ई-केवाईसी क्या होता है? ईकेवाईसी के प्रमुख उपयोग क्या है?

दोस्तों ई-केवाईसी क्या होता है? ईकेवाईसी के प्रमुख उपयोग क्या है? भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा प्रस्तावित आधार आधारित e-KYC (Electronic-Know Your Customer) का उपयोग आधार कार्ड holders द्वारा अपनी पहचान प्रमाणित करने और स्थापित करने के साधन के रूप में किया जा सकता है, यदि वे सहमति देते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि ई-केवाईसी क्या है और ई-केवाईसी का इस्तेमाल कैसे किया जाता है।

 

ई-केवाईसी क्या होता है? ईकेवाईसी के प्रमुख उपयोग क्या है?
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ई-केवाईसी क्या होता है? (What is e-KYC)

 

KYC  का फुल फॉर्म होता है-Know Your Costomer. इसका हिंदी में अर्थ होता है-अपने ग्राहक के बारे में जानें। बैंक या फाइनेंस कंपनियां, KYC की प्रक्रिया में अपने ग्राहकों के फोटो, पहचान प्रमाण, पता प्रमाण संबंधी डॉक्यूमेंट्स जमा कराती हैं। जब यही काम कागजी डॉक्यूमेंट्स की बजाय ऑनलाइन या डिजिटल तरीके से पूरा किया जाता है तो उसे इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी या E-KYC कहते हैं।

भारत में यह काम आधार नंबर की मदद से होता है, इसलिए यहां E-KYC से मतलब Aadhaar KYC से लगाया जाता है। आधार नंबर जारी करने वाली संस्था UADAI के पास हर आधार कार्ड नंबर से जुड़े व्यक्ति का व्यक्तिगत और शारीरिक डाटा दर्ज रहता है। कोई भी व्यक्ति अपने बायोमेट्रिक सत्यापन (अंगुलियों के निशान, या रेटिना की बनावट के आधार पर) के माध्यम से आधार E-KYC करा सकता है। इस प्रकार से वह, बिना कोई अन्य कागजी डॉक्यूमेंट्स जमा किए ही, अपने नाम, पता, नंबर, संबंध वगैरह का प्रमाण पेश कर सकता है।

 

 

ई-केवाईसी कितने प्रकार होते है? (How many types of e-KYC are there)

 

आधार कार्ड नंबर की मदद से eKYC की प्रक्रिया मुख्यतया 4 प्रकार से पूरी की जा सकती है। इन चारों तरीकों को Online और Offline कैटेगरी में बांटा जा सकता है।

 

ऑनलाइन तरीके | Online methods 

 

आधार OTP की मदद से

 

OTP से सत्यापन (Verification) में आपके आधार कार्ड से जुड़े मोबाइल नंबर को दर्ज किया जाता है। उस मोबाइल नंबर एक OTP नंबर भेजा जाता है। आप उस OTP नंबर को डालकर eKYC की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।

इस OTP नंबर की मदद से वैरिफिकेशन में यह होता है कि आप UIDAI database में मौजूद अपने आधार नंबर से जुड़े व्यक्तिगत डिटेल्स लेने की सहमति दे देते हैं। इनमें आपके नाम, पता, लिंग, मोबाइल नंबर, ई-मेल वगैरह शामिल होते हैं। इस तरह से OTP-based Aadhaar eKYC की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।

 

बॉयोमेट्रिक सत्यापन की मदद से | Biometric authentication

 

बायोमेट्रिक सत्यापन (biometric authentication) के लिए, एक scanner (फोटो या निशान की छाप लेने वाला उपकरण) का इस्तेमाल किया जाता है। Aadhaar eKYC के लिए सामान्यत: फिंगरप्रिंट स्कैनर का इस्तेमाल किया जाता है। अगर फिंगरप्रिंट स्कैनर से काम नहीं होता तो आंख की रेटिना की फोटो कैप्चर करने वाला उपकरण इस्तेमाल करना पड़ता है।

स्कैनर के माध्यम से लिया गया आपके शरीर का डाटा  UIDAI के पास जाता है और उसके डेटाबेस से आपके आधार नंबर से जुड़े डिटेल से मिलान (matched) किया जाता है। मिलान होने पर, Aadhaar eKYC की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।

 

ऑफलाइन तरीके | Offline methods

 

QR कोड की मदद से सत्यापन

 

अब जो आपको Aadhaar card मिलता है, उसमें एक QR कोड भी छपा रहता है। ये QR code हर व्यक्ति के आधार का अलग-अलग होता है और इसे सिर्फ QR कोड स्कैनर की मदद से पढ़ा जा सकता है। कोई भी कंपनी या संस्थान QR code scanner की मदद से आपके आधार नंबर से जुड़े विवरण ग्रहण कर लेता है और Aadhaar eKYC की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।

 

Aadhaar XML file से सत्यापन 

 

इस तरीके में आपको UIDAI website पर जाकर Offline eKYC का विकल्प चुनना पड़ता है। उसमें आपको एक विशिष्ट XML file डाउनलोड करना पड़ता है। इस फाइल में जो कोड होते हैं, उसमें आपके demographic डिटेल्स छुपे होते हैं। जैसे कि नाम, जन्मतिथि, जेंडर, पता वगैरह। इसे सिर्फ service providers के उपकरण ही पढ़ सकते हैं और कोई अन्य व्यक्ति आपके डिटेल्स नहीं जान पाता। इस तरह से एकदम गुप्त और सुरक्षित तरीके से  Aadhaar eKYC की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।

 

E-KYC कैसे कार्य करता है? (How does e-KYC work)

 

E-KYC पूरी तरह से डिजिटल है और ग्राहक के paperless identity verification के लिए आधार डेटाबेस का उपयोग करता है। इसलिए, इसका विकल्प चुनने के लिए आपके पास आधार कार्ड होना चाहिए। ई-केवाईसी क्या होता है एक बार जब आप किसी financial services का लाभ उठाने के लिए अनुरोध करते हैं, तो संस्थान KYC Verification Process शुरू करने के लिए अनिवार्य है।

यदि संस्था या एजेंसी UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) द्वारा अधिकृत है, तो आप verification को अपने तरीके के रूप में ईकेवाईसी का विकल्प चुन सकते हैं।

Aadhaar based verification के लिए आवेदन भरने के साथ-साथ, आपको संस्थान को UIDAI डेटाबेस से अपने details को verify करने की अनुमति देनी होगी। चूंकि यह डेटाबेस पहले से ही verified है, इसलिए आपको कोई अन्य documents प्रदान करने की आवश्यकता नहीं है और आपकी पहचान कुछ ही मिनटों में verify हो जाती है।

 

ई-केवाईसी से लाभ (Benefits of e-KYC)

 

e KYC, चूंकि केवाईसी की प्रक्रिया का उन्नत स्वरूप (Advanced method) है और यह मुख्यत: डिजिटल उपकरणों (Digital Devices) की मदद से होती है, इसलिए इसमें ग्राहक और कंपनी दोनों बहुत सहूलियत की स्थिति में होते हैं। इससे आपको निम्नलिखित फायदे मिलते हैं-

 

बहुत कम समय में प्रक्रिया का निपटारा (Less Time Process)

 

Normal KYC की प्रक्रिया में कई सारे दस्तावेजों की जरूरत तो होती ही है, यह समय भी ज्यादा लेती है। ग्राहकों के साथ-साथ सेवा देने वाले संस्थानों के लिए भी यह थोड़ा झंझट वाला काम होता है। कभी-कभी तो इतने Documents को इकट्ठा करने में 3-4 या हफ्तों का समय भी लग सकता है। e KYC में पूरी प्रक्रिया कुछ मिनटों में ही निपट जाती है।

 

कागजी दस्तावेजों को एकत्र नहीं करना पड़ता (Minimum Paperwork)

 

e KYC के लिए आपको अपनी पहचान साबित करने के​ लिए अलग-अलग तरह के कई दस्तावेज (Documents) इकट्ठा करने की जरूरत नहीं होती। सिर्फ Aadhaar Card से काम चल जाता है। अगर Aadhaar Number याद है तो उसकी भी जरूरत नहीं होती। इसके अलावा ढेर सारे Documents को हमेशा अपने साथ लेकर चलना भी व्यावहारिक नहीं होता। e KYC इसका भी समाधान उपलब्ध कराती है।

 

    न्यूनतम लागत (Cost Reduced)

     

    Normal KYC के मामलों में कई सारे Documents को बनवाने और फिर उनकी फोटोकॉपी वगैरह करवाने में हर बार कुछ न कुछ रकम खर्च होती है। e KYC की प्रक्रिया में बहुत कम पैसों में या बिना पैसे खर्च किए भी पूरी प्रक्रिया हो जाती है।

     

    ऑटोफिल की सुविधा ( Auto-fill Facility)

     

    विभिन्न प्रकार की योजनाओं या सुविधाओं के लिए Onlice Form भरने की प्रक्रिया मेें जब आप Aadhaar e KYC  का उपयोग करते हैं तो आपके संबंध में नाम (Name), पता (Address), जन्मतिथि (Birthdate) वगैरह के विवरण अपने आप भर (Auto-fill) जाते हैं। Normal KYC की प्र​क्रिया में ऐसा हो पाना संभव नहीं है। वहां आपको हर बार नए सिरे से सारी जानकारियां (Details/Information) भरनी होती हैं।

     

    गड़बड़ियों की गुंजाइश कम से कम (Lesser Redundancies)

     

    Aadhaar eKYC में चूंकि आपको किसी दस्तावेज की प्रति (Photocopy) दूसरों को नहीं देनी पड़ती, इसलिए उनके माध्यम से होने वाले गड़बड़ियों की गुंजाइश भी कम से कम होती है। Normal KYC के मामलों में किसी और के Documents पर किसी दूसरे को सेवाएं (Service) देने के मामले सामने आते रहे हैं। इसी प्रकार किसी के हस्ताक्षर (Signature) की नकल करके गड़बड़ी के मामले भी होते रहे हैं। ऐसे ही अन्य तमाम तरह की समस्याओं की आशंका कम हो गई हैं।

       

      केवाईसी या ईकेवाईसी के प्रमुख उपयोग क्या है? 

       

      • व्यक्तिगत पहचान के लिए (Individual): ईकेवााईसी का सबसे प्राथमिक स्तर का उपयोग होता है, व्यक्ति की पहचान को वेरिफाई करना। जैसे कि,  मोबाइल सिम के लिए या आरक्षित श्रेणी की रेल यात्रा में वास्तविक टिकटधारक की पहचान तय करना। मतलब ये कि आपने अपना और अपने पिता का जो नाम बताया है वो सही है या नहीं
      • बैंकिंग, वित्तीय लेन-देन में (Financial/Banking transaction) : बैंक में अकाउंट खुलवाने या लेन-देन के लिए,  शेयर बाजार, ​म्यूचुअल फंड वगैरह में निवेश के लिए अकाउंट खुलवाना। इन मामलों में केवाईसी इसलिए जरूरी होता है ताकि कोई व्यक्ति सिर्फ अपने नाम से ही निवेश कर सके । इससे हर व्यक्ति का जवाबदेही तय होती है और काले धन पर रोक लगती है।
      • बैंक अकाउंट बंद होने पर : अगर आपका बैंक खाता लेन-देन नहीं करने की वजह से बंद कर दिया गया है तो उसे फिर से चालू कराने के लिए आपको फिर से KYC प्रक्रिया से गुजरना होगा
      • कानूनी प्रक्रिया में (Juridicial): कानूनी प्रक्रिया में किसी संपत्ति या अन्य लाभ पर अपनी दावेदारी पुष्ट करने के लिए ईकेवाईसी का उपयोग चलन में आने लगा है। आपराधिक मामलों में फिंगर प्रिंट, डीएनए मैचिंग वगैरह भी ईकेवाईसी के ही भेद होते हैं।
      • सरकारी व प्रशासनिक कामों में (Govt/administerial : कर्मचारियों की फिंगरप्रिंट की मदद से उपस्थिति पुष्ट करना। सब्सिडी, ईपीएफ, पेंशन, बीमा आदि के लाभ सही लाभार्थियों तक पहुंचाना सुनिश्चित करना। यह भी जानें आधार की मदद से आयुष्मान भारत हेल्थ आईडी कार्ड कैसे बनाएं?

       

       

      मैं केवाईसी ऑनलाइन कैसे पूरा करूं? (How do I complete KYC online)

       

      किसी भी केआरए के ईकेवाईसी पोर्टल पर अपना खाता बनाने के बाद, आपको अपना व्यक्तिगत विवरण जैसे अपना आधार कार्ड नंबर और अपने पंजीकृत फोन नंबर को भरना होगा, जिस पर आपको एक ओटीपी प्राप्त होगा। सत्यापन के बाद, आपको अपने स्व-सत्यापित आधार कार्ड की एक प्रति जमा करनी होगी। एक बार यह सब पूरा हो जाने पर, आप केआरए के वेब पोर्टल पर अपना पैन नंबर प्रदान करके अपनी स्थिति की जांच कर सकते हैं।

      केवाईसी अनुपालन एक ऑफ़लाइन प्रक्रिया के माध्यम से भी किया जा सकता है, जिसमें आपको केवल केवाईसी फॉर्म ऑनलाइन डाउनलोड करना होगा और आवश्यक दस्तावेजों के साथ संबंधित अधिकारियों को फॉर्म जमा करना होगा।

       

      केवाईसी विवरण ऑनलाइन कैसे बदलें? (How to change KYC details online)

       

      डिजिटल केवाईसी रिकॉर्ड को किसी भी केआरए की तरह अपनी पसंद के ईकेवाईसी पोर्टल पर जाकर बदला जा सकता है, जिसमें आप ‘अपडेट केवाईसी’ लिंक पर क्लिक करेंगे। अपडेट किए गए दस्तावेज़ों की स्कैन की गई कॉपी अपलोड करने के अलावा नए विवरण भरें – परिवर्तनों का प्रमाण स्थापित करने के लिए जिसके बाद आपको अपने पंजीकृत मोबाइल फोन नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा। सत्यापन के बाद, आप सबमिट पर क्लिक कर सकते हैं और विवरण एक सप्ताह के भीतर बदल दिया जाएगा।

       

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      Conclusion

       

      तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख ई-केवाईसी क्या होता है? ईकेवाईसी के प्रमुख उपयोग क्या है? जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.
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