C++ क्या है? C++ लैंग्वेज के उपयोग, फायदे और विशेषताएं पूरी जानकारी

अगर आप C++ प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के बारे में जानना चाहते है कि C++ क्या है? और आप इसकी मदद से अपना Carrier कैसे बना सकते है तो इस Post को पूरा पढ़े। पुरे युग Technology का युग है। और लगभग सभी टेक्नोलॉजिकल Device को चलाने के लिए हमें उस Device को उसकी भाषा में समझाना होता है कि हम उस Device को क्या करने का command दे रहे है , और Device को वो कमांड के अनुसार काम करना होता है।

हमारा आज का टॉपिक इन्ही प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में से एक लैंग्वेज के बारे में चर्चा करने जा रहे है वो है The C++ Programming Language. इस Programming Language के बारे में लगभग सभी ने कही न कही सुना होगा। यह काफी Popular Programming Language है जिसका उपयोग Computer Software और मोबाइल Applications जैसे Program बनाने के लिए किया जाता है।

चलिए जानते है C++ Programming Language के बारे में कुछ और भी रोचक जानकारिया। जैसे कि C++ Language क्या है , इसके उपयोग क्या है , इसे हम कैसे सिख सकते है, और यह Programmer के लिए क्यों जरुरी है।

 

C++ क्या है? C++ लैंग्वेज के उपयोग, फायदे और विशेषताएं पूरी जानकारी
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C++ क्या है?

 

C++ एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है, जो कि Object Oriented Programming System का हिस्सा है। इस लैंग्वेज को बजारने स्ट्रोस्ट्रुप ने 1985 में डेवलप किया था यह ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग को अनुमति देने के लिए अन्य विशेषताओं के साथ “classes” nominated एक अवधारणा का उपयोग करके डेटा abstract का उपयोग करता है।

C में virtual function नहीं होते हैं. C एक middle level programming language होती है, जो top down approach का इस्तेमाल करती है. C लैंग्वेज में namespace उपलब्ध नहीं होता है। C++ में वर्तमान में 35 से अधिक विभिन्न ऑपरेटर हैं, जो एरथमेटिक और बिट मैनीपुलेशन से लेकर लॉजिकल ऑपरेशन्स, तुलना और बहुत कुछ कर सकता हैं।

सी++ प्रोग्रामिंग का मुख्य उद्देश्य ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड अवधारणाओं को पहले से उपलब्ध C प्रोग्रामिंग में जोड़ना था। आज के समय में, ऑबजेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग को प्रोग्रामिंग में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। C ++ प्रोग्रामिंग भाषा में लिखे गए प्रोग्राम ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे की यूनिक्स, लिनक्स, विंडोज इत्यादि पर चलाए जा सकते हैं। ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड अवधारणाओं का उपयोग करने के लिए क्लासेज (Classes) बनाई गई हैं।

विभिन्‍न प्रकार के Mobile Platforms, Satellite Connected Software, Set Top Box आदि के Software भी “C++” Language में Develop किये जाते हैं। iPhone व iPad की Programming के Codes को आसान व Reusable बनाने के लिए “C++” Language को Use किया जाता है।

 

C++ क्या है? (What is C++ in Hindi)

 

C++ एक Middle Level Programming Language है। क्योंकि यह High Level और Low Level दोनो Programming Language को Support या दोनो का संयोजन है। इसका Program Structured Programming होता है। जिसका अर्थ है कि C++ Programming Language के Program को विभिन्न हिस्सो में विभाजित कर बनाया जा सकता है।

C++ Programming को Bjarne Stroustrup के द्वारा 1979 में बनाया गया था। यह Object Oriented Programming Language (OOP) है। Bjarne Stroustrup का C++ Programming Language बनाने का मुख्य उद्देश्य C Programming Language में Object Oriented को जोड़ना था। इस Programming Language में Object Oriented के सभी गुण होते हैं। इसमें Object Oriented का उपयोग करने के लिए Classes बनाया गया। जिसे User Defined Data कहा जाता है।

C++ का उच्चारण C Plus Plus से होता है। यह Language C Programming से उत्पन्न हुआ है। इसलिए इसके Syntax C Programming के समान होता है। जिसके कारण C Programming सीख कर C++ Programming सीखना आसान होता है। इसके साथ यह C Programming की तरह Portable भी होता है। जिसका अर्थ होता है कि किसी खास Operating System के लिए लिखे गए Program के Source Code अन्य Operating System पर भी चल सकता है।

 

 

C++ लैंग्वेज का इतिहास 

 

Bjarne Stroustrup ने C++ language पर 1978 में काम करना शुरू किया और 1979 में इसका पहला वर्शन रिलीज़ किया | शुरुवात में इनके अनुसार ये कोई नई प्रोग्रामिंग लैंग्वेज नहीं थी इनका कहना था कि ये सी लैंग्वेज का ही एक Extended वर्जन है |

जब Bjarne Stroustrup ने C++ language में Classes का concept जोड़ा तब इसे उस समय “C With Classes” कहा गया | Bjarne Stroustrup ने Classes के साथ साथ कुछ और नए कांसेप्ट add किया जिसके चलते 1983 में Bjarne Stroustrup द्वारा बनाये गए लैंग्वेज का नाम C++ पड़ा |

C++ में ये जो इंक्रीमेंट ऑपरेटर “++” है वो इंडिकेट करता है कि C++ language, सी लैंग्वेज का Extended वर्जन है | C++ language को 1998 में ISO committee द्वारा standardized किया गया और सन 2003 में इसका छोटा सा अपडेट रिलीज़ किया गया जिसके चलते इसे C++03 कहा गया |

2011, 2014, और 2017 में C++ language के नए स्टैण्डर्ड रिलीज़ किया गया जिसके चलते C++ language को C++11, C++14, और C++17 कहा गया | C++ language का हर नया standard एक नए फीचर्स के साथ आता है जो प्रोग्रामर को प्रोग्रामिंग में काफी मदद करता है |

 

C लैंग्वेज और C++ में क्या अंतर है? Difference Between C Language and C++ in Hindi

 

  • C Language एक procedure-oriented programming language होती है और C++ एक procedure और Object-oriented programming language होती है.
  • C Language में कभी भी function overloading नहीं होता है जबकि C++ में होता है.
  • C Language एक top-down approach है जबकि C++ एक bottom-up approach है.
  • C Language में inheritance नहीं होता है जबकि C++ में होता है.
    C Language में namespace भी नहीं पाया जाता है जबकि C++ में पाया जाता है.
  • C Language एक middle-level programming language होती है जबकि C++ एक high-level programming language होती है.
  • C++ में polymorphism concept होता है जबकि C Language में नहीं होता है
  • C Language में कोई भी virtual function नहीं होता जबकि C++ में होता है.
  • C Language में exception handling सम्भव नहीं होता है जबकि C++ में होता है.
  • C++ में user define और built-in दोनों data type होते हैं जबकि C Language में केवल built-in Data टाइप ही होता है.
  • C++ में operator overloading होता है जबकि C Language में नहीं होता है.
  • C Language में encapsulation का कांसेप्ट नहीं चलता है जबकि C++ में लता है.
  • C Language reference variable को सपोर्ट नहीं करती जबकि C++ करती है.

  

 

C++ kyon sikhe ?

 

जैसा कि हमने पहले अध्ययन किया था, C++ कई प्रोग्रामिंग भाषाओं के लिए एक आधार भाषा है। इसलिए, अन्य प्रोग्रामिंग भाषाओं का अध्ययन करते समय C++ को मुख्य भाषा के रूप में सीखना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह समान अवधारणाओं को साझा करता है जैसे डेटा प्रकार, ऑपरेटर, नियंत्रण कथन और कई और।

विभिन्न अनुप्रयोगों में ‘सी’ का व्यापक रूप से उपयोग किया जा सकता है। यह एक सरल भाषा है और तेजी से निष्पादन प्रदान करती है। मौजूदा बाजार में ‘सी’ डेवलपर के लिए कई नौकरियां उपलब्ध हैं। आजकी तारिक में आपको बहौत साड़ी नौकरी मिल जायेंगी, और आने वाले समय में भी इसका बहौत यूज़ किआ जायेगा।

अगर C++ आपने सिख ली तो आपको दुसरे कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सिखने में कोई दिक्कत नहीं होगी, सी लैंग्वेज सीखे के बाद आप कंप्यूटर (Computer) के सिस्टम सॉफ्टवेर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेर दोनों बना सकते हो।

आपको बता दें की C++ सबसे basic programing language है। अगर आप computer के programming field में enter करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको C++ सीखना पड़ेगा। अगर आप बिना C++ को सीखे दुसरे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सीखते हैं। कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (Computer Programming Languages) में C++ लैंग्वेज बहोत ही पोपुलर है और इसका प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल अभी भी कई सॉफ्टवेर बनाने में किया जाता.

 

C++ Language में Carrers की संभावनाए ?

 

ये दौड़ टेक्नोलॉजी का दौड़ है। और दिनों दिन टेक्नोलॉजी का चलन बढ़ता ही जा रहा है। हर काम अब ऑनलाइन हो रहा है। सबको अपना काम टेक्नोलॉजी के जरिए करवाना है। क्युकी Technology अब हमारा हिस्सा हो चुकी है।

जब टेक्नोलॉजी ने अपना विस्तार इस कदर कर दिया है तो लाजमी है की प्रोग्रामर की डिमांड भी उसी तेजी से बढ़ रही है।

चाहे डिजिटल गेमिंग इंडस्ट्री हो या ऑनलाइन mercantile हो ,हर industries को programmers की जरुरत है। प्रोग्रामिंग मिलियन डॉलर इंडस्ट्री में तब्दील हो चुकी है।

वही C++ Language एक ऐसा Programming Language है जो किसी भी प्रकार के Program बनाने में आसानी से Use में लायी जा सकती है। और बहुत ही जल्द किसी Program को बनाया जा सकता है किसी अन्य Programming Language की तुलना में।

इसलिए C++ लैंग्वेज जानने वाले Programmers की माँग Market में बहुत है। और इसके सैलरी पैकेजेस भी बहुत अच्छे होते है।

 

C++ का उपयोग कहाँ किया जाता है ?

 

1.C++ का इस्तेमाल आप निचे के लेख में देख सकते है | और समझ सकते है | की इससे क्या आप कर सकते है | 1. C++ एक multipurpose language है | इससे आप बड़े सॉफ्टवेयर बना सकते है |

2. वैसे तो इसका इस्तेमाल सॉफ्टवेयर बनाने के लिए किया जाता है | लेकीन इसका इस्तेमाल ज्यादतर उन सॉफ्टवेयर को बनाने में किया जाता है , जो Hardware के उपर अधिक Control करने की आवश्यकता हो |
जैसे की Device Driver बनाने के लिये इस्तेमाल किया जाता है |

3. यह भाषा C भाषा का extension होने के वजह से जो आप C भाषा की मदद से बना सकते है, वे सभी आप C++ की मदद से भी बना सकते है |

4. जितनी भी भाषा है, वे सभी Pointer को पूरी तरह से Support नहीं करते है, अत: आप इस काम को करने के लिए C++ भाषा का इस्तेमाल कर सकते है |

 

C ++ लैंग्वेज की विशेषताएं ( Features of C++ Language In Hindi )

 

सी++ लैंग्वेज की निम्नलिखित विशेषताएं है -:

Statically typed
Compiler Based
General Purpose Language
Case Sensitive
Object-oriented Programming

1. Statically typed

C++ language एक Statically typed प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जिसमे वेरिएबल के डेटा टाइप को रन टाइम में न चेक करके कंपाइल टाइम में चेक किया जाता है

2. Compiler Based

C++ language एक Compiler Based प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जिसमे प्रोग्राम्स को बिना Compile किये Execute या run नहीं किया जा सकता |

C++ language में बने प्रोग्राम को सबसे पहले Compiler की मदद से मशीन लैंग्वेज में बदला जाता है फिर उस प्रोग्राम को हम Execute कर सकते है |

3. General Purpose Language

C++ language एक General Purpose प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जिसमे हम एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर से लेकर सिस्टम सॉफ्टवेयर तक लगभग सभी तरह के सॉफ्टवेयर बना सकते है |

4. Case Sensitive

C++ एक Case Sensitive प्रोग्रामिंग लैंग्वेज हैं जिसमे Lower Case letter और Upper Case letter में लिखे गए शब्द का मतलब अलग अलग होता है |

5. Object-oriented Programming

C++ एक Object-oriented प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जिसमे चीजों को एक ऑब्जेक्ट मानकर प्रोग्राम बनाया जाता है |

 

C++ कहाँ से और कैसे सीखें?

 

अगर आपको C++ सीखना है, और और इसकी मदद से काम करना है, तो आप ऑनलाइन भी C++ पढ़ सकते हैं, आपको ऑनलाइन बहौत सारी एसी वेबसाइट और YouTube channel मिल जायेंगे जहाँ से आपको फ्री में C++ सीखने का मौका मिलेगा। आइए आपको कुछ एसी ही वेबसाइट की एक लिस्ट बताते हैं।

w3schools.com FREE
tutorialspoint.com FREE
codecademy.com FREE/PAID
Udemy.com FREE/PAID

इन सब के अलावा अगर आप YouTube पर थोड़ा रिसर्च करेंगे, तो आपको बहौत सारी अच्छी क्लास मिल जायेंगी, जहाँ पर आपको फ्री में C++ के बारे में सब कुछ जानने को मिल जाएगा, और साथ ही आपको इसके बारे में बहौत कुछ सीखने को भी मिलेगा।

 

C++ लैंग्वेज से लाभ  (Advantages of :Language C++)

 

  1. इस विधि में इनहेरिटेंस के द्वारा फालतू कोड को हटाया जा सकता है और पहले से उपस्थित वर्ग का उपयोग विस्तार से किया जा सकता है।
  2. पहले से छुपे हुए कांसेप्ट प्रोग्रामर को एक सुरछित प्रोग्राम बनाने में सहायता करता है जिसे कोड के द्वारा प्रोग्राम के दूसरे भागो में उपयोग नहीं कर सकते है।
  3. ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग से एक प्रोग्राम को जल्दी ही ऑपरेशनल हेतु ऑब्जेक्ट के ग्रुप के आधार पर अनेक भागो में बाँट सकते है।
  4. इस विधि से छोटे प्रोग्राम को जोड़कर एक बड़े प्रोग्राम को आसानी से तैयार किया जा सकता है.
  5. ऑब्जेक्ट के बिच बोलचाल के लिए Massage पासिंग विधि से बाहरी सिस्टम के बिच बातचीत करना आसान है।
  6. इस प्रोग्रामर लैंग्वेज के द्वारा कठिन से कठिन सॉफ्टवेयर को आसानी से चलाया एव हल किया जा सकता है।
  7. इस लैंग्वेज से सॉफ्टवेयर को विकसित किया जा सकते है.

 

 

Conclusion

 

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख C++ क्या है? C++ लैंग्वेज के उपयोग, फायदे और विशेषताएं पूरी जानकारी जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.

यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए, तब इसके लिए आप नीचे comments लिख सकते हैं.यदि आपको यह लेख पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share कीजिये.


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