Google सर्च कंसोल क्या है? इसका उपयोग कैसे करें? Jankari

दोस्तों Google सर्च कंसोल क्या है? अगर आप ब्लॉगर बनना चाहते हैं या फिर आप एक ब्लॉगर हैं तो आपने Google Search Console टूल के बारे में जरुर सुना होगा. यह गूगल के द्वारा पब्लिशर को प्रदान किया गया एक फ्री और बहुत Powerful टूल है जिसका इस्तेमाल सभी ब्लॉगर करते हैं.

वैसे देखा जाय तो इस टूल के बिना ब्लॉग्गिंग अधूरी है. लेकिन कई नए ब्लॉगर को पता नहीं होता है कि Google Search Console Kya Hai, इसका इस्तेमाल कैसे करें और गूगल सर्च कंसोल के फायदे क्या है.

अगर आपको भी गूगल सर्च कंसोल के विषय में जानकारी नहीं है तो आप एकदम सही ब्लॉग पर आये हैं. आज के इस ब्लॉग पोस्ट में मैंने आपको गूगल सर्च कंसोल को अच्छे से समझाने की कोशिस की है. तो चलिए आपका अधिक समय लिए बिना शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं गूगल सर्च कंसोल क्या है विस्तार से.

Google सर्च कंसोल क्या है? इसका उपयोग कैसे करें? Jankari
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Google Search Consol क्या है? (What is Google Search Console)

 

गूगल सर्च कंसोल गूगल के द्वारा Publisher को दिया गया एक टूल है जिसका इस्तेमाल फ्री में किया जा सकता है. गूगल सर्च कंसोल का इस्तेमाल करने के लिए यूजर के पास एक ब्लॉग या वेबसाइट का होना जरुरी है.

इस टूल की मदद से आप अपने वेबसाइट में आने वाले Organic Traffic की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जैसे किसी Particular दिन कितने यूजर वेबसाइट पर आये, कौन से कीवर्ड को सर्च करके यूजर आपकी वेबसाइट पर आये आदि.

 

इसके अलावा इस टूल की मदद से आप अपने वेबसाइट का SEO को Improve कर सकते हैं, आपके कौन से पेज गूगल में इंडेक्स हो रहे हैं इसकी जानकारी ले सकते हैं, वेबसाइट में आने वाले हर एक error को पता कर सकते हैं, अपने वेबसाइट के किसी URL को गूगल सर्च से हटा सकते हैं आदि.

साल 2015 से पहले गूगल सर्च कंसोल को Google Webmaster Tool के नाम से जाना जाता था लेकिन 20 मई 2015 को गूगल ने इस टूल का नाम बदलकर Google Search Console कर दिया था.

जैसा कि मैंने आपको बताया गूगल सर्च कंसोल का इस्तेमाल करने के लिए आपके पास ब्लॉग या वेबसाइट का होना आवश्यक है. अगर आपके पास एक ब्लॉग / वेबसाइट है तो आप उसे गूगल सर्च कंसोल में Add कर सकते हैं और अपनी वेबसाइट की Performance, Ranking, User Experience आदि को ट्रैक कर सकते हैं.

 

 

Google Search Console के क्या कार्य है ? (What are the functions of Google Search Console)

 

1. Google Search Console के जरिये हमारी ब्लॉग या वेबसाइट सर्च इंजन में जल्दी आने लगती हैं |

2. Google Search Console के जरिये अगर हमारे ब्लॉग या वेबसाइट पर कोई भी Error आता हैं तो हमें उससे पता चल जाता हैं की हमारी ब्लॉग या वेबसाइट में क्या दिक्कत आ रही हैं |

3. Google Search Console की मदद से हमें यह भी पता लग जाता है की Visitors आपके किस पोस्ट को सबसे ज्यादा सर्च कर रहे हैं |

4. Google Search Console की मदद से आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट की Performance Report (Click, Impression, CTR) भी चेक कर सकते हैं |

 

Google Search Console के सबसे महत्वपूर्ण कार्य क्या हैं?

 

Google Search Console के साथ वेबसाइट के कई अलग-अलग पहलुओं का analysation, जांच और निगरानी की जा सकती है। पेश किए गए कार्यों में से एक search engine optimization के लिए centralised है।

 

HTML improvements

 

यह analysis tool “Display in search” area में स्थित है। यह वेबमास्टर्स को title और description की लंबाई की जांच करने की अनुमति देता है। इसके अलावा, Search Console duplicate meta descriptions और meta titles के बारे में जानकारी प्रदान करता है। परिणामों को सीधे CSV फ़ाइल के रूप में export किया जा सकता है और वेबसाइट के onpage optimization के लिए उपयोग किया जा सकता है।

 

Data Highlighter

डेटा हाइलाइटर structured data के प्रदर्शन का एक उपयोगी alternative है। Users इसका उपयोग किसी वेबसाइट के सामने के छोर में अलग-अलग क्षेत्रों को चिह्नित करने और संबंधित टैग जोड़ने के लिए कर सकते हैं। इसके बाद Google साइट के लिए एक universal model बनाने के लिए और साइटों की जांच करता है। यदि हाइलाइटर का उपयोग किया जाता है, तो मार्कअप के साथ स्रोत कोड का प्रदर्शन अनिवार्य नहीं है।

 

Search analysis

 

Search analysis के साथ Google वेबसाइट के relevant keywords पर real ranking डेटा प्रदान करता है। डेटा को क्षेत्र के अनुसार और mobile/desktop द्वारा विभाजित किया जा सकता है। इसके अलावा, CTR और impressions को पढ़ा जा सकता है।

इस डेटा के आधार पर, उदाहरण के लिए, snippets को optimize किया जा सकता है। साथ ही, ranking development संभावित दंड या फ़िल्टर के बारे में जानकारी प्रदान करता है। Google सर्च कंसोल क्या हालाँकि, केवल पिछले 90 दिनों का डेटा प्रदर्शित होता है। यह results को CSV के माध्यम से export करने की अनुमति देता है।

 

Links to your website

 

यह वह जगह है जहां Google homepage के साथ-साथ relevant subpages के लिए सबसे महत्वपूर्ण लिंक list करता है। फिर इन लिंक्स का और अधिक precise रूप से मैन्युअल रूप से analyse किया जा सकता है, जो कि offpage optimization के लिए उनकी quality के बारे में और टूल के साथ है।

 

Internal links

 

रैंकिंग और visitor streams को internal linking से control किया जा सकता है। Search Console मात्रा और internal linking के लिंक लक्ष्यों पर महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करता है।

 

Indexation status

 

वेबसाइट के indexation status के साथ curve possible indexation problems का संकेत देता है। यह निरंतर होना चाहिए और, वेबसाइट के विस्तार के बाद, ऊपर की ओर expansion करना चाहिए।

 

Google Search Consol का उपयोग कैसे करें? (How to use Google Search Console)

 

अभी तक आप समझ गए होंगें कि Google Search Console Kya Hai, चलिए अब गूगल सर्च कंसोल के सभी ऑप्शन को एक – एक कर समझते हैं. इन सभी ऑप्शन को समझकर आप आसानी से सर्च कंसोल का इस्तेमाल करना सीख जायेंगें.

 

Overview (अवलोकन)

 

जैसे ही आप गूगल सर्च कंसोल में Login करते हैं तो आपके सामने Overview वाला पेज ओपन होता है. इसमें आपकी वेबसाइट का परफॉरमेंस और SEO का एक Quick Overview Show होता है. Overview में आप एक ही पेज में Performance, Coverage, Experience आदि सब को एक नजर में देख सकते हैं.

 

URL Inspection (URL निरीक्षण)

 

URL Inspection के द्वारा आप अपने वेबसाइट के सभी वेबपेज या सभी URL के Status का पता कर सकते हैं. जैसे कोई Particular URL गूगल में इंडेक्स है या नहीं, किसी वेबपेज में कोई Problem तो नहीं है इत्यादि. साथ ही URL Inspection के द्वारा आप अपनी नयी पोस्ट को गूगल में इंडेक्स करवा सकते हैं.

आप अपने वेबसाइट के नए पोस्ट के URL को URL Inspection में इंटर करें और फिर Request Indexing पर क्लिक करके URL की Indexing के लिए Request कीजिये.

 

Performance (प्रदर्शन)

 

यह गूगल सर्च कंसोल का सबसे महत्वपूर्ण भाग है जहाँ से आप अपनी वेबसाइट के सभी Organic Traffic को Check कर सकते हैं. अगर आपके वेबसाइट पर Google Discover और Google News से भी ट्रैफिक आ रहा है तो वह सब भी आप यहाँ से Check कर सकते हैं. जैसे ही आप Performance  वाले टैब पर क्लिक करेंगें आपको निम्नलिखित विकल्प दिखाई देंगें.

 

  • Total Click – आपके ब्लॉग या वेबसाइट पर सर्च इंजन से कितने क्लिक आये.
  • Total Impression – आपकी वेबसाइट सर्च इंजन में कितने बार Show हुई.
  • Average CTR – CTR का मतलब Click Through Rate होता है, यह दर्शाता है कि आपको वेबसाइट को देखने के बाद औसतन कितने यूजर क्लिक करते हैं.
  • Average Position – आपकी वेबसाइट के सर्च इंजन में औसत स्थान को Average Position कहते हैं. इस विकल्प से आप पता कर सकते हैं कि आपके Keyword औसतन कौन से नंबर पर रैंक कर रहे हैं.

इन सभी Matrix को आप Date का फ़िल्टर लगाकर भी Check कर सकते हैं. सर्च कंसोल में जो Default Filter होता है वह 3 महीने का होता है, यानि उपरोक्त सभी Matrix आपको पिछले तीन महीनों की दिखाई देती है. इसके अलावा आप अपने वेबसाइट के Image, News, Video में भी यह सभी Matrix Check कर सकते हैं. नीचे की तरह आपको कुछ और विकल्प मिलते हैं जिससे आप अपने वेबसाइट के ट्रैफिक को अच्छे से ट्रैक कर सकते हैं –

  • Query – इसका मतलब है कि यूजर किस कीवर्ड को सर्च करके आपके वेबसाइट तक पहुँच रहें हैं. आप अपने वेबसाइट के सभी रैंक हो रहे कीवर्ड को यहाँ से find कर सकते हैं.
  • Page – किस वेबपेज पर कितना ट्रैफिक आ रहा है वह यहाँ से चेक कर सकते हैं.
  • Country – किस – किस देश से आपकी वेबसाइट पर ट्रैफिक आ रहा है.
  • Device – किस डिवाइस से कितने यूजर आपकी वेबसाइट पर आ रहे हैं.
  • Search Appearance – आपकी वेबसाइट पर सर्च रिजल्ट के अलावा कहाँ – कहाँ से ट्रैफिक मिल रहा है उसकी जानकारी आप यहाँ से Check कर सकते हैं.
  • Date – आप Date Wise अपने वेबसाइट पर क्लिक, इम्प्रैशन, CTR और पोजीशन को चेक कर सकते हैं.

 

Index (इंडेक्स)

 

Performance के बाद Index का ऑप्शन होता है, यह गूगल के नजरिये से आपकी वेबसाइट को दर्शाता है. Index में आपको Coverage, Sitemap और Removal का विकल्प मिलता है.

 

#1 – Coverage

 

Coverage वाले सेक्शन में आप Check कर सकते हैं कि गूगल के नजरिये से आपकी वेबसाइट में क्या Error है, Google सर्च कंसोल क्या या जब गूगल के क्रॉलर आपकी वेबसाइट पर आये तो उन्हें वेबसाइट को क्रॉल करने में क्या परेशानी हुई, आपके कौन से पेज इंडेक्स किये गए हैं और कौन से पेज इंडेक्स नहीं है, इन सभी की Detailed इनफार्मेशन आपको Coverage वाले सेक्शन में मिलती है.

  • Error – इस सेक्शन में आपकी वेबसाइट के वह सभी पेज होते हैं जिन्हें किसी परेशानी के चलते गूगल क्रॉल नहीं कर पाया.
  • Valid With Warning – इस सेक्शन में गूगल आपके उन वेबपेजों के बारे में बताता है जिन्हें क्रॉल तो कर लिया है पर उसमें कोई छोटी गलती है.
  • Valid – इस सेक्शन में वे सभी वेबपेज होते हैं जो गूगल में इंडेक्स हो चुके हैं.
  • Excluded – इस सेक्शन में वह वेबपेज होते हैं जिनकी इंडेक्सिंग को आपने Robots.txt फाइल या Robot Tag के द्वारा ब्लॉक किया है या वेबसाइट के ऐसे वेबपेज जिन्हें गूगल ने जानबूझकर इंडेक्स नहीं किया है.

 

#2 – Sitemap

 

इस विकल्प के द्वारा आप अपने ब्लॉग का Sitemap सर्च इंजन में Add कर सकते हैं. लेकिन उसके लिए पहले आपको साईटमैप बनाना होगा. साईटमैप आपके वेबसाइट का एक मैप होता है जिसमें आपके ब्लॉग से सभी महतवपूर्ण URL होते हैं जिन्हें कि आप जल्दी इंडेक्स करवाना चाहते हैं.

अगर आपकी वेबसाइट WordPress पर बनी है तो आप किसी भी SEO प्लगइन जैसे Rank Math, Yoast SEO आदि से साईटमैप जनरेट कर सकते हैं. यदि आपकी वेबसाइट Blogger पर बनी है तो आप साईटमैप बनाने के लिए इस आर्टिकल को पढ़ सकते हैं

 

#3 – Removal

 

अगर आप अपने किसी वेबपेज को सर्च इंजन से Remove करना चाहते हैं तो इस विकल्प से कर सकते हैं. जैसे ही आप Removal वाले ऑप्शन को ओपन करेंगे तो आपको New Request पर क्लिक करना है और उस वेबपेज के URL को यहाँ पर add करना है जिसे आप Remove करना चाहते हैं.

इसके बाद Next पर क्लिक करके प्रोसेस को कम्पलीट कर लेना है. अब 24 से 48 घंटे के अन्दर आपके वह URL सर्च इंजन से Remove हो जायेगा. लेकिन यह Temporary Base पर होता है केवल 6 महीने के लिए.

 

Experience (अनुभव)

 

Index के बाद आपको Experience का ऑप्शन मिलता है. इसमें भी आपको निम्नलिखित तीन विकल्प मिलते हैं.

 

#1 – Page Experience

 

Page Experience आपके वेबसाइट के साथ विजिटर के Interaction की जानकारी आपको देता हैं. Google सर्च कंसोल क्या जैसे कोई विजिटर जब आपकी वेबसाइट पर आया तो वह कितने देर तक रुका, उसे वेबसाइट एक्सेस करने में कोई परेशानी तो नहीं हुई आदि. इनके आधार पर गूगल आपके वेबसाइट के अच्छे URL की संख्या प्रतिशत में बताता है. आप डेस्कटॉप और मोबाइल दोनों के आधार पर इस report को देख सकते हैं.

Page Experience को प्रभावित करने वाले मुख्य रूप से 5 फैक्टर हैं.

  • Core Web Vitals – वेबसाइट की लोडिंग स्पीड, लेआउट सही होना चाहिए.
  • Mobile Usability – वेबसाइट मोबाइल फ्रेंडली होनी चाहिए.
  • Security Issue – अगर वेबसाइट यूजर की पर्सनल डिटेल लेती हैं तो उसे यूजर की सिक्यूरिटी का पूरा ध्यान रखना होगा.
  • Https Status – वेबसाइट में SSL सर्टिफिकेट इनस्टॉल होना चाहिए.
  • Ad Experience – वेबपेज में कंटेंट की तुलना में बहुत अधिक विज्ञापनों को नहीं होना चाहिए.

 

#2 – Core Web Vitals

 

Core Web Vitals एक SEO Matrix है जो सभी वेबपेज पर लागू होता है. इसकी मदद से आप वेबसाइट की लोडिंग स्पीड, लेआउट आदि पर निर्भर करता है. Core Web Vitals के अन्दर तीन बातें आती है.

  • Large Contentful Paint (LCP) – वेबपेज को ओपन करने के बाद सबसे large कंटेंट कितने समय में लोड हो रहा है. यह हमेशा 4 सेकंड से कम होना चाहिए.
  • First Input Delay (FID) – वेबपेज में मौजूद किसी लिंक पर क्लिक करने के कितने देर बाद यूजर उस लिंक से सम्बंधित वेबपेज पर Redirect हो रहा है. अगर यूजर 100 मिली सेकंड के अन्दर Redirect हो जाता है तो आपका FID स्कोर Good की केटेगरी में आयेगा.
  • Cumulative Layout Shift (CLS) – वेबपेज मेंकोई Element इधर – उधार Shift नहीं होना चाहिए. जैसे कोई बटन ही जो वेबपेज लोड होते समय ऊपर दिख रहा है और लोड हो जाने के बाद नीचे दिख रहा है यदि CLS है. अगर वेबसाइट का CLS स्कोर 0.1 सेकंड के अन्दर है तो यह Good की केटेगरी में आता है.

आप मोबाइल और डेस्कटॉप के अनुसार Core Web Vitals की report चेक कर सकते हैं, जैसे आपके कितने वेबपेज में उपरोक्त तीनों में से कोई error हैं और कितने वेबपेज बिल्कुल Perfect है.

 

#3 – Mobile Usability

 

इस ऑप्शन के द्वारा आप Check कर सकते हैं कि आपके कितने वेबपेज मोबाइल फ्रेंडली हैं और कितने वेबपेज मोबाइल फ्रेंडली नहीं हैं. जिन वेबपेज में कोई error है उसकी report भी आप यहाँ से Check कर सकते हैं.

 

Enhancements

 

Enhancements में आपकी वेबसाइट पर मौजूद Structure Data या Schema Markup की report होती है. यानि जितने भी Schema आपकी वेबसाइट पर add हैं उन सब की report आप Enhancements से देख सकते हैं. आपकी वेबसाइट के अनुसार Enhancements वाले सेक्शन में कम या ज्यादा विकल्प हो सकते हैं.

Enhancements report आपकी वेबसाइट के Schema Markup के आधार पर जनरेट होती है. जैसे आप FAQ Schema का इस्तेमाल कर रहे हैं तो Enhancement में FAQ का विकल्प Enable हो जायेगा, ऐसे ही Review का Schema इस्तेमाल करने से Review का विकल्प Enable हो जायेगा. इसी प्रकार Enhancement में AMP, Sitelink Searchbox, Breadcrumb आदि विकल्प Enable हो सकते हैं.

 

Enhancement की report आपको बताती है कि आपका Structure Data वेबसाइट में ठीक प्रकार से Implement हो चुका है Google सर्च कंसोल क्या या नहीं. यहाँ पर किसी भी Structure Data की report ओपन करने पर आपको 3 विकल्प मिलते हैं.

  • Error – वेबसाइट के Structure Data वाले वेबपेजों में जो भी error हैं वह सब आप यहाँ से चेक कर सकते हैं, आपको साथ में error का Reason भी  बता दिया जाता है.
  • Valid With Warning – इस सेक्शन में वेबसाइट के उन Structure Data वेबपेज के बारे में जानकारी होती है जिन्हें इंडेक्स तो कर लिया है पर उसमें कोई छोटी गलती है.
  • Valid – आपके जितने भी Structure Data पेज सफलतापूर्वक इंडेक्स कर लिए गए हैं उन सभी की इनफार्मेशन इस सेक्शन में आपको मिल जायेगी.

 

Security and Manual Action

 

इसके बाद आपको Security और Manual Action का विकल्प मिलता है. Manual Action को Human के द्वारा लिया जाता है जबकि Security Action को क्रॉलर के द्वारा लिया जाता है.

Manual Action – अगर आपकी वेबसाइट पर गूगल के द्वारा कोई Manually एक्शन लिया गया है तो उसकी जानकारी आपको इस सेक्शन में मिल जायेगी.

 

Security Action – अगर आपकी वेबसाइट पर गूगल की तरफ से कोई Security एक्शन लिया गया है तो उसकी इनफार्मेशन आपको इस सेक्शन में मिल जाती है.

 

 

Link (लिंक)

 

इस सेक्शन में गूगल आपकी वेबसाइट से जुड़े सभी लिंक की जानकारी आपको देता है. आप अपने वेबसाइट के External Link, Internal Link और Backlink सभी की जानकारी इस सेक्शन से प्राप्त कर सकते हैं.

 

Setting (सेटिंग)

 

यह सेक्शन पूरी तरह वेबसाइट ओनर के लिए है. आप यहाँ से कोई नया यूजर सर्च कंसोल में जोड़ सकते हैं, अपने अनुसार सर्च कंसोल की सेटिंग में बदलाव कर सकते हैं या फिर Property यानि अपनी वेबसाइट को सर्च कंसोल से Remove भी कर सकते हैं.

Google Search Console Kya Hai के इस ब्लॉग पोस्ट को यहाँ तक पढने पर आप सर्च कंसोल का इस्तेमाल करना सीख गए होंगें. अब गूगल सर्च कंसोल के फायदों के बारे में भी जान लेते हैं.

 

Google Search Console में वेबसाइट कैसे सबमिट करे ? (How to submit website in Google Search Console)

 

अगर आपके पास भी एक वेबसाइट या ब्लॉग है और आप उसे Google Search Console में submit चाहते है ? तो सबसे पहले आपको एक Gmail Id बना लेना चाहिए। अगर आपके पास पहले से है तो बहुत अच्छी बात है।

Google Search Console में Blog Submit करने का प्रोसेस शुरू करने से पहले आप अपनी Gmail Id से लॉगिन कर लीजिये।

Step 1 : सबसे पहले Google पर जाए और Type करे Google Search Console और Enter press करे।

Google Search Console में ब्लॉग कैसे सबमिट करे ?
Step 2 : सबसे पहले number पर Google Search Console का लिंक आएगा उसपर क्लीक करे।

Step 3 : अब अगले स्टेप में Start Now बटन पर क्लिक करे।

Step 4 : अब आपके सामने अपने ब्लॉग का domain name एंटर करने का Option आएगा। यह आप दो तरीके से कर सकते है।

1- Domain
2 – URL Prefix

अगर आप domain Option Select करते है, तो सिर्फ domain name ऐड करना होगा। वही URL Prefix में Full URL (https और www) ऐड करना होगा।

यहाँ एक गाइड है : Google AdSense Kya Hai | गूगल एडसेंस से पैसे कैसे कमाते है ?
Step 5 : Domain Enter करने के बाद Continue पर क्लिक करे। अब आपको अपना Account वेरीफाई करवाना है। इसके लिए भी दो तरीके है।

पहला तरीका : html फाइल द्वारा

दिए गए html फाइल को download करे और अपने सर्वर पर root folder में upload करे। इसके बाद वेरीफाई पर क्लिक करे।

Google Search Console Website Submission
दूसरा तरीका : html meta tag के द्वारा

आपको html tag ऑप्शन पर क्लिक करना है। क्लिक करते ही एक Html tag आपके सामने आ जायेगा, उसे कॉपी करना है। Google सर्च कंसोल क्या और अपने ब्लॉग के index page के header section में insert कर देना है। और फाइल को save कर देना है फिर वेरीफाई पर क्लिक कर देना है।

Step 6 : वेरीफाई पर क्लिक करते ही आपके सामने Ownership Verification Successful का मैसेज आ जायेगा। इस तरह से आपका ब्लॉग या वेबसाइट Google Search Console में Submit हो चुका है।

Google Search Console में ब्लॉग कैसे सबमिट करे ? यहाँ एक गाइड है : Blogger Vs WordPress in 2022 | ब्लॉगर और वर्डप्रेस में कौन अच्छा है?

 

Blogger के लिए साइटमैप कैसे क्रीऐट करे?(How to create sitemap for blogger)

 

अगर आप ब्लॉगर इस्तेमाल करते है तो मै आपको बता दु की इसका साइटमैप आपको खुद से बनाना पड़ता है। मै आपको स्टेप बी स्टेप बता देता हु की कैसे आप भी बना सकते है।

  • सबसे पहले आपको Blogger Sitemap Generator पर जाना है।
  • वहा आपको अपने वेबसाईट का यूआरएल टाइप करना है और Generate पर क्लिक करना है।
  • उसके बाद ठीक उसके नीचे आपको अपने वेबसाईट का Sitemap का लिंक देखने को मिल जाएगा।

 

साइटमैप कैसे सबमिट करे? (How to submit sitemap)

 

मै आपको बता दु की साइटमैप सबमिट करने के लिए आपको आप जैसे बता रहा हु ठीक वैसे ही फॉलो करते जाना है। इसको सबमिट करना बहुत बड़ा रॉकेट साइंस नहीं है बहुत आसानी से कर सकते है।

  • सबसे पहले आपको अपने Google Search Console मे जाना है और वह आपको आपको Sitemap का ऑप्शन देखने को मिलेगा।
  • उसमे जाने के बाद आपको एक Add a new sitemap का ऑप्शन मिलेगा।
  • अब आपके साइटमैप का यूआरएल का लिंक वहा पेस्ट कर देना है।
  • यूआरएल कुछ इस तरीके का होना चाहिए sitemap_index.xml क्युकी इसके आगे का यूआरएल आपको वह पर पहले से देखने को मिलेगा।
  • यूआरएल डालने के बाद आपको Submit बटन पर क्लिक कर देना है।

 

URL को गूगल से कैसे हटाए? (How to remove URL from Google)

 

कभी कभी हमारी वेबसाईट मे कुछ फालतू के यूआरएल क्रीऐट हो जाते है तो हमारी वेबसाईट की रैंकिंग को प्रभावित करते है Google सर्च कंसोल क्या तो ऐसे मे उनको अपने सर्च से हत्या देना ही बेहतर होता है। इसको हटाने के लिए आपको बताए गए स्टेप्स को फॉलो करना है।

  • सबसे पहले आपको अपने गूगल सर्च कंसोल मे जाना है।
  • उसके बाद आपको Removal का ऑप्शन देखने को मिलेगा उस पर क्लिक करना है।
  • उसके बाद आपको New Request पर क्लिक करना है।
  • अब आपको जिस भी यूआरएल को हटाना है उसको वह पर पेस्ट कर दे।
  • और Remove This URL Only को सिलेक्ट कर ले और Next पर क्लिक कर देना है।
  • अब वो यूआरएल आपका कुछ समय मे आपके वेबसाईट से रिमूव हो जाइगा।

 

Google Search Consol से होने वाले लाभ क्या है ? (What are the benefits of Google Search Console)

 

  • आप अपने वेबसाइट के कम्पलीट ऑर्गनिक ट्रैफिक को Check कर सकते हैं.
  • अपनी वेबसाइट के कीवर्ड को ट्रैक कर सकते हैं.
  • वेबसाइट के सभी वेबपेजों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कौन से पेज इंडेक्स हो रहे हैं और कौन से नहीं, किस वेबपेज में क्या error है आदि.
  • वेबसाइट की रैंकिंग Improve करने के लिए आप किसी ख़राब URL को Remove कर सकते हैं.
  • यूजर आपकी वेबसाइट से कैसे Interact कर रहे हैं उसकी जानकारी भी आपको सर्च कंसोल में मिल जाती है.
  • वेबसाइट में मौजूद सभी Structure Data की report को चेक कर सकते हैं.
  • वेबसाइट में सभी प्रकार के लिंक के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

 

Conclusion

 

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख दोस्तों Google सर्च कंसोल क्या है? इसका उपयोग कैसे करें? Jankari  जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.
यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए, तब इसके लिए आप नीचे comments लिख सकते हैं.यदि आपको यह लेख पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share कीजिये.

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