Insurance क्या होता है? जाने इंश्योरेंस कितने प्रकार का होता है?

दोस्तों Insurance क्या होता है :- आपने इंश्योरेंस या जीवन बीमा आदि का नाम तो पहले कभी न कभी जरूर सुना होगा क्योंकि आज के समय में टीवी इंटरनेट आदि जगह पर सबसे ज्यादा विज्ञापन Insurance (बीमा) के ही आते हैं वर्तमान में इंश्योरेंस करवाना बहुत ही लोकप्रिय हो गया है।

लगभग सभी लोग अपना लाइफ इंश्योरेंस अवश्य करवाते हैं, लेकिन अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें इंश्योरेंस (बीमा) के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें बीमा के बारे में अधिक जानकारी नहीं है तो आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

इस आर्टिकल के जरिए आज हम आपको Insurance के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे जैसे कि लाइफ इंश्योरेंस क्या होता है इसके लिए जरूरी दस्तावेज क्या हैं Insurance Kitne Prakar Ke Hote Hain आदि इस आर्टिकल को पढ़कर आपको बहुत कुछ जानने को मिलेगा।

तो चलिए दोस्तों वक्त बर्बाद ना करते हुए आर्टिकल को जल्दी से जल्दी शुरू करते हैं और जान लेते हैं कि बीमा क्या होता है और Bima Kitne Prakar Ke Hote Hain उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल जरूर पसंद आएगा।

 

Insurance क्या होता है? जाने इंश्योरेंस कितने प्रकार का होता है?
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Insurance क्या होता है? (What is Insurance)

 

Insurance या बीमा हमारे आने वाले कल या भविष्य में होने वाले नुक्सान से बचाने के लिए एक बेहतर तरीका है। क्योकिं किसी को भी अपने आने वाले कल का अंदाजा नहीं होता है, इसलिए हम भविष्य में होने वाले नुक्सान से बचने के लिए ही बीमा पॉलिसी करवाते है। अगर कोई भी व्यक्ति अपना एक Insurance करवा लेता है, और आने वाले समय में उसे किसी भी तरह की कोई समस्यां होती है, तो उसका भुगतान बीमा कंपनी करती है।

 

 

Insurance कई तरह के होते है, जीवन बीमा (Life Insurance) के अलावा यह मोटर वाहन, घर, कार, स्मार्टफोन, और प्रॉपर्टी आदि के भी होते है। अगर आपने अपने घर या वाहन का बीमा करवाया हुआ है, तो आपके वाहन में कोई ज्यादा नुक्सान हो जाता है, तो आपको बीमा कम्पनी नुक्सान का भुगतान देती है।

 

किसी भी कंपनी में अपना Insurance करवाने के लिए, कुछ कॉन्ट्रैक्ट होते है। इन कॉन्ट्रेक्ट में बीमा धारक को कंपनी में एक निश्चित धनराशि का प्रीमियम लेना होता है। आपकी इसी प्रीमियम धनराशि के अनुसार आपके होने वाले नुक्सान की भरपाई की जाती है। कुछ Insurance ऐसे भी होते है, जिनमे महीने की क़िस्त ना होकर, एक ही बार पूरी धनराशि जमा हो जाती है।

भविष्य में जब भी आपके द्वारा जिस चीज का बीमा लिया है, और उसमे कोई भी नुक्सान होता है, तो आपको बीमा करवाते समय जो कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था, बीमा कंपनी आपको उसी कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार आपके नुक्सान की धनराशि देती है। मुझे उम्मीद है, की आपको बहुत ही आसानी से समझ में आ गया होगा, Insurance क्या होता है।

 

Insurance कितने प्रकार के होते हैं? (How many types of insurance are there)

Insurance या बीमा कई प्रकार के होते है। यहाँ पर हम बीमा के सभी महत्वपूर्ण प्रकार के बारे में जानेगे। आइये जानते है, Insurance कितने प्रकार के होते है –

 

1. संपूर्ण जीवन बीमा (Whole Life Insurance)

 

संपूर्ण जीवन बीमा (Whole Life Insurance) आपके जीवन की सुरक्षा के लिए होता है। जब आप यह Inurance करा लेते है, तो इसके बाद आपकी लाइफ सुरक्षित हो जाती है। इसका मतलब है, की बीमा योजना लेने के बाद आपके जीवन में होने वाली किसी भी दुर्घटना पर आपको Insurance Company उसका खर्चा देती है। इस पालिसी का फायदा आपको तब तक मिलता है, जब तक आपको इसके प्रीमियम का भुगतान करते रहते है। Whole Life Insurance की अवधि लगभग 100 साल तक होती है। अगर आप अपने जीवन को सुरक्षित रखना चाहते है, तो आपको Whole Life Insurance लेने की योजना जरूर बनानी चाहिए।

 

2. बंदोबस्ती की योजना

 

यह बीमा योजना बहुत ही अच्छा है। इसमें आपको निवेश के दौरान आपके जीवन को कवर करने के अलावा आपके जीवन के कुछ महत्वपूर्ण कार्यों या लक्ष्यों में भी काम आता है। इस Insurance में आपको एक प्रीमियम भरना होता है, यह राशि आपके व्यापार आदि में निवेश करने के काम आती है। इसके अलावा अगर बीमा पालिसी के दौरान जिस व्यक्ति का बीमा है, उसका निधन हो जाता है, तो बीमाकर्ता द्वारा बनाये गए नॉमिनी को बीमा की पूरी राशि मिल जाती है। यह आपके निवेश और सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए एक अच्छा प्लान होता हिअ।

 

3. टर्म जीवन बीमा (Term Life Insurance)

 

Term Life Insurance एक प्रकार की सबसे अच्छी जीवन विमा योजना है, जो की आपको कम राशि के प्रीमियम में एक बड़ी कवरेज देती है। अगर किसी व्यक्ति का Term Life Insurance चल रहा है, और इस बिच बीमा धारक का निधन हो जाता है, तो जो भी बीमाधारक की सुनिश्चित राशि होती है, उसका भुगतान बीमा कंपनी करती है। जिसके बाद बीमा धारक का परिवार अपने खर्चो को पूरा कर सकता है, इसके अलावा ऋण आदि का भी भुगतान कर सकता है। इस प्लान की सबसे ख़ास बात यह है, की यह एक व्यक्ति की वार्षिक आय की 15 से 20 गुना ज्यादा राशि का बीमा राशि चुनने की सुविधा प्रदान करता है।

 

4. मनी-बैक नीति (Money Back Policy)

 

Money Back Policy के दौरान आपको एक निश्चित राशि का भुगतान करना पड़ता है। यह पॉलिसी आपको समय समय पर Money Back करती रहती है। अगर मान लीजिये आपने Money Back Policy को 20 साल की अवधि के लिए लिया है, तो यहाँ पर आपको 5, 10, 15 वे साल में एक निश्चित राशि का भुगतान मिल जाता है। इसके अलावा जब आपकी इस पॉलिसी को पुरे 20 वर्ष हो जाते है, तो आपको एक बोनस के साथ आपको पूरा भुगतान मिल जाता है।

 

5. यूनिट लिंक्ड बीमा योजना (Unit Linked Insurance Plan)

 

Unit Linked Insurance Plan बंदोबस्ती योजना की तरह कार्य करती है। इसे आपके प्रीमियम का एक हिस्सा आपको जीवन को सुरक्षित रखने के लिए दिया जाता है, और एक हिस्सा आपको Money Back करने के लिए मार्किट में लगाया जाता।

 

इंश्योरेंस क्यों लेना चाहिए? (Why should you take insurance)

 

लाइफ इंश्योरेंस का मतलब जानने के साथ साथ यह जानना भी बेहद जरूरी होता है कि असल में आपको कितना लाइफ इंश्योरेंस लेना आवश्यक होता है आपको लाइफ इंश्योरेंस का मूल्यांकन भी अवश्य करना चाहिए।

वैसे तो मनुष्य के जीवन का रुपयों में मूल्यांकन करना असंभव है लेकिन फिर भी यह जानना जरूरी होता है कि समय आने पर आपको कितने इंश्योरेंस की आवश्यकता होगी।

लाइफ इंश्योरेंस लेते वक्त आपको यह देखना चाहिए कि –

  1. दैनिक जीवन के सभी खर्चे जैसे कि घर का खर्चा, दवाई का खर्चा, आदि को जोड़ें।
  2. भविष्य में बकाया लोन चुकाने वाले रुपयों, देनदारियों आदि को जोड़ें।

आमतौर पर बीमा कवर राशि को वार्षिक आय से 10 से 15 गुना तक चुनने की सलाह दी जाती है।

 

General Insurance क्या होता है, और इसके प्रकार

 

General Insurance (साधारण बीमा) ऐसा बीमा होता है, जो की जीवन बीमा (Life Insurance) के अंतर्गत नहीं आते है, इस तरह के बीमा को General Insurance कहते है। इसके अंतर्गत कई तरह इंश्योरेंस आते है, जिनमे Fire Insurance, Marine Insurance, Motor Insurance, Accidental Insurance आदि शामिल है। यह बीमा हमें उस समय पर काम आता है, जब हमारी कोई ऐसी संपत्ति होती है, जिसे कभी भी किसी दुर्घटना में कोई नुक्सान हो सकता है, संपत्ति की सुरक्षा करने के लिए General Insurance लिया जाता है। जिस तरह से जीवन बीमा में बीमाधारक प्रीमियम का भुगतान करता है, ठीक उसी तरह से General Insurance में भी प्रीमियम भुगतान करना पड़ता है। आइये जानते है। General Insurance (साधारण बीमा) कितने प्रकार के होता है।

 

1. स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance)

 

स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) हमें ऐसी स्तिथि में काम आता है, जब हम किसी बिमारी या दुर्घटना के कारन अस्पताल में होते है। यह अस्पताल में होने वाले खर्चे को बचाता है। जब आप बीमार होते है, और आपका अस्पताल में जो भी खर्चा होता है, वह सभी खर्चा बीमा कंपनी द्वारा दिया जाता है। स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत कई पॉलिसी आती है, इसमें आप अपने एक ही प्लान में पुरे परिवार का स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) भी करवा सकते है। इसके अंतर्गत कई तरह की लाभ वाली योजनाए भी होती है। जिसमे आपको किसी ख़ास तरह की बीमारी होने पर उससे ठीक करने के लिए एक बीमा कम्पनी राशि प्रदान करती है।

 

2. यात्रा बीमा (Travel Insurance)

 

अगर आप ज्यादातर यात्रा करते है, तो आपके लिए यात्रा बीमा (Travel Insurance) बहुत जरुरी है। अगर आप कही विदेश की यात्रा पर जा रहे है, तो ऐसे में आपको या आपके सामान को किसी भी तरह का कोई नुक्सान होता है, तो बीमा कंपनी उसका भुगतान करती है। इसके अलावा उड़ान में हुई देरी, या यात्रा रद्द होने की स्तिथि में हुई क्षति से भी बचाती है। साथ ही अगर आप यात्रा के दौरान अस्पताल में भर्ती हो जाते है, तो ऐसे में आपके पुरे उपचार का खर्चा भी बीमा कम्पनी देती है।

 

3. घर बीमा (Home Insurance)

 

होम बीमा (Home Insurance) आपके घर और उसमे मौजूद सामन को होने वाले नुक्सान से बचाता है। इसके अलावा कुछ होम बीमा (Home Insurance) ऐसे भी होते है, जो की आपके घर के नवीनीकरण के दौरान होने वाले खर्चे का कवरेज भी देते है।

 

4. मोटर बीमा (Motor Insurance)

 

मोटर बीमा (Motor Insurance) आपके वाहन में होने वाली क्षति में बहुत काम आता है। अगर आपका वाहन चोरी हो जाती है, या फिर किसी तरह की टूट फुट हो जाती है, तो ऐसे में आपको आपके वाहन के लिए कवरेज मिल जाता है। मोटर बीमा (Motor Insurance) बीमा दो प्रकार के होते है, एक होता है थर्ड पार्टी मोटर बीमा, इसके अंतगत दुर्घटना में हुए किसी तीसरे पक्ष के द्वारा आपके वाहन को कोई भी नुक्सान होता है, तो उसका कवरेज मिलता है। थर्ड-पार्टी बीमा, मोटर वाहन अधिनिय 1988 के तहत सड़क पर चलने वाले सभी वाहनों के लिए अनिवार्य होता है।

मोटर वाहन का दूसरा बीमा होता है, Comprehensive Motor Insurance Policy इसके अंतर्गत आपको आग, दंगा, और किसी भी तरह के कारण आपके वाहन में हुए नुक्सान को बीमा कंपनी कवर करती है।

 

5. फसल बीमा (Crop Insurance)

 

कुछ नियमो के अनुसार प्रतियेक कृषि लोन लेने वाले किसान को फसल बिमा जरूर खरीदना चाहिए। अगर आपके पास फसल बीमा है, तो आपको फसल बीमा पॉलिसी के तहत फसल में होने वाले किसी भी तरह के नुक्सान का मुआवजा बीमा कंपनी देती है। अगर आपकी फसल बाढ़ के कारण, या फिर आग लगने के कारण, या किसी भी अन्य वजह से ख़राब होती है। तो आपको बीमा कंपनी की तरफ से फसल का मुआवजा मिलता है।

फसल बीमा पालिसी बहुत ही कड़ी होती है, जिसकी वजह से मुआवजा ना मिलने के कारण किसानो में फसल बीमा के प्रति कम उत्साह है। वास्तव में अगर आपकी फसल ख़राब हो जाती है, तो उसका मुआवजा देने के लिए बीमा कंपनी आस पास के खेतो को भी देखती है, जब आपके साथ साथ अन्य किसानो की फसल को भी नुक्सान हुआ हो तभी आपको मुआवजा मिलता है।

 

 

Insurance Claim कैसे करें? (How to make Insurance Claim)

 

मान लीजिये आप ने अपनी कार का Insurance कराया हुआ है। और किसी वजह से आपकी कार में कुछ हो जाता है, या फिर कार का एक्सीडेंट हो जाता है, या फिर आपकी कार चोरी हो जाती है। Insurance क्या होता है तो ऐसे में आपके सामने Insurance Claim का ही के विकल्प आता है। कार का Insurance Claim करने के लिए आपको बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है। लेकिन आप यहाँ पर बताये गए तरीको को अगर ध्यानपूर्वक पड़ते है, तो आपको Car Insurance Claim में आसानी हो सकती है।

 

Insurance Claim से पहले सभी Documents को तैयार करें?

 

  • आपके पास आपकी कार के रजिस्ट्रेशन नंबर की एक कॉपी जरूर होनी चाहिए।
  • आपके द्वारा कराये गए कार इंश्योरेंस पॉलिसी की कॉपी।
  • अगर आपका कार लोन सक्रीय है, तो आपको उस बैंक से Form-35 and No Objection Certificate लेना आवश्यक है।
  • फॉर्म 28, 29 और 30 के साथ साथ आपके Signature सहित आरटीओ ट्रांसफर पेपर।
  • अगर आपकी कार का एक्सीडेंट हुआ है, तो ऐसे में आपको एफआईआर की वेरिफाइड कॉपी की भी आवश्यकता होगी।
  • अगर आपकी कार चोरी हो गयी है, और अगर आपका क्लेम चोरी से सम्बंधित है, तो उसके लिए आपको पुलिस से मिली No Trail Report को ले जाना चाहिए।

 

कार चोरी होने पर क्या करना चाहिए? (What to do if a car is stolen)

 

  • अगर आपकी कार चोरी हो जाती है, या फिर एक्सीडेंट हो जाता है, तो आपको सात दिनों के अंदर अंदर Insurance Company को इसकी जानकारी देनी होती है।
  • कार चोरी होने पर तुरंत आपको पुलिस स्टेशन में एफआईआर कारवानी चाहिए, इसके बाद आपको जो एफआईआर की कॉपी मिलेगी, उसे Car Claim Settlement के लिए रख लें।
  • एक्सीडेंट होने पर आपको उसी समय पर एक्सीडेंट की फोटो खींच लेनी चाहिए, अगर हो सके तो गाड़ी के नंबर सहित फोटो क्लिक करें। यह फोटो आपको प्रूफ के लिए काम आयेगी।
  • इसके बाद आपको सभी डॉक्यूमेंट बीमा कंपनी में जमा करने चाहिए।
  • इसके बाद आपने जिस कंपनी से बीमा कराया है, उनसे आप एक सर्वे करने वाले Executive को सर्वे करने के लिए भेजने की मांग करें।
  • जब आपकी गाड़ी का सर्वे हो जाएँ, तो आप उसे रिपयेर करने के लिए दे सकते है।
  • सभी चीजे देखने के बाद, कंपनी आपकी वास्तविकता की जाचं करेगी।
  • अगर सभी चीजे वैलिड होंगी, तो आपको आपकी कार का Insurance Claim हो जाएगा।
  • जिन बीमा धारको ने पहले अपनी Car का Insurance Claim किया है, उनके अनुसार ऐसा मानना है, की आपको इंश्योरेंस कंपनी की तरफ से भेजे सभी बीमा पालिसी के डॉक्यूमेंट को अच्छी तरह से पढ़ लेना चाहिए।
  • क्योकिं आपको आपकी बीमा राशि कम्पनी की टर्म और कंडीशन के अनुसार ही मिलती है।
  • आपको किसी भी कमपनी में बीमा करवाने से पहले भी उसकी टर्म और कंडीशन को अच्छी तरह से पढ़ लेना चाहिए, वह आपको किन किन परिस्थियों में Insurance Claim करने का विकल्प प्रदान करती है।

 

इंश्योरेंस से लाभ (Benefits of Insurance)

 

Insurance सभी के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह परिवार, व्यवसाय, घर, और वाहन आदि को सुरक्षा प्रदान करने के लिए लिया जाता है। तो आइये जानते है, Insurance Advantages के बारे में पूरी जानकारी –

  • इंश्योरेंस हमारे परिवार, व्यवसाय, वाहन आदि चीजों को सुरक्षित रखने में मदद करता है
  • अगर आपके पास किसी भी तरह की कोई बीमा पॉलिसी है, तो आप अपनी बीमा पॉलिसी के द्वारा बैंक से लोन भी ले सकते है
  • अगर हम साधारण बीमा की बात करें, तो यह हमें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है
  • अगर आप कभी भविष्य में बीमार होते है, तो आप महंगे मेडिकल बिलो के खर्चे से बच सकते है
  • अगर आपने दुर्घटना बीमा लिया हुआ है, तो आपके साथ कभी भी भविष्य में कोई दुर्घटना होती है, तो आपके सभी खर्चो का भुगतान बीमा कंपनी करती है .
  • अगर आपके पास एक अच्छे प्रीमियम प्लान का बीमा है, तो यह आपको ICU (Intensive Care Unit) के किराये के लिए भी भुगतान करता है .
  • अगर आप एक सही Insurance Policy लेते है, तो यह आपको मुफ्त चेक-अप की सुविधा भी प्रदान करती है, जिससे की समय समय पर आपके स्वाथ्य की जाँच होती रहे

 

FAQ- इंश्योरेंस से संबंधित सवाल जवाब :-

 

इंश्योरेंस किसे कहते हैं?

इंश्योरेंस को हिंदी में बीमा कहते हैं जिसके अंतर्गत इंश्योरेंस कंपनी और इसके ग्राहक के बीच एक अनुबंध होता है जिसमें ग्राहक को बीमा कंपनी को प्रीमियम के तौर पर महीने या साल में कुछ पैसे देने होते हैं इसके बदले इंश्योरेंस कंपनी ग्राहक के मुस्किल समय में आर्थिक सुरक्षा की जिम्मेदारी लेती है।

 

इंश्योरेंस कंपनी क्लेम न दे तो क्या करें?

अगर आपकी इंश्योरेंस कंपनी आपके क्लेम को रिजेक्ट करदे आपको सबसे पहले बीमा कंपनी के शिकायत सेल में अपनी बात रखना चाहिए, यहाँ बात न बने तो IRDA से संपर्क करें अगर यहाँ भी बात न बने बीमा लोकपाल से शिकायत करें यहाँ आपकी पूरी बात सुनी जाएगी।

 

इंश्योरेंस की शुरुआत कहां हुई थी?

रोम के लोग लाइफ इंश्योरेंस के बारे में जानते थे लेकिन इसके आधुनिक स्वरूप की शुरुआत साल 1653 में हुई जब लंदन के श्री विलियम गिब्बंस के जीवन का का एक वर्ष का इंश्योरेंस किया गया था।

 

भारत में इंश्योरेंस कंपनी कितनी हैं?

वर्तमान में भारत में कुल 24 लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां हैं, और इनमें से एकमात्र सार्वजनिक क्षेत्र की इंश्योरेंस कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) है, बाकी सभी कंपनियां निजी इंश्योरेंस कंपनियां हैं।

 

इंश्योरेंस कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कब हुआ था?

भारत में साधारण बीमा व्यवसाय को, साधारण व्यवसाय राष्ट्रीयकरण अधिनियम 1972 में (जिब्ना) के तहत राष्ट्रीयकृत किया गया था।

 

Conclusion

 

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख Insurance क्या होता है? जाने इंश्योरेंस कितने प्रकार का होता है? जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.
यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए, तब इसके लिए आप नीचे comments लिख सकते हैं.यदि आपको यह लेख पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share कीजिये.

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