Computer के कितने प्रकार होते है? जाने कंप्यूटर क्या होता है?

दोस्तों Computer के कितने प्रकार होते है? क्या आप कम्प्यूटर के प्रकार के बिषय में जानते है? आप सभी ने जरुर से Computers का इस्तमाल किया होगा, क्यूंकि ये आजकल सहज में सभी जगहों में उपलब्ध है चाहे वो Schools हो या Offices हों. वहीँ आप सभी ने शायद एक बात जरुर से गौर किया होगा की ये सभी Computers के आकर और कार्य करने के क्ष्य्मता समान नहीं है.

जहाँ कुछ computers बहुत से छोटे होते हैं तो कुछ आकार में बड़े होते हैं. कुछ बहुत ही तेज कार्य करते हैं तो कुछ बहुत ही धीमी गति से अपना कार्य करते हैं. अब सवाल उठता है की क्या ये सभी computers एक प्रकार के हैं या फिर ये एक दुसरे से अलग हैं. बस इसी सवाल का जवाब देने के लिए आज के इस article कंप्यूटर के विभिन्न प्रकार में आज आप लोगों से बस इसी विषय में जानकारी प्रदान करने वाला हूँ.

इस article में आज हम computer से सभी प्रकारों के विषय में जानेंगे और साथ में ये भी जानेंगे की इन्हें इसके कार्यप्रणाली, उद्देश्य और आकार के हिसाब से कैसे बांटा जाये. उम्मीद है की इस article के ख़त्म होने तक आपको आपके सवालों के जवाब जरुर से मिल जायेंगे. तो फिर बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं पर्सनल कंप्यूटर के प्रकार.

 

Computer के कितने प्रकार होते है? जाने कंप्यूटर क्या होता है?
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कंप्यूटर क्या होता है? (What is computer)

 

Computer एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो दिए गए किसी भी काम को बहुत ही आसानी से करता है। Computer, Latin के शब्द Computare से लिया गया है जिसका अर्थ कैलकुलेशन करना या गणना करना होता है। कंप्यूटर यूजर द्वारा दिए गए इनपुट को प्रोसेस करके रिजल्ट या आउटपुट के रूप में प्रदान करता है। कंप्यूटर में प्रोसेस करने की क्षमता होती है और डाटा को स्टोरी कर सकता है।

कंप्यूटर के जनक चार्ल्स बैबेज हैं। वैसे तो कंप्यूटर की कोई फुल फॉर्म नहीं है लेकिन कुछ लोग कंप्यूटर की फुल फॉर्म इस तरह से दर्शाते हैं-

 

Computer Ki Full Form:-

 

C=Common O=Operating M=Machine P=Purposely U =Used for T=Technical and E=Educational R=Research

जब हम कंप्यूटर से संबंधित कोई भी बात करते हैं तो उसमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का नाम जरूर आता है हमने आपको बताया कंप्यूटर क्या है? आइए जान लेते हैं कंप्यूटर में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर क्या होते हैं?

 

 

Computer के कितने प्रकार होते है? (How many types of computer are there)

 

कार्यप्रणाली, उद्शेय तथा आकर के आधार पर कंप्यूटर को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है:-

कार्यप्रणाली के आधार पर ( Based on work process) :-

 

➤कार्यप्रणाली के आधार पर कंप्यूटर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है….

  • Analog Computer
  • Digital Computer
  • Hybrid Computer

 

Analog Computer :

जैसा की नाम से ही पता चलता है “Analog” यानि वैसा कंप्यूटर जो लगातार बदलनेवाली Signal (Analog Signal) पर काम करता हो अर्थात एनालॉग कंप्यूटर वे मशीन होते है जो लगातार बदलनेवाली भौतिक मात्रा (डाटा) जैसे- द्रव दाब, यांत्रिक गति, विद्युत मात्रा, तापमान इत्यादि को Calculate करके अंकों में व्यक्त करने का काम करता है वे कंप्यूटर Analog Computer की श्रेणी में आते है।

कुछ एनालॉग कंप्यूटर के उदहारण है जैसे- थर्मामीटर जो की लगातार बदलनेवाली तापमान को मापने का कार्य करता है , कार की स्पीडोमीटर जो गाड़ी की चाल बताता है , एनालॉग मल्टीमीटर जिसमे सुई मूवमेंट करके कोई भी वैल्यू बताता है। ये सभी एनालॉग कंप्यूटर के उदाहरण है। आजकल इस कंप्यूटर का उपयोग केवल कुछ ही विशेष कार्य के लिए किया जाता है क्योंकि इसमें इनफार्मेशन स्टोर करके नहीं रखे जा सकते है साथ ही इसकी परिणाम की Accuracy डिजिटल कंप्यूटर के तुलना में कम है।

 

Digital Computer :

Digital शब्द “Digit” से बना है जिसका अर्थ होता है “अंक” यानि वैसा कंप्यूटर जो अंकीय डाटा पर आधारित होकर कार्य करता हो अर्थात डिजिटल कंप्यूटर वे कंप्यूटर होते है जो Input डाटा Digit के रूप में लेता है और यह Digit 0 और 1 से बना होता है जिसे Binary Number तथा Bit कहते है। यह कंप्यूटर Input 0 और 1 के फॉर्म में लेता है परन्तु Output Multiple फॉर्म में देने की क्षमता रखता है इसका आउटपुट हमें Digit, Graphic, Sound इत्यादि रूपों में प्राप्त होता है। इस कंप्यूटर में इनफार्मेशन कई सालों तक स्टोर रखा जा सकता है। Digital Computer “Mathematical तथा Logical” दोनों प्रकार के कैलकुलेशन बिलकुल सही-सही व शुद्धता के साथ करने में सक्षम है। इस कंप्यूटर से प्राप्त हुई परिणाम की विश्वसनीयता काफी ज्याद होती है तथा इसमें गलती होने की संभावना बहुत ही कम रहती है। यह कंप्यूटर अनेक समस्याओं के समाधान के लिए उपयुक्त है साथ ही इस कंप्यूटर के कार्य करने का दायरा बहुत ही बड़ा है। उपयोग तथा आकर के आधार पर यह कंप्यूटर चार प्रकार के होते है जिसे Micro, Mini, Mainframe तथा Super Computer कहते है।

 

Hybrid Computer :

यह वैसा कंप्यूटर होता है जो Analog तथा Digital दोनों Type के कैलकुलेशन करने की क्षमता रखता है इस कंप्यूटर को Analog तथा Digital दोनों Technology के आधार पर बनाये जाते है ताकि यह कंप्यूटर जटिल से जटिल गणनाएं क्षण मिनटो में करने में सक्षम हो सकें और वास्तव में इस कंप्यूटर का उपयोग वैसे स्थानों पर किया जाता है जहाँ दोनों प्रकार के कैलकुलेशन की जरुरत होती है। इस प्रकार के कंप्यूटर का उपयोग मुख्य रूप से विज्ञानं तथा प्रद्योगिकी के क्षेत्र में किया जाता है। Hybrid Computer का एक छोटा सा नमूना है- कार में लगा Digital Speedometer तथा पेट्रोल पंप पर लगा Digital Petrol Vendor Machine, यह दोनों Device लगातार बदलनेवाली भोतिक मात्रा के परिणाम को हमारे समने Digital रुप मे प्रस्तुत करते है।

 

उपयोग तथा आकर के आधार पर ( Based on use and size)

 

➤उपयोग, आकर तथा स्पीड के आधार पर कंप्यूटर मुख्य रूप से चार प्रकार के होते है….

  • Micro Computer
  • Mini Computer
  • Mainframe Computer
  • Super Computer

 

Micro Computer:

 

यह वही कंप्यूटर है जिसे हमलोग हर जगह अपने इर्द-गिर्द हमेशा देखते है। यह वैसा कंप्यूटर होता है जो आम लोगो की पहुँच तक होने के साथ-साथ सामान्य रूप से लगभग सभी कार्य कार्य करने की क्षमता रखता है। यह कंप्यूटर आकर में सबसे छोटे होते है Computer के कितने तथा यह मुख्य रूप से Single User System के आधार पर बनाये गए होते है जिसपर एक साथ एक ही यूजर कार्य कर सकते है परन्तु जरुरत के अनुसार इसे भी Multiple User System बनाया जा सकता है और वृहत पैमाने पर उपयोग में लाया जा सकता है। इस कंप्यूटर पर घर, स्कूल, कॉलेज, ऑफिस तथा छोटे व्यवसाय के वो सारे कार्य कर सकते है जो ऐसे स्थानों पर जरुरत पड़ती है तथा माइक्रो कंप्यूटर को इन्ही सब कार्यों को ध्यान में रखकर बनाया गया होता है।

यह कंप्यूटर भी कई प्रकार के क्षमता में आते है परन्तु कार्य एवं जरुरत के अनुसार ही इसकी क्षमता का चयन करते है और उपयोग में लाते है। इस कंप्यूटर में ज्यादातर Single CPU (Microprocessor) का उपयोग किया गया होता है। माइक्रो कंप्यूटर का उदाहरण है- Desktop, Laptop,Tablet, Smartphone इत्यादि.

 

Mini Computer:

मिनी कंप्यूटर को माइक्रो कंप्यूटर से अधिक Powerful बनाया गया होता है क्योंकि इस टाइप के कंप्यूटर को छोटे-छोटे व्यवसायिक कार्यों को देखकर ही बनाया गया है Computer के कितने जहाँ Micro Computer उस कार्य को नहीं कर सकते, ऐसे स्थानों पर Mini Computer का उपयोग किया जाता है। ये कंप्यूटर Multiple User System होते है तथा इसपर एक साथ 100 – 200 यूजर कार्य कर सकते है। इस कंप्यूटर को ज्यादातर ऐसे स्थानों पर उपयोग किया जाता है जहाँ एक साथ बहुत सारे यूजर के कार्य करने की जरुरत हो जैसे- Railway, Banking, University….

 

Mainframe Computer:

यह कंप्यूटर अन्य सभी कंप्यूटरों से आकार में बहुत बड़ी तथा अधिक शक्तिशाली होता है। इस कंप्यूटर का उपयोग ऐसे स्थानों पर किया जाता है जहाँ कई अलग-अलग Location पर किये जा रहे कार्यों का निष्पादन करना हो तथा बड़ी मात्राओं में Calculations तथा Data Management करने की आवश्यकता हो। यह कंप्यूटर Network में कई अलग -अलग Location के हजारों Workstation पर किये जा रहे कार्यो को Same Time में तीव्र गति से Access करने की अनुमति दे सकता है तथा उससे प्राप्त होनेवाली Data या Information को अपनी DBMS (Database Management System) में Store रख सकता है।

इसकी Processing Speed बहुत ज्यादा (MIPS-Million Instructions Per Second) होती है तथा इसकी Storage Capacity भी बहुत ज्यादा रहती है। मेनफ़्रेम कंप्यूटर को बड़ी मात्राओं में डाटा का संस्करण तथा भण्डारण करना पड़ता है।

इस कंप्यूटर का उपयोग ज्यादातर बड़े बड़े व्यावसायिक संगठनों के द्वारा Centerlised Computer के रूप में किया जाता है।
इस कंप्यूटर के उपयोग अवं क्षमता का अंदाजा हम ATM Transaction या Net Banking Transaction को समझकर लगा सकते है क्योंकि इसमें एक बार में Same Time पर कई एक Location में एक साथ पैसे का लेन-देन किया जा रहा होता है और इन सारी जगहों की लेन-देन का Calculation एवं Information Store किसी अलग एक Server Room में लगे कंप्यूटर के द्वारा किया जा रहा होता है और ये कंप्यूटर Mainframe Computer होते है।
IBM 4381, ICL 39 Series तथा CDS Cyber series ये सभी मेनफ़्रेम कंप्यूटर के उदहारण है।

 

Super Computer:

इस कंप्यूटर को हिंदी में महासंगणक कहते है ये कंप्यूटर आकार में Mainframe के सामान ही होते है परंतु इसकी क्षमता दुनिया की सभी कंप्यूटरों में से बहुत ही ज्यादा होती है। इस कंप्यूटर में हजारों Processor लगे होते है जो एक साथ मिलकर कार्य करते है। इसकी Processing Speed MIPS में नहीं बल्कि FLOPS (Floating Point Operations Per Second) में होती है Computer के कितने ये एक सेकंड में अरबों कैलकुलेशन कर सकता है। ये कंप्यूटर Serial Processing के बजाय Perelal Processing पर किसी भी कार्य को पूरा करता है। Super Computer के द्वारा जटिल से जटिल Computational Operations को कुछ ही सेकंड में किया जा सकता है।

यह कंप्यूटर आम लोगों की पहुँच से दूर है क्योंकि इसकी कीमत बहुत ही ज्यादा होती है। इस कंप्यूटर का उपयोग ऐसे कार्यों में किया जाता है जहाँ काम समय में Real Time में बहुत बड़ी कैलकुलेशन करके परिणाम दिखना होता है जैसे- Scientific Research, Weather Forecasting, Molecular Modeling, Oil Gas Exploring Etc.
Pratyush तथा Mihir वर्तमान में भारत की सबसे अधिक शक्तिशाली कंप्यूटर है।

 

 

उद्देश्य के आधार पर ( Based on purpose) :-

 

➤उदेश्य के आधार पर कंप्यूटर को दो भागों में बांटा गया है….

 

  • General Purpose Computer
  • Special Purpose Computer

 

General Purpose Computer

जनरल पर्पस कंप्यूटर वे कंप्यूटर होते है जिसको सामान्य कार्यों को करने के लिए बनाया गया होता है । इस कंप्यूटर पर Home, Office, School, Collage इत्यादि के कार्यों को बड़े आसानी से किया जा सकता है। परंतु इसकी क्षमता सामान्य ही होती है जिस कारण इस कंप्यूटर पर कोई विशिष्ट कार्य नहीं किया जा सकता है। ये कंप्यूटर आम लोगों के बजट में होते है। हमलोगों के रोजमर्रा के कार्यों को करनेवाले पर्सनल कंप्यूटर General Purpose Computer की श्रेणी में आते है।

 

Special Purpose Computer:

ये कंप्यूटर किसी खास कार्यों के लिए Design किये जाते है जिससे इसकी कार्य क्षमता उस कार्य के अनुकूल होता है। ये कंप्यूटर अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग क्षमता तथा आकार के बनाये जाते है। इसके Hardware तथा Software भी जरुरत के अनुसार बनाये जाते है।

इस कंप्यूटर के साथ कई अलग-अलग प्रकार के Device Interconnect रहते है। Special Purpose Computer के उदाहरण है – ATM Machine, CT Scan Machine, Petrol Vendor Machine Etc.

 

 

FAQ- Computer के प्रकार से संबंधित आपके सवालों के जवाब :-

 

1. Computer के चार प्रकार कौन कौन से है?

Computer के चार प्रकार के नाम नीचे दिए गए है।
1. सुपर Computer (Super Computer)
2. मेनफ़्रेम Computer (Mainframe Computer)
3. मिनी Computer (Mini Computer)
4. माइक्रो Computer (Micro Computer) ये सभी Computer अधिकतर इस्तेमाल मे लाए जाते है।

 

2. क्या Computer पर भरोसा किया जा सकता है?

जी हाँ Computer पर बिल्कुल भरोसा किया जा सकता है। यह हमे सटीक वैल्यू देता है ओर इसमे रखे गए फाइल और फोटो सुरक्षित रहते है।

 

3. डिजिटल Computer कितने प्रकार के होते है?

डिजिटल Computer चार प्रकार के होते है, जिसके नाम नीचे दिए गए है।
1. Super Computers
2. Micro Computers
3. Mini Computers और
4. Mainframe Computers इत्यादि
इनके बारे मे ऊपर अच्छे से इक्स्प्लैन किया गया है।

 

4. Digital Computer क्या होता है?

डिजिटल Computer एक प्रकार का ऐसा Computer होता है, जोकि डिजिटल डाटा का इस्तेमाल करता है। यह गणितीय कैल्क्यलैशन ओर लाजिकल ऑपरेशन को पर्फॉर्म करने के लिए नूमेरिक डिजिट (0-9) का उपयोग करता है।

 

5. PC (Personal Computer) किसे कहते है?

PC या पर्सनल Computer मिनी Computer होता है, चूंकि इस प्रकार का Computer अधिकतर पर्सोनल कार्यों के लिए इस्तेमाल मे आता है, इसलिए इसे पर्सनल Computer कहा जाता है।

 

6. Desktop और Laptop मे मुख्य अंतर क्या है?

Desktop और Laptop मे मुख्य अंतर सिर्फ इतना है की जिस Computer को हम डेस्क यानि की टेबल पर रखकर उसको ऑपरैट करते है, उसे डेस्कटॉप कहते है।

जबकि जिस Computer को हम अपने लैप जिसे गोद कहते है, मे रखकर ऑपरैट कर सकते है उसे लैपटॉप कहते है। इसके आलवा डेस्कटॉप लैपटॉप के तुलना मे अधिक बड़ा ओर भारी वजन का होता है

 

7. Workstations क्या होता है।

Workstations एक प्रकार का ऐसा कंप्युटर होता है, जिसको खशतौर पर इंडस्ट्री रेलेवेंट कार्य करने के लिए बनाया जाता है। Workstation कई अन्य कंप्युटर को आपस मे जोड़ता है।

 

8. Shared Computer क्या होता है?

यह एक प्रकार का ऐसा Computer होता है, जिसमे एक समय मे एक लोग ओर फिर दूसरे समय मे दूसरे लोग उसी Computer को एक्सेस कर सकते है। इसके लिए हार्डवेयर ओर सॉफ्टवेयर को उस प्रकार से डिजाइन किया जाता है।

 

Conclusion

 

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख Computer के कितने प्रकार होते है? जाने कंप्यूटर क्या होता है?जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.
यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए, तब इसके लिए आप नीचे comments लिख सकते हैं.यदि आपको यह लेख पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share कीजिये.

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