सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) क्या हैं? इसका प्रभाव क्या है?

दोस्तों, सालाना मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता हैं सिंगल यूज प्लास्टिक और इसका आधा डिस्पोजेबल प्लास्टिक होता है, जिसमे से केवल 10से15% प्लास्टिक की वस्तुओं का ही पुनर्नवीनीकरण किया जाता है। जानिए Single use plastic kya hota hai in Hindi? सिंगल यूज़ प्लास्टिक यानी एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक या डिस्पोजेबल प्लास्टिक, जिनको केवल एक ही बार इस्तेमाल करके फेंक दिया जाता है, फिर उनका पुनर्नवीनीकरण किया जाता है। ऐसी चीज़े जैसे प्लास्टिक की थैलियां, पुआल/स्ट्रॉ, सोडा व पानी की बोतलें और अधिकांश खाद्य सामग्री पैकेजिंग आइटम्स आदि होती है।

पेट्रोलियम-आधारित डिस्पोजेबल प्लास्टिक को रीसायकल यानी पुनर्नवीनीकरण करना मुश्किल होता है और उन्हें ऐसा करने के लिए अलग से नई सामग्री और रसायनों का इस्तेमाल करना पड़ता है। इसके अलावा, बहुत ही सीमित संख्या में ऐसे आइटम होते हैं जिनसे प्लास्टिक का पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है।

पेट्रोलियम आधारित प्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल नहीं होते है यानी जो प्लास्टिक प्राकृतिक रूप से दोबारा पृथ्‍वी में घुल में मिल जाए ताकि पर्यावरण को हानि न हो, ऐसे प्लास्टिक आमतौर मिट्टी में दफन हो जाते है या पानी में बह जाते है और ये कई सालो के बाद छोटे कणों में विघटित यानी टूट जाते है, टूटने की इस प्रक्रिया में ये जहरीले रसायनों को छोड़ते है जो हमारे भोजन और पानी की आपूर्ति के ज़रिए हमारे अंदर आ जाते हैं। आजकल ऐसे जहरीले रसायन हमारे रक्त प्रवाह में पाए जा रहे हैं और नये शोध में इनको एंडोक्राइन सिस्टम को बाधित करने के लिए पाया गया है जो कैंसर, बांझपन, जन्म दोष, बिगड़ा प्रतिरक्षा और कई अन्य बीमारियों का कारण बन रहे है। 

सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) क्या हैं? इसका प्रभाव क्या है?
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सिंगल यूज प्लास्टिक क्या हैं? (Single Use Plastic) 

सिंगल यूज प्लास्टिक को हम डिस्पोजेबल प्लास्टिक भी कह सकते हैं. इसका मतलब यह हैं कि जब हम किसी ऐसे तरह के प्लास्टिक से बने उत्पादों का उपयोग करते हैं जिसे हम एक बार इस्तेमाल करने के बाद दोबारा किसी उपयोग में नहीं ले सकते हैं वे सभी उत्पाद सिंगल यूज प्लास्टिक वाले उत्पाद होते हैं. इस तरह के उत्पादों का मुख्य रूप से आधार पेट्रोलियम होता हैं.

इसमें पैसे बहुत कम लगते हैं, इसलिए आज यह सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला उत्पाद बन गया हैं. हालांकि इसे खरीदने एवं यूज करने में ज्यादा खर्च नहीं होता हैं लेकिन आपको यह बता दें कि जब आप इसे एक बार उपयोग करने के बाद फेक देते हैं तो इसका कचरा, उसकी सफाई और उसे नष्ट करने के लिए बहुत अधिक पैसे खर्च हो जाते हैं. और इससे जो दुनिया को नुकसान होता हैं वह अलग.

प्लास्टिक प्रतिबन्ध उत्पाद (Plastic Ban Products/Items List) 

जो सबसे सामान्य सिंगल यूज प्लास्टिक हैं वे हैं कैरी बैग, प्लास्टिक की पानी की बोतल, प्लास्टिक की बोतल के कैप, कप, प्लेट, डिस्पोजेबल प्रोडक्ट्स, खाने के खाली पैकेट, प्लास्टिक के किराना बैग, प्लास्टिक के पानी पौउच, प्लास्टिक के रैपर, स्ट्रॉ एवं अन्य प्रकार के प्लास्टिक बैग आदि. इसके साथ ही इस तरह के प्लास्टिक के उत्पादन में कुछ मुख्य पॉलीमर्स का इस्तेमाल करना होता हैं. जिसमें शामिल होने वाले कुछ मुख्य पॉलीमर्स एचडीपीई, एलडीपीई, पीईटी, पीपी, पीएस और ईपीएस आदि हैं.

प्लास्टिक क्यों ख़राब हैं (Why are Plastic Bad) 

आज दुनिया में इसकी खरीद सस्ती होने के कारण यह सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला आइटम बन चूका हैं. क्योंकि आज लोग ‘यूज एंड थ्रो’ वाली नीति को ज्यादा अपनाते हैं. लेकिन आपको इस बात की खबर नहीं होगी कि पर्यावरण ने दुनिया के 9 बिलियन टन प्लास्टिक का सिर्फ 9 प्रतिशत रिसाइकिल किया हैं. और बाकी का अधिकांश प्लास्टिक का कचरा जलमार्ग के माध्यम से महासागरों में जाकर मिल जाता हैं.

प्लास्टिक स्वाभाविक रूप से सड़ने वाला उत्पाद नहीं हैं, इसकी बजाय वे धीरे – धीरे माइक्रोप्लास्टिक नामक प्लास्टिक के छोटे – छोटे टुकड़ों में टूट जाते हैं. फिर भी यह नष्ट नहीं होता हैं. इसमें एक तरह का रसायनिक तत्व पाया जाता हैं, जोकि मिट्टी के साथ मिलकर जलमार्ग के माध्यम से जलाशय में पहुँच जाता हैं, और इससे वहां रहने वाले जीव जन्तुओं को नुकसान पहुँचता हैं. यह न ही मिट्टी में घुल पाते हैं और न ही पानी में. इसी वजह से प्लास्टिक बहुत नुकसानदायक एवं खराब होते हैं

मूल्यांकन की कार्यप्रणाली (Method of Evaluation) 

किसी भी उत्पाद की उपयोगिता और पर्यावरण पर उसके असर का मापने के लिए कुल सौ अंक तय किए गए और उन्हें पांच अलग-अलग पैमानों में बांटा गया। जिस उत्पाद के उपयोगिता के पैमाने पर कम अंक और पर्यावरण पर उसके असर के पैमाने पर ज्यादा अंक आए हैं, उसे ऐसा सिंगल यूज प्लास्टिक माना गया है, जिस पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है। इस कार्यविधि के अनुसार, जिन बीस उत्पादों को प्रतिबंधित किया जाना है, वे इन पैमानों पर खरे उतरते हैं। इनमें से जिन सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाना है,

उनमें से ज्यादातर का उत्पादन स्थानीय, छोटे और मध्यम श्रेणी के प्लास्टिक उत्पादक ; कारोबारी द्ध करते हैं, जो बिना ब्रंाड वाले अपने उत्पादों की बिक्री करते हैं। हालांकि कुछ ऐसे प्लास्टिक उत्पाद भी हैं, जिनके उपयोगिता के पैमाने पर कम अंक और पर्यावरण पर असर के पैमाने पर ज्यादा अंक आने के बावजूद उन्हें प्रतिबंध के लिए चिन्हित किया नहीं किया है। इससे सरकार के इस फैसले का बड़े कारोबारियों पर कम असर पड़ेगा। यह स्पष्ट नहीं है कि मापने वाले फीते को क्यों उन उत्पादों में शामिल किया गया है, जिन पर प्रतिबंध लगना है।

प्लास्टिक का प्रभाव (Plastic Effects)

एक बार उपयोग किये जाने वाले प्लास्टिक से क्या – क्या प्रभाव पड़ते हैं आइये जानते हैं –

  • प्लास्टिक के कुछ उत्पाद जैसे की थैलियाँ आदि को सड़ने में काफी अधिक समय लगता है. और इस बीच में यह हमारी मिट्टी और पानी दोनों को प्रदूषित कर देती हैं.
  • प्लास्टिक के निर्माण के लिए उपयोग किये जाने वाले कुछ जहरीले रसायन होते हैं जोकि पहले एनिमल टिश्यू में परिवर्तित होते हैं, और फिर यह मानव खाद्य श्रंखला में प्रवेश करता हैं. फिर ये खाद्य पदार्थों के सेवन से यह हमारे शरीर में पहुंचकर उसे भी प्रभावित करता हैं.
  • यदि इस तरह के प्लास्टिक को जानवरों द्वारा या इंसानों द्वारा निगला जाता हैं तो या उनके तंत्रिका तंत्र, फेफड़े और कुछ अन्य अंगों को काफी नुकसान पहुंचा सकता हैं.
  • यह जीव – जंतु, एवं मानव शरीर के अलावा पर्यावरण को भी प्रभावित करता हैं. जब प्लास्टिक के उत्पाद मिट्टी में मिलते हैं, तो उसमें पाए जाने वाले खतरनाक रसायन भी मिट्टी में मिल जाते हैं. इससे जब उस मिट्टी में पेड़ – पौधों लगायें जाते हैं या जो खुद से उत्पन्न होते हैं उनपर यह नकारात्मक प्रभाव डालते हैं.
  • आज प्लास्टिक की बहुत अधिक मात्रा समुद्र में मिल रही हैं, जिसके चलते यदि वर्तमान रुझान देखा जाये तो सन 2050 तक समुद्र में जीव जंतुओं की तुलना में प्लास्टिक अधिक दिखाई देगा. जोकि पर्यावरण एवं जलीय जीव जंतुओं के लिए बिलकुल भी अच्छी बात नहीं है.

अतः लगभग सभी जानवरों की प्रजातियों, मनुष्यों और पर्यावरण के लिए प्लास्टिक का कचरा एक बुरा प्रभाव डालता हैं. एक बार एक वीडियो काफी अधिक वायरल हुआ था जोकि एक समुद्री कछुए के बारे में था, जिसमें उसकी नथुने में प्लास्टिक स्ट्रॉ जैसा कोई पदार्थ फंस गया था. और उस वजह से उसका क्या हाल हुआ था. वहीँ उस वीडियो में दिखाया गया था. और तब से ही प्लास्टिक के उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का मुख्य कारण सामने आया हैं.  

प्लास्टिक के स्थान पर किसका इस्तेमाल करें (Plastic Solutions)

सिंगल यूज प्लास्टिक के स्थान पर आप इस तरह के तत्वों पर ध्यान दे सकते हैं जिनमें रिसाइकिलिंग दर, सुरक्षा, वजन, परिवहन क्षमता और सामर्थ्य सभी चीजें हों. प्लास्टिक के स्थान पर कुछ अन्य चीजों का उपयोग आसानी से कर सकते हैं जैसे –

  • यदि आप प्लास्टिक की पानी की बोतलों का उपयोग कर रहे हैं तो उसके स्थान पर आप कुछ धातुओं से बनी बोतल जैसे कांच, कॉपर एवं मिट्टी से बनी बोतल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
  • आप यदि प्लास्टिक से बने कप, प्लेट, स्ट्रॉ एवं इसी तरह के अन्य उत्पाद का उपयोग कर रहे हैं तो आप तुरंत ही इसका उपयोग करना बंद करिये और इसके स्थान पर पेपर या जिसे दोबारा रिसाइकिल किया जा सके इस तरह के उत्पादों का उपयोग करिये.
  • बाजार में इन दिनों प्लास्टिक की थैलियाँ काफी नजर आ रही हैं लेकिन इसके स्थान पर आप कपड़े या जूट से बने कैरी बैग बाजार से खरीदें और उसे अपने साथ लेकर भी जायें.
  • इस सभी चीजों के अलावा आप प्लास्टिक की चम्मच या चाकू के स्थान पर स्टील के चाकू एवं लकड़ी आदि की चम्मच एवं चाकू का उपयोग करें.   
  • इसके अलावा आप यह भी कर सकते हैं कि आप थोक में आइटम को खरीदें ताकि आप प्लास्टिक की पैकेजिंग से बच सकें, और जितना संभव हो उतना रिसाइकिल करें.

इसके अलावा कुछ ऐसे उत्पादों के विकल्प भी हैं जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता हैं, उदाहरण के लिए बीओपीपी फिल्म्स, इसके बारे में इंडस्ट्री के बहुत से लोगों को जानकारी नहीं है, लेकिन इनमें उच्च पारदर्शिता होती हैं और इसे नमी के लिए एक अच्छा स्त्रोत माना जाता हैं. इसलिए इसका उपयोग किसी उत्पाद को कवर करने के लिए किया जा सकता हैं. 

प्लास्टिक बैगों पर प्रतिबंध (ban on plastic bags)

प्लास्टिक बैग इसका इस्तेमाल लोग आमतौर पर रोज ही करते होंगे, लेकिन आपको पता है कि प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है लेकिन फिर भी रोजमर्रा के जीवन में हम न जाने कितनी बार प्लास्टिक बैग्स का इस्तेमाल करते हैं। प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाना हमारे पर्यावरण के लिए और हमारे स्वास्थ्य दोनों के लिए ही बहुत ज्यादा जरूरी है। क्योंकि दिन प्रतिदिन प्लास्टिक बैग हमारी जान के लिए खतरा बनते जा रहे हैं।

आमतौर पर बनने वाले प्लास्टिक बैग को आकार देने के लिए जहरीले रसायनों का इस्तेमाल होता है जिनका असर हमारे स्वास्थ्य और प्रकृति दोनों पर ही बहुत ज्यादा पड़ता है। अब ऐसे में सोचिए जब खाद्य पदार्थ प्लास्टिक बैग में आते हैं और जब हम उसे खाते हैं, तो वह हमारे शरीर के अंदर कितनी तरह की बीमारियां उत्पन्न करते होंगे। आज के समय में नॉन बायोडिग्रेडेबल कचरा बढ़ता जा रहा है जिसकी वजह से कैंसर जैसी भयानक बीमारियां भी उत्पन्न होने लगी हैं। गंभीर समस्याओं और बीमारियों को रोकने के लिए सबसे पहले जरूरी है प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाना।

प्लास्टिक प्रतिबंध पर लगाने वाले देश (Plastic Ban Countries)

प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने वाले दुनिया में बहुत से देश हैं. आइये हम आपको इसके बारे में जानकारी देते हैं–

प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने वाले देश प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगने का साल
एंटीगुआ और बरमूडा सन 2016 में
चाइना सन 2017 में
कोलंबिया सन 2017 में
रोमानिया सन 2018 में
सेनेगल सन 2015 में
रवांडा सन 2008 में
दक्षिण कोरिया जनवरी, 2019 में
ज़िम्बाब्वे सन 2017 में
तुनिशिया सन 2017 में
सामोआ जनवरी, 2019 में
बांग्लादेश सन 2002 में
कैमरून सन 2014 में
अल्बानिया सन 2018 में
जॉर्जिया सन 2018 में
भारत अक्टूबर, 2019 में
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भारत में प्लास्टिक पर प्रतिबंध (Plastic Ban in India)

अन्य देश जहाँ पर सिंगल यूज प्लास्टिक की मैन्युफैक्चरिंग एवं उसके उपयोग पर रोक लगा दी गई हैं, उसकी सूची में अब एक और नाम शामिल होने जा रहा हैं वह है हमारा देश भारत. जी हां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इस साल स्वतंत्रता दिवस पर कई मुद्दों पर बात की थी, जिसमें से एक था प्लास्टिक के उत्पाद जिसे दोबारा उपयोग में नहीं लाया जा सकता उस पर रोक लगाना. उन्होंने लोगों को इसके नुकसान के बारे में बताते हुए उनसे इसका उपयोग न करने के लिए आग्रह किया हैं. और यह भी कहा है कि हमारे देश के राष्ट्रपिता की इस साल 150 वीं जन्मतिथि पर इस अभियान को शुरू कर दिया जायेगा. और साथ ही उन्होंने इस अभियान के चलते यह लक्ष्य तय किया हैं कि साल 2022 में हमारा भारत एक बार उपयोग वाले प्लास्टिक रहित देश बनेगा.

अतः गाँधी जयंती पर अक्टूबर महिने की दूसरी तारीख से अब भारत में इस तरह के प्लास्टिक का उपयोग करना गैर – कानूनी माना जायेगा. हालांकि इसकी घोषणा पहले ही कर दी गई थी कि अब से सिंगल यूज प्लास्टिक की मैन्युफैक्चरिंग बंद कर दी जाये, इसलिए महाराष्ट्र, तमिलनाडू, ओडिशा, मध्यप्रदेश जैसे भारत के कुल 18 राज्य ऐसे हैं जिन्होंने प्लास्टिक के बैग की मैन्युफैक्चरिंग पर रोक लगा दी हैं. जल्द ही यह प्रक्रिया पूरे भारत में लागू हो जाएगी.    

प्लास्टिक का उपयोग (use of plastic)

दिन प्रतिदिन प्लास्टिक का उपयोग भी बढ़ता जा रहा है अब जैसे पानी की बोतल ले लो या फिर कोई भी सामान। अगर एक आंकड़े उठाकर देखा जाए तो एक व्यक्ति के द्वारा प्रतिवर्ष 11 किलो से भी ज्यादा वस्तुओं का उपयोग प्लास्टिक के रूप में किया जा रहा है। यह आंकड़ा भारत का है अगर पूरे विश्व का आंकड़ा देखें तो एक व्यक्ति प्रति वर्ष में 28 किलो से ज्यादा प्लास्टिक का इस्तेमाल करता है। इतनी अधिक मात्रा में प्लास्टिक का इस्तेमाल हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक है।

आज के समय में प्लास्टिक का उपयोग बहुत सारी चीजों के लिए किया जाता है जैसे प्लास्टिक के चम्मच टूथब्रश प्लेट गिलास कब बैग, पानी पीने की बोतल आदि। इस प्लास्टिक को इस्तेमाल करने के बाद जब हम इधर उधर फेंक देते हैं तो आपको पता है इसके विघटन प्रक्रिया में लगभग 400 साल से भी ज्यादा का समय लग जाता है। इसका सीधा अर्थ यही है कि अगर हम आज प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं तो हमारी आने वाली पीढ़ी को 400 साल तक इसका नुकसान भुगतना पड़ेगा।

प्लास्टिक के फायदा  (benefits of plastic)

प्लास्टिक के इस्तेमाल के नुकसान ही नहीं कुछ लाभ भी होते हैं जो निम्नलिखित हैं:-

  • आसान  प्रयोग करना और निर्माण :- प्लास्टिक को किसी भी आकार में डाला जा सकता है और इसका इस्तेमाल भी बहुत आसानी से किसी भी तरीके से लिए किया जा सकता है। दैनिक रूप से विभिन्न प्रकार के साधनों को जुटाने के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है।
  • सस्ता : प्लास्टिक से कुछ भी बनाने के लिए बहुत कम खर्चे की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त यदि कपड़े या कागज से कुछ बनाया जाए तो वह महंगा पड़ता है। इसलिए प्लास्टिक का इस्तेमाल बहुत लाभदायक होता है क्योंकि कम पैसे में ही विभिन्न प्रकार के उत्पाद जैसे पॉलिथीन, खिलौने आदि बनाए जा सकते हैं।
  • मजबूत और टिकाऊ :- लंबे समय तक चलने वाला यह है कि ऐसा प्रोडक्ट है जो पूरी तरह से वाटर प्रूफ भी है और आसानी से उपयोग में भी लाया जा सकता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे आसानी से साफ ही किया जा सकता है और संभाल कर भी रखा जा सकता है।
  • जल प्रतिरोधी और गंदहीन : इसका एक फायदा यह भी है कि पानी से यह खराब नहीं हो सकता और ना ही इसमें कोई बदबू आती है। जबकि प्लास्टिक के बर्तन में लंबे समय तक पानी को स्टोर करके भी रखा जा सकता है।
  • रीसायकल और पुनः उपयोग :- प्लास्टिक को तोड़ मरोड़ कर कुछ भी नया आकार दिया जा सकता है और उसका दोबारा से उपयोग किया जा सकता है। आज के समय में प्लास्टिक का पुनः उपयोग बहुत ज्यादा किया जा रहा है जिसे रीसायकल कर के नए-नए उत्पाद बनाकर बाजार में लाए जाते हैं।

प्लास्टिक से हानि (Harm from plastic)

प्लास्टिक से हमें बहुत ज्यादा नुकसान भी होता है जिसके कुछ नुकसान हम आपको यहां बताने जा रहे हैं विभिन्न जीवो के लिए भी और पर्यावरण के लिए भी:-

  • स्वास्थ्य के लिए :- प्लास्टिक के बर्तन में खाना खाना है और उसमें लंबे समय तक खाना रखने से हमें कई सारी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। प्लास्टिक कुछ विभिन्न प्रकार के जहरीले रसायनों से बनाकर उसे आकार दिया जाता है जिसकी वजह से उसका सीधा प्रभाव स्वास्थ्य पर पड़ता है।
  • पर्यावरण के लिए :- प्लास्टिक का एक बार संभाल कर के उसे खराब समझकर जब इधर-उधर फेंक दिया जाता है तो वह जमीन में जाकर उसे बंजर बना देता है। पानी में जाकर उसे दूषित कर देता है, इसके अलावा और भी कई सारे प्रभाव पर्यावरण के लिए बहुत ज्यादा घातक हैं जो प्लास्टिक की वजह से देखने को मिलते हैं।
  • समुद्री जीवो के लिए :- समुद्र के पानी में आज के समय में बहुत बड़ी मात्रा में प्लास्टिक जैसे गंदे पदार्थ देकर जाते हैं जो यदि कोई समुद्री जीव निगल जाता है, तो उसके स्वास्थ्य पर बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता है कई बार तो वे जानवर मौत के घाट पहुंच जाते हैं।
  • जानवरों के लिए :- अच्छा दे’खा जाता है लोग अपने घरों का कूड़ा पॉलिथीन आदि में इकट्ठा करके बाहर रख देते हैं जिसे जानवर खाना शुरु कर देते हैं। ऐसे में जहरीले प्लास्टिक बैग आदि को जानवर निगल जाते हैं, जिनकी वजह से उनके पेट और शरीर के अन्य हिस्सों में विभिन्न प्रकार के रोग और समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।
  • भूमि प्रदूषण :- प्लास्टिक में मौजूद विषाक्त रसायन इतने ज्यादा भयंकर होते हैं जिनकी वजह से कभी कभी भूमि को बहुत ज्यादा नुकसान पड़ता है। कई बार भूमि के आस-पास पड़ी हुई प्लास्टिक गर्मी या विभिन्न पदार्थों की वजह से जल्दी आग पकड़ लेती है  
  • जल प्रदूषण :- घरेलू इस्तेमाल में दैनिक रूप से हम इतनी सारी पॉलिथीन इस्तेमाल करते हैं कि उन्हें इस्तेमाल करने के बाद इधर-उधर फेंक देते हैं जिसकी वजह से कई बार ये नाली में जमा हो जाती हैं और उसे जमा कर सकती हैं। यहां से निकलने के बाद बड़े बड़े नालों में जाकर मिल जाती हैं और पॉलिथीन की वजह से प्लास्टिक से निकलने वाला एसिड और अन्य विषाक्त जैसे पानी में मिल जाती हैं। इसकी वजह से पूरे विश्व में जल प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है।
  • जलवायु परिवर्तन :- पॉलिथीन के इस्तेमाल से हमारा पर्यावरण बहुत ज्यादा दूषित होता जा रहा है। मिट्टी में मिल कर मिट्टी को दूषित करता है तथा जल में घुलकर जल को प्रदूषित कर देता है। दिन प्रतिदिन जलवायु में बढ़ते बदलाव का सबसे बड़ा कारण पॉलिथीन बनता जा रहा है।

प्लास्टिक रिसाइक्लिंग (plastic recycling)

प्लास्टिक से निकलने वाले कचरे को रिसाइकल करके काफी विभिन्न प्रकार की चीजें बनाई जाती है।

  • प्लास्टिक की बाल्टी, टब
  • प्लास्टिक के पाइप
  • सड़क निर्माण में भी हो चुका है प्लास्टिक का उपयोग
  • डेकोरेशन की चीजें बनाने के लिए भी होता है इस्तेमाल
  • प्लास्टिक को रिसाइकल करके चटाई बनाई जाती है

प्लास्टिक का उपयोग करना कैसे बंद करें (How to stop using plastic)

प्लास्टिक का उपयोग हमें धीरे-धीरे बंद करना होगा तभी हम अपने पर्यावरण और स्वास्थ्य को बचाने में सक्षम हो पाएंगे। प्लास्टिक के उपयोग को बंद करने के लिए हमें निम्न उपाय अपनाने चाहिए।

  • बाजार जाते समय अपने घर से अपना थैला लेते जाएं ना कि बाजार से प्लास्टिक की पॉलीथिन में सामान लेकर आएं।
  • प्लास्टिक की खरीद पर बैन लगाने के लिए हर किसी को जागरूक करें।
  • प्लास्टिक से बने उत्पादों को खरीदने का विरोध करें।
  • प्लास्टिक के बैग की जगह कपड़े का बैग या कागज का बैग का इस्तेमाल करें।
  • प्लास्टिक का इस्तेमाल करने के बाद उसे रीसाइकिल्ड के लिए इस्तेमाल करें ताकि वह पर्यावरण को नुकसान ना पहुंचाएं।
  • सरकार को प्लास्टिक के उपयोग के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए ताकि लोग भी इसके प्रति जागरूक हो सके।
  • प्लास्टिक को महंगा कर देना चाहिए ताकि लोग इसे ना तो खरीदें और ना ही इसका इस्तेमाल करें।

प्लास्टिक प्रतिबन्ध पर रोचक तथ्य (Plastic Related Some Facts)

  • डाउन टू अर्थ नामक पत्रिका में एक रिपोर्ट में यह दर्शाया गया है कि भारत में हर साल लगभग 16.5 मिलियन टन प्लास्टिक का उपयोग किया जाता हैं.
  • यूरोपीय संघ ने भी आने वाले 1-2 साल में कुछ प्लास्टिक वस्तुओं जैसे स्ट्रॉस, कांटे, चाकू, कॉटन बड्स आदि पर पूरी तरह से रोक लगाने की योजना बनाई हैं.
  • आपको बता दें कि प्रत्येक वर्ष विश्व में लगभग 300 मिलियन से भी अधिक प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग होता हैं, जिसमें से केवल 10-13 प्रतिशत प्लास्टिक थैलियाँ ही रिसाइकिल हो पाती हैं बाकी की पूरी समुद्र में जाकर मिलती हैं.

प्लास्टिक प्रतिबन्ध सुविचार (Quotes)

  • प्लास्टिक हमारे हाथ का सहारा है, परंतु प्लास्टिक नहीं हमारे संसार को बिगाड़ा है.
  • प्लास्टिक के इस्तेमाल को बंद करें पृथ्वी को सुरक्षित रखें
  • प्लास्टिक को दे नया रूप, जो बदले प्रकृति का स्वरूप
  • प्लास्टिक से धरती को पॉल्यूशन फ्री बनाएं, आने वाली जनरेशन को नई रोशनी की ओर ले जाएं.

FAQ

Q : प्लास्टिक पर प्रतिबन्ध लगाने वाला पहला राज्य कौन सा है ?

Ans : सिक्किम

Q : प्लास्टिक के अति उपयोग को न्यूनतम करने के लिए हम क्या कर सकते हैं ?

Ans : प्लास्टिक के बैग, पोलिथिन, एवं बर्तनों का कम उपयोग करने से हम पर्यावरण को बचा सकते हैं.

Q : प्लास्टिक कब बंद हुआ ?

Ans : इस पर प्रतिबंध कई बार लग चूका है लेकिन यह पूरी तरह से अभी बंद नहीं हुआ है.

Q : प्लास्टिक के प्रकार क्या हैं ?

Ans : थर्मोप्लास्टिक एवं थर्मोसेटिंग

Q : थर्मोसेटिंग प्लास्टिक के उदाकरण क्या है ?

Ans : बैक्लाइट एवं मेलामाइन

Q : प्लास्टिक के उपयोग क्या क्या है ?

Ans : प्लास्टिक के कैरी बैग, बर्तन, जैसे डिस्पोजेबल कटोरी, प्लेट, चम्मच, कम गिलास आदि.

Conclusion

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) क्या हैं? इसका प्रभाव क्या है?  जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.

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