5G be from 4G) 

5G पूरी तरह से 4G तकनीक से अलग होगी। वीडियो technique पर काम करेगा। शुरुआत में अपने ओरिजिनल स्पीड में काम करेगा या नहीं यह भी तय नहीं है क्योंकि यह सब कुछ टेलीकॉम कंपनियों का निवेश और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निर्भर करता है।

फिलहाल 4G पर सर्वाधिक 45 एमबीपीएस मुमकिन है लेकिन एक चीप बनाने वाली कंपनी का अनुमान है कि 5G टेक्नोलॉजी इससे 10 से 20 गुना तक अधिक speed हासिल कर सकती है।

अगर ऐसा होता है तो आप एक हाई डेफिनेशन (full HD) फिल्म को एक minute से भी कम time में पूरा डाउनलोड करने की कल्पना कर सकते हैं। गर्मी की बात करें तो फौजी से 1 मई को डाउनलोड होने में 5 से 10 मिनट तक का समय लग जाता है, 5G के आने के बाद आपके क्लिक करते ही मूवी डाउनलोड हो जाएगी।

5G Technology की विशेषताएं (Features of 5G Technology) 

अभी हम कुछ विशेष 5G technology features के संधर्व में जानते हैं. चलिए जानते हैं की आखिर 5G Technology में ऐसे क्या नए features है जो की मेह्जुदा network technology में नहीं है.

  • इसमें Up to 10Gbps data rate का होना. इसके साथ 10 to 100x की rate में network improvement होना 4G और 4.5G networks की तुलना में.
  • 1 millisecond latency का होना
  • इसमें 1000x bandwidth per unit area का होना
  • इसमें हम Up to 100x number के connected devices per unit area (अगर हम 4G LTE के साथ तुलना करें) तक connect कर सकते हैं
  • ये सभी time available होता है. इसलिए इसकी 99.999% तक availability है
  • इसके अलावा ये 100% coverage प्रदान करता है
  • ये energy save करने में काफी मदद करता है. जिसके चलते ये लगभग 90% तक network energy usage कम करने में मदद करता है
  • इसमें आप low power IoT devices जो की करीब 10 सालों तक आपको power प्रदान कर सकती है का इस्तमाल कर सकते हैं
  • इसमें High increased peak bit rate होती है
  • ज्यादा data volume per unit area (i.e. high system spectral efficiency) होती है
  • ज्यादा capacity होती है जो की इसे ज्यादा devices के साथ concurrently और instantaneously connect होने में मदद करती है
  • ये Lower battery consumption करती है
  • ये बेहतर connectivity प्रदान करती है किसी भी geographic region की अगर आप बात करें तब
  • ये ज्यादा नंबर की supporting devices को support कर सकती है
  • इसमें infrastructural development करने में काफी कम लागत लगती है
  • इसके communications में ज्यादा reliability होती है 

5G Technology कैसे कार्य करता है? (How 5G Technology Works) 

Wireless networks में मुख्य रूप से cell sites होते हैं जिन्हें की sectors में divide किया गया होता है जो की radio waves के माध्यम से data send करते हैं. ये कहना गलत नहीं होगा की Fourth-generation (4G) Long-Term Evolution (LTE) wireless technology ने ही 5G का foundation तैयार किया था.

जहाँ 4G, में बड़े, high-power cell towers की जरुरत होती है signals को radiate करने के लिए longer distances में, वहीँ 5G wireless signals को transmit करने के लिए बहुत सारे small cell stations की जरूरत होती है जिन्हें की छोटी छोटी जगह जैसे की light poles या building roofs में लगाया जा सकता है.

यहाँ पर multiple small cells का इस्तमाल इसलिए होता है क्यूंकि ये millimeter wave spectrum में — band of spectrum हमेशा 30 GHz से 300 GHz के भीतर ही होती है और चूँकि 5G में high speeds पैदा करने की जरुरत होती है, जो की केवल short distances ही travel कर सकता है. इसके अलावा ये signals किसी भी weather और physical obstacles, जैसे की buildings से आसानी से interfere हो सकते हैं.

यदि हम पहले generations के wireless technology की बात करें तब इसमें spectrum की lower-frequency bands का इस्तमाल होता था. इसके साथ millimeter wave challenges जिससे की distance और interference ज्यादा होती है, इससे जूझने के लिए wireless industry ने 5G networks में lower-frequency spectrum का इस्तमाल करने का सोचा है जिससे Network operators उस spectrum का इस्तमाल कर सकें जो की उनके पास पहले से ही मेह्जुद है.

एक चीज़ हमें ध्यान रखना चाहिए की Lower-frequency spectrum हमेशा ज्यादा distances cover करती है लेकिन इसमें lower speed और capacity होती है millimeter wave की तुलना में.

5G आने पर क्या फोन बदलना होगा? (Will the phone need to be changed when 5G arrives) 

शायद, क्योंकि जब 4G आया था तो फोन बदलने पड़े थे इसलिए हो सकता है कि 5जी आने पर हमें 5G सपोर्ट स्मार्टफोन लेना पड़े। स्मार्टफोन कंपनियों ने इसके बारे में अभी कुछ भी नहीं बताया है लेकिन इतना तो हम कह सकते हैं कि 5जी सर्विस का लाभ उठाने के लिए हमें 5G सपोर्ट मोबाइल की जरूरत होगी।

हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि हम 4G सपोर्ट डिवाइस में ही 5G नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकेंगे। लेकिन इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है। अब देखना यह है कि मोबाइल कंपनियां क्या करती हैं। 4G डिवाइस में ही 5G काम कर पाएगा या फिर इसके लिए नए स्मार्टफोन लॉन्च किए जाएंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

5G Deployment की Status क्या है? (What is the status of 5G deployment) 

5G की मुख्य development विश्व के इन चार देशों में सबसे ज्यादा है वो हैं United States, Japan, South Korea और China. यहाँ पर Wireless network operators ज्यादा ध्यान 5G buildouts को बनाने में दे रहे हैं. माना जा रहा है की Network operators 2030 तक लगभग करोड़ों billions dollars 5G के सन्धर्व में खर्च करने वाले हैं.

जाने माने Tech company Technology Business Research Inc., का कहना है की ये बात अभी तक भी साफ़ नहीं है की ये 5G services किस प्रकार से अपने investment का return generate करेंगे. ये उम्मीद है की नए companies और Startup जो की 5G के Evolving technology का इस्तमाल करना चाहते हैं वो इन operators के revenue का ख्याल रख सकते हैं.

Simultaneously, दुसरे standards bodies भी universal 5G equipment standards के ऊपर काम कर रहे हैं. निकट में ही 3rd Generation Partnership Project (3GPP) ने 5G New Radio (NR) standards के लिए December 2017 में approval दे दी है और 2018 के ख़त्म होने तक वो 5G mobile core standard जो की 5G cellular services के लिए बहुत जरुरी है को समाप्त कर देने की उम्मीद रखते हैं. ये 5G radio system 4G radios के साथ compatible नहीं है, लेकिन network operators ने wireless radios की खरीदारी करी है जिन्हें की वो upgrade करना चाहते हैं. वो इसे Software के द्वारा upgrade करना चाहते हैं न की hardware update क्यूंकि hardware update में उन्हें नए equipment खरीदने की जरुरत पड़ सकती है.

जहाँ 5G wireless equipment standards प्राय समाप्त हो चुकी हैं ऐसे में first 5G-compliant smartphones और दुसरे associated wireless devices commercially 2019 तक available हो जाने की उम्मीद हैं. 5G technology का सम्पूर्ण इस्तमाल 2020 से होने की उम्मीद की जा रही है. सन 2030 तक, 5G services का इस्तमाल full-fledged रूप से किया जायेगा और इसका इस्तमाल virtual reality (VR) content में autonomous vehicle navigation में किया जायेगा. इसे real-time में monitor भी किया जा सकेगा.

उपलब्ध 5G वायरलेस सेवाओं के प्रकार(Types of 5G wireless services available) 

Network operators मुख्य रूप से दो प्रकार के 5G services प्रदान करते हैं.
पहला Service है 5G fixed wireless broadband services का जो की internet access deliver करती है घरों और businesses को बिना किसी wired connection के उनके premises तक.

ऐसा करने के लिए network operators NRs को deploy करते हैं छोटे cell sites में buildings के निकट जिससे ये कोई signal को beam कर पाए receiver तक जो की किसी rooftop या windowsill में मेह्जुद हो, इससे ये premises के भीतर amplified हो जाता है.

Fixed broadband services operators के लिए भी सस्ता हो जाता है service प्रदान करने के लिए क्यूंकि इस approach के द्वारा उन्हें प्रत्येक residence को fiber optic lines बिछाने की जरुरत नहीं पड़ती है, बल्कि केवल cell sites तक ही fiber optics install करनी होती है, और customers broadband services receive करते हैं wireless modems के द्वारा जो की उनके residences या businesses में स्तिथ होता है.

दूसरा Service है 5G cellular services का जो की user को operator के 5G cellular networks service को access करने की सुविधा प्रदान करती है. ये services सबसे पहले rolled out होगी सन 2019 में, जब पहली 5G-enabled devices commercially available होंगी खरीदने के लिए.

Cellular service की delivery भी निर्भर करती है mobile core standards के completion के ऊपर 3GPP के द्वारा. उम्मीद की जा रही है की ये 2018 के ख़त्म होने तक complete हो जाएगी.

5जी की उन्नत विशेषताएं क्या हैं (5G के Advanced Features क्या हैं) 

यदि हम पहले के radio technologies के साथ इस नयी 5G technology की तुलना करें तब इसमें ये following advancement हम देख सकते हैं जैसे की −

  • इसमें हम Practically super speed जो की है 1 से 10 Gbps को पा सकते हैं
  • हाँ पर Latency होगी 1 millisecond (end-to-end round trip में).
  • इसके साथ यहाँ पर 1,000x bandwidth per unit area होती है.
  • ये बहुत ही आसानी से 10 से 100 devices तक connect हो सकता है.
  • ये Worldwide coverage प्रदान करता है.
  • इसके अलावा लगभग 90% की energy reduction में इसका हाथ है.
  • इसमें Battery life बहुत ही लम्बी होती है दूसरों के मुकाबले.
  • इसका साथ यहाँ पर पूरी दुनिया एक wi fi zone बन जाती है. 

5G की स्पेक्ट्रम बैंड क्या है (What is the spectrum band of 5G) 

5G नेटवर्क्स 3400 MHz , 3500 MHz और 3600 MHz बैंड्स पर रन करते हैं। 3500 MHz बैंड को आदर्श माना जाता है। मिलीमीटर वेव स्पेक्ट्रम 5G में अहम भूमिका निभा सकता है। इन्हें मिलीमीटर वेव्स इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनकी लेंग्थ 1 से 10 mm होती है।

मिलीमीटर तरंगें 30 से 300 GHz फ्रिक्वेंसीज़ पर काम करती हैं। अभी तक इन तरंगों को सैटलाइट नेटवर्क्स और रडार सिस्टम्स में इस्तेमाल किया जा सकता है।

अगर 5G में मिलीमीटर वेव्स इस्तेमाल की जाती हैं तो इसका श्रेय सर जगदीश चंद्र बोस को भी जाएगा। उन्होंने 1895 में ही दिखाया था कि इन वेव्स को कम्यूनिकेशन के लिए यूज किया जा सकता है।

5G के मुख्य लाभ क्या हैं? (What are the main benefits of 5G) 

वैसे 5G के ओ बहुत सारे advantages हैं, इसलिए मैंने उनके विषय में निचे आप लोगों को बताने के कोशिश करी है –

  • High resolution और bi-directional large bandwidth shaping का होना.
  • इसके माध्यम से सभी networks को एक ही platform के अंतर्गत लाया जा सकता है.
  • ये बहुत ही ज्यादा effective और efficient है.
  • बेहतर Download और Upload Speed का होना.
  • इस Technology के माध्यम से subscriber को supervision tools प्रदान किये गए हैं जिससे वो quick action ले सकते हैं.
  • इसके द्वारा बड़े पैमाने में broadcasting data (in Gigabit) हो सकती हैं, जिससे ये 60,000 connections से भी ज्यादा को support कर सकता है.
  • इसे previous generations के साथ आसनी से manage किया जा सकता है.
  • ये Technological sound है heterogeneous services (जिसमें की private network) को support करने के लिए.
  • इस technology के द्वारा पूरी दुनिया में uniform, uninterrupted, और consistent तरीके से connectivity प्रदान किया जा सकता है.
  • इसमें parallel multiple service आप पा सकते हैं जैसे की आप बात करते हुए weather और location की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
  • आप अपने PCs को handsets के जरिये control कर सकते हैं.
  • इससे Education बहुत ही आसान हो जाता है क्यूंकि कोई भी student दुनिया के किसी भी छोर से ज्ञान प्राप्त कर सकता है.
  • Medical treatment भी आसान हो सकती है क्यूंकि एक doctor किसी मरीज को जो की दुनिया के किसी भी remote location में स्तिथ हो उसे इस technology के द्वारा ठीक कर सकता है.
  • इससे monitoring में आसानी होगी क्यूंकि government organization और investigating officers आसानी से किसी भी जगह को monitor कर सकते हैं जिससे crime rate में गिरावट होने की संभावनाएं हैं.
  • अंतरिक्ष, galaxies, और दुसरे ग्रह को देखना बहुत ही आसान हो जायेगा.
  • किसी भी खोये हुए इन्सान को ढूंड पाना आसान हो जायेगा.
  • यहाँ तक की आने वाली बड़ी natural disaster जैसे की tsunami, भूकंप इत्यादि को पहले से ही detect किया जा सकेगा.

5G के मुख्य हानि क्या हैं? (What are the main disadvantages of 5G) 

5G technology को बहुत ही researched और conceptualized तरीके से बनाया गया है सभी radio signal problems और mobile world के hardship of mobile world को ख़त्म करने के लिए, लेकिन इसके वाबजूद भी इसके कुछ disadvantages हैं जिन्हें हम आगे discuss करने वाले हैं.

  • ये 5G की Technology अभी तक भी under process है और इसके पीछे research जारी है.
  • जो speed प्रदान करने की बात जो ये कर रहा है, उसे achieve करना मुस्किल प्रतीत होता है है क्यूंकि उसके लिए अभी तक उतना technological support विश्व के बहुत से हिस्सों में फिलहाल मेह्जुद नहीं है.
  • बहुत सारे पुराने devices इस नयी 5G technology के साथ compatible नहीं है जिसके चलते उन्हें बदलना पड़ेगा, जो की एक expensive deal साबित होगा.
  • इसके infrastructures को Develop करने में ज्यादा cost लग सकता है.
  • इसमें अभी तक भी कई Security और privacy related issue मेह्जुद हैं जिन्हें अभी तक भी solve करना बाकि है.

5G के Applications क्या हैं?(What are the applications of 5G) 

चलिए जानते हैं कुछ significant applications के विषय में

  • ये पूरी दुनिया के लिए एक unified global standard बन सकता है.
  • इसके द्वारा Network availability चारों तरफ होगी जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस बेहतरीन technology का इस्तमाल कर सकेंगे कभी भी और कहीं भी.
  • इसमें IPv6 technology होने के कारण, mobile की IP address को उनके connected network और geographical position के हिसाब से प्रदान किया जायेगा.
  • ये पूरी दुनिया को एक real Wi Fi zone में तब्दील कर देने की क्षमता रखता है.
  • इसके cognitive radio technology के माध्यम से radio technologies के अलग अलग version समान spectrum को efficiently इस्तमाल कर सकते हैं.
  • इस technology के माध्यम से higher altitude के लोग बड़े आसानी से radio signal की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं.

5G नेटवर्क का कोरोना कनेक्शन (Latest News) –Corona connection of 5G network (Latest News 

हाल ही में कई बड़े-बड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लोगों ने कहां है, कि 5G तकनीक के टेस्टिंग के वजह से ही कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और कोरोना वायरस के उत्पत्ति का भी कारण 5G तकनीकी है। इस प्रकार की ख़बरें हर एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 5G की तकनीक को लेकर फैल रही है। तो क्या सच में 5G के कारण हो रही है मौत आइये जानते हैं क्या है ये –

5G तकनीक से जुड़ी हुई ये खबरें एक भ्रांतियां मात्र है. इन भ्रांतियों के बारे में स्पष्टता से वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी के डब्ल्यूएचओ ने एक अधिकारिक जानकारी लोगों के साथ साझा की है. उन्होंने कहा है, कि कोरोना वायरस का संक्रमण मोबाइल फोन नेटवर्क या फिर किसी अन्य रेडियो तरंगों के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं जा सकता है। साथ ही डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा है कि करोना वायरस का संक्रमण उन देशों में भी है, जहां पर अभी 5G की नेटवर्क टेस्टिंग तक नहीं की गई है और ना ही वहां पर अभी तक 5G का मोबाइल नेटवर्क स्थापित किया गया है। फिर भी वहां पैर यह फ़ैल रहा है इसलिए 5g का कोरोना से कोई संबंध नहीं है.

जब 5G की नई तकनीक पूरी तरीके से कार्य करने लगेगी तब संपूर्ण विश्व में एक अलग ही विकास की लहर दौड़ना प्रारंभ कर देगी। इस तकनीक के भारत में आ जाने से हमारे देश का विकास और भी तीव्रता से होगा और नए नए रोजगार के अवसर लोगों को प्राप्त होंगे।

5G के मुख्य चैलेंजेज (Main Challenges of 5G) 

किसी भी नयी development का एक बहुत बड़ा हिस्सा है Challenges का होना. क्यूंकि इन challenges के होने से ही technology और भी बेहतर बन सकती हैं. सभी technology के जैसे ही 5G में भी बहुत बड़े बड़े challenges मेह्जुद हैं. हमने पिछले कुछ सालों में देखा की कैसे radio technology ने fast growth करी है.

शुरुवात 1G से 5G तक, ये सफ़र केवल 40 वर्षों का ही है (1G सन 1980s में और 5G जो की आने वाला है सन 2020 में). लेकिन इस सफ़र में हमने कुछ common challenges भी observe किया है जैसे की infrastructure, research methodology, और cost की कमी.

आज के दोर में ऐसे बहुत से देश है जहाँ की अभी तक भी 2G और 3G technologies का इस्तमाल होता है और लोग वहां अभी तक भी 4G के विषय में नहीं जानते हैं, ऐसे condition में, जो सवाल सभी के दिमाग में है वो ये की −

  • ये 5G कितनी दूर viable होगी?
  • क्या इस technology के माध्यम से कुछ developed countries और developing countries भी लाभान्वित होंगे?

इन्ही सवालों को बेहतर समझने के लिए 5G के challenges को two headings में विभाजित कर दिया गया है −
1. Technological Challenges
2. Common Challenges

Technological Challenges 

1. Inter-cell Interference – ये एक बहुत ही बड़ा technological issues है जिसे की जल्द solve करना होगा. चूँकि traditional macro cells और concurrent small cells के size में बहुत फरक है इसलिए ये आगे चलकर interference पैदा कर सकता है.

2. Efficient Medium Access Control – ऐसे situation में, जहाँ की dense deployment of access points और user terminals की reqirement होती है, वहां user की throughput low होगी, latency high होगी, और hotspots competent नहीं होगी cellular technology के साथ ज्यादा throughput प्रदान करने के लिए. इसलिए इसे ठीक ढंग से researched करना जरुरी है इस technology को optimize करने के लिए.

3. Traffic Management – Cellular networks में ज्यादा human traffic के होने से और ज्यादा number के Machine to Machine (M2M) devices के एक ही cell में होने से ये एक serious system challenges पैदा कर सकता है जो की है radio access network (RAN) challenges, जो की बाद में overload और congestion पैदा कर सकता है.

Common Challenges 

1. Multiple Services – दुसरे radio signal services, के मुकाबले 5G को बड़े task करना होता है जैसे की heterogeneous networks, technologies, और devices operating जो की अलग अलग geographic regions में काम करते हैं. इसलिए जो challenge है वो ये की लोगों की dynamic, universal, user-centric, और data-rich wireless services प्रदान करना होता है वो भी standard तोर से.

2. Infrastructure – Infrastructure की कमी के कारण Researchers को कई technological challenges of standardization और 5G services के application में कमी जैसे असुविधा का सामना करना पड़ता है.

3. Communication, Navigation, & Sensing – ये services ज्यादा depend करती है availability of radio spectrum पर, जिसके माध्यम से signals को transmit किया जाता है.

चूँकि 5G technology के पास strong computational power होता है बड़े volume के data जो की अलग अलग और distinct sources से आता है उन्हें process करने के लिए, लेकिन इसके लिए बड़ी infrastructure support की जरुरत होती है.

4. Security and Privacy – ये एक बहुत ही महत्वपूर्ण challenge हैं जिसे की 5G को ख़ास ध्यान देना चाहिए जिससे लोगों के personal data को protect किया जा सके. 5G को कई दुसरे security threats जैसे की trust, privacy, cybersecurity का भी ख़ास ध्यान देना पड़ेगा क्यूंकि ये threats पूरी दुनियाभर में लगातार बढती ही जा रही है.

5. Legislation of Cyberlaw − Cybercrime और दुसरे fraud भी बढ़ेंगे high speed और ubiquitous 5G technology के होने से. इसलिए Cyberlaw को ठीक ढंग से implement करना भी बहुत ही जरुरी है.

5G भारत में कब आएगा (When will 5G come to India) 

आप सोच रहे होंगे के 5G मोबाइल कब लॉंच होगा? सरकार ने 5G स्पेक्ट्रम के लिए ऑक्शन की तैयारी शुरू कर दी है. सरकार ने ट्राई से कहा है कि 3400 से 3600 MHz बैंड्स की नीलामी के लिए शुरुआती दाम सुझाए. ट्राई ने इसपर काम शुरू कर दिया है. डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम जल्द ही इस संबंध में एक पॉलिसी भी ला सकता है.

दरअसल एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत में 5G जैसी फास्ट वायरेलस टेक्नॉलजी लाने से पहले डेटा होस्टिंग और क्लाउड सर्विसेज के लिए रेग्युलेटरी कंडिशंस में बदलाव लाया जाना चाहिए.

5G का भविष्य का दायरा (5G का Future Scope) 

बहुत सारे researches और discussions पूरी दुनियाभर में चल रही है विश्व के प्रसिद्ध technologists, researchers, academicians, vendors, operators, और governments के बिच 5G के innovations, implementation, viability, और security concerns को लेकर.

जैसे की बताया गया है की 5G में ऐसे बहुत सारे बहुत सारे features मेह्जुद हैं जो की बेहतरीन services प्रदान करेंगी. लेकिन एक सवाल जो सबके मन में जरुर होगा की जहाँ previous technologies (4G और 3G) अभी भी under process और बहुत से parts में अभी तक भी शुरू नहीं हुए हैं; ऐसे में 5G का future क्या है?

5th generation technology को ख़ास इसीलिए design किया गया है ताकि वो incredible और remarkable data capabilities, unhindered call volumes, और immeasurable data broadcast इस latest mobile operating system के माध्यम से कर सके.

इसलिए ये ज्यादा intelligent technology है, जो की पूरी दुनिया को interconnect करने में सहायक सिद्ध होगा. इसीतरह हमारे दुनिया को universal और uninterrupted access to information, communication, और entertainment मिलेगी जिससे ये हमारे जीवन में एक नयी dimension का द्वार खोलेगी और ये हमारे life style और बेहतर और meaningful बनाएगी.

इसके साथ governments और regulators भी इस technology का इस्तमाल good governance और बेहतर healthier environments create करने के लिए कर सकेंगे. इससे एक बात तो साफ़ है की 5G के विस्तार में लोगों का सही मनोभाव इसे और भी अधिक बेहतर बनाने में सहायक होगा.

FAQ- 5G को लेकर पूछे जाने वाले कुछ सवाल जवाब  

5G के बारे में कुछ आम सवाल जो सबसे ज्यादा पूछे जाते हैं। जिनको हम जवाब के साथ यहां बता रहे हैं।

Q. 5G की शुरुआत कब होगी?
Ans. – इस साल के अंत तक अमेरिका जैसे कुछ देशो में 5जी की शुरुआत हो सकती है।

Q. भारत में 5G कब शुरू होगा?
Ans. – भारत में 5G इंटरनेट 2022 तक लांच कर दिया जाएगा।

Q. क्या 5G मोबाइल भारत में अवेलेबल है?
Ans. – भारत में 5G सर्विस के ऊपर इस साल या 2021 से काम शुरू हो जाएगा और 5G फोंस 2022 तक लोगों को उपलब्ध करवा दिए जाएंगे।

Q. क्या 4G हैंडसेट को 5G में अपग्रेड किया जा सकेगा?
Ans. – इस बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता लेकिन कुछ जानकारों के अनुसार हम 4जी मोबाइल में 5G नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकते हैं।

Q. 5G का फ्यूचर क्या होगा?
Ans. – जैसा कि मैंने ऊपर बताया है कि अभी भी बहुत सारे countries में 4G भी available नहीं है और कुछ कंट्रीज में तो 3GB भी अंडर प्रोसेस है। ऐसे में 5G के फ्यूचर के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता।

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख 5G क्या है? और भारत मे कब आएगा सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में (2024)  जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.

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