Decryption क्या होता है? Decryption कार्य कैसे करता है?

दोस्तों Decryption क्या होता है? Decryption कार्य कैसे करता है? :- आपने पहले भी Encryption के विषय में जरुर सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं की technically ये एन्क्रिप्शन क्या है और ये कैसे काम करता है इत्यादि. Sensitive information carry करने के लिए एक system को दोनों secrecy और privacy की जरुरत होती है implement करने के लिए.

एक system पूरी तरह से unauthorized access को रोक नहीं सकता है media के transmission के दौरान. Data tampering जिसमें की जानबूजकर data को deliberately modify किया जाता है एक unauthorised channel के माध्यम से,. यह एक नयी issue नहीं है, और न ही ये unique होता है computer era के लिए.

Information में बदलाव लाने से उसे unauthorised access से protect किया जा सकता है जिसे केवल authorised receiver ही समझ सकता है. इस चीज को करने के लिए जिस method का इस्तमाल किया जाता है उसे encryption और decryption कहा जाया है. इन दोनों Encryption और Decryption क्या है में जो मुख्य अंतर है वो ये की Encryption में message को convert किया जा सकता है एक बहुत ही unintelligible form में जिसे की बिना decrypt किया समझा नहीं जा सकता है.

वहीँ Decryption का मतलब होता है वो प्रक्रिया जिससे original message को encrypted data से recover किया जाता है. इसलिए आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को एन्क्रिप्शन क्या होता है के विषय में पूरी जानकारी दे दी जाये जिससे आपको भी इस प्रक्रिया के विषय में जानकारी हो. तो बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं.

 

Decryption क्या होता है? Decryption कार्य कैसे करता है?
TEJWIKI.IN

 

Decryption का हिंदी मतलब (Hindi meaning of Decryption)

 

Decryption को जानने से पहले Decryption का हिंदी मतलब जान लेना भी आवश्यक है. Decryption को हिंदी में विकोडन कहा जाता है. अर्थात एक ऐसी प्रोसेस जिसके द्वारा कोड किये गए इनफार्मेशन को डिकोड किया जाता है उसे Decryption कहते हैं.

 

Decryption क्या होता है? (What is decryption)

 

Decryption एक ऐसी प्रोसेस है जिसके द्वारा Encrypt किये गए डेटा या इनफार्मेशन को पुनः वास्तविक स्वरुप में बदला जाता है. साधारण शब्दों में कहें तो Encrypt डेटा को जटिल गुप्त रूप से वास्तविक शब्दों में परिवर्तित करना जिसे मानव के द्वारा पढ़ा जा सकता है उसे Decryption कहते हैं.

किसी भी प्रकार के डेटा को सुरक्षित करने के लिए Encryption का इस्तेमाल किया जाता है. Encryption डेटा या इनफार्मेशन को, जो कि Plain Text के फॉर्म में रहता है, जटिल कोड के रूप में बदल देता है जिसे कि Cipher Text कहा जाता है. इस Cipher Text को एक Human नहीं पढ़ सकता है.

 

इसलिए डेटा को पुनः Plain Text के फॉर्म में बदलने के लिए Decryption का प्रयोग किया जाता है. डेटा को Decryption करने के लिए एक Key की जरुरत होती है जिसे कि Decryption Key कहा जाता है.

 

Decryption कार्य कैसे करता है? (How does decryption work)

 

वैसे डेटा को Encrypt करने के अनेक सारे तरीके हैं पर जो सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है वह Key Method  है. इस Method में किसी फाइल को एन्क्रिप्ट करने के लिए एक Key (कुंजी) की जरुरत होती है.

जब डेटा को एन्क्रिप्ट किया जाता है तो उस समय एक कुंजी का इस्तेमाल करते हैं. इस कुंजी को Decryption Key कहते हैं. Decryption Key भी दो प्रकार की होती है एक Public Decryption Key जिसे कि हर प्राप्तकर्ता के साथ साझा किया जाता है और दूसरा Private Decryption Key जो कि सिर्फ Sender के पास होती है.

जब Sender एन्क्रिप्ट डेटा को भेजता है तो उसके साथ Public Decryption Key भी Reviver को भेजता है जिसके द्वारा Reviver इनफार्मेशन को डिकोड करके पढ़ सकता है.

इस डेटा को Decrypt करने के लिए Same कुंजी का इस्तेमाल करना पड़ता है. जैसे आपने डेटा को Encrypt करते समय ABC123 कुंजी का इस्तेमाल किया था, तो एस Encrypt डेटा को Decode करने के लिए ABC123 कुंजी का ही प्रयोग किया जाता है. जब Key Match हो जाती है तो डेटा डिक्रिप्ट हो जाता है.

 

Decryption कुंजी कितने प्रकार के होते है ?(How many types of decryption keys are there)

 

Decryption Key मुख्य रूप से 3 प्रकार की होती है –

  • Public Decryption Key
  • Private Decryption Key
  • Pre Shared Decryption Key

चलिए इनके बारे में भी जान लेते हैं.

 

#1 Public Decryption Key (सार्वजनिक डिक्रिप्शन कुंजी)

 

Public Decryption Key का इस्तेमाल Receiver को मैसेज भेजने के लिए किया जाता है. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है यह सार्वजनिक कुंजी हैं. जब Sender मैसेज भेजता है तो उसे साथ में Public Decryption Key भी Receiver को भेजनी होती है, जिससे Receiver मैसेज को पढ़ सकता है.

 

#2 Private Decryption Key (निजी डिक्रिप्शन कुंजी)

 

Private Decryption Key को Receiver के साथ शेयर नहीं किया जाता है, यह Sender के पास ही सुरक्षित रहती है. Private Decryption Key का इस्तेमाल करके किसी भी डेटा को Encrypt और Decrypt किया जा सकता है.

 

#3 Pre Shared Decryption Key (पूर्व साझा डिक्रिप्शन कुंजी)

 

क्रिप्टोग्राफी टेक्नोलॉजी में यह एक Pre Shared Key होता है, मतलब कि दो पक्षों के बीच में सुरक्षित चैनल का उपयोग करने से पहले एक – दुसरे के साथ शेयर किया जाता है.

 

एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन का उपयोग क्यों करें (Why use encryption and decryption)

 

Friends नीचे हम आपको कुछ important reasons के बारे में बता रहे है. की आखिर आपको encryption क्यों इस्तेमाल करना चाहिए-

 

  • Encryption का इस्तेमाल करने से आप अपने confidential data जैसे की passwords और login id protect करने में help होती है.
  • इसका इस्तेमाल करके आप किसी को भी जिस पर आप भरोषा करते है. उन्हें confidentiality private information को Provide कर सकते है.
  • इसके अलावा encryption का use करने से आप इसके लिए पूरी तरह से sure होते है. की आपके document और file change नहीं किया गया है.
  • साथ ही साथ encryption process आपके plagiarism (साहित्यिक) चोरी को रोकती है और आपके IP को protect करता है.
  • यह network communication जैसे की internet पर बहुत ही Helpful होता है. जहाँ पर hacker आपके unencrypted data को easily access कर सकता है.
  • अगर आप नहीं चाहते की कोई और आपके data को access कर सके. वो भी बिना आपके permission के, तो फिर आपके लिए यह बहुत जरुरी है. की आप अपने data को protect करने और secure रखने के लिए उसे encrypt करें.

 

Decryption से लाभ और हानि (Advantages and disadvantages of decryption)

 

Decryption के फायदों की बात करें तो, इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि डिक्रिप्शन के द्वारा Encrypted इनफार्मेशन को पढ़ा जा सकता है, यदि डिक्रिप्शन तकनीकी का अस्तित्व नहीं होता तो डेटा को सुरक्षित करना लगभग असंभव होता है. क्योंकि Encryption  के द्वारा डेटा को कोड के रूप में बदल तो दिया जाता, लेकिन उस कोड को दुबारा वास्तविक रूप में बदलना मुश्किल होता.

Decryption के नुकसान की बात करें तो अगर आपको Decryption Key याद नहीं है तो आप Encrypted इनफार्मेशन को Decode नहीं कर सकते हैं. इसलिए आपको Decryption Key को बहुत ध्यान से संभाल कर रखना पड़ता है.

 

डिक्रिप्शन और एन्क्रिप्शन में अंतर (Difference Between Decryption and Encryption)

 

डिक्रिप्शन और एन्क्रिप्शन के बीच अंतर को हमने नीचे सारणी के द्वारा आपको बताया है.

डिक्रिप्शन (Encryption) एन्क्रिप्शन (Decryption)
Encryption एक ऐसी प्रोसेस है जो सामान्य मैसेज को अपठनीय कोड में बदल देती है. Decryption एक ऐसी प्रोसेस है जो Encrypt किये गए इनफार्मेशन को उसके मूल रूप में परिवर्तित कर देती है.
Encryption का प्रमुख कार्य Plain Text को Cipher Text में बदलने का होता है. Decryption का मुख्य कार्य Cipher Text को Plain Text में बदलने का होता है.
Encryption की प्रोसेस डेटा को भेजते समय की जाती है. Decryption की प्रोसेस डेटा को प्राप्त करने समय की जाती है.
Encryption प्रोसेस में Sender डेटा को भेजने से पहले Encrypt करता है. Decryption प्रोसेस में Reviver पहले इनफार्मेशन को कोड के रूप में प्राप्त करता है और फिर उसे Decode करता है.
डेटा या इनफार्मेशन को प्राइवेट या पब्लिक Key के द्वारा Encrypt किया जाता है. Encrypt डेटा को प्राइवेट या पब्लिक Key के द्वारा Decrypt किया जाता है.

 

FAQ:- Decryption के बारे में पूछे जाने सवाल जवाब :- 

 

डिक्रिप्शन क्या है?

डिक्रिप्शन एक ऐसी प्रोसेस है जिसके द्वारा Encrypted डेटा या इनफार्मेशन को Decode करके पढ़ा जा सकता है.

 

डिक्रिप्शन का हिंदी मतलब क्या है?

डिक्रिप्शन का हिंदी में मतलब विकोडन या डिकोड करना होता है.

 

डिक्रिप्शन का उपयोग कहाँ किया जाता है?

किसी भी प्रकार के एन्क्रिप्टेड डेटा को वास्तविक रूप में बदलने या Cipher Text को Plain Text में बदलने के लिए डिक्रिप्शन का इस्तेमाल किया जाता है.

 

एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन में क्या अंतर है?

एन्क्रिप्शन एक ऐसी प्रोसेस है जिसके द्वारा डेटा या इनफार्मेशन को कोड में रूप में बदलकर सुरक्षित कर लिया जाता है तथा डिक्रिप्शन एक ऐसी प्रोसेस है जिसके द्वारा एन्क्रिप्टेड डेटा को पुनः वास्तविक रूप में परिवर्तित किया जाता है.

 

इन्हे भी जरूर पढ़े

 

Conclusion

 

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख दोस्तों Decryption क्या होता है? Decryption कार्य कैसे करता है? जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.
यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए, तब इसके लिए आप नीचे comments लिख सकते हैं.यदि आपको यह लेख पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share कीजिये.

Leave a Comment