क्या होता है गारंटी & वारंटी और दोनों में अन्तर जाने

दोस्तों क्या होता है गारंटी & वारंटी और दोनों में अन्तर जाने :- जब भी आप किसी दुकान पर जाते होंगे और किसी product को आप purchase करते होंगे तो उसमे आपको गारंटी या वारंटी लिखा हुआ मिलेगा लेकिन क्या आपको मालूम है की गारंटी और वारंटी का मतलब क्या होता है यानी की Guarantee Meaning in Hindi या फिर Warranty Meaning in Hindi अगर नहीं मालूम है तो आगे आर्टिकल जरूर पढ़े आपको पूरी जानकारी मिलेगी।

आज के समय में किसी भी चीज को खरीदने से पूर्व उसके warranty period को जरूर चेक करते हैं और जब हम किसी किसी सामान को लेते हैं तो उसमें गारंटी card भी दी जाती है; इन दोनों के बिना हम चीजों को लेना पसंद भी नहीं करते या एक तरफ से यह कहे कि हम अपना फायदा ढूंढते हैं; क्योंकि अगर हम guarantee or Warranty पर कोई सामान लेते हैं तो समय सीमा अवधि से पूर्व अगर वह खराब हो जाता है।

तो हमें दुकानदार सामान को रिपेयर या बदली करके दे सकता है, किंतु हम कभी-कभी यह समझ लेते हैं कि दोनों चीजें एक ही है या हम चीजों को जान नहीं पाने के कारण असमंजस में पड़ जाते हैं तो आज मैं आपको गारंटी और वारंटी से संबंधित चीजों के बारे में आप को विस्तार पूर्वक बताने जा रही हूं जिसके बाद आपको गारंटी और वारंटी में कितना अंतर है यह आसानी से समझ में आ जाएगा और आशा है आपको यह पढ़कर इससे संबंधित जानकारी पूरी अवश्य मिल जाएगी।

 

क्या होता है गारंटी & वारंटी और दोनों में अन्तर जाने
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क्या होता है Guarantee & Warranty

 

गारंटी और वारंटी में मुख्य अंतर यह है की जहाँ वारंटी में आपको प्रोडक्ट के ख़राब होने पर कंपनी या दुकानदार द्वारा रिपेयर करके आपके प्रोडक्ट को वापस दिया जाता है वही गारंटी में प्रोडक्ट के ख़राब होने पर आपको प्रोडक्ट के बदले नया प्रोडक्ट मिलता है। आपको बता की आपको Guarantee & Warranty का लाभ प्रोडक्ट के Guarantee & Warranty पीरियड अवधि में ही मिलता है जो की विभिन प्रोडक्ट के लिए विभिन समयावधि पर निर्भर करता है। क्या होता है गारंटी गारंटी को ग्राहकों के लिहाज से अधिक उपयुक्त माना जाता है क्यूंकि यहाँ आपको प्रोडक्ट को रिपेयर करने के बजाय कंपनी द्वारा नया प्रोडक्ट दिया जाता है।

 

 

 Guarantee & Warranty में अंतर (Difference between Guarantee & Warranty)

 

अधिकतर इलेक्टॉनिक और घरेलू आवश्यकताओं वाले सामान पर जैसे फ़ोन, टीवी, लैपटॉप, फ्रिज, वाशिंग-मशीन, कूलर और ईस्त्री जैसे विद्युत् उपकरणों पर हमे दुकानदार द्वारा गारंटी या वारंटी दी जाती है। अधिकतर लोग गारंटी और वारंटी में अंतर नहीं कर पाते और इन्हे एक ही चीज समझते है। हालांकि आपको Guarantee & Warranty में अंतर ज्ञात होना आवश्यक है। Guarantee & Warranty में मुख्य अंतर निम्न प्रकार से है :-

  • वारंटी (Warranty)- जब भी आपको किसी प्रोडक्ट पर वारंटी मिलती है तो इसका अर्थ है की उस प्रोडक्ट के ख़राब होने की स्थित में दुकानदार या कंपनी द्वारा आपको प्रोडक्ट में आयी हुयी खराबी को दूर किया जायेगा। वारंटी-पीरियड में सामान के ख़राब होने की स्थित में दुकानदार/कंपनी द्वारा उस प्रोडक्ट को ख़राब होने पर निःशुल्क रिपेयर किया जाता है।
  • गारंटी (Guarantee)- जब भी आपको किसी प्रॉडक्ट पर गारंटी मिलती है तो इसका अर्थ होता है की उस प्रोडक्ट के ख़राब होने की स्थित में दुकानदार या कंपनी द्वारा आपको प्रोडक्ट को बदलकर दिया जायेगा। क्या होता है गारंटी यहाँ प्रोडक्ट के ख़राब होने की स्थिति में प्रोडक्ट को रिप्लेस कर दिया जाता है और आपको नया प्रोडक्ट मिलता है।

 

Guarantee का फायदा कैसे मिलता है? (How to get the benefit of Guarantee)

 

  • गारंटी का बेनिफिट प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई बातों को आप को ध्यान में रखना है।
  • गारंटी का फायदा प्राप्त करने के लिए आपके पास खरीदे हुए सामान का पक्का बिल होना चाहिए।
  • अगर गारंटी पीरियड के दरमियान आपका सामान खराब हुआ है, तो आप उसे वापस करके नया सामान प्राप्त करने के हकदार होते हैं।
  • वापस किए गए सामान को चेंज करके नया सामान आपको तभी प्राप्त होगा जब आपके पास पक्का बिल और गारंटी कार्ड होगा।
  • खरीदे गए सामान पर गारंटी का बेनिफिट पाने के लिए आपको सामान की पैकिंग को भी सुरक्षित रखना है।
  • गारंटी का बेनिफिट आपको तभी मिलेगा जब आप अपने सामान को गारंटी पीरियड के दरमियान हीं वापस करते हैं। गारंटी पीरियड बीत जाने के बाद आपकी कोई भी दलील नहीं चलेगी।
  • अगर कोई दुकानदार गारंटी का लाभ नहीं देता है तो आप उपभोक्ता फोरम में शिकायत करवा सकते हैं।

 

Warranty का फायदा कैसे मिलता है? (How to get the benefit of Warranty)

 

वारंटी का बेनिफिट प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई बातों को आप को ध्यान में रखना है।

  • कस्टमर के पास उसने जिस सामान को खरीदा है उस सामान का पक्का बिल होना चाहिए साथ ही वारंटी कार्ड भी होना चाहिए तभी उसे सामान पर वारंटी का बेनिफिट मिलेगा।
  • वारंटी का बेनिफिट आपको तभी मिलेगा जब आपका सामान वारंटी पीरियड के अंदर खराब हुआ हो और आप उसे वारंटी पीरियड के अंदर ही दुकानदार के पास लेकर के गए हो। नॉर्मल तौर पर वारंटी पीरियड 1 साल का ही होता है।
  • अगर सब कुछ सही है फिर भी दुकानदार के द्वारा वारंटी का लाभ नहीं दिया जा रहा है तो आप कंजूमर फोरम में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

 

वारंटी या गारंटी कैसे काम करती है? (How does a warranty or guarantee work)

 

मान लीजिए हम एक स्मार्ट टीवी खरीदते हैं जो एक साल की वारंटी के साथ आता है। खरीदारी के कुछ दिनों के बाद यह अजीब व्यवहार करने लगता है जैसे इसके कुछ कार्य अपने आप काम करने लगते हैं। रिमोट न होने पर भी ध्वनि अपने आप ऊपर या नीचे जा सकती है। क्या होता है गारंटी चूंकि उत्पाद एक वर्ष की वारंटी के अंतर्गत आता है, और हमने केवल कुछ दिनों के लिए उत्पाद का उपयोग किया है, हम उत्पाद को मरम्मत के लिए अधिकृत सेवा केंद्र में ले जा सकते हैं। क्योंकि गलती एक प्रकार की तकनीकी त्रुटि है, वे अतिरिक्त शुल्क मांगे बिना उत्पाद की मरम्मत करेंगे।

 

गारंटी-वारंटी की कुछ और खास बातें (Some more special features of Guarantee-Warranty)

 

गारंटी और वारंटी के बीच कुछ और अंतर भी होते हैं। इन बारीक अंतर के बारे में जानते हैं, जो इस प्रकार हैं:-

  1. वारंटी हमेशा कुछ समय के लिए होती है, जिसे कंपनी या दुकान की शर्तों के अनुसार घटाया-बढ़ाया जा सकता है जबकि गारंटी एक फिक्स टाइम के लिए होती है, जिसको घटाया या बढ़ाया नहीं जा सकता है।
  2. गारंटी कुछ ही खास प्रोडक्ट्स पर कंपनियों द्वारा दी जाती है। यदि आम भाषा में कहें तो बहुत ही कम वस्तुओं पर गारंटी की सुविधा कंपनियां देतीं हैं, जबकि वारंटी लगभग प्रत्येक वस्तु पर मिलती है।
  3. वारंटी का समयकाल लम्बा होता है। उसमें दुकानदार या कंपनी वस्तु पर वारंटी की सुविधा का समय कुछ पैसे देकर बढ़ा भी सकता है लेकिन गारंटी कम समय की होती है और उसमें किसी तरह का बदलाव नही किया जा सकता है।
  4. बाजार में गारंटी का महत्व अधिक होता है क्योंकि उपभोक्ता गारंटी वाली वस्तुओं को खरीदना अधिक पसंद करता है क्योंकि गारंटी के मतलब उस प्रोडक्ट की लाइफ पर पूरा भरोसा होता है,जबकि वारंटी का मतलब यही होता है यह वस्तु दिये गये समय तक चल सकती है लेकिन इसमें खराबी भी आ सकती है। इसलिये उस वस्तु पर आम उपभोक्ताजल्दी से भरोसा नहीं कर पाता है।
  5. आप उपभोक्ताओं को गारंटी देने वाली कंपनी या दुकान अपने प्रोडक्ट के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होता है। यदि कोई प्रोडक्ट कस्टमर की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता है तो उसे वह बदलने को विवश होता है। जबकि वारंटी के मामले में ऐसा नहीं होता है। वारंटी प्रोडक्ट के खरीदते समय यह वादा नहीं करती कि पसंद न आने पर या दुकानदार द्वारा किये वादे पर खरा न उतरने पर वह बदलने को विवश होगा। इसलिये दुकान स्पष्ट कह देता है कि आप अभी अपने प्रोडक्ट को पसंद कर लो। बाद में बदलने की कोई संभावना नहीं है।

 

 

FAQs:- गारंटी और वारंटी के बारे अक्सर पूछे जाने वाले सवाल जवाब :-

 

वारंटी कार्ड क्या है?

 

जब भी आप कोई ऐसा प्रोडक्ट खरीदते है जिस पर वारंटी है तो आपको उस प्रोडक्ट के साथ एक वारंटी कार्ड भी दिया जाता है जिससे उस प्रोडक्ट के ख़राब होने पर आप उस वारंटी कार्ड को दिखाकर प्रोडक्ट रिपेयर करवा सके।

 

वारंटी के नियम क्या-क्या है?

 

वारंटी के नियमो की बात करे तो वारंटी का लाभ लेने के लिए आपको वारंटी वाले उत्पाद को वारंटी की अवधि ख़तम होने से पहले दुकानदार के पास लेजाना आवश्यक है साथ ही आपके पास वारंटी कार्ड या बिल का होना भी आवश्यक है।

 

गारंटी किसे कहते है?

 

जब भी हम कोई गारंटी वाला उत्पाद खरीदते है तो उस उत्पाद के गारंटी अवधि के ख़तम होने से पहले ही ख़राब हो जाने पर हम उस उत्पाद के बदले नया प्रोडक्ट ले सकते है और इसे ही गारंटी कहा जाता है।

 

क्या गारंटी और वारंटी एक ही चीज है?

 

वैसे तो यह लगभग एक ही जैसी लगती है लेकिन इनमे कुछ मुलभुत अंतर होता है जिसके बारे में इस पोस्ट में चर्चा की गयी है तो आप इस पोस्ट को पूरा पढ़कर गारंटी और वारंटी के अंतर को समझ सकते है।

 

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Conclusion

 

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख Quora से कैसे पैसे कमाये ? टॉप 10 सरल तरीका जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.
यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए, तब इसके लिए आप नीचे comments लिख सकते हैं.यदि आपको यह लेख पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share कीजिये.

 

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