Firewall क्या है (What is Firewall in Hindi) पूरी जानकारी

दोस्तों नमस्कार, आज के इस लेख में हम बात करने वाले हैं “Firewall” के बारे में जैसे Firewall क्या है (What is Firewall in Hindi), यह कैसे काम करता है और Firewall कितने प्रकार के होते हैं? इस तथ्य से तो कोई भी इनकार नहीं कर सकता है कि इंटरनेट के इस गतिशील उदय ने दुनिया को क़रीब तो ला दिया है, लेकिन साथ ही में, इसने हमें विभिन्न प्रकार के सुरक्षा खतरों के साथ भी छोड़ दिया है। बाहरी attacks से एक नेटवर्क की मूल्यवान जानकारी की गोपनीयता (confidentiality) और अखंडता (integrity) सुनिश्चित करने के लिए, हमारे पास कुछ मजबूत तंत्र (mechanism) होना चाहिए और ऐसे में ही “Firewall” वजूद में आता है।

आज के समय में Security कौन नहीं चाहता लेकिन जब बात अपने Computer और Mobile की आती है तो यह और भी ज़रूरी हो जाती है क्यूंकि आज के समय में malicious activity- Virus, Trojans hackers के ज़रिये इतने बनाये जाती है कि अगर हम अपने security के बारे में थोड़ी भी गड़बड़ी का दें तो hackers हमारे mobile या computer को कभी भी hack कर सकते हैं और हमें इसके बारे में पता भी नहीं चलेगा।

Firewall क्या है (What is Firewall in Hindi) पूरी जानकारी
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Firewall Kya Hai

Firewall का उपयोग करने के लिए आपको फ़ायरवॉल के बारे में पूरी जानकारी होना चाहिए। फ़ायरवॉल एक कंप्यूटर सुरक्षा प्रणाली है, जो सभी तरह के कम्प्यूटर्स और नेटवर्क्स को हैकर्स, मैलवेयर और वायरस से बचाने के लिया बनाया गया है। फायरवॉल सुरक्षा कंप्यूटर की सुरक्षा के लिए होती है जो कंप्यूटर में वायरस आने से या एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में वायरस जाने से रोकता है।

अगर हम इंटरनेट का उपयोग कर रहे है तो कई वेबसाइट्स हमारे कंप्यूटर में वायरस डालने की कोशिश करती है, जिसे Firewall Device रोक लेता है और कंप्यूटर को सुरक्षित रखता है। फ़ायरवॉल एक प्रकार का Antivirus ही होता है, जो कंप्यूटर में पहले से ही Installed होता है।

Firewall क्या होता है – What is Firewall in Hindi

Firewall Computer को सुरक्षित रखने के लिए एक व्यवस्था है जो सभी तरह के Computers और उसके networks को घुसपेठियों, hackers और malware से बचा कर रखता है. Firewall हमारे Computer को आक्रामक software से बचाती है जो चुपके से हमारे Computers के अन्दर आ जाती है और सभी personal details उस software को भेजने वाले hackers के पास पहुंचा देती है जो इसका बहुत गलत फायेदा उठाता है.

Firewall एक तरह का सुरक्षा योजना है जो या तो एक software programs के रूप में रहता है या फिर एक hardware device के रूप में तो जब भी हमारा Computer internet से जुड़ता है तब यही firewall हमारे Computer की तरफ आ रही traffic को अन्दर आने से रोकता है. Firewall क्या है उदहारण के तौर पर मै आपको बताऊँ तो ये है की जब कभी भी हम Computer में internet का इस्तेमाल कर किसी website में जाते हैं, या कुछ videos देखते हैं और साथ ही साथ उन्हें download भी करते हैं या फिर इन सबके अलावा Internet पर कुछ भी काम कर रहे होते हैं तो ऐसे में जो भी traffic हमारे Computer की तरफ आ रहा होता है

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उसको firewall रोकता है, वो हमारे Computer के network में चारो तरह एक दिवार खड़ा कर देता है ताकि Computer में कोई unwanted software अन्दर आ कर अपने आप install ना हो जाये या कोई unwanted files Computer में ना आ जाये जिसके वजह से Computer पर virus का attack हो जाये और वो सारा data delete कर दे. Firewall सिर्फ उन्ही चीजों को अनदर आन के लिए जगह देता है जिसको हम यानि users आने के लिए इजाजत देते हैं इसके अलावा कोई भी malware या virus को अन्दर आने की इजाजत नहीं होती. ठीक उसी तरह अगर हमारे Computer में पेहले से virus मौजूद है और एक कमरे में बहुत सारे Computers एक साथ एक network में जुड़े हुए हैं तब भी firewall एक Computer के virus को दुसरे Computers तक जाने में रोकता है. इसका मतलब है की Firewall दोनों तरफ से सुरक्षा का काम करता है.

firewall का परिभाषा

firewall क्या है, इसकी एक सरल व्याख्या यह है कि यह एक निजी Computer या Computer Network की सुरक्षा के लिए हार्डवेयर या सॉफ़्टवेयर है। यह सुरक्षा सॉफ़्टवेयर या हार्डवेयर या दोनों के साथ प्राप्त की जाती है ताकि केवल अधिकृत ट्रैफ़िक की अनुमति दी जा सके और सभी अनधिकृत उपयोगकर्ताओं की Computer और निजी Network तक पहुंच को फ़िल्टर किया जा सके। Computer पर firewall एक प्रकार का साइबर सुरक्षा उपकरण है। Computer पर firewall का उपयोग सभी अवांछित पहुँच प्रयासों का पता लगाकर और उन्हें अवरुद्ध करके सूचना सुरक्षा के लिए किया जाता है। आगे बढ़ने से पहले, आप सभी को firewall की मूल बातें समझनी चाहिए और यह भी पता होना चाहिए कि firewall कैसे काम करता है।

firewall का मतलब

firewall एक Network सुरक्षा उपकरण है जो किसी संगठन द्वारा पहले से स्थापित सुरक्षा नीतियों के आधार पर इनबाउंड और आउटबाउंड Network ट्रैफ़िक की निगरानी और फ़िल्टर करता है। Firewall क्या है अपने सबसे बुनियादी रूप में, एक firewall अनिवार्य रूप से एक निजी आंतरिक Network और सार्वजनिक इंटरनेट के बीच की बाधा है। firewall का प्राथमिक उद्देश्य गैर-खतरनाक यातायात को प्रवेश करने और खतरनाक यातायात को बाहर रखने की अनुमति देना है।

History of Firewalls in Hindi:
फ़ायरवॉल का इतिहास:

फायरफाइटिंग और फायर की रोकथाम लिए किए जाने वाला शब्‍द फ़ायरवॉल को कंप्यूटर सिक्‍युरिटी ने उधार लिया हैं।

पहली पीढ़ी: पैकेट फिल्टर

नेटवर्क फायरवॉल के पहले रिपोर्ट किए गए प्रकार को पैकेट फिल्टर कहा जाता है। पैकेट फिल्टर नेटवर्क एड्रेस और पैकेट के पोर्ट को यह निर्धारित करने के लिए चेक किया जाता हैं कि उन्हें अनुमति दि जानी चाहिए, या ड्रॉप या रिजेक्‍ट कीया जाना चाहिए।

फ़ायरवॉल टेक्नोलॉजी पर पहला पेपर 1988 में प्रकाशित हुआ था, जब Digital Equipment Corporation (DEC) के इंजीनियरों ने फिल्टर सिस्‍टम को डेवलप किया जिसे पैकेट फिल्टर फ़ायरवॉल के रूप में जाना गया। यह काफी बेसिक सिस्‍टम थी जिसमें बाद में टेक्निकल इंटरनेट सिक्‍युरिटी के फीचर्स को एड किए गए।

पैकेट फिल्टर, इंटरनेट पर कंप्यूटर के बीच ट्रांसफर हो रहे पैकेट को इन्स्पेक्ट करके कार्य करते हैं। जब कोई पैकेट, पैकेट फिल्टर के नियमों के सेट से मेल नहीं खाता, तो उस पैकेट फ़िल्टर को या तो ड्रॉप किया जाता है या पैकेट को रिजेक्‍ट किया जाता है। इसके विपरीत, जब कोई पैकेट एक या अधिक प्रोग्राम फ़िल्टर नियमों से मेल खाता है,

तो इसे पास करने की अनुमति देता है। पैकेट फ़िल्टर को डिफाइन किए गए एलिमेंट्स में पैकेट सोर्स और डेस्टिनेशन एड्रेस, प्रोटोकॉल और सोर्स और डेस्टिनेशन के पोर्ट शामिल होते हैं।

दूसरी पीढ़ी: “स्टेटफुल” फिल्टर

सन 1989–1990 में एटी एंड टी बेल लेबोरेटरीज के तीन सहयोगियों, डेव प्रेस्तो, जनार्दन शर्मा और क्षितिज निगम ने फायरवॉल की दूसरी पीढ़ी डेवलप की, जिसे सर्किट-लेयर गेटवे कहा जाता हैं। दूसरी -पीढ़ी के फायरवॉल अपनी पहली पीढ़ी के पूर्वजों कि तरह काम करते हैं लेकिन OSI Model की लेयर 4 (ट्रांसपोर्ट लेयर) तक काम करते हैं।

इसमें पैकेट को तब तक रिटेन किया जाता है, जब तक इसकी स्थिति के बारे में फैसला करने के लिए पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं हो जाती।स्टेटफेट पैकेट इन्स्पेक्शन के रूप में जाना जाता है, यह उसके माध्यम से गुजरने वाले सभी कनेक्शनों को रिकॉर्ड करता है और निर्धारित करता है कि क्या कोई पैकेट किसी नए कनेक्शन की शुरुआत है, किसी मौजूदा कनेक्शन का एक हिस्सा है या किसी भी कनेक्शन का हिस्सा नहीं है।

हालांकि स्‍टैटिक नियम अभी भी उपयोग किए जाते हैं, इन नियमों में अब कनेक्‍शन टेस्‍ट शामिल किया गया हैं।

तीसरी पीढ़ी: एप्लीकेशन लेयर

मार्कस रानम, वी जू, और पीटर चर्चियर्ड ने एप्लीकेशन फ़ायरवॉल को डेवलप किया, जिसे Firewall Toolkit (FWTK) के रूप में जाना गया। जून 1994 में, वी जू ने IP फ़िल्टर और सॉकेट में वृद्धि कर FWTK को एक्‍सटेंड दिया। Firewall क्या है इसे पहले ट्रांसपेरेंट ऐप्‍लीकेशन फ़ायरवॉल के Gauntlet firewall के कमर्शियल प्रॉडक्‍ट के रूप में रिलिज किया गया। 1995-1998 के दौरान Gauntlet firewall सबसे टॉप के फ़ायरवॉल में से था।

ऐप्‍लीकेशन फ़ायरवॉल के फ़िल्टरिंग का प्रमुख लाभ यह था कि यह कुछ ऐप्‍लीकेशन और प्रोटोकॉल (जैसे कि फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल (एफ़टीपी), डोमेन नेम सिस्टम (डीएनएस), या हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (एचटीटीपी)) को “समझ” सकता था।

यह बहुत उपयोगी है क्योंकि यह पता लगा सकता है कि अगर कोई अनचाहा ऐप्‍लीकेशन या सर्विस किसी अनुमति वाले पोर्ट पर प्रोटोकॉल का उपयोग करके फ़ायरवॉल को बायपास करने का प्रयास कर रही है, या यह पता लगा सकता है कि किसी भी हानिकारक तरीके से प्रोटोकॉल का दुरुपयोग किया जा रहा है या नहीं।

Firewall कैसे काम करता है

जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है ये एक सुरक्षा दीवार का काम करता है। जिससे फ़िल्टर होकर यूजर के requested डेटा पैकेट का आना जाना होता है।हम इसे इस तरह आसानी से समझ सकते हैं। मान लिजिये किसी आफिस/घर मे एक या कई कंप्यूटर्स हैं। ये आपस मे एकदूसरे से नेटवर्क के माध्यम जैसे wifi से जुड़े हुए हैं। ऐसे नेटवर्क को Private नेटवर्क कहते हैं।जब भी कोई यूजर अपने घर मे या आफिस में रखे कंप्यूटर या अन्य devices के माध्यम से पब्लिक नेटवर्क जैसे Internet से जुड़ता है तो उसके कंप्यूटर में इंटरनेट पर फैले तमाम harmful सॉफ्टवेयर्स के पहुंचने की आशंका हमेशा बनी रहती है।

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Firewall इन्ही Private व Public network के बीच एक सुरक्षा दीवार की तरह काम करता है। ये बीच मे दोनो तरफ के नेटवर्क को प्रोटेक्ट करता है। यूजर के कंप्यूटर से इंटरनेट पर कोई वायरस वगैरह को जाने से रोकता है, और इंटरनेट से यूजर के कंप्यूटर को होनेवाले नुकसान से बचाता है।
इसलिए इसे Two way protection प्रदान करने वाला कहते हैं। जब भी कोई रिक्वेस्ट यूजर द्वारा इंटरनेट पर भेजी जाती है तो वो request सबसे पहले Firewall device या सॉफ्टवेयर के पास पहुंचती है।

Firewall उस रिक्वेस्ट के डेटा पैकेट और उसके साथ के Network ID को याद कर लेता है। जब उसकी रिजल्ट वापस इंटरनेट से उसके पब्लिक नेटवर्क में आती है तो फिर बीच मे Firewall उसे रोक लेता है और डेटा पैकेट की जांच अपने अंदर Trusted rules और यूजर के allowance को चेक करता है। साथ ही थर्ड पार्टी एप्स, वायरस इत्यादि की जांच करने के बाद फिर उन्हें प्राइवेट नेटवर्क में आने देता है। इस तरह से Firewall हमारे नेटवर्क को Unauthorozed थर्ड पार्टी सॉफ्टवेयर्स से बचाता है।

फ़ायरवॉल Businesses की सुरक्षा कैसे करते हैं?

बड़े Corporations में अक्सर अपने व्यापक नेटवर्क की सुरक्षा के लिए बहुत जटिल फायरवॉल होते हैं। Employees को कुछ खास प्रकार के ईमेल भेजने या नेटवर्क के बाहर संवेदनशील डेटा संचारित करने से रोकने के लिए firewalls को configure किया जा सकता है।

फायरवॉल को कुछ वेबसाइटों (जैसे सोशल नेटवर्किंग साइटों) को access करने से रोकने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है। फायरवॉल का उपयोग करते समय विभिन्न प्रकार के configurations की कोई सीमा नहीं है।व्यापक configurations को आमतौर पर उच्च प्रशिक्षित IT विशेषज्ञों द्वारा संभालना और बनाए रखना होता है।

फ़ायरवॉल के मुख्य कार्य (Firewall ke mukhy karya)

फ़ायरवॉल के कार्य की बात करें तो इसका मुख्य काम होता है, पब्लिक इन्टरनेट से इनकमिंग डाटा पैकेट को फ़िल्टर करके निजी नेटवर्क में अनधिकृत डाटा पैकेट के प्रवेश को रोकना।फ़ायरवॉल किसी नेटवर्क में Pre-Defined Rule के आधार पर अर्थात उसमे दिए गए परमिशन के अनुसार ही ट्रैफिक को एक्सेस करने की अनुमति देता है।

फ़ायरवॉल अवांछित ट्रैफ़िक को रोकता है और परमिट ट्रैफ़िक को नेटवर्क में एक्सेस देता है, इसलिए फ़ायरवॉल का उद्देश्य एक निजी नेटवर्क और सार्वजनिक इंटरनेट के बीच अवैध गतिविधि से सुरक्षा करना होता है। Firewall क्या है इंटरनेट पर हमेशा हैकर्स या किसी अन्य अवैध यूजर के द्वारा भेजे जानेवाले दुर्भावनापूर्ण ट्रैफ़िक जो नुकसान पहुंचाने के लिए किसी निजी नेटवर्क में घुसने की कोशिश करते हैं उससे सुरक्षा करना भी फ़ायरवॉल का काम होता है।फ़ायरवॉल किसी नेटवर्क या होस्ट में अनाधिकृत रिमोट एक्सेस को रोकने का काम करता है।

Types of Firewalls in Hindi:
फायरवॉल के प्रकार:

1) Proxy firewall:
प्रॉक्सी फ़ायरवॉल:

Proxy Server या फ़ायरवॉल क्‍या हैं इसके बारें में अधिक जानकारी के लिए पिछला पोस्‍ट देखें।

Proxy Server सीखे बिना आपका नेटवर्किंग का ज्ञान अधुरा हैं

2) Stateful Inspection Firewall:

अब एक “पारंपरिक” फ़ायरवॉल के रूप में सोचा गया है, Stateful Inspection Firewall स्‍टेट, पोर्ट, और प्रोटोकॉल पर आधारित ट्रैफिक को ब्‍लॉक या अनुमति देता है। यह कनेक्शन ओपन होने के बाद बंद होने तक सभी एक्टिविटी पर नज़र रखता है। फ़िल्टरिंग निर्णय दोनों एडमिनिस्‍ट्रेटर डिफाइन रुल्‍स और संदर्भ के आधार पर किए जाते हैं, जो पिछले कनेक्शन और उसी कनेक्शन से संबंधित पैकेट से जानकारी का उपयोग करने के लिए रेफर करता है।

3) Unified Threat Management (UTM) Firewall:

एक UTM डिवाइस में आम तौर पर Stateful Inspection Firewall को इन्ट्रूश़न प्रिवेंशन और एंटिवायरस से जोड़ता हैं। इसमें अतिरिक्त सर्विसेस और क्‍लाउड मैनेजमेंट भी शामिल हो सकता हैं। UTM का मुख्‍य फोकस सरलता और उपयोग के लिए आसानी पर होता है।

4) Next-generation Firewall (NGFW):

यह फायरवॉल सरल पैकेट फिल्टरिंग और स्टेटफुल इंस्पेक्शन से परे डेवलप हुआ है। अधिकांश कंपनियां अगली पीढ़ी के फायरवॉल को इंस्‍टॉल कर रही हैं, ताकि आधुनिक मैलवेयर और एप्लिकेशन-लेयर हमलों को रोका जा सके।

Firewall की विशेषता  (Firewall KI features)

Firewall Computer और laptop की सुरक्षा का काम करता है। चलिए इसके कुछ features के विषय में बात करते है।

Traffic monitoring

Firewall हमारे कंप्यूटर में incoming और outgoing सभी ट्रैफिक पर नजर रखता है क्योंकि कोई unwanted files या application हमारे कंप्यूटर में enter ना कर सके।

Control hackers

यदि आपके computer या laptop में firewall security नहीं है, तो hacker आपके computer या laptop को आसानी से हैक कर सकता है। और आपका सारा data चुरा सकता है। या फिर delete कर सकता है।

Virus filtering

यदि आपके कंप्यूटर में virus है और आपका कंप्यूटर एक network में जुड़ा है तो firewall एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में virus को जाने से रोकता हैं यदि आप कोई फाइल share कर रहे है तो firewall virus को जाने से रोकता है।

Bandwidth control and monitoring

Bandwidth control का उपयोग traffic को shape देने के लिए किया जाता है। और हमारे पास लिमिटेड bandwidth होता है। और उस हमे control रखना जरूरी होता है। Firewall का उपयोग करके आप website, application और यूजर के लिए bandwidth को control कर सकते है।

Personal उपयोग के लिए फायरवॉल की आवश्यकता

घरेलू उपयोग के लिए, फ़ायरवॉल बहुत अधिक सरलता से काम करते हैं।एक Personal फ़ायरवॉल का मुख्य लक्ष्य आपके निजी कंप्यूटर और निजी नेटवर्क को malicious नुक़सान से बचाना है।
Malware, malicious software, आपके घर के कंप्यूटर के लिए प्राथमिक खतरा है। एक वायरस आपके कंप्यूटर पर ईमेल या इंटरनेट के माध्यम से प्रेषित किया जा सकता है और आपकी फ़ाइलों को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है।

अन्य मैलवेयर में Trojan horse programs और spyware शामिल हैं। इन malicious programs को आमतौर पर किसी तरह की पहचान की चोरी के उद्देश्यों के लिए आपकी व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है।

How does a firewall protect Data?

अपने नेटवर्क और उपकरणों के आसपास सुरक्षात्मक फ़िल्टर लगाकर, फ़ायरवॉल विभिन्न सुरक्षा जोखिमों को रोकने में मदद कर सकता है। इनमें निम्नलिखित चीजे शामिल होती हैं: Large corporations में अक्सर अपने व्यापक नेटवर्क की सुरक्षा के लिए बहुत जटिल फायरवॉल होते हैं।
आउटबाउंड साइड पर, कर्मचारियों को कुछ प्रकार के ईमेल भेजने या नेटवर्क के बाहर संवेदनशील डेटा संचारित करने से रोकने के लिए फ़ायरवॉल कॉन्फ़िगर किया जाता है। इनबाउंड की ओर, फायरवॉल को कुछ वेबसाइटों (जैसे सोशल नेटवर्किंग साइटों) तक पहुंच को रोकने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त, फ़ायरवॉल बाहरी कंप्यूटरों को नेटवर्क के अंदर कंप्यूटर तक पहुंचने से रोक सकता है।एक कंपनी फ़ाइल साझा करने के लिए नेटवर्क पर single computer designate करने का चयन कर सकती है और अन्य सभी कंप्यूटरों को प्रतिबंधित किया जा सकता है। Malware, malicious software आपके कंप्यूटर के लिए प्राथमिक खतरा है। वायरस अक्सर पहले प्रकार के मैलवेयर होते हैं जो दिमाग में आते हैं। एक वायरस आपके कंप्यूटर पर ईमेल या इंटरनेट के माध्यम से प्रेषित किया जा सकता है और जल्दी से आपकी फ़ाइलों को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। Firewall आपके कम्पूटर को इन सब चीजों से आपके नेटवर्क को बचता है.

फायरवॉल के बारे में कुछ खास जानकारी

Windows Firewall एक Firewall System है Microsoft Windows की तरफ से जिसे Windows Defender Firewall के नाम से जाना जाता है. Firewall क्या है इसे सबसे पहले 2003 में Windows XP Operating System और Windows Server में लागू किया गया था. और उस समय इसे Internet Connection Firewall कहा जाता था.

विंडोज़ फायरवॉल भी आपके सिस्टम तक इंटरनेट के ज़रिए आ रही Harmful Program को Block करता है. ये आपके सिस्टम और इंटरनेट के बीच सुरक्षित Connection बनाता है. अगर आपके कंप्यूटर सिस्टम में Windows Defender On है तो ये आपके कंप्यूटर में Malicious Software को भी इंस्टॉल होने से रोकता है. साथ ही आपके सिस्टम को Virus Free रखने की कोशिश करता है.

फायरवॉल का उपयोग करने के क्या फायदें हैं?

  • Firewall किसी भी कंप्यूटर के लिए बेहद आवश्यक है. यह कंप्यूटर को हानिकारक तत्वों वायरस, स्पैमिंग जैसे हमलों से बचाकर कर निजी Data Safe रखता है.
  • Firewall के इस्तेमाल से न सिर्फ एक कंप्यूटर को वायरस या मैलवेयर से बचाया जा सकता है. बल्कि किसी नेटवर्क से कनेक्टेड सभी कंप्यूटर को Firewall की मदद से बचाया जा सकता है
  • Firewall सभी सॉफ़्टवेयर, फाईल्स को कंप्यूटर में कार्य करने से पूर्व भली भाँति जाँच करता है. तथा किसी प्रोग्राम को इनस्टॉल करने से पूर्व उसकी सुरक्षा जांच करता है तथा अनुमति देने के बाद ही किसी प्रोग्राम को इंस्टॉल करता हैं.
  • Firewall किसी कंप्यूटर नेटवर्क में आने वाले ट्रैफिक पर पूरी नजर रखता है.
  • Firewall ‘ट्रोजन हॉर्सेज’ को ब्लॉक करने में सहायता करते हैं. अर्थात यह इस तरह के घुसपैठियों को रोकता है जो कंप्यूटर फाईल्स के रूप में स्टोर होती हैं, तथा जब यूज़र इन फाईल्स को किसी व्यक्ति के साथ शेयर करता है तो यह दूसरे डिवाइस को भी डैमेज करते हैं
  • साथ ही कंप्यूटर में मौजूद Firewall हैकर्स की नजर से कंप्यूटर को दूर रखने का कार्य करता है.

Firewall के नुकसान

Cost (क़ीमत)

Firewall की कीमत इसके प्रकारों पर निर्धारित होती है. Software firewall की तुलना में हार्डवेयर फ़ायरवॉल अधिक महंगे होते हैं। क्युकि Hardware firewall की स्थापना और रखरखाव बहुत महंगी होती है क्युकि ये सब IT staff के बिना नहीं किये जा सकते है जबकि Software firewall में ज्यादा कुछ निवेश नहीं करना पड़ता है। इसीलिए ये सभी उपयोगकर्ता उपयोग कर सकते है।

Malware Attacks

जैसे कि मैंने आपको पहले बताया कि ये Trojans को रोकने में मदद करते है लेकिन कुछ हाईटेक प्रकार के मैलवेयर को रोकने की छमता इसमें नहीं होती है. कभी कभी आप ऐसी फाइल को कंप्यूटर में आने की परमिशन देते है जो देखने में सुरक्षित लगती है लेकिन असल में वो असुरक्षित होती है।

उन फाइल के जरिये इस प्रकार में Anti-malware software भेजे जा सकते है और सिस्टम में इनस्टॉल कर दिए जाते है। उन्हें हटाने का एकमात्र तरीका एंटी-मैलवेयर स्कैन है।

Complex Operations

छोटे बिज़नेस के लिए फ़ायरवॉल का रखरखाव आसान बना दिया गया. लेकिन बड़े संगठनों के लिए ये आज भी महंगा है. क्युकि इसके रख रखाव के लिए अलग से कर्मचारियों की आवश्यकता होती है. फ़ायरवॉल का कंप्यूटर के प्रदर्शन पर भी प्रभाव देखने को मिलता है. इससे कंप्यूटर की प्रदर्शन छमता धीमी हो जाती है.

यह कोई संदेह नहीं है कि फ़ायरवॉल आपके कंप्यूटर तक पहुंचने वाले Unauthorized accessको रोकता है. लेकिन आम लोगो की नजर से ऐसे देखा जाये तो ये अच्छा है लेकिन बड़े संगठनों के लिए यह एक समस्या हो सकती है. फ़ायरवॉल को यूज़ करने के नियम व कानून बहुत सख्त होते है इसीलिए कंपनी में होने वाले उत्पादन में बुरा प्रभाव देखने को मिल सकता है.

Firewall क्यों जरुरी है

फ़ायरवॉल एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है जैसे की हमारे घरों में दीवार होती है उसी तरह हमारे कंप्यूटर में फायरवाल या एंटीवायरस एक दीवार का काम करता है. अगर हमारे घर के चारों तरफ आग लग जाती है Firewall क्या है तो दीवारों के कारण वह आग हमारे घर के अंदर नहीं आ सकती. इसी तरह अगर हमारे कंप्यूटर में बाहर से कोई हानिकारक फाइल या वायरस आने की कोशिश करें तो फायर या एंटीवायरस उसे रोक लेता है. तो इसका सीधा सा मतलब है कि हमारे कंप्यूटर को ज्यादा सुरक्षित रखने के लिए हमें फ़ायरवॉल या एंटीवायरस की जरूरत पड़ती है

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Conclusion

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख  Firewall क्या है (What is Firewall in Hindi) पूरी जानकारी  जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.

यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए, तब इसके लिए आप नीचे comments लिख सकते हैं.यदि आपको यह लेख पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share कीजिये.

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