Supercomputer क्या है, इसकी विशेषताएं, प्रकार, उपयोग और उदाहरण

दोस्तों यहाँ हम Supercomputer क्या है, इसकी विशेषताएं, प्रकार, उपयोग और उदाहरण के बारे में बात करने वाले है? क्या आपने कभी सोचा है कि एक कंप्यूटर जो हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा है, उससे कहीं अधिक शक्तिशाली कंप्यूटर हो सकते हैं? आइए, हम आपको “सुपर कंप्यूटर” की दुनिया में ले चलते हैं, जहाँ कंप्यूटिंग की सीमाएं पार की जाती हैं।

सुपर कंप्यूटर, एक ऐसा कम्प्यूटर होता है, जिसकी प्रोसेसिंग स्पीड सामान्य कंप्यूटरों के मुकाबले हजारों गुना अधिक होती है। इसका मतलब है, वह सेकंडों में करोड़ों calculations कर सकता है!

क्या आपने सोचा है कि इसका प्रभाव हमारे दैनिक जीवन पर क्या हो सकता है?

सुपर कंप्यूटरों का मुख्यत: वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग समस्याओं के समाधान में प्रयोग होता है, जहाँ प्रमुख Computation Power की मांग होती है।

लेकिन, सुपर कंप्यूटर किसे कहते हैं? वे काम कैसे करते हैं?

तो चलिए बिना देरी किये शुरू करते हैं और सुपर कंप्यूटर क्या होता है के विषय में पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं।

 

Supercomputer क्या है, इसकी विशेषताएं, प्रकार, उपयोग और उदाहरण
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सुपर कंप्यूटर क्या है – What is Supercomputer in Hindi

 

Supercomputer या जिसे महासंगणक भी कहा जाता है वो अत्यंत शक्तिशाली मशीनें होते हैं जो बड़े पैमाने पर गणना कर सकती हैं और बड़ी मात्रा में डेटा संसाधित कर सकती हैं।

पहला सुपरकंप्यूटर 12 अप्रैल, 1964 को पूरा हुआ था। आईबीएम स्ट्रेच नामक मशीन को $7 मिलियन अमरीकी डालर (आज के डॉलर में $49 मिलियन अमरीकी डालर) के बजट पर पूरा किया गया था और इसकी प्रसंस्करण गति 2.4 मेगाफ्लॉप (मिलियन फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशंस) की थी। प्रति सेकंड)।

सुपर कंप्यूटर क्या है, ये जानने से पहले यदि हम ये जान लें की कंप्यूटर क्या है तब हमें इसे समझने में थोड़ी आसानी होगी। एक computer की बात करें तब ये एक general-purpose machine होता है जो की information (data) लेता है input process के माध्यम से, उन्हें store करता है और फिर उन्हें जरुरत अनुसार process भी करता है, और finally कुछ प्रकार की output पैदा करता है।

वहीँ अगर में एक Supercomputer की बात करूँ तब ये न केवल ज्यादा fast और एक बहुत ही बड़ा computer है: बल्कि ये पूरी तरह से अलग ही काम करता है, ये typically parallel processing का इस्तमाल करता है serial processing के स्थान पर जैसे की एक ordinary computer में इस्तमाल होता है। इसलिए ये एक समय पर एक काम करने के स्थान पर multiple काम को एक समय में करता है।

एक सुपर कंप्यूटर ऐसा computer होता है जो की currently सबसे highest operational rate में perform करता है। इसे हिंदी में महासंगणक कहा जता है। आखिर सूपरकंप्यूटर कहा use होता है?

Traditionally देखें तो, supercomputers का ज्यादातर इस्तमाल scientific और engineering applications करने के लिए होता है जिससे ये large databases को handle कर सकें और साथ ही बड़े मात्रा में computational operation कर सकें। Performance wise यह normal computers से हजारों गुना fast और accurate काम करता है।

Supercomputer की performance को measured किया जाता है FLOPS में, जिसका मतलब है की floating-point operations per second। इसलिए जिस computer में जितनी ज्यादा FLOPS होगी वो उतना ही ज्यादा powerful होगा।

 

कंप्यूटर का नाम सुपर कंप्यूटर
दुनिया के सुपर कंप्यूटर Fugaku, Sunway TaihuLight, Summit, Sierra इत्यादि.
भारत के सुपर कंप्यूटर PARAM Siddhi-AI, Pratyush, Mihir इत्यादि.
सुपर कंप्यूटर की कीमत करोड़ और अरबों रुपए (लगभग)
भारत का पहला सुपर कंप्यूटर PARAM 8000
दुनिया का पहला सुपर कंप्यूटर इल्लीआक 4
विश्व का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर अमेरिकी सुपरकंप्‍यूटर Frontier

 

सुपर कंप्यूटर का प्रयोग कहाँ किया जाता है?

 

सुपर कंप्यूटर के विभिन्न उपयोग हैं। एक के लिए, इसका उपयोग खगोल भौतिकी और आणविक विज्ञान जैसे अनुसंधान उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। यह अक्सर अन्य विषयों के बीच इंजीनियरिंग और डिजाइन में भी प्रयोग किया जाता है।

सुपरकंप्यूटर का उपयोग करने के लाभों में इंजीनियरिंग और डिज़ाइन वर्कफ़्लोज़ के लिए उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग, उन्नत सिमुलेशन परिदृश्यों में तेजी लाने के लिए उन्नत GPU प्रसंस्करण क्षमता, या बड़े सिमुलेशन मॉडल का समर्थन करने के लिए अधिक मेमोरी या जटिल इनपुट / आउटपुट आवश्यकताओं के साथ अधिक डेटा-गहन एल्गोरिदम शामिल हो सकते हैं। यहाँ से क्वांटम कंप्यूटर के बारे में जरुर पढ़ें।

 

 

सुपर कंप्यूटर कैसे काम करता है?

 

सुपरकंप्यूटर बड़े मेमोरी आकार और अपेक्षाकृत तेज़ प्रोसेसिंग यूनिट वाले कंप्यूटर होते हैं।

गणना की गति को बहुत बढ़ाने के लिए, इसे समानांतर प्रसंस्करण द्वारा किया जाना चाहिए।

जब प्रोसेसर को एक निर्देश दिया जाता है, तो इसे क्रम से संसाधित किया जाएगा और एक ही समय में दो निर्देशों पर काम नहीं कर सकता है।

लेकिन जब हम प्रोसेसर को दो निर्देश देते हैं, तो हम इसे एक साथ दोनों निर्देशों को निष्पादित करने दे सकते हैं और इसकी दक्षता में आधे से सुधार कर सकते हैं। बाद की प्रक्रिया को अक्सर “parallel processing” कहा जाता है।

 

Supercomputer में कोन सा Operating System इस्तमाल होता है?

 

आपको ये जानकर आश्चर्य हो सकता है की supercomputers को run करने के लिए ordinary operating systems का ही इस्तमाल होता है जिसे हम अपने PC को चलाते हैं, लेकिन ये हम जानते ही हैं की ज्यादा modern supercomputer actual में off-the-self comouters और workstations के cluster होते हैं।

कुछ वर्षों पहले तक operating system के हिसाब से Unix का इस्तमाल किया जाता था वहीँ अभी उसके बदले में Linux का इस्तमाल होता है। जो की open-source होता है। चूँकि supercomputers generally scientific problems के ऊपर काम करते हैं, इसलिए उनके application programs को traditional scientific programming languages जैसे की Fortran, या ज्यादा popular modern languages जैसे की C और C++ में लिखा जाता है।

 

सुपर कंप्यूटर की विशेषताएं

 

अगर हम normal computers की बात करें तब उनके computing speed को मापने के लिए MIPS (million instructions per second) का इस्तमाल किया जाता है। जिसके द्वारा fundamental programming commands जैसे की read, write, store इत्यादि को processor के द्वारा manage किया जाता है। दो computers को compare करने के लिए उनके MIPS को compare किया जाता है।

लेकिन वहीँ Supercomputers को rate करने का तरीका थोडा अलग होता है। चूँकि इसमें ज्यादातर scientific calculations किये जाते हैं, इसलिए इन्हें floating point operations per second (FLOPS) के द्वारा मापा जाता है। चलिए इसी FLOPS के अनुसार बनाये गए list को देखते हैं।

 

Unit FLOPS Example Decade
Hundred FLOPS 100 = 10 power 2 Eniac ~1940s
KFLOPS (kiloflops) 1 000 = 10 power3 IBM 704 ~1950s
MFLOPS (megaflops) 1 000 000 = 10 power 6 CDC 6600 ~1960s
GFLOPS (gigaflops) 1 000 000 000 = 10 power 9 Cray-2 ~1980s
TFLOPS (teraflops) 1 000 000 000 000 = 10 power 12 ASCI Red ~1990s
PFLOPS (petaflops) 1 000 000 000 000 000 = 10 power 15 Jaguar ~2010s
EFLOPS (exaflops) 1 000 000 000 000 000 000 = 10 power 18 ????? ~2020s

सुपर कंप्यूटर की कीमत

 

सुपर कंप्यूटर की कीमत बहुत ही ज्यादा होता है। एनईसी इन-हाउस द्वारा निर्मित सुपरकंप्यूटर आमतौर पर लाखों डॉलर में मूल्य टैग लेते हैं, यहां तक ​​​​कि निचले-अंत वाले मॉडल की कीमत लगभग $100,000 (₹8,322,000) है।

 

सुपर कंप्यूटर का आविष्कार कब हुआ?

 

यदि आप Computers के इतिहास का अध्यान करेंगे तब आप पाएंगे की किसी एक individual का इसमें योगदान नहीं है बल्कि बहुत से लोगों ने अपने योगदान समय समय पर दिया है। कहीं तब जाकर हमें ऐसे amazing machines देखने को मिला।

लेकिन जहाँ बात SuperComputer की आती है तब इसका एक बहुत बड़ा श्रेय Seymour Cray (1925–1996) को जाता है। क्यूंकि उनका योगदान Supercomputer में सबसे ज्यादा है। इन्हें आप सुपर कम्प्यूटर के जनक भी कह सकते है।

 

सुपर कंप्यूटर का इतिहास (History of Supercomputer in Hindi)

 

अगर कंप्यूटर के आविष्कार की बात करें तो इसे बनाने में केवल एक ही इंसान का योगदान नहीं है। समय – समय पर अनेक लोगों ने कंप्यूटर को बनाने में अपना योगदान दिया है। तब कहीं जाकर ऐसे Advance Supercomputer का विकास हो पाया है।

अब आइए जानते हैं, सुपर कंप्यूटर के एक संक्षिप्त इतिहास को जो इस प्रकार से निम्न है।

1946: John Mauchly और J। Presper Eckert ने construct किया था ENIAC (Electronic Numerical Integrator And Computer), University of Pennsylvania में। ये पहला general-purpose, electronic computer था, ये करीब 25m (80 feet) long और करीब 30 tons इसकी weight थी। इसे military-scientific problems को operate करने के लिए बनाया गया था और ये सबसे पहला scientific supercomputer था।

1953: IBM ने सबसे पहला general-purpose mainframe computer develop किया, जिसका नाम था IBM 701 (जिसे Defense Calculator के नाम से भी जाना जाता था), और करीब 20 machines को अलग अलग government और military agencies को बेचा गया।

ये 701 सबसे पहला off-the-shelf supercomputer था। उसके बाद IBM के एक engineer Gene Amdahl ने बाद में इसे redesign किया और इसके upgraded version का नाम IBM 704 रखा गया, यह एक ऐसा machine जो की करीब 5 KFLOPS (5000 FLOPS) की computing speed थी।

1956: IBM ने फिर Stretch supercomputer को develop किया Los Alamos National Laboratory के लिए। ये करीब 10 वर्षों के लिए दुनिया का सबसे fastest supercomputer रहा।

1957: Seymour Cray ने इस वर्ष co-found किया Control Data Corporation (CDC) और जिन्होंने pioneer किया fast, transistorized, high-performance computers बनाने में जिसमें CDC 1604 (announced 1958) और 6600 (released 1964) मुख्य थे, जिन्होंने seriously challenge किया IBM के dominance पर mainframe computing के ऊपर।

1972: Cray ने Control Data को छोड़कर खुद की Cray Research की स्थापना की और high-end computers— जो की पहला true supercomputer था बनाया। इनका main idea था की कैसे machine के अन्दर के connections को कम किया जा सके जिससे machines की speed को बढाया जा सके। पहले के Cray computers अक्सर C-shaped हुआ करते थे, जिससे इन्हें औरों से अलग रखा जा सके।

1976: पहला Cray-1 supercomputer को install किया गया Los Alamos National Laboratory में। इसकी तब speed थी करीब 160 MFLOPS

1979: Cray ने फिर develop किया पहले से भी faster model, जिसमें eight-processor होते थे, 1.9 GFLOP Cray-2। इसमें wire connections को पहले के मुकाबले 120 cm से घटाकर 41cm (16 inches) तक लाया गया।

1983: Thinking Machines Corporation ने फिर massively parallel Connection Machine को manufacture किया, जिसमें की करीब 64,000 parallel processors का इस्तमाल हुआ था।

1989: Seymour Cray फिर एक नयी company की स्थापना की Cray Computer, जहाँ उन्होंने Cray-3 और Cray-4 को develop किया।

1990: Defense spending में cut होने के वजह से और powerful RISC workstations के evolve हो जाने से, companies जैसे की Silicon Graphics के द्वारा, ये supercomputer makers के ऊपर एक serious threat बना रही थी।

1993: Fujitsu Numerical Wind Tunnel ने दुनिया का सबसे fastest computer बनाया 166 vector processors के इस्तमाल से।

1994: Thinking Machines ने bankruptcy protection के लिए case file किया।

1995: Cray Computer भी financial difficulties से डूबने लगा इसलिए उन्होंने bankruptcy protection की case file की। साथ में अचानक ही Seymour Cray की एक road accident में मौत हो गयी October 5, 1996 में।

1996: Cray Research (Cray’s original company) को Silicon Graphics के द्वारा purchase कर लिया गया।

1997: ASCI Red, एक supercomputer जिसे की Pentium processors से बनाया गया Intel और Sandia National Laboratories के द्वारा, ये बना दुनिया का सबसे पहला teraflop (TFLOP) supercomputer।

1997: IBM’s Deep Blue supercomputer ने Gary Kasparov को chess के game में मात दी।

2008: Jaguar supercomputer जिसे की Cray Research और Oak Ridge National Laboratory के द्वारा बनाया गया वो दुनिया का सबसे पहला petaflop (PFLOP) scientific supercomputer बना। जिन्हें की बाद में Japan और China के machines ने पछाड़ दिया।

2011–2013: Jaguar को extensively (और expensively) upgrade किया गया, और उसका नाम Titan रखा गया, और बाद में ये दुनिया का सबसे fastest supercomputer बना जिसे की बाद में Chinese machine Tianhe-2 ने निचे किया।

2014: Mont-Blanc, एक European consortium, जिन्होंने ये announce किया की वो एक ऐसा exaflop (1018 FLOP) supercomputer बनाने वाले हैं energy efficient smartphone और tablet processors से।

2017: Chinese scientists ने announce किया की वो एक exaflop supercomputer की prototype बना रहे हैं, जो की Tianhe-2 के ऊपर based है।

2018: China अभी के समय में fastest supercomputers की race में सबसे आगे हैं, उनके द्वारा बनायीं गे Sunway TaihuLight अभी पूरी दुनिया में सबसे तेज चलने वाली Supercomputer है।

2022: अमेरिकी सुपरकंप्‍यूटर Frontier को दुनिया का सबसे तेज सुपरकंप्‍यूटर चुना गया है। यह पहला कंप्‍यूटर है, जो एक्सास्केल (exascale) के दायरे में आ गया है यानी यह एक सेकंड में क्विनटिलियन कैलकुलेशन कर सकता है। इतना फास्‍ट है, जिसकी सिर्फ कल्‍पना की जा सकती है। Frontier ने जापानी सुपरकंप्‍यूटर फुजित्सु को रिप्‍लेस करके यह पोजिशन हासिल की है।

 

दुनिया का सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर

 

सभी देशों में computing power को लेकर काफी competition होती है, की कोन सबसे आगे हो सके लेकिन top का स्थान तो एक ही होता है। Supercomputing में Peak performance हमेशा बदलता रहता है। यहाँ तक की supercomputer के definition में भी लिखा हुआ है की यह एक ऐसा machine होता है “ जो की हमेशा अपने highest operational rate में ही कार्य करता है.”

Competition के होने से ये supercomputing को और ज्यादा रोचक बनाती है, जिससे scientists और engineers हमेशा बेहतर से बेहतर computational speed के ऊपर अपनी research जारी रखते हैं। तो चलिए जानते हैं दुनिया के top 5 supercomputers कोन कोन से हैं।

  • Frontier (USA)
  • Sunway TaihuLight (China)
  • Tianhe-2 (China)
  • Piz Daint (Switzerland)
  • Gyoukou (Japan)
  • Titan (United States)

 

भारत के सुपर कंप्यूटर का नाम

 

क्या आप जानते है भारत के प्रथम सूपरकंप्यूटर परम 8000 का शुभारंभ कब हुआ? 1991 में India में इसे आरम्भ किया गया था। हमारा देश भारत में भी कुछ supercomputers है। चलिए भारत के सुपर कंप्यूटर का नाम जानते है।

  • SahasraT (Cray XC40)
  • Aditya (IBM/Lenovo System)
  • TIFR Colour Boson
  • IIT Delhi HPC
  • Param Yuva 2

 

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Conclusion

 

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख Supercomputer क्या है, इसकी विशेषताएं, प्रकार, उपयोग और उदाहरण जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.
यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए, तब इसके लिए आप नीचे comments लिख सकते हैं.यदि आपको यह लेख पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share कीजिये.

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