EMI क्या है?(EMI Full Form In Hindi) और EMI कैसे भरते है? 

दोस्तों नमस्कार, आज हम आपको इस पोस्ट में एक बहुत ही बढ़िया और महत्वपूर्ण जानकारी बताएंगे EMI क्या है यह जानकारी आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगी और इस जानकारी के बारे में जानने कि आप शायद कई दिनों से कोशिश भी कर रहे होंगे और कुछ जानकारी आपको प्राप्त नहीं हुई होगी लेकिन आपको अच्छे से जानकारी नहीं मिल पाई होगी तो आज हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे की EMI क्या होती है.

क्योंकि आप भी बैंक या आपने क्रेडिट कार्ड से होम लोन, पर्सनल लोन, बिजनेस लोन या एजुकेशन लोन या इसके अलावा किसी भी तरह का कोई भी लोन लिया है. या आपने लोन लेने की सोची भी होगी.या आपके परिवार में किसी ने लेने की सोची होगी तो उस समय आपको EMI के आकलन के बारे में पता होना बहुत ही जरूरी है.क्योंकि जब आप किसी बैंक से लोन लेते हैं. तो बैंक अपने पैसे यह माई के द्वारा ही वापस लेता है और आजकल तो ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां भी EMI का ऑप्शन उपलब्ध करा रही है.

जैसे Amazon, Flipkart इन कंपनियों के ऊपर भी आप EMI के साथ किसी भी तरह का सामान खरीद सकते हैं यहां पर भी आप यह माई के साथ पेमेंट कर सकते हैं.तो आज हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे कि यह माई क्या होती है. और यह कैसे काम करती है. तो आप इस जानकारी को अच्छी तरह से और ध्यान से पढ़ें. ताकि जब भी आप बैंक से लोन ले तो आपको किसी भी तरह की दिक्कत ना हो और अपनी  EMI के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सके. तो आप इस जानकारी को अच्छी तरह से पढ़ें. तो देखिये

EMI क्या है?(EMI Full Form In Hindi) और EMI कैसे भरते है? 
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EMI क्या है?

एक समान मासिक किस्त (ईएमआई) एक निश्चित समय अवधि के भीतर बकाया ऋण की चुकौती के हिस्से के रूप में, किसी बैंक या ऋणदाता को भुगतान की जाने वाली निश्चित राशि को संदर्भित करता है। सीधे शब्दों में कहें, ईएमआई एक सुविधा है जो बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों को तत्काल नकदी प्रवाह की जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण राशि उधार लेने के लिए प्रदान करते हैं और फिर, उन्हें एक विशिष्ट दर पर किश्तों में चुकाने की अनुमति देते हैं। एक परिभाषित ऋण अवधि पर ब्याज। ग्राहक को ये भुगतान प्रत्येक कैलेंडर माह में एक निर्दिष्ट तिथि पर करने होंगे। कोई भी चेक के माध्यम से ईएमआई राशि का भुगतान कर सकता है या ऑटो-डेबिट सुविधा जैसे ऑनलाइन मोड का चयन कर सकता है।

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बैंक में ईएमआई क्या होता है?

EMI की फूल फॉर्म Equated Monthly Installment होती है जिसे हिन्दी भाषा मे समान मासिक किस्त कहते है, जैसा की इसके नाम से ही स्पष्ट है की हर महीने एक निर्धारित राशि लेन्डर यानि की लोन देने वाले को देनी पड़ती है, ये राशि महीने की किसी निर्धारित तारिक को चेक या Online Payment करके भुगतान कि जाती है। 

बैंक से लोन लेने के अलावा भी ईएमआई का कई जगह पर इस्तेमाल किया जाता है, आजकल आप छोटे से छोटे समान को भी ईएमआई पर खरीद सकते है मोबाईल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, Online और ऑफलाइन मार्केट मे EMI पर मोबाईल बहुत से लोग खरीदने लगे है।

EMI का पूरा नाम क्या है? (EMI Full Form In Hindi)

सबसे पहले तो हम इसका  पूरा नाम क्या होता हैं इसके बारे में जान लेते हैं ताकि आपको पता चल सके की इसका पूरा नाम क्या है.

EMI KA FULL FORM – EQUATED MONTHLY INSTALLMENT होता है.

जिसका हिन्दी मे अर्थ हैं “मासिक किस्त” अब आपको इसकी full form से ही पता चल चुका होगा की ये क्या होता हैं तो अब हम इसके बारे मे कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी आपको बता रहे हैं.

EMI के घटक

एक ईएमआई के दो घटक होते हैं – मूलधन पुनर्भुगतान और ब्याज। प्रारंभिक वर्षों के दौरान, ईएमआई के एक महत्वपूर्ण हिस्से में ब्याज राशि शामिल होती है। हालांकि, ऋण अवधि के अंत में, मूल राशि ईएमआई भुगतान का एक बड़ा हिस्सा बनती है और ब्याज लागत तुलनात्मक रूप से कम राशि बनाती है।

परिशोधन अनुसूची क्या है?

परिशोधन अनुसूची एक व्यापक तालिका को संदर्भित करती है जो ईएमआई भुगतानों के टूटने के साथ पूर्ण ऋण विवरण दिखाती है। यह प्रत्येक भुगतान के लिए मूलधन और ब्याज राशि को सूचीबद्ध करता है। यह शेड्यूल यह समझने में मदद करता है कि लोन अपने कार्यकाल के दौरान कैसे आगे बढ़ता है। परिशोधन तालिका में अनुसूचित भुगतान, उधार लिया गया मूलधन और प्रत्येक अनुसूचित भुगतान का ब्याज व्यय जैसे विवरण शामिल होंगे। यह समझने में मदद करता है कि ऋण कैसे काम करता है और कर का दावा करने के लिए ब्याज से संबंधित विवरण जानने में भी मदद करता है लाभ। 

LOAN की Duration  क्या होती है 

कोई भी बैंक या संस्थान जब हमे एक बड़ी राशि देती है तो साथ ही साथ एक नियमित समय भी देती है जिसके अंदर कुछ ब्याज़ भी जुड़े रहते हैं। अगर हम इस नियमित समय में भुगतान नहीं कर पाते हैं तो कानूनी कार्रवाई हो सकती है। लोन कई प्रकार के होते हैं जैसे कार लोन,होम लोन,बाइक लोन,बिज़नेस लोन,आदि। अपनी जरूरतों के अंतर्गत ही हम सही लोन का चयन करते हैं। 

हम इस लोन की राशि को एक बार में भी चुका सकते हैं किन्तु मूलराशि बड़ी होने के कारण ये संभव नहीं होता है और इसी कारण मासिक किश्त भरना बेहतर विकल्प होता है। हमारी अवधि हमारे लोन के amount पर निर्भर करती है। जितनी बड़ी लोन राशि होती है उतनी ही कम EMI होती है। 

EMI की गणना कैसे करे 

ईएमआई की गणना निम्नलिखित गणितीय सूत्र के आधार पर की जाती है: ईएमआई = पी × आर × (1 + आर) ^ एन / ((1 + आर) ^ एन -1) जहां, पी = ऋण राशि। r = ब्याज दर, जिसकी गणना मासिक आधार पर की जाती है। n = ऋण अवधि (महीनों में)। आइए निम्नलिखित उदाहरण से समझते हैं: विनय ने 5 लाख रुपये की मूल राशि का ऋण 12% की ब्याज दर और तीन साल की अवधि के ऋण पर लिया है। ईएमआई की गणना ऊपर बताए गए फॉर्मूले के आधार पर की जाएगी।

मूल राशि (रुपये में) 5 लाख
ब्याज दर (%) 12%
कार्यकाल (महीनों में) 36
देय ईएमआई (रुपये में) १६,६०७

मासिक किस्त के भुगतान में तीन महीने की राहत का क्या मतलब है?

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ईएमआई पेमेंट में तीन महीने की राहत दी है. इसका मतलब है कि तीन महीने तक आपके लिए अपना ईएमआई चुकाना जरूरी नहीं है. अगर आप इस दौरान अपनी ईएमआई नहीं चुकाते हैं तो बैंक आप पर पेनाल्टी नहीं लगाएंगे. भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बारे में एक बयान जारी किया है.

इसमें उसने कहा है, “सभी कमर्शियल बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, छोटे फाइनेंशियल बैंक और स्थानीय क्षेत्र के बैंक सहित), सहकारी बैंक, वित्‍तीय संस्‍थान और एनबीएफसी (हाउसिंग फाइनेंस कंपनी और माइक्रो-फाइनेंस संस्थान सहित) को 1 मार्च, 2020 तक बकाया सभी कर्जों के संबंध में किस्‍तों के भुगतान पर तीन महीने की मोहलत देने की अनुमति दी जा रही है.” इसका मतलब यह है कि जिन लोगों ने कर्ज लिए हैं, उनकी ईएमआई बैंक खातों से इतने समय तक नहीं कटेगी. इस अवधि के समाप्त होने के बाद ही कर्ज की ईएमआई का भुगतान दोबारा शुरू होगा.

EMI को प्रभावित करने वाले कारक

किसी बैंक या संस्था द्वारा लिए गए लोन पर आपको कितनी ईएमआई भरनी पड़ेगी ये इसके कारकों पर निर्भर करता है जैसे की आप लोन किस संस्था या बैंक से ले रहे है, आपका सीबील क्रेडिट स्कोर क्या है आदि लेकिन मुख्य रूप से केवल 3 कारक ईएमआई को प्रभावित करते है। 

लोन की राशि – ये वो पैसा होता है जो आप बैंक या किसी संस्था से लोन के रूप मे लेते हो, जितना ज्यादा ये राशि होगी आपकी EMI भी उतनी ही ज्यादा होगी। 

ब्याज दर – आपके लोन पर कितने प्रतिशत ब्याज लगेगा ये कारक आपकी ईएमआई को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है क्योंकि जितनी ज्यादा ब्याज दर होगी उतना ही पैसा आपको मूलधन से ज्यादा देना पड़ेगा। आपको लोन देने वाला बैंक या संस्था ब्याज दर को कई तरह से निश्चित करता है जैसे की आपकी क्रेडिट हिस्ट्री, आपकी सैलरी, भुगतान वापिस करने की क्षमता और मार्केट की स्थिति। 

समय – ईएमआई को प्रभावित करने वाला ये तीसरा सबसे महत्वपूर्ण कारक है जिसमे ये तय किया जाता है की आप बैंक या संस्था से लिया गया लोन कितने महीने या साल मे भुगतान करेंगे। ये समय जितना ज्यादा होगा आपकी ईएमआई उतनी ही छोटी होगी लेकिन समय के बढ़ने से आपको ब्याज दर ज्यादा देनी पड़ेगी। 

क्या आपको एक निश्चित ब्याज दर या फ्लोटिंग ब्याज दर का विकल्प चुनना चाहिए?

चूंकि निश्चित ब्याज दरें आपको ईएमआई भुगतान के बारे में आराम देती हैं, जिसकी राशि स्थिर रहती है, आप इसे चुन सकते हैं क्योंकि यह आपको अपने भुगतानों के बारे में निश्चितता की भावना देगा, खासकर यदि आप ब्याज दरों में वृद्धि का जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। . आदर्श रूप से, यह उपयुक्त है यदि ऋण अवधि तीन से 10 वर्ष के बीच है। हालांकि, फ्लोटिंग ब्याज दर का विकल्प चुनना उचित है, अगर यह 20 या 30 साल का दीर्घकालिक ऋण है। एक अस्थायी ब्याज दर चुनें जब आप जानते हों कि आधार दर एक अवधि में स्थिर या कम रहेगी। आप पूर्व भुगतान की योजना बना सकते हैं और अपने ऋण पर कुल ब्याज को कम कर सकते हैं, जिससे बहुत बचत हो सकती है। 

EMI कैसे करते है?

अगर आप किसी सामान आदि पर  Emi करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको पता करना होगा की कौनसी दुकान वो सामान आपको EMI पर दे रहा हैं अगर कोई ईएमआई   के ऊपर सामान  देता हैं तो वहा से आप ईएमआई   करा सकते हैं बादमे अपने बैक की पासबुक, चेक, आधार कार्ड आदि ले कर आप उस दुकान मे जाये व अगर वह दुकानदार ईएमआई  करता हैं तो वो कर लेगा अगर वो ईएमआई  नहीं करता तो वो किसी भी फाइनेंस या बैंक के द्वारा आपका ईएमआई  करा देता है.

EMI कैसे भरते है 

EMI कहा पर जा कर भरे व कैसे भरे ये सवाल कई लोगो के मन मे होता हैं पर आपको emi भरने के‌ लिए कही जाने की जरुरत नही हैं क्युँकि जब आप कोई सामान EMI पर लेते हैं तो वो आपके बैक की पासबुक मागते हैं बादमें वो निश्चित तारीख को किस्त के पैसे अपने आप आपकी बैक से काट लेते हैं.

अगर आपके खाते में पर्याप्त पैसे नहीं होते व किसी कारण से ईएमआई नहीं काटी जाती तो आपको उसकी पेनेल्टी भरनी होती हैं व आपने जो सामान ईएमआई  पर लिया हैं वो सामान भी आपसे वापिस लिया जा सकता हैं इसलिए जिस तारीख को आपकी ईएमआई हैं उस तारीख को अपने खाते में पर्याप्त बैलैंस जरूर रखे  ताकि आपकी ईएमआई समय पर काटी जा सके और आपको किसी प्रकार की परेशानी ना हो अगर आप Emi full form  से सम्बंधित कोई सवाल  पूछना चाहो तो आप हमे कमेंट कर के बता सके है.

EMI का भुगतान करने का तरीके 

मासिक किस्त के भुगतान को आप दो तरह से कर सकते हैं.पहला होता है इंटरनेट के द्वारा ऑनलाइन भुगतान करने का और दूसरा तरीका ऑफलाइन का होता है.  EMI के ऑनलाइन भुगतान के लिए आपको लोन लेते समय ही साइन की हुई चेक या फिर अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड की पूरी जानकारी देनी होती है. फिर उसके बाद हर महीने आपके खाते से अपने आप ही पैसे काट लिए जाते हैं और यदि आप मासिक किस्त के भुगतान का ऑफलाइन तरीका चुनते हैं. तो उसके लिए आपको बैंक में जाकर अपनी किस्त के पैसों का भुगतान करना होता है.

आज हमने आपको इस पोस्ट में एक बहुत ही बढ़िया जानकारी बताई है. हमने आपको इस पोस्ट में बताया कि ईएमआई क्या होती है इसका क्या मतलब होता है और यह कैसे इस्तेमाल की जाती है. और ईएमआई से जुड़े कुछ दूसरे सवालों के बारे में भी बताया तो यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह पोस्ट पसंद आए तो शेयर करना ना भूलें और यदि आपका इसके बारे में कोई सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं.

No Cost EMI क्या होती है 

जैसा कि हमे नाम से मालूम पड़ गया कि वो हर प्रकार कि EMI जिसमे सिर्फ प्रोडक्ट कि कीमत का भुगतान करना पड़ता है उसे No Cost EMI कहते हैं। EMI क्या है दूसरे शब्दों में नो कॉस्ट EMI वह तरीका है जिसमे हमे ब्याज नहीं देना पड़ता है। 

जैसे कि एक उदाहरण ले सकते हैं – मैंने एक प्रोडक्ट 10,000 रुपयों में किश्त पर ख़रीदा तो दो महीने की इसकी No Cost EMI 5000-5000 रूपये होगी।

EMI गणना सूत्र क्या है :- 

बैंक या संस्था द्वारा दिए गए लोन का भुगतान EMI (समान मासिक किस्त) के द्वारा किया जाता है जिसमे एक निर्धारित राशि किसी निर्धारित तारिक को बैंक को देनी होती है, लोन लेने से पहले हर महीने कितनी ईएमआई भरनी है इसका पता होने से आइडिया लग जाता है की कितना लोन लेना चाहिए। 

ईएमआई निकालने के लिए आपको 3 तत्वों की जरूरत पड़ती है जिसमे पहला लोन की राशि, दूसरा ब्याज दर और तीसरा समय है, समय को हम अंग्रेजी मे Tenor भी बोलते है। 

ईएमआई गणना सूत्र:-

आपको ये फार्मूला दिखने मे मुश्किल लग सकता है लेकिन यहा दी गई टर्म को समझने के बाद आपको ये आसानी से समझ आ जाएगा, इस सूत्र मे E का मतलब है ईएमआई जो की हमे निकालनी है, P का मतलब है Principal Amount यानि की मूल राशि, R का मतलब है Rate of Interest यानि की ब्याज दर और N का मतलब है समय। 

  • E – ईएमआई
  • P – लोन की धनराशि
  • R – ब्याज दर 
  • N – लोन कितने समय के लिए लिया गया है

उदाहरण के लिए प्रदीप मोबाईल खरीदने के लिए 10,000 रुपए का लोन किसी बैंक से लेता है, बैंक ये लोन प्रदीप को 12% ब्याज दर पर 6 महीनों के लिए देता है यो प्रदीप को अगले 6 महीनों तक 1725 रुपए बैंक को, लोन का पूरा भुगतान करने के लिए चुकाने पड़ेंगे। हालांकि ईएमआई गणना सूत्र से EMI निकालने मे काफी समय लगता है और यकीन मानिए बहुत ही कम लोग इस सूत्र से ईएमआई निकालने मे सक्षम होंगे क्योंकि इसमे गणित की जटिल गणना करनी पड़ती है और गलती होना भी संभव है। 

ईएमआई की गणना करने के लिए आप किसी EMI Calculator टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं जहा आपको कुछ ही सेकंड मे ईएमआई के बारे मे पता चल जाता है, ये टूल Online उपलब्ध है आपको केवल EMI Calculator लिखकर सर्च करना है। 

क्या लोन अवधि के दौरान EMI बदल जाती है?

समान मासिक किस्त या ईएमआई की गणना कारकों के आधार पर की जाती है, जैसे कि ऋण राशि, ब्याज दर और कार्यकाल। हालांकि, आपको ईएमआई के रूप में भुगतान की जाने वाली राशि कुछ शर्तों के आधार पर ऋण अवधि के दौरान भिन्न हो सकती है। हम नीचे उनकी चर्चा करते हैं:

  • फ्लोटिंग ब्याज दर: फिक्स्ड-रेट लोन के मामले में, ईएमआई राशि समान रहती है। हालांकि, अगर कोई फ्लोटिंग ब्याज दर का विकल्प चुनता है, तो ब्याज दर परिवर्तन के अधीन होगी, क्योंकि फ्लोटिंग ब्याज दर बाजार परिदृश्य के अनुसार बदलती है। इसलिए, यह आपके द्वारा देय ईएमआई को प्रभावित करेगा।
  • ऋण का पूर्व भुगतान: कई बैंक निर्धारित समय से पहले अपनी ऋण राशि के एक हिस्से को एकमुश्त के रूप में पूर्व भुगतान करने की सुविधा देते हैं। ऋण राशि का पूर्व भुगतान करने से, मूल राशि कम हो जाएगी, इस प्रकार देय ईएमआई राशि कम हो जाएगी। पूर्व भुगतान एक व्यक्ति को ब्याज पर बचत करने में सक्षम बनाता है।
  • प्रगतिशील ईएमआई: कुछ ऋण देने वाली संस्थाएं ऋण राशि चुकाने के लिए प्रगतिशील ईएमआई के विकल्प की अनुमति देती हैं। एक निर्दिष्ट अवधि के लिए एक निश्चित ईएमआई का भुगतान करने की आवश्यकता होती है, जिसके बाद राशि बाद में बढ़ जाती है। यह आमतौर पर लंबी अवधि के ऋण के मामले में लागू होता है।

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Debit Card पर EMI कैसे ले 

आजकल कुछ बड़े बैंक जैसे की HDFC, SBI, ICICI आदि आपको डेबिट कार्ड पर भी ईएमआई का ऑप्शन देते है जिसका इस्तेमाल आप Online शॉपिंग वेबसाइट पर कुछ सामान खरीदने के लिए कर सकते है, हालांकि सभी उत्पादो पर आपको डेबिट कार्ड ईएमआई का ऑप्शन नहीं मिलता। 

डेबिट कार्ड पर ईएमआई का फीचर केवल कुछ ही ग्राहकों को मिलता है और ये बैंक का अपना फैसला होता है की आपको डेबिट कार्ड पर EMI का ऑप्शन दे या ना दे। ज्यादातर ये देखा गया है की बैंक आपकी ख़रीददारी का इतिहास देखकर आपको Debit Card EMI का ऑप्शन देता है। 

यदि आप ऑनलाइन बहुत सारा समान खरीदते है और उसका पेमेंट भी Online एक ही डेबिट कार्ड से करते है तो बैंक आपको ये ऑप्शन दे सकता है। आपके पास डेबिट कार्ड EMI का ऑप्शन है या नहीं ये चेक करने के लिए आप अपने HDFC Bank नेट बैंकिंग मे Offers का सेक्शन चेक करे।

आपके डेबिट या एटीएम कार्ड पर EMI का ऑप्शन उपलब्ध है या नहीं इसे जानने के लिए आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर से एक मैसेज करना होता है, ये मैसेज सभी Banks का अलग अलग होता है। नीचे आपको कुछ बैंक के बारे मे बताया गया है। 

  • HDFC Bank – Type MYHDFC Send to 5676712
  • SBI – Type DCEMI Send to 567676
  • ICICI Bank – Type DCEMI डेबिट कार्ड के अंतिम 4 अंक Send to 5676766

डेबिट कार्ड पर EMI का ऑप्शन अभी केवल कुछ ही बैंक उपलब्ध करवा रहे है आप अपने बैंक के बारे मे सर्च करके जान सकते है की आपका बैंक ये सेवा देता है या नहीं। इस बात का भी ध्यान रखे की ये सेवा केवल कुछ ही कस्टमर को मिलती है।

EMI कैलकुलेटर क्या है?

ईएमआई कैलकुलेटर एक डिजिटल टूल है जो आपके द्वारा दर्ज किए गए विवरण, जैसे ऋण अवधि, ब्याज दर और ऋण के आधार पर समान मासिक किस्त, यानी ईएमआई राशि का भुगतान करता है। रकम। यह टूल उधारकर्ताओं को हर महीने देय वास्तविक ईएमआई राशि जानने में सक्षम बनाता है। कई प्रकार के ईएमआई कैलकुलेटर हैं, जैसे व्यक्तिगत ऋण ईएमआई कैलकुलेटर, गृह ऋण के लिए ईएमआई कैलकुलेटर, शिक्षा ऋण ईएमआई कैलकुलेटर, कुछ नाम। 

  • वित्तीय योजना: ऑनलाइन ईएमआई कैलकुलेटर उपयोगी है, क्योंकि यह आपको अपने मासिक खर्च को समझने में सक्षम बनाता है और अन्य निवेशों के लिए आपकी वित्तीय योजना को आसान बनाता है।
  • सटीकता: चूंकि गणनाएं कम्प्यूटरीकृत हैं, इसलिए आप निश्चिंत हो सकते हैं कि परिणाम सटीक हैं और आपको ऋणदाता को भुगतान करने के लिए आवश्यक राशि का सटीक आंकड़ा मिलता है।
  • सुलभ: बैंक जाने की कोई परेशानी नहीं है, क्योंकि यह ऑनलाइन कैलकुलेटर एक आसान उपकरण है जिसे आपके आराम से, कहीं भी और कभी भी एक्सेस किया जा सकता है।
  • समय की बचत: हालांकि यह मैन्युअल गणना की आवश्यकता को प्रतिस्थापित करता है, ऑनलाइन ईएमआई कैलकुलेटर आपको इस बारे में तत्काल परिणाम प्राप्त करने में सक्षम बनाता है कि आपके ऋण की लागत कितनी होगी, इस प्रकार, समय की बचत होगी।
  • तुलना में आसानी: आपको तुलना करने का फायदा है विभिन्न ऋण प्रस्ताव। आवश्यक ऋण राशि और कार्यकाल विकल्प दर्ज करके, आप एक सूचित निर्णय लेने के लिए विभिन्न संयोजनों को आज़मा सकते हैं और परिणामों की तुलना कर सकते हैं।

EMI के लाभ व हानि 

जैसे की हर किसी के दो पहलू होते हैं उसी तरह से EMI के भी दो पहलू हैं अगर आप इसका सही इस्तेमाल करते हैं तो आपको फायदा होगा व सावधानी ना बरतने पर नुकसान भी हो सकता हैं.

कई लोगो को इसके  बारे में पता नहीं होता तो हम आपको इसके कुछ मुख्य फायदे और नुकसान के बारे में बता रहे हैं ताकि आप फैसला कर सके की आपको ईएमआई लेनी चाहिए या नहीं लेनी चाहिए.

EMI के लाभ

पहले हम आपको इसके लाभ के बारे में  बता देते हैं की अगर आप ईएमआई  लेते हैं तो इससे आपको क्या क्या फायदे हो सकते है.

  1. Emi से आप कोई भी जरुरत का सामान आसानी से खरीद सकते हैं.
  2. अगर आपके पास सामान खरीदने के लिए पैसे नही हैं तो भी आप Emi से वो सामान खरीद सकते हैं.
  3. कई बार बिना ब्याज के भी Emi के offer आते हैं इसमें आपको सामान लेने पर emi के साथ ब्याज नहीं देना पडता.
  4. समय पर किस्त भरने से आपका credit score बढ जाता है.
  5. इसमे धोखाधड़ी का खतरा कम होता हैं ( अगर आप विश्वसनीय कम्पनी से emi करे ).

ये सभी ईएमआई  लेने के फायदे होते हैं जिसके कारण अधिकांश लोग ईएमआई का चयन करते हैं व इसके अलावा भी ईएमआई के अन्य कई सारे फायदे होते है.

EMI के हानि

ईएमआई  लेने के फायदे के साथ साथ इसके कुछ हानि भी होते हैं जिसके बारे में आपको पता होना जरुरी हैं अगर आपको इसके  बारे में पता होगा तो आपको बादमे किसी प्रकार की समस्या का.सामना ना करना पड़े.

  1. Emi के कारण लोग अक्सर जरुरत से ज्यादा मंहगा सामान खरीद लेते हैं जिससे किस्त चुकाने मे परेशानी होती हैं.
  2. समय पर किस्त ना भरने पर आपको कई प्रकार से service tax देने पड जाते हैं.
  3. अगर आपकी emi company trusted नही हैं तो आपको काफी नुकसान हो सकता हैं.
  4. Emi के समय उसके policy पढे बिना उससे जुडने पर बादमे काफी नुकसान व परेशानी उठानी पड सकती है.

अगर आप ईएमआई  लेते हैं या लेना चाहते हैं तो आपको इस प्रकार  की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

ईएमआई का फुल फॉर्म क्या है?

ईएमआई का मतलब समान मासिक किस्त है।

ईएमआई अच्छी है या बुरी?

जबकि ईएमआई विकल्प किश्तों में ऋण चुकाने की सुविधा प्रदान करता है, आपको इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए कि आप उत्पाद के वास्तविक मूल्य से अधिक भुगतान कर रहे हैं। ब्याज और प्रसंस्करण शुल्क के रूप में अतिरिक्त लागतें हैं। इसके अलावा, यदि आप ईएमआई भुगतान में चूक करते हैं, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है और आपको अतिरिक्त शुल्क या बढ़ी हुई ब्याज दरों को वहन करना पड़ सकता है। हालांकि, जब घर खरीदने जैसे दीर्घकालिक वित्तीय निर्णयों की बात आती है, तो ईएमआई सुविधा के साथ ऋण प्राप्त करना अत्यधिक फायदेमंद होता है, क्योंकि आप कर लाभ का आनंद लेते हुए समय पर आसानी से समय पर भुगतान के माध्यम से राशि का भुगतान कर सकते हैं।

ईएमआई और लोन में क्या अंतर है?

एक ऋण उस राशि को संदर्भित करता है जो एक बैंक या वित्तीय संस्थान एक उधारकर्ता को एक समझौते के बदले उधार देता है कि उधारकर्ता ब्याज के साथ राशि का भुगतान करेगा। ईएमआई लेन-देन की विधि को संदर्भित करता है, जिसके आधार पर उधारकर्ता एक निर्दिष्ट अवधि में एक निर्दिष्ट ब्याज दर पर आवधिक भुगतान के रूप में ऋण चुकाता है।

क्या पर्सनल लोन की ईएमआई पर जीएसटी लागू है?

ऋण चुकौती राशि या ऋण पर ब्याज पर जीएसटी लागू नहीं है। हालांकि, आपके ऋणदाता द्वारा लगाए गए प्रोसेसिंग शुल्क और अन्य शुल्क पर जीएसटी लागू होगा।

ईएमआई का भुगतान समय पर न करने पर क्या होगा?

यदि ईएमआई का भुगतान समय पर नहीं किया जाता है, तो यह उधारकर्ता के क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है। EMI क्या है आम तौर पर, बैंक एक ग्राहक को डिफॉल्टर नहीं मानते हैं यदि वह एक बार ईएमआई भुगतान करने से चूक जाता है और यदि ग्राहक इसे लगातार तीन बार चूकता है तो रिमाइंडर भेजेगा। बैंक लेट पेनल्टी चार्ज जारी करते हैं और अगर ग्राहक रिमाइंडर का जवाब नहीं देते हैं तो वे नोटिस जारी कर सकते हैं।

छोटी और बड़ी चूक क्या हैं?

90 दिनों के भीतर किए गए ईएमआई भुगतान को मामूली चूक माना जाता है जबकि पिछले 90 दिनों या उससे अधिक के भुगतान को प्रमुख चूक माना जाता है। ऐसे ऋण खातों को गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

नो कॉस्ट ईएमआई क्या है?

एक ‘नो कॉस्ट ईएमआई’ एक ऋण को संदर्भित करता है, जहां आपको मूलधन पर अतिरिक्त ब्याज का भुगतान नहीं करना पड़ता है। यह आमतौर पर खुदरा विक्रेताओं / ऑनलाइन मार्केटप्लेस द्वारा अपेक्षाकृत छोटी टिकट खरीद जैसे उपभोक्ता टिकाऊ, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि के लिए पेश किया जाता है।

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख  EMI क्या है?(EMI Full Form In Hindi) और EMI कैसे भरते है?  जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.

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