एनालॉग तथा डिजिटल कंप्यूटर क्या है? जाने विशेष जानकारी

दोस्तों एनालॉग तथा डिजिटल कंप्यूटर क्या है? जाने विशेष जानकारी :- दोनों ही कंप्यूटर के वह भाग हैं जिनका उपयोग गणितीय आकड़ो को देखने एवं समझने के लिए किया जाता है। यह दोनों प्रकार के कंप्यूटर आधुनिकीकरण एवं नवीन तकनीको के कार्यों को समझने में सहायता प्रदान करते हैं।

सामान्य शब्दों में कहें तो ऐसा कंप्यूटर जो प्रोसेस करने के लिए Continuous Signal का उपयोग करता हैं, उसे एनालॉग कंप्यूटर कहते हैं और दूसरी तरफ ऐसा कंप्यूटर जो अपनी प्रोसेस करने में Discrete Signal का उपयोग करते हैं उसे डिजिटल कंप्यूटर कहा जाता हैं।

इन दोनों कम्प्यूटरों का उपयोग स्वास्थ्य, विज्ञान, तकनीकी, खेल आदि क्षेत्रों में किया जाता हैं। नवीन तकनीकों की गुणवत्ता में सुधार करने एवं मनुष्यों को नवीन तकनीकों को समझने एवं उपयोग करने के लिए ही इन कम्प्यूटरों का निर्माण किया गया हैं। तो दोस्तों चलिए अब एक-एक करके समझने का प्रयास करते हैं कि Analog Computer और Digital Computer क्या हैं और दोनों में क्या अंतर हैं?

 

एनालॉग तथा डिजिटल कंप्यूटर क्या है? जाने विशेष जानकारी
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Analog Computer क्या होता हैं? (What is analog computer)

 

यह कंप्यूटर के विकास की प्रथम पीढ़ी (First generation of computer) के कंप्यूटर हैं। यह कंप्यूटर के विकास की प्रारंभिक प्रक्रिया हैं। कंप्यूटर के इस प्रकार का अधिक उपयोग Medical science के अंतर्गत किया जाता हैं। इस प्रकार के कंप्यूटर का उपयोग तापमान एवं किसी की गति को जांचने हेतु किया जाता हैं।

यह डेटा को एक लाइन में शेयर करने का कार्य करता हैं। यह अनुमान आधारित होता हैं, अर्थात इसके द्वारा दिया गया output exact नही होता। इस प्रकार के कंप्यूटर का उपयोग सामान्यतः रफ्तार जांचने, तापमान पता करने एवं ह्रदय की गति देखने आदि कार्यों हेतु किया जाता हैं।

इसके अंतर्गत भौतिक मात्राओं (तापमान, गति, लंबाई, आदि) की गणना की जाती हैं। इसका उपयोग मुख्य रूप से स्वास्थ्य एवं विज्ञान के क्षेत्र में किया जाता हैं। कंप्यूटर की यह प्रणाली Input analog signal के आधार पर अपना कार्य करती हैं।

उदाहरण के लिए बुखार आने पर शरीर के तापमान का पता लगाने के लिए जिस थर्मामीटर का उपयोग किया जाता हैं। वह एक Analog computer का उत्तम उदाहरण हैं।

किसी वाहन के अंदर ड्राइवर के सामने स्पीड और तेल की मात्रा वाली जो डिस्प्ले होती हैं। जो हमें गाड़ी की स्पीड और तेल की मात्रा बताती हैं। वह एक Analog meter होता हैं। इसी तरह एनालॉग कंप्यूटर के अन्य कई उदाहरण हैं।

Analog computer के उदाहरण कुछ उदाहरण: थरमामीटर, पेट्रोल पंप मीटर, वोल्टमीटर, एनालॉग घड़ी, ओडोमीटर, आदि।

 

 

Analog Computer का इतिहास (History of Analog Computer)

 

यदि हम एनालॉग कंप्यूटर के इतिहास की बात करें तो प्रारंभिक एनालॉग कम्प्यूटरों का निर्माण किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति करने के लिए किया जाता था। प्रथम Analog Computer का निर्माण 1873 में William Thomson द्वारा किया गया था। जिसको ज्वार की भविष्य गतिविधियों के अनुमान के लिए बनाया गया था।

इसके बाद वर्ष 1898 में A.A Michelson और S.W Stratton ने 80 घटकों वाला एक Harmonic Analyzer का निर्माण किया। एनालॉग तथा डिजिटल कंप्यूटर 80 घटकों का हर एक घटक साइनसाइडल गति उत्पन्न करने में सक्षम था। इसके बाद वर्ष 1930 में अमेरिकी वैज्ञानिक Vannevar Bush द्वारा Differential Analyzer का निर्माण किया।

इसी के साथ 20 वीं शताब्दी के मध्य में Electronic Analog Computer का विकास हुआ। जिनका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में डेटा को देखने एवं उनमें संशोधन करने के लिए किया जाता हैं।

 

एनालॉग कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है ? (How many types of analog computer are there)

 

एनालॉग कंप्यूटर के निम्नलिखित प्रकार है: –

  • Electronic analog computer – इस प्रकार के उपकरणों को चलाने हेतु बिजली की आवश्यकता पड़ती हैं। जिस कारण इसे Electronic analog computer कहा जाता हैं।
  • Mechanical analog computer – जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा हैं कि इस प्रकार के उपकरणों का उपयोग वाहनों, मोटरों, आदि में किया जाता है।
  • Analog digital computer – इस प्रकार के उपकरणों में input analog के माध्यम से होता हैं और output digital आधारित होता हैं। जैसे पेट्रोल पम्प में लगी मशीन इस प्रकार के कंप्यूटर का उत्तम उदाहरण हैं।

 

Analog Computer की विशेष जानकारी (Special information of Analog Computer)

 

1- इन कंप्यूटर को विशेष प्रकार के कार्यो को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

2- यह कंप्यूटर संख्याओं या मात्राओं (quantities) के साथ काम करते है।

3- एनालॉग कंप्यूटर मैमोरी सीमित (limited) होती है।

4- यह कंप्यूटर सटीक परिणाम (accurate result) नहीं दे सकता।

5- इन कंप्यूटर में कोई जटील (complex) प्रक्रिया नहीं है जिसके कारण रिजल्ट तुरंत मिल जाता है।

6- इनका इस्तेमाल हवा, ध्वनि, गति, तापमान आदि की निगरानी करने के लिए किया जाता है।

 

एनालॉग कंप्यूटर का इस्तिमाल कहाँ किया जाता है? (Where are analog computers used)

 

इसका इस्तेमाल निम्नलिखित जगहों में किया जाता है –

1- एनालॉग कंप्यूटर का इस्तेमाल thermometer और speedometer में किया जाता है।

2- इसका इस्तेमाल टेलीफोन लाइन में किया जाता है।

3- इसका उपयोग टेलीविजन में किया जाता है।

4- यह कंप्यूटर एनालॉग डेटा को प्रोसेस करता है।

5- इसका इस्तेमाल पेट्रोल पंप में किया जाता है .

6- इसका इस्तेमाल वैज्ञानिक कार्यों के लिए किया जाता है।

7- इसका इस्तेमाल मेडिकल क्षेत्र में किया जाता है।

8- भूकंप को मापने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

 

Digital Computer क्या होता हैं? (What is Digital Computer)

 

यह कंप्यूटर के आधुनिक विकास ही देन हैं, इस प्रकार के कंप्यूटर मशीनी भाषा 0 और 1 (बाइनरी भाषा) का इस्तेमाल करते हैं। हम जिन Computer, Laptop और Mobile phones का उपयोग अपने दैनिक कार्यो में करते हैं, वे सब Digital Computer का ही उदाहरण हैं।

इन कम्प्यूटरों का उपयोग व्यक्तिगत एवं अव्यक्तिगत दोनों कार्यो हेतु किया जाता हैं। इन कम्प्यूटरों की सहायता से आवश्यकता अनुसार निर्देश (Input) देकर उचित Output प्राप्त किया जाता हैं। एनालॉग तथा डिजिटल कंप्यूटर डिजिटल कंप्यूटर की कार्य संरचना तीन भागों में केन्द्रित होती हैं और इसी के अनुसार यह अपना कार्य सम्पूर्ण करते हैं।

Input – जब भी कोई व्यक्ति किसी कार्य हेतु कंप्यूटर को जो निर्देश देता है, वह इसकी सहायता से ही देता हैं और इसी के आधार पर कंप्यूटर रिजल्ट दिखाता हैं।

Processing – प्रोसेसिंग अर्थात प्रक्रिया हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों (input) को प्राप्त कर कंप्यूटर उचित output देने के लिए मौजूद database की सहायता से कार्य करता हैं, उस कार्य को हम Processing कहते हैं।

Output – व्यक्ति के द्वारा दिये गए input के अनुसार उचित रिजल्ट प्राप्त होने को output कहते हैं, यह व्यक्ति के निर्देशानुसार प्राप्त होता हैं।

 

Digital Computer का इतिहास (History of Digital Computer)

 

डिजिटल कंप्यूटर के विकास में 1800 के दशक को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता हैं। जिसमें अंग्रेजी गणितज्ञ George Boole की महत्वपूर्ण भूमिका मानी गयी हैं। सामान्यतः पहला डिजिटल कंप्यूटर वर्ष 1940 के दौरान बनाया गया था। जिसका उपयोग संख्यात्मक गणना के लिए किया जाता था।

जिसके बाद प्रत्येक दशक एवं वर्षों में इनकी कार्य क्षमताओं एवं इनके उपयोग मात्राओं में वृद्धि होते गयी। जिसके फलस्वरूप यह विश्वसनीय एवं सटीक आँकड़े प्रस्तुत करने में सक्षम होते गए। डिजिटल कंप्यूटर सामान्यतः डेटाबेस के आधार पर कार्य करते हैं।

 

Digital Computer कितने प्रकार के होते है ? (How many types of Digital Computer are there)

 

Digital computer को 4 भागों में विभक्त किया जाता हैं। यह सभी Computers अपने database के अनुसार अपनी प्रक्रिया पूर्ण करते हैं जो निम्न प्रकार हैं: –

  • Micro-computer – इन कम्प्यूटरों का उपयोग व्यक्तिगत कार्यो से लेकर व्यापार, तकनीकी कार्यो, स्वास्थ्य कार्यो, एनालॉग तथा डिजिटल कंप्यूटर आदि क्षेत्रों में किया जाता है। जिस कारण इन्हें Personal Computer (PC) भी कहा जाता हैं। इस प्रकार के कम्प्यूटरों का मुख्य उदाहरण Laptop, Smartphone, Tablet, Desktop, Digital Watch, Calculator, Mobile, आदि है।
  • Mini-computer – यह मध्यम क्रम के कंप्यूटर होते हैं। यह एक साथ एक से अधिक कार्य कर सकता हैं। मिनी कंप्यूटर का उपयोग आमतौर पर files को store करने, database को संरक्षित रखने आदि कार्यो के लिए किया जाता है। मिनी कंप्यूटर के उदाहरण PDP, Vax series, Honeywell 200, Apple iPad, आदि है।
  • Mainframe computer – यह कंप्यूटर आकर में अन्य कंप्यूटरों की तुलना में बड़े होते हैं। यह अन्य कम्प्यूटरों की तुलना में अधिक विश्वसनीय होते हैं अर्थात यह अधिक सुरक्षित रूप से डाटा को store कर सकते हैं। इस प्रकार के कंप्यूटर का उपयोग अधिक मात्रा में data को store करने के लिए किया जाता हैं। इसके उदाहरण IBM z15, IBM z14, IBM series, आदि है।
  • Super computer – यह अन्य कम्प्यूटरों की तुलना में अधिक तीव्र होते हैं। जिस कारण यह अधिक महँगे होते हैं। इन कम्प्यूटरों की output प्रदान करने की गति भी अन्य कम्प्यूटरों की तुलना में अधिक होती हैं। इस प्रकार के कम्प्यूटरों का उपयोग बड़ी इंड्रस्टी एवं किसी बड़े कार्य के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जाता हैं। सुपर कंप्यूटर के उदाहरण Frontera, Sierra, Summit, Sunway Tainulight, आदि है।

 

डिजिटल कंप्यूटर की विशेष जानकारी (Specialties of Digital Computer)

 

डिजिटल कंप्यूटर की अनेक सारी विशेषतायें होती हैं, जिनमें से कुछ विशेषताओं के बारे में हमने नीचे बताया है.

Good Memory – डिजिटल कंप्यूटर में बड़ी मात्रा में डेटा को लम्बे समय के लिए स्टोर किया जा सकता है. इनकी स्टोरेज क्षमता बहुत अधिक होती है.

Good Speed – डिजिटल कंप्यूटर बहुत फ़ास्ट होते हैं, ये सभी कार्यों को तेज गति से करते हैं. डिजिटल कंप्यूटर इनपुट प्राप्त करने के बाद सेकंड से पहले ही आउटपुट यूजर को देते हैं.

Multitasking – डिजिटल कंप्यूटर Multitasking होते हैं, आप एक साथ इनमें अनेक प्रकार के कार्यों को कर सकते हैं. डिजिटल कंप्यूटर बड़ी कुशलतापूर्वक Multi Task को करने में सक्षम हैं.

Accurate– डिजिटल कंप्यूटर अधिक सटीकता से आउटपुट देते हैं. आप किसी भी समय किसी भी पॉइंट पर डिजिटल कंप्यूटर से सटीक डेटा प्राप्त कर सकते हैं.

Various Use – डिजिटल कंप्यूटर का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के कार्यों को करने के लिए किया जा सकता है, एनालॉग तथा डिजिटल कंप्यूटर जैसे आप डिजिटल कंप्यूटर पर गाने सुन सकते हैं, विडियो देख सकते हैं, गेम खेल सकते हैं, फोटो ले सकते हैं, डेटा स्टोर कर सकते हैं आदि.

Easy To Use – डिजिटल कंप्यूटर का इस्तेमाल करना भी आसान है. इन्हें इस्तेमाल करने के लिए किसी विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होती है.

Available Different Price Range – डिजिटल कंप्यूटर विभिन्न Price Range पर उपलब्ध होते हैं, आप अपने कार्यों की आवश्यकता अनुसार डिजिटल कंप्यूटर को खरीद सकते हैं.

 

 

डिजिटल कंप्यूटर का इस्तिमाल कहाँ किया जाता है ? (Where are digital computers used)

 

  • इसका इस्तेमाल गणितीय गणनाओं, कम्प्यूटेशनल कार्य, स्पेसक्राफ्ट, स्वास्थ्य डोमेन, स्कूलों, कॉलेजों, बड़े या छोटे आर्गेनाइजेशन, कारखानों इत्यादि स्थानों पर किया जाता है।
  • इसका इस्तेमाल लगभग सभी जगह फोटो, म्यूजिक, वीडियो, ऍप्लिकेशन्स, डॉक्यूमेंट और अन्य फ़ाइलों को स्टोर करने हेतु किया जाता है।
  • डिजिटल कंप्यूटर इंडस्ट्रियल तथा मैनुफैक्चरिंग प्रक्रिया को कंट्रोल करने के लिए प्रयोग किया जा रहा है।
  • कारखानों में, ऑटोमैटिक मशीनों को चलाने हेतु एक ही समय पर कई कामों को किया जा सकता है।
  • यह बड़ी मात्रा में Data स्टोर कर सकता है और Data को तीव्र गति से पुन: र्प्राप्त कर सकते है।
  • उपयोगकर्ता बिना किसी हस्तक्षेप के मल्टीटास्किंग कार्य कर सकते हैं।
  • इसकी प्रोसेस करने क्षमता गति बहुत अधिक और सेकंड के अंदर ही टास्क परफॉर्म करता हैं।

 

एनालॉग और डिजिटल कंप्यूटर में क्या असमानताएं (What are the differences between analog and digital computers)

 

एनलॉग और डिजिटल कम्प्यूटरों में अनेकों भिन्नताएं पाई जाती हैं, परंतु इन दोनों की उपयोगिता एवं कार्य अपने-अपने क्षेत्र में अत्यंत उपयोगी हैं। यह दोनों अपने कार्यो के आधार पर अपने स्थान पर विशेष भूमिका निभाते हैं।

इनके मध्य की भिन्नता को जानने के लिए हमें निचे दिए गए अंतरों को समझना अत्यंत आवश्यक हैं जो इस प्रकार हैं: –

Analog Computer Digital Computer
Analog Computer अपने signals का संचार एक स्तर या एक लाइन पर करते हैं। Digital Computer अपने signals का संचार एवं कार्य दो अवस्थाओं में पूर्ण करते हैं।
एनलॉग कंप्यूटर के माध्यम से सटीक output प्राप्त नही किया जा सकता। डिजिटल कंप्यूटर की सहायता से सटीक output प्राप्त किया जा सकता हैं।
इनके कार्य करने की क्षमता धीमी होती हैं। इनकी Output processing क्षमता Analog कम्प्यूटरों की तुलना में अधिक होती हैं।
इन कम्प्यूटरों का उपयोग विज्ञान एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में ही किया जाता हैं। इन कम्प्यूटरों का उपयोग प्रत्येक क्षेत्र में सरलता पूर्वक किया जा सकता हैं।
यह कंप्यूटर भौतिक मात्राओं (तापमान, लंबाई, चोड़ाई, आदि) को मापने के कार्य करते हैं। डिजिटल कंप्यूटर जटिल गणनाओं ,डाटा स्टोर करने, स्ट्रीमिंग, आदि की गणना करने का कार्य करते हैं।
इस प्रकार के कम्प्यूटरों को उपयोग करना कठिन होता हैं, अर्थात इसके उपयोग हेतु विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती हैं। इस प्रकार के कम्प्यूटरों का उपयोग करना एवं निर्देश देना अत्यंत सरल होता हैं। इनको सीखने के लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं पड़ती।
एनालॉग कंप्यूटर में डाटा को store करके रखना अत्यंत जटिल कार्य होता है। डिजिटल कंप्यूटर में डाटा को स्टोर करना अत्यंत सरल होता हैं, क्योंकि यह मशीनी भाषा अर्थात 0 और 1 की फॉर्म में डाटा को स्टोर और रीड करते हैं।
Analog Computer की storage क्षमता कम होती हैं। Digital Computer की storage क्षमता अधिक मात्रा में होती हैं।
यह कंप्यूटर विश्वसनीय नहीं होते, क्योंकि यह सटीक आँकङे देने में असमर्थ होते हैं। यह कंप्यूटर अधिक विश्वसनीय होते हैं, क्योंकि यह output के माध्यम से सटीक आँकडे प्रदान करते हैं।
एनालॉग कंप्यूटर मूल्य में अधिक सस्ते होते हैं। डिजिटल कंप्यूटर मूल्य में अधिक होते हैं, क्योंकि विशेषताओं के मामलों में यह अधिक उपयोगी होते हैं।

FAQ:- एनालॉग और डिजिटल कंप्यूटर के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल जवाब :-

 

डिजिटल कंप्यूटर क्या है?

डिजिटल कंप्यूटर ऐसे कंप्यूटर होते हैं जो बाइनरी नंबर सिस्टम (0 और 1) पर काम करते हैं, इस प्रकार के कंप्यूटर इनपुट को प्राप्त करते हैं और उन्हें बाइनरी कोड में परिवर्तित करके उचित परिणाम यूजर को दिखाते हैं.

 

डिजिटल कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया?

डिजिटल कंप्यूटर का आविष्कार John Vincent Atanasoff ने 1930 के दशक में किया.

 

डिजिटल कंप्यूटर के उदाहरण कौन – कौन हैं?

वैसे डिजिटल कंप्यूटर अनेक प्रकार के होते हैं, लेकिन सामान्य उदाहरण की बात करें तो कैलकुलेटर, लैपटॉप. डेस्कटॉप, स्मार्टफ़ोन, मोबाइल आदि डिजिटल कंप्यूटर के उदाहरण हैं.

 

डिजिटल कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं?

डिजिटल कंप्यूटर मुख्य रूप से 4 प्रकार के होते हैं – माइक्रो कंप्यूटर, मिनी कंप्यूटर, मेनफ़्रेम कंप्यूटर और सुपर कंप्यूटर.

 

Analog Computer क्या है?

Analog Computer ऐसे कंप्यूटर को कहते हैं, जिसका इस्तेमाल भौतिक मात्राओं यानि Physical Quantities को मापने के लिए किया जाता है।

 

Analog Computer कितने प्रकार के होते हैं?

Analog Computer तीन प्रकार के होते हैं। पहला इलेक्ट्रॉनिक एनालॉग कंप्यूटर, दूसरा मैकेनिकल एनालॉग कंप्यूटर, और तीसरा एनालॉग डिजिटल कंप्यूटर।

 

Analog Computer के उदाहरण बताइए?

Analog Computer कई उदाहरण है, जैसे – Thermometer, Voltmeter, Seismometer, Speedometer आदि।

 

Analog Computer का अविष्कार कब और किसने किया?

Analog Computer का अविष्कार 1876 में William Thomson ने किया था, जो Tide Predictor यानि ज्वार की भविष्यवाणी के काम मे आता था।

 

Analog Computer का उपयोग किन कार्यो मे किया जाता है?

Analog Computer का उपयोग कई कार्यो को करने के लिए किया जाता है जैसे – Analog Computer का इस्तेमाल आमतौर पर बुखार को मापने के लिए किया जाता है, और Analog Computer का इस्तेमाल पेट्रोल पंप में लगे मीटर के रूप में भी किया जाता है।

 

एनालॉग कंप्यूटर के कार्य?

Analog Computer स्पीड, Temperature, Pressure और Electricity Current आदि के आधार पर कार्य करते हैं। हर Operation के लिए इन Computers को अलग अलग Data की ज़रूरत होती है इस प्रकार के Computers एक Task पूरा करने के बाद ही दूसरा Task लेते हैं।

 

Conclusion

 

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख एनालॉग तथा डिजिटल कंप्यूटर क्या है? जाने विशेष जानकारी जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.
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