ई कॉमर्स क्या है (What is e-commerce in Hindi?) प्रकारों को

दोस्तों नमस्कार, आज हम बात करेंगे Amazon या Flip-kart जो कि E-commerce websites हैं के बारे में आपने ज़रूर सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ई कॉमर्स क्या है (What is E-commerce in Hindi) या इस शब्द का क्या मतलब है, इसके कितने प्रकार होते हैं, यह कैसे काम करता है तथा इसके फायदे और नुकसान क्या हैं आदि। निश्चित रूप से आज के समय में ऑनलाइन बिज़नेस बहुत अधिक लोकप्रिय है लेकिन इसके इतने लोकप्रिय होने के बावजूद भी वास्तव में बहुत सारे लोग अभी भी ऐसे हैं जो नहीं जानते कि यह क्या है।

इस लेख का मुख्य उद्देश्य है कि आप तक e commerce की सटीक और बेहतर जानकारी पहुंचायी जाए जिससे आपके मन में कम से कम इस चीज़ को लेकर कोई doubt न रहे कि What is e-commerce in Hindi या इसके बिज़नेस प्रकार को लेकर आप में से अगली बार किसी के द्वारा इसके के बारे में पूछे जाने पर उसे अच्छे से explain कर सकें। तो फिर आप तैयार हो जाएँ ई-कॉमर्स के बारे में सब कुछ जानने के लिए।

ई कॉमर्स क्या है (What is e-commerce in Hindi?) इसके प्रकारों को समझाइए?
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ई-कॉमर्स क्या है (What is e-commerce in Hindi?) 

इन सेवाओं के अंतर्गत इंटरनेट पर सामान को खरीदना और बेचना, मार्केटिंग करना, सामान को पते पर डिलीवर करना, बिल का ऑनलाइन भुगतान करना, ऑनलाइन बैंकिंग करना आदि आते हैं. उदाहरण के लिए आप भारत की कुछ चर्चित और मशहूर कंपनियों जैसे फ्लिपकार्ट, paytm आदि को ले सकते हैं। आपने देखा होगा की इन प्लेटफार्म पर कुछ सेलर्स अपने सामान को बेचते हैं.

वहीँ ग्राहक इन वेबसाइट पर जाकर कुछ ही चंद मिनट में अपनी ज़रूरतों के मुताबिक सामान को आसानी से खरीद लेता है. सामान के अलावा, अब कई कम्पनियाँ अपने पर मोबाइल फ़ोन और D2H भी रिचार्ज करने की सुविधा भी देने लगे हैं.

इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स की शुरुआत 1960 में हुई थी जब दुनिया भर की अनेक कंपनियों ने इंटरनेट के के फीचर इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज (EDI) की मदद से बिज़नेस डाक्यूमेंट्स को दूसरी कंपनियों के साथ शेयर करना शुरू किया. इसके बाद ebay और amazon जैसी कंपनियां इंटरनेट के मैदान मैं उतरीं और इस क्षेत्र में क्रांति लाई.

ईकॉमर्स का क्या मतलब है? 

जबकि अधिकांश लोग ईकॉमर्स को व्यवसाय से उपभोक्ता (B2C) के रूप में मानते हैं, कई अन्य प्रकार हैं ई-कॉमर्स। इनमें ऑनलाइन नीलामी साइट, इंटरनेट बैंकिंग, ऑनलाइन टिकट और आरक्षण शामिल हैं, और व्यवसाय से व्यवसाय (बी 2 बी) लेनदेन। हाल ही में, ईकॉमर्स की वृद्धि ने बिक्री का उपयोग करके विस्तार किया है मोबाइल उपकरणों, जिसे आमतौर पर ‘एम-कॉमर्स’ के रूप में जाना जाता है और यह केवल ई-कॉमर्स का सबसेट है।

पिछले एक दशक में ईकॉमर्स ने विस्फोटक वृद्धि क्यों देखी है? जैसे-जैसे इंटरनेट हमारे दैनिक जीवन में उलझता जाता है, ई-कॉमर्स की स्वीकृति विकास जारी है, और व्यवसाय इसका लाभ उठा रहे हैं। शुरुआती 2000 में कई लोग अपने कार्ड का विवरण ऑनलाइन रिटेलर को सौंपने को लेकर संशय में थे। 

जहाँ तक, ई-कॉमर्स लेन-देन अब दूसरी प्रकृति है। SSL प्रमाणपत्रपेपैल, Worldpay और Skrill जैसे एन्क्रिप्शन और विश्वसनीय बाहरी भुगतान प्रणाली ने ई कॉमर्स में लोगों के विश्वास को बेहतर बनाने में मदद की है। लेकिन इससे पहले, यहाँ हमारे शीर्ष रेटेड हैं ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म हमें लगता है कि किसी भी जरूरत के लिए सबसे उपयुक्त हैं।

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ई-कॉमर्स की शुरुआत 1960 के दशक से शुरू हुई थी, जब बिज़नेसेस ने अन्य कंपनियों के साथ बिज़नेस डयॉक्‍युमेंट को शेयर करने के लिए Electronic Data Interchange (EDI) का प्रयोग शुरू किया।1979 में, अमेरिकन नेशनल स्टैंडर्ड इंस्टीट्यूट ने ASC X12 को इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क के माध्यम से डयॉक्‍युमेंट को शेयर करने के व्यवसायों के लिए एक युनिवर्सल स्‍डैंडर्ड के रूप में विकसित किया था।

ई-कॉमर्स की हिस्‍ट्री को eBay और Amazon के बिना सोचना असंभव है जो इलेक्ट्रॉनिक ट्रैन्सैक्शन को शुरू करने वाली पहली इंटरनेट कंपनियों में से थे।1990 के दशक में eBay और Amazon के उदय से ई-कॉमर्स उद्योग में क्रांतिकारी बदलाव आया। यूजर्स अब ई-कॉमर्स के माध्‍यम से किसी भी चीज़ को खरीद सकते थे।

E-commerce Business Model के प्रकार – Types of E-commerce  

Business Model in Hindi

E-commerce को चार मुख्य श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है। इस सरल वर्गीकरण का आधार वे पक्ष हैं जो लेनदेन में शामिल हैं। तो चार बुनियादी E-commerce business निम्नानुसार हैं,

Business to Business

यह Business to Business transactions है। यहां सिर्फ कंपनियां एक-दूसरे के साथ कारोबार करती हैं। इसमें final consumer शामिल नहीं होता है। तो ऑनलाइन लेनदेन में केवल manufacturers, wholesalers,retailers आदि शामिल होते हैं।

Business to Consumer

यहां कंपनी अपने सामान या सेवाओं को सीधे उपभोक्ता को बेचेगी। उपभोक्ता वेबसाइट ब्राउज़ कर सकते हैं और products, pictures, और reviews को देख सकते हैं। फिर वे अपना ऑर्डर देते हैं और कंपनी सीधे उन तक माल पहुंचती है। कुछ लोकप्रिय उदाहरण Amazon, Flipkart, Jabong आदि हैं।

Consumer to Consumer

Consumer to consumer, जहां उपभोक्ता एक दूसरे के साथ सीधे संपर्क में होते हैं। कोई भी कंपनी शामिल नहीं होती है। यह लोगों को अपने व्यक्तिगत सामान और संपत्ति को सीधे इच्छुक पार्टी को बेचने में मदद करता है। आमतौर पर, व्यापार किए गए सामान कार, बाइक, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि हैं। OLX, Quikr आदि इस मॉडल को follow करते हैं।

Consumer to Business

यह B2C का उल्टा है, यह consumer to business है,इसमें उपभोक्ता कंपनी को उत्पाद या सेवाएं प्रदान करता है। एक चीज जो अन्य business models से C2B को अलग करती है वह यह है कि उपभोक्ता उत्पादों के लिए मूल्य बनाते हैं। इसके अलावा, यह मॉडल फ्रीलांसरों की आवश्यकता को पूरा करता है, जो क्लाइंट द्वारा दिए गए कार्यों पर काम करते हैं। C2B उदाहरणों में Google Adsense, Commission Junction, और Amazon आदि शामिल हैं।

ई-कॉमर्स की विशेषताएं (Features Of E-Commerce in Hindi)

Ubiquity:
ई-कॉमर्स हर जगह और हर समय उपलब्ध होता है। कन्‍जूमर किसी भी समय अपने घर या ऑफिस से इंटरनेट कनेक्शन के माध्‍यम से प्रॉडक्‍ट खरीद या बेच सकते हैं।

Global reach:
ई-कॉमर्स पारंपरिक सांस्कृतिक और राष्ट्रीय सीमाओं के पार फैल सकता हैं और दुनिया भर के कन्‍जूमर बिज़नेस से कनेक्‍ट होते हैं।

ई-कॉमर्स वेबसाइट पर अब बहुभाषी अनुवाद करने की क्षमता होती है।

Universal standards:
यहां पर एक ही स्‍डैडर्ड का इस्‍तेमाल किया जाता हैं, जिसे इंटरनेट स्‍डैडर्ड कहां जाता हैं। इन स्‍डैडर्ड को दुनिया भर के सभी देशों द्वारा शेयर किए जाते हैं।

Richness:
एडवरटाइजिंग और ब्रांडिंग कॉमर्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ई-कॉमर्स वीडियो, ऑडियो, एनीमेशन, बिलबोर्ड, साइन और आदि डिलीवर कर सकते हैं। हालांकि, यह टेलीविजन टेक्‍नोलॉजी के रूप में समृद्ध है।

Interactivity:
ई-कॉमर्स टेक्‍नोलॉजी में मर्चंट और कन्‍जूमर के बीच दो-तरफ़ा कम्‍युनिकेशन होता हैं। आप ई-मेल या कॉल के द्वारा कम्‍युनिकेशन कर सकते हैं।

Information density:
अब सभी मार्केट में हिस्‍सा लेने वालों के बिच इनफॉर्मेशन कि क्‍वालिटी बेहद बढ़ी है। ऑनलाइन शॉपिंग प्रोसेस में कन्‍यूजर के पर्सनल डिटेल्‍स, प्रॉडक्‍ट की जानकारी और पेमेंट की जानकारी मर्चंट तक पहुंचती हैं और कन्‍जूमर को प्रॉडक्‍ट की जानकारी मिलती हैं।

Personalization/Customization:
किसी व्यक्ति के नाम, इंटरेस्‍ट और पिछली खरीदारी के आधार पर मैसेज विशिष्ट व्यक्ति को भेजा जा सकता हैं।

Social technology:
सोशल नेटवर्क पर कन्‍जूमर इनफॉर्मेशन को शेयर करते हैं और मर्चंट सोशल नेटवर्क पर उनके प्रॉडक्‍ट की एडवरटाइजिंग करते हैं।

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ई-कॉमर्स का फायदा (Advantages of E-commerce in Hindi) 

ई-कॉमर्स का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको सामान खरीदने के लिए दुकानदार या स्टोर तक नहीं जाना है बल्कि सामान खुद आप तक आ जाएगा. आप बस ऑर्डर कीजिए और भुगतान करके डिलिवरी एड्रेस चुन लिजिए और हो गई खरीदारी.

लेकिन इसके अलावा भी बहुत सारे अन्य फायदें एक ग्राहक को होते है जिनका विवरण इस प्रकार है.

#1 विश्वव्यापी (Global Reach)


आप ई-कॉमर्स की सहायता से पूरी दुनिया में पहुँच बना लेते है. यदि आप एक विक्रेता है तो आपके लिए नये ग्राहक ढूँढ‌ने की जरूरत नहीं रहती है. क्योंकि पूरी दुनिया आपका ग्राहक बनने के लिए तैयार है. और ग्राहक के लिए दुनियाभर के स्टोर सामान बेचने के लिए उपलब्ध रहते है. वह अपनी पसंद का कुछ भी सामान आराम से देखकर और जानकारी करके खरीद सकता है.

#2 सस्ता (Cheap Rate)


ई-कॉमर्स का संचालन एक किराना की दुकान के बराबर भी नहीं होता है यदि आप ऑनलाइन खुद का स्टोर फ्रंट बनाते है. आप बिना एक रुपया खर्च करें ऑनलाइन दुकान शुरु कर सकते है. इसलिए ग्राहकों को ज्यादा सस्ता प्रोडक्ट खरिदने को उपलब्ध रहते है.

क्योंकि कंपनियों को बिचौलियां का सहारा नहीं लेना पड़ता है. इनकी लागत का सीधा असर प्रोडक्ट की लागत पर होता है. चुकि इनकी जरूरत खत्म सी हो जाती है. इसलिए प्रोडक्ट की वास्तविक कीमत कम हो जाती है. और आपको सामान खरीदने के लिए दुकान भी नही जाना है तो किराया और पेट्रोल-डीजल की बचत भी जोड सकते है.

#3 आसान शॉपिंग (Easy Shopping)


ऑनलाइन सामान खरीदना आसान होता है. लोगों ने खुद माना है कि उन्हे दुकान से सामान खरीदने की बजाए ऑनलाइन सामान खरीदना ज्यादा आसान लगता है.

और यह तरीका उन लोगों के लिए कारगर है जिन्हे स्टोर, मॉल्स पर जाने में दिक्कत या असहजता महसूस होती है. वह अपना मन पसंद सामान आराम से घर से, ऑफिस से, कॉलेज आदि से ऑर्डर कर सकते है और उसे मन पसंद जगह पर मंगवा भी सकते है.

#4 हर समय उपलब्धता (Availability)

गली की दुकान या मॉल की भांति ऑनलाइन स्टोर का कोई खुलने-बंद होने का समय तय नहीं है. आप 24×7 शॉपिंग कर सकते है. यह दुकान साल के 365 दिन खुली रहती है.

#5 जल्दी खरीदारी संभव (Fast Checkouts)

यदि आप किसी स्टोर पर जायेंग़े तो आपको पहले से पहुँचे हुए ग्राहकों के निपटने का इंतजार करना पडेगा इसके बाद आपका नंबर आता है. और यदि आपको ज्यादा आइटम खरीदने है तब तो आपको कई-कई स्टोर्स के चक्कर लगाने पड सकते है. जो एक थका देने वाला काम साबित हो सकता है.

मगर, ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं क्योंकि आप सारा सामान एक जगह से ऑर्डर कर सकते है और लाइन में लगने की भी जरूरत नहीं रहती है.

यदि आप एक से ज्यादा आइटम खरीद रहे तो सर्च फीचर का इस्तेमाल करके अपने लिए प्रोडक्ट ढूँढ़ सकते है ब्राउज करके एक-एक आइटम की जानकारी लेकर उसे Add to Cart अगले आइटम की खोज कर सकते है.

#6 पर्सनल सिफारिश (Personal Recommendations)

ऑनलाइन स्टोर आपके सर्च व्यवहार और पुरानी शॉपिंग के आधार पर आपके लिए प्रोडक्ट की सिफारिशे करता है. और आपकी पसंद नापसंद के हिसाब से प्रोडक्ट्स सुझाता है. यह सुविधा एक फिजिकल स्टोर पर नहीं मिलती.

ई-कॉमर्स का नुकसान (Disadvantages of E-commerce in Hindi) 

जिस तरह सिक्के के दो पहलू होते है. उसी तरह ई-कॉमर्स के फायदें है तो कुछ नुकसान भी होते है. जो ग्राहक को कई मुसीबतों में फंसा सकते हैं.

प्रोडक्ट की असल जानकारी नहीं (No Touch or Seeing)

एक सामान्य स्टोर से कोई आइटम खरीदते समय हम आइटम को कई तरीकों से जांच कर सकते है. और साथीयों से भी सलाह ले सकते है.

मगर, ऑनलाइन स्टोर से सामान खरीदते समय यह सुविधा नहीं मिल सकती है. क्योंकि आप कम्प्यूटर या मोबाइल स्क्रीन से एक सोफा की जांच नही कर सकते है. जो सेलर द्वारा उस आइटम के बारे में लिखा जाता है. हमे उस पर ही निर्भर रहकर सामान की खरिदी करनी पड़ती है.

आत्म संतुष्टी कम (No Self Satisfaction)

जब ग्राहक अपने हाथों से आइटम को छू कर देखता है और आंखों से देख और परख लेता है तब उसे जो संतुष्टी मिलती है उसकी तुलना ऑनलाइन खरिदी से संभव नहीं है. क्योंकि आपको छूने और देखने की सुविधा नही मिलती है.

हाँ आप प्रोडक्ट के फोटों को देखकर खुश हो सकते है. यही सच्चाई है!

तकनीक का ज्ञान (Need of Tech Knowledge)

यदि आप ऑनलाइन शॉपिंग करना चाहते है तो आपको डिजिटल साक्षर होने की जरूरत है. यदि आपको कम्प्यूटर, इंटरनेट, नेट बैंकिंग आदि का व्यावहारिक ज्ञान नहीं है तो आपके लिए ऑनलाइन शॉपिंग बेकार है.

असुरक्षित (Security)

ई-कॉमर्स पर धोखाधडी की सबसे ज्यादा संभावना रहती है. क्योंकि ऑनलाइन धोखाधडी करना ज्यादा आसान और बारिक है. इसे एक सामान्य युजर नहीं पहचान पाता है. इसलिए इसे असुरक्षित माना गया है. साइबर क्राइम का बढ़ता ग्राफ इसे और मजबूती देता है. फिशिंग, कीलॉगर्स, डुप्लिकेट यूआरएल आदि वे तरीके है जिनके जरिए ऑनलाइन धोखाधडी की जाती है.

ग्राहक सेवा की कमी (Lack of Customer Service)

स्टोर से खरीदारी करते समय आप बहुत सारी शंकाओं का समाधान मिनटों में प्राप्त कर सकते है. आप कैशियर, क्लर्क, मैनेजर से सीधे मिलकर सवाल कर सकते है. मगर ऑनलाइन स्टोर पर यह सुविधा नहीं होती है और आपको एक निश्चित समय का इंतजार करना पडेगा यदि आप किसी सवाल का जवाब लेना चाहते है.

सामान के लिए इंतजार (Wait for Delivery)

आपने भुगतान किया और सामान आपका. मगर ऑनलाइन स्टोर पर ऐसा नहीं है. भुगतान करने के बावजूद भी आपको सामान के लिए इंतजार करना पडता है. जो गाहकों में खीज पैदा करता है. और इसे कुछ बिजनेस न तो अतिरिक्त पैसा कमाने का जरिया बना रखा है. जो ग्राहक के अधिकारों के साथ भी खिलवाड़ है.

ई कॉमर्स बिजनेस कौन कर सकता है?

 e commerce kya hai? ई-कॉमर्स के प्रकार? और ई-कॉमर्स के फायदे व नुकसान के बारे में तो आप जान ही चुके होंगे, परंतु क्या आपके मन में यह सवाल आया है कि ई-कॉमर्स बिजनेस कौन कर सकता है?  ई कॉमर्स क्या है तो सरल शब्दों में बता दें कि ई-कॉमर्स व्यापार को कोई भी कर सकता है, इसके लिए कोई भी विशेष योग्यता का जरूरत नहीं पड़ता है।

ई-कॉमर्स में आपको दरअसल एक वेबसाइट या फिर ऐप बनाना होता है, उसके बाद आप जिस भी सामान या फिर सर्विस को बेचना चाहते हैं उसे वेबसाइट पर Listing करना पड़ता है, उसके बाद जब आपका वेबसाइट तैयार हो जाता है, तब आप अपने सामान या सर्विस को ऑनलाइन मोबाइल या लैपटॉप के जरिए आसानी से कहीं पर भी बेच सकते हैं। 

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मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख  ई कॉमर्स क्या है (What is e-commerce in Hindi?) इसके प्रकारों को समझाइए? जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.

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