Sensex kya hota hai? जाने Sensex कैसे बनता है?

दोस्तों क्या आप जानते है Sensex kya hota hai? जाने Sensex कैसे बनता है? आपने अक्सर TV पर या फिर अखबारों में सेंसेक्स शब्द को पढ़ा या देखा होगा। कभी आप देखते है Sensex आज इतने अंक ऊपर चला गया तो कभी आप देखते है की सेंसेक्स आज इतने अंक नीचे गिरा।

जब भी आप Share Market में निवेश करने के बारे में सोचते हैं तब आपके मन में Sensex के बारे में जरुर आया होगा. पर आप इन शब्दों का अर्थ नहीं समझ पाते क्योंकि आप नहीं जानते की Sensex क्या होता है? तो आज की हमारी पोस्ट सेंसेक्स पर केंद्रित है। आज हमारी इस पोस्ट के जरिये जानेंगे की सेंसेक्स क्या होता है और इसके जरिये क्या काम होता है?

हम आपको अपनी पहले की पोस्ट में बता चुके है की निफ़्टी क्या होता है। आज हम बात कर रहे है सेंसेक्स की। तो सेंसेक्स भी एक तरह से निफ़्टी की तरह ही होता है पर निफ़्टी की तुलना में सेंसेक्स में मात्र 30 कंपनियों सूचिबद्ध होती है। जहाँ निफ़्टी को निफ़्टी 50 भी कहा जाता है क्योंकि इसमें 50 कंपनियां सूचिबद्ध होती है। आइये विस्तार से सेंसेक्स क्या है के बारे में जानते है।

 

Sensex kya hota hai? जाने Sensex कैसे बनता है?
TEJWIKI.IN

 

Sensex kya hota hai? (What is sensex)

Wikipedia के अनुसार सेंसेक्स (Sensex) भारत के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज Bombay Stock Exchange (BSE) का बेंचमार्क इंडेक्स या संवेदी सूचकांक है. BSE ने सेंसेक्स की शुरुवात 1986 में की थी. Sensex दो शब्दों Sensitive और Index से मिलकर बना है. Sensex में BSE में रजिस्टर सर्वश्रेष्ठ 30 कंपनियों को शामिल किया जाता है.

 

Sensex को BSE 30, BSE Sensex या Sensex 30 के नाम से भी जाना जाता है, Sensex में होने वाले उतार – चढ़ाव से ही BSE के Overall Performance को देखा जाता है. Sensex की गणना Free Float Market Capitalization Methodology के द्वारा की जाती है.

 

सेंसेक्स घटता – बढ़ता कैसे है? (How does the Sensex decrease – increase)

 

अगर Sensex में लिस्टेड 30 कंपनियों के शेयर के प्राइस मार्केट में बढ़ रहे हैं तो इसका मतलब होता है कि Sensex बढ़ रहा है. जब Sensex बढ़ता है तो BSE के निवेशकों को भी मुनाफा होता है.

 

तथा जब Sensex में लिस्टेड शीर्ष 30 कंपनियों के शेयर प्राइस मार्केट में घट रहे हैं तो इसका मतलब होता है कि Sensex घट रहा है. अगर Sensex घटता है तो BSE के निवेशकों को नुकसान होता है. Sensex में सूचीबद्ध शीर्ष 30 कंपनियों के मार्केट में शेयर प्राइस बढ़ने और घटने पर सेंसेक्स बढ़ता और घटता है.

 

सेंसेक्स की शुरूआत क्यों हुई थी? (Why was Sensex started)

 

जैसा कि आप जानते हैं कि आजकल शेयर को ऑनलाइन खरीदा और बेचा जाता है लेकिन पुराने समय में किसी कंपनी का शेयर खरीदने में काफी परेशानी आती थी।

ऐसा इसलिए था क्योंकि उस समय कोई भी ऑनलाइन सिस्टम मौजूद नहीं था जिसके जरिए हम शेयर की ट्रेडिंग कर सकें तब तक केवल पेड़ के नीचे बैठकर शेयर की नीलामी की जाती थी।

इसी समस्या का समाधान करने के लिए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE की स्थापना हुई जो आज पूरे एशिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।

आज जो आप मुंबई में स्थित बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की इतनी बड़ी बिल्डिंग देखते हैं वह हमेशा से ऐसी नहीं थी। जैसे- जैसे वहां पर ज्यादा लोग आने लगे तो पूरे मार्केट का भाव जानने के लिए सेंसेक्स बनाया गया जिसमें भारत की टॉप 30 कंपनियों को शामिल किया गया।

 

Sensex कैसे बनता है? (How is Sensex made)

 

BSE में लगभग 5700 से भी अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं, जिसमें से शीर्ष 30 कंपनियों के मार्केट में शेयर दामों के अनुसार सेंसेक्स बना होता है. जब Sensex में कंपनियों को लिस्ट किया जाता है तो इसमें उन कंपनियों को शामिल किया जाता है जिनके शेयर मार्केट में रोज बेचे और ख़रीदे जाते हैं.

Sensex में जो 30 कंपनियां चुनी जाती है वह 13 अलग – अलग सेक्टर से चुनी जाती है, और ये सभी कंपनियां अपने सेक्टर में सबसे बड़ी होती है. किसी भी कंपनी के Free Float Market Capitalization के आधार पर Sensex को जारी किया जाता है.

 

Sensex कैसे कार्य करता है? (How does Sensex work)

 

Sensex meaning in hindi– शेयर बाजार में सेंसेक्स भारत की टॉप 30 कंपनियों का प्रदर्शन बताने का काम करता है। आप सिर्फ इन 30 कंपनियों को देख कर बता सकते हैं कि आज शेयर बाजार ऊपर है या नीचे।

मतलब अगर आज इंडिया की Top 30 कंपनियों में से अधिकतर कंपनियों के शेयर बढ़े हुए हैं तो Sensex इंडेक्स भी ऊपर चला जाएगा मतलब कुछ पॉइंट बढ़ जाएगा।

इसी प्रकार अगर यह कंपनियां अच्छा परफॉर्म नहीं कर रहे हैं तो सेंसेक्स भी नीचे गिर जाएगा।

अब कुछ लोग सोच रहे होंगे कि सेंसेक्स में तो केवल 30 कंपनियां ही शामिल है तो फिर यह पूरे शेयर बाजार का हाल-चाल कैसे बताता है?

 

Market Capitalization (बाजार पूंजीकरण) की गणना कंपनी के कुल शेयर को एक शेयर की कीमत से गुणा करके की जाती है, और Free Float Market Capitalization की गणना के लिए कुल मार्केट पूंजीकरण में से कंपनी के मालिक, प्रमोटर और सरकार की हिस्सेदारी वाले शेयरों के मार्केट पूंजीकरण को घटा दिया जाता है.

इस प्रकार से जिन तीस कंपनियों का मार्केट पूंजीकरण सबसे अधिक होता है उसे सेंसेक्स में शामिल किया जाता है. Sensex को स्टॉक एक्सचेंज की इंडेक्स कमेटी चुनती है. इसमें कई विभागों के लोग शामिल होते हैं जैसे सरकार, बैंक, अर्थशास्त्री आदि.

 

Sensex की गणना कैसे की जाती है? (How is Sensex calculated)

 

सबसे पहले सेंसेक्स में लिस्टेड 30 कंपनियों का मार्केट पूंजीकरण (Market Capitalization) निकाला जाता है. मार्केट पूंजीकरण निकालने के लिए कंपनी के द्वारा जारी किये गए कुल शेयरों की संख्या को एक शेयर की कीमत से गुणा किया जाता है.

जैसे कि किसी कंपनी ने 100 शेयर जारी किये हैं और प्रत्येक शेयर की कीमत 10 रूपये है, तो कंपनी का मार्केट पूंजीकरण 1000 रूपये का है.

अब कंपनी के Free Float फैक्टर की गणना की जाती है. इसमें कंपनी द्वारा जारी किये गए उन शेयरों को हटा दिया जाता है जो सरकार और कंपनी के प्रमोटर के पास हैं. इसमें उन्हीं शेयर को शामिल किया जाता है जो मार्केट में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हैं.

माना एक कंपनी XYZ के 100 शेयरों में से 30 प्रतिशत शेयर सरकार और प्रमोटर के पास है और 70 प्रतिशत शेयर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हैं, इस प्रकार कंपनी का फ्री फ्लोट फैक्टर 70 प्रतिशत है.

अब सभी कंपनियों के फ्री फ्लोट फैक्टर को कंपनी के मार्केट पूंजीकरण से गुणा कर दिया जाता है., जिससे कंपनी के Free Float Market Capitalization की गणना होती है.

इस प्रकार सभी 30 कंपनियों के Free Float Market Capitalization को जोड़ दिया जाता है और उसे एक Base Value से Devide करके Base Index से गुणा कर दिया जाता है. इस प्रकार से सेंसेक्स की गणना की जाती है.

इस पूरी कैलकुलेशन को हम एक Formula के रूप में निम्न प्रकार से लिख सकते हैं –

 

Sensex = (Total Free Float Market Capitalization / Base Value) * Base Index

 

Sensex में लिस्टेड 30 कंपनियां (30 companies listed in Sensex)

 

सेंसेक्स में पहली बार 1986 में 30 कंपनियों को लिस्ट किया गया था, ये सभी कंपनियां मार्केट कैपिटल के आधार पर सबसे बड़ी और ताकतवर थी. इन कंपनियों के शेयर की मांग मार्केट में हमेशा बनी रहती है. चलिए सेंसेक्स में लिस्टेड 30 कंपनियों पर भी एक नजर डाल लेते हैं.

  1. Infosys Limited
  2. Reliance Industries Ltd.
  3. Tata Consultancy Services Ltd.
  4. HCL Technologies Ltd.
  5. Larsen & Toubro Ltd.
  6. Bajaj Auto Ltd.
  7. Bajaj Finance Ltd.
  8. Bajaj Finserv Ltd.
  9. Oil & Natural Gas Corporation Ltd.
  10. Tata Steel Ltd.
  11. Tech Mahindra Ltd.
  12. Mahindra & Mahindra Ltd.
  13. Asian Paints
  14. Axis Bank Ltd.
  15. State Bank Of India
  16. ICICI Bank Ltd.
  17. HDFC Bank Ltd.
  18. Indusind Bank Ltd.
  19. Kotak Mahindra Bank Ltd.
  20. Hindustan Unilever Ltd.
  21. Housing Development Finance Corporation Ltd.
  22. Sun Pharmaceutical Industries Ltd.
  23. Maruti Suzuki India Ltd.
  24. Bharti Airtel Ltd.
  25. Power Grid Corporation Of India Ltd.
  26. NTPC Ltd.
  27. ITC Ltd.
  28. Ultratech Cement Ltd.
  29. Nestle India Ltd.
  30. Titan Company Ltd.

 

सेंसेक्स से लाभ क्या है ? (What is the benefit of Sensex)

 

वेसे तो सेंसेक्स का सबसे बड़ा फायदा यही होता है की इसके जरिये निवेशक बाजार में होने वाले भविष्य के परिवर्तनो को जान सके और समझ सके और उनके हिसाब से अपना पैसा ठीक तरीके से निवेश कर सके।

पर सेंसेक्स से हमें कुछ ऐसे भी लाभ है जो की वेसे तो सीधे तौर पर ज्यादा कोई असर या फायदा नहीं करते पर indirect रूप से काफी उपयोगी होते है। रूपए की चाल बाजार के अनुरूप बदलती रहती है और जब रूपया मजबूत होता है तो देश में चीज़ें सस्ती होती है। आइये कुछ अलग फायदों के बारे में जानते है।

1) जब कंपनियां सेंसेक्स को ऊपर जाते देखती हैं तो निवेशक भी ऐसी कंपनियों में पैसा लगाने की चाह रखते है और जब निवेशकों से बहुत ज्यादा पैसा इकट्ठा हो जाता है तो कंपनियां grow करती है और expand होती है। और जब भी कोई कंपनी expand होती है तो उसके लिए उसको नए लोगों की आवश्यकता होती है तो ऐसे में वे अधिक लोगों को नौकरी देंगे और इसका सीधा मतलब बेरोजगारी की कमी होगा।

2) जब शेयर बाजार अच्छा होता है और सेंसेक्स ऊपर जाता है तो देश में बहुत से बाहरी निवेशक आने लगते है और जब वो भारतीय कंपनियों में पैसा लगाते है तो इससे रुपये में तेजी आएगी। और रुपया विदेशी मुद्रा के मुक़ाबले में मजबूत होता है। और जब रुपया मजबूत होता है तो इससे चीज़ें सस्ती होने लगती है। जैसे कि विदेश आयत होने वाला सामन रूपए में आई तेज़ी से पहले के मुक़ाबले कम कीमतों पर मिलेगा।

भारतीय शेयर बाजार लगातार ऊंचाइयों की और अग्रसर है एक समय जब इसकी शुरुआत हुयी थी 1990 में तब सेंसेक्स सिर्फ एक हजार हुआ करता था Sensex kya hota hai पर आज के समय में यह आंकड़ा पांच अंकीय संख्या तक पहुँच गया है आज के समय में यह 30,000 को पार कर चूका है और हर दिन नए कीर्तिमान रच रहा है ।

हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी यह नयी ऊंचाइयों को छुए और निवेशकों को मुनाफा कमाने में मदद करे।

 

FAQ:-सेंसेक्स के बारे अक्सर पूछे जाने वाले सवाल जवाब :-

 

सेंसेक्स क्या है?

सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क इंडेक्स है जिसे हिंदी में संवेदी सूचकांक कहते हैं. Sensex को BSE Sensex या BSE 30 के नाम से भी जाना जाता है.

 

सेंसेक्स की स्थापना कब हुई?

सेंसेक्स की स्थापना 1986 में हुई थी.

 

सेंसेक्स में कितनी कंपनियां लिस्टेड हैं?

सेंसेक्स में 30 कंपनियां लिस्टेड रहती हैं.

 

सेंसेक्स को कैसे कैलकुलेट किया जाता है?

Sensex को Free Float Market Capitalization के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है.

 

सेंसेक्स घटता और बढता कैसे है?

सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनी के मार्केट में शेयर दाम घटने और बढ़ने के साथ सेंसेक्स भी घटता – बढ़ता है.

 

इन्हे भी जरूर पढ़े

 

Conclusion

 

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख दोस्तों Sensex kya hota hai? जाने Sensex कैसे बनता है? जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.
यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए, तब इसके लिए आप नीचे comments लिख सकते हैं.यदि आपको यह लेख पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share कीजिये.

Leave a Comment