NGO क्या है ? NGO Kaise Kam Karta Hai (In Hindi)

दोस्तों नमस्कार, आज हम बात करेंगे NGO क्या है “गैर सरकारी संगठन” होता है। एनजीओ का मतलब एक ऐसे गैर सरकारी संगठन से है जो न तो सरकार का हिस्सा है और न ही पारंपरिक लाभ का व्यवसाय।NGO क्या है यह गैर लाभकारी व्यवसाय है जो बुजुर्ग, गरीब असहाय बच्चों, और पर्यावरण इत्यादि से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए बनाया गया एक संगठन है। यदि आप भी NGO Kya Hai (What Is NGO in Hindi) व NGO में कौन कौन से पद होते है के बारे जानना चाहते है तो पोस्ट को अंत तक पढ़े।

देश में आज ऐसे बहुत से गरीब और बेसहारा लोग है जो गरीबी और उत्पीड़न का शिकार है वहीं आज के ऐसे दौर में जहाँ इंसानियत शायद ही बची होगी, उन्हीं में से NGO Organization किसी फ़रिश्ते से कम नहीं है जो अपने लाभ के बारे में बिना सोचे इन लोगों की मदद करते है। क्या आप भी इन लोगों की मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाना चाहते है परन्तु इसके लिए आपको NGO Ki Jankari (NGO Details in Hindi) पूरी तरह से होना चाहिए।

NGO क्या है ? NGO Kaise Kam Karta Hai (In Hindi)
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NGO Kya Hai

एनजीओ का मतलब (NGO Meaning in Hindi) गैर सरकारी संगठन है जो कि एक निजी संगठन होता है। NGO के द्वारा लोगों की मदद करके सामाजिक काम किया जाता है जिसमें कई तरह के काम किये जाते है जैसे- विधवा महिलाओ के लिए आवास, गरीब अनाथ बच्चों को पढाना, महिलाओ की सुरक्षा आदि। इस संगठन में सरकार की कोई भूमिका नही होती है।

समाज का कल्याण करना NGO के उद्देश्य में मुख्य है। यह ऐसा संगठन है जिसे कोई भी व्यक्ति चला सकता है। NGO का विकास अमेरिका में किया गया था क्योंकि अमेरिका में ऐसे बहुत से सामाजिक कार्य किये जाते है जो सरकार के अलावा इन संगठनों के द्वारा किये जाते है।

NGO एन.जी.ओ. का फुल फॉर्म

एन.जी.ओ. (NGO) का फुल फॉर्म “Non- Governmental Organization” होता है, इसे हिंदी में “गैर सरकारी संगठन” कहा जाता है, एन.जी.ओ. एक ऐसी समिति/ संगठन होता है, जिसको किसी भी सरकार द्वारा संचालन नही किया जाता है | एन.जी.ओ. (NGO) को किसी भी तरह का लाभ उठाना या फिर किसी भी कंपनी का प्रचार करने के लिए नहीं बनाया जाता है, इसका उद्देश्य  सिर्फ और सिर्फ समाज की सेवा करना होता है । इसके माध्यम से बहुत से सामाजिक कार्य किये जाते है | एन.जी.ओ के रजिस्ट्रेशन और मान्यता के नियम और कानून हर राज्य में अलग-अलग होती है, इसलिए अपने राज्य के नियम और कानून का पालन करें, लेकिन सामान्य नियम ये है, कि पहले एन.जी.ओ की समूह बनाई जाती है । एन.जी.ओ का मुख्य उद्देश्य समाज की सेवा करना होता है | NGO क्या है यह समिति किसी आम आदमी, सरकार या किसी व्यापारी संस्थान द्वारा स्थापित किया जाता है | एन.जी.ओ (NGO)  को किसी समुदाय स्तर, शहर स्तर, राष्ट्रीय स्तर या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गठित किया जाता है ।

एनजीओ क्या होता है

एनजीओ को स्वयं सेवी संस्था या गैर-सरकारी संगठन के नाम से भी जाना जाता है और ये मुख्यतः तीन प्रकार के होते है, जिन्हें ट्रस्ट, सोसाइटी और नॉन प्रॉफिट कंपनी (धारा 8) के रूप में विभक्त किया जा सकता है | एनजीओ का फुल फॉर्म ‘गैर-लाभकारी स्वयंसेवी संस्था’ या‘ Non-Profit Organisation’ होता है | ट्रस्ट, सोसाइटी और नॉन प्रॉफिट कंपनी की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया चाहे कोई भी हो, परन्तु इन्हें गैर-लाभकारी स्वयंसेवी संस्था या NGO ही कहते है | इन्हें सरकार की ओर से कर में भी छूट प्राप्त होती है |

एनजीओ (NGO) का क्या मतलब है? 

ऐसी संस्था जिसमे बिना सरकारी हस्तक्षेप के समाज के लोगो के हित से जुड़े कार्य (सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, पर्यावरणीय या अन्य किसी भी प्रकार का सर्वहिताय) समाज में आपसी सहमती से किये जा सके, तो उस संस्था को ‘गैर-लाभकारी स्वयंसेवी संस्था’ या एनजीओ कहते है | भारत में इन्हें मुख्यत:ट्रस्ट, सोसाइटी और नॉन प्रॉफिट कंपनी के रूप में पंजीकृत कराया जाता है |

यह संस्था सभी लोगों को मुफ़्त सेवा प्रदान करती है | इसलिए  NGO संस्था कोई भी समाजसेवी व्यक्ति खोल सकता है वहीं दुनिया में बड़ी तदाद में एनजीओ खुले भी है, जिनमे बड़ी संख्या में लोग काम कर रहे है, जिनमे से कुछ  लोग संयुक्त संगठन  खोलकर काम कर रहें है, तो कुछ लोग individual NGO  खोले हुए हैं | वहीं,  कुछ एनजीओ charity purpose के लिए भी चलाये जाते है |

NGO के बारे में जानकारी 

हम आपको एनजीओ से जुडी कुछ उपयोगी जानकारी के बारे में बता रहे है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए व हम आपको यह भी बता रहे है की एनजीओ  कैसे शुरू किया जा सकता है व किसके द्वारा  शुरू किया जा सकता हैं. एनजीओ किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं चलाया जा सकता एनजीओ  चलाने के लिए 7 या इससे अधिक व्यक्तियों की आवश्यकता होती हैं व एनजीओ  खुद के लाभ के लिए नहीं चला सकते यह सिर्फ दुसरो की मदद के लिए चलाया जा सकता हैं.

अगर आप समाज में कोई भी नया कार्य करना चाहते है या समाज सेवा करना  चाहते है तो  ऐसे में आप रजिस्टर्ड या बिना रजिस्ट्रशन वाले एनजीओ  से संपर्क कर के उनके द्वारा यह कार्य कर सकते है बिना रजिस्ट्रेशन एनजीओ  को सरकार की सहायता नहीं मिलती जबकि रजिस्टर्ड एनजीओ  को सरकार के द्वारा भी सहायता प्राप्त होती हैं.

अगर कोई व्यक्ति चाहता है की उसको सरकार की मदद लिए बिना ही समाज सेवा करनी है व लोगो की मदद करनी है तो वो बिना किसी रजिस्ट्रेशन के भी कार्य कर सकता है इसमें व्यक्ति को स्वयं सभी कार्य करने होंगे सरकार उसमे कोई सहायता नहीं करती.

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NGO कैसे काम करता है?

NGO को किसी एक व्यक्ति के द्वारा नही चलाया जा सकता। NGO में 7 या इससे ज्यादा व्यक्ति शामिल होते है। इसका मकसद लाभ प्राप्त करना नहीं होता है बल्कि इसे दुसरो का भला करने के लिए चलाया जाता है। NGO क्या है किसी ऐसे व्यक्तियों का समूह जो सामाजिक कार्य या सामाजिक सुधार का काम करने की इच्छा रखते है तो वह Registered या बिना Register किये NGO द्वारा इन कार्य को कर सकता है।

परन्तु रजिस्टर्ड NGO होने पर यह फायदा मिलता है की आप सामाजिक कल्याण के लिए जो कार्य कर रहे है उसके लिए आप सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकते है। यदि कोई समाज सेवक सामाजिक कल्याण का काम सरकार की सहायता के बिना करना चाहता है तो वह रजिस्टर्ड किए बिना एनजीओ भी चला सकता है।

भारत में लगभग 1 से 2 लाख तक NGO होने का अनुमान है। भारत के सभी NGO केंद्रीय सोसायटी अधिनियम के अंतर्गत आते है जबकि राजस्थान में राजस्थान सोसायटी अधिनियम बना है। एक NGO इस तरह काम करता है और अपना एक समूह बनाकर लोगों की सहायता करता है।

NGO खोलने के मुख्य उद्देश्य

  • गरीब और अनाथ बच्चों को शिक्षा देना।
  • School में बच्चों को प्रोटीन युक्त भोजन दिलवाना।
  • बच्चों को Books Provide करना।
  • गरीब महिलाओं को आवास देना।
  • जल संवर्धन के कार्य करना।
  • आदिवासी समाज की सभी समस्या हल करना।
  • समाज में किसी तरह की बीमारी से झुझ रहे लोगों की मदद करना।
  • वृद्ध लोगों की मदद करना।

NGO के कार्य (What Is NGO Work)

एनजीओ के बारे में इतना जानने के बाद आप जरूर जानना चाह रहे होंगे कि NGO Ke Kaam क्या है। तो चलिए आगे जानते है NGO Work In Hindi क्या है:

एनजीओ के कार्य में विभिन्न तरह के काम शामिल है जिसमें गरीब-बेसहारा लोगों की ज़रूरतों को पूरा करना और सिर्फ गरीब और बेसहारा ही नहीं बल्कि ऐसे लोगों की भी सहायता करना जो शारीरिक रूप से कार्य करने में अयोग्य होते है।

दुनिया भर में NGO विभिन्न प्रकार के समाज कल्याण और मानव कल्याण के उद्देश्य से कार्य करते है। यह संगठन निरंतर विकास की दिशा में काम करते है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाते है।

NGO का कार्य जरुरतमंद लोगों की सहायता करना है। यह गरीब बेसहारा लोगों के दुःख-दर्द को समझते है। वह ऐसे कई सारे लोगों को ढूंढ ही लेते है जो इनके साथ-साथ गरीब लोगों की मदद कर सके। NGO का काम पैसा कमाना नही होता यह लोगों की मदद करने का काम करती है। यही NGO Ki Visheshta होती है।

वैसे तो NGO द्वारा कई तरह के कार्य किये जाते है लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य सामाजिक कारणों पर कार्य करना होता है।

NGO Ke Uddeshya में शामिल कुछ मुख्य कार्य इस प्रकर है;

  • गरीब अनाथ बच्चों को शिक्षा देना।
  • स्कूल में बच्चों को अच्छा भोजन दिलवाना।
  • आर्थिक से रूप से कमजोर बच्चों को किताबें प्रदान करना।
  • महिलाओं को आवास देना।
  • जल संवर्धन के कार्य करना।
  • आदिवासी समाज की समस्या हल करना।
  • समाज में किसी तरह की बीमारी से झुझ रहे लोगों की मदद करना।
  • वृद्ध लोगों की मदद करना।

सामाजिक विकास में एनजीओ (NGO) की भूमिका महत्वपूर्ण

NGO नॉन प्रॉफिट आर्गेनाईजेशन (Non Profit Organisation) भी होता है, सामाजिक विकास में एनजीओ की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। हम आप में से कई लोग इन एनजीओ के साथ जुड़कर समाजसेवा करते है। इन एनजीओ के साथ मिलकर वॉलेंटियर्स बनकर बेहद ही सराहनीय काम करते है। अगर हम खुद भी एनजीओ गठित कर समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय होना चाहते हैं, तो आइए जानते हैं इसकी गठन प्रक्रिया और एनजीओ के दूसरे महत्वपूर्ण पहलुओं को।

एनजीओ के प्रकार (types of ngo)

NGO को विभिन्न कारकों जैसे Orientation या Cooperation के स्तर के आधार पर विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है. गैर-सरकारी संगठनों को सहयोग के स्तर के अनुसार समुदाय आधारित संगठन यानी Community-based Organization में बांटा जा सकता है. जैसे- City wide organization, National NGO और International NGO

NGO के लिए उपयोग किए जाने वाले कुछ प्रसिद्ध शब्द निम्नलिखित हैं. जिनके आधार पर NGO’s को वर्गीकृत किया जाता है

  • BINGO › इसका फुल फॉर्म Business-friendly International NGO है.
  • CSO › CSO का फुल फॉर्म Civil Society Organization है.
  • DONGO › इसका फुल फॉर्म Donor Organized NGO है.
  • ENGO › ENGO का अर्थ Environmental NGO होता है. ये पर्यावरण की ओर अपना ध्यान केन्द्रति करते हैं.
  • CITS › यह एक प्रकार का NGO है जो मूल रूप से युवा प्रतिभाओं को R & D की ओर प्रेरित करके वैज्ञानिक समुदाय की मदद करने में समर्पित है.
  • GONGO › ये सरकार द्वारा संचालित NGO होती हैं. इसका फुल फॉर्म Government-operated NGO होता है.
  • INGO › ये अंतरराष्ट्रीय प्रकार की NGO होती हैं. इसका फुल फॉर्म International NGO होता है.
  • QUANGO › इसका फुल फॉर्म Quasi-autonomous NGO होता है. इसके उदाहरण अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (ISO) जैसे अर्ध-स्वायत्त NGO’s हैं.
  • TANGO › इसका फुल फॉर्म Technical assistance NGO होता है.
  • GSO › इसका अर्थ Grassroots Support Organization होता है.
  • MANGO › इसका अर्थ Market Advocacy NGO होता है.
  • CHARDS › इसका फुल फॉर्म Community Health and Rural Development Society होता है.

NGO की एक रिपोर्ट के अनुसार एनजीओ की संख्या:- 

  1. महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा करीब 418 लाख NGO है।
  2. आंध्रप्रदेश में 416 लाख NGO हैं।
  3. उत्तर प्रदेश में 413 लाख NGO हैं। 
  4. केरल में 313 लाख NGO हैं। 
  5. कर्नाटक में 119 लाख NGO हैं। 
  6. गुजरात व पश्चिम बंगाल में 117-117 लाख NGO हैं। 
  7. तमिलनाडु में 114 लाख NGO हैं। 
  8. उड़ीसा में 113 लाख NGO हैं। तथा 
  9. राजस्थान में 1 लाख NGO सक्रिय हैं।

दोस्तों यदि किसी व्यक्तियों का समूह किसी क्षेत्र में सामाजिक कार्य या सामाजिक सुधार का काम करना चाहता है, तो वह रजिस्टर या बिना रजिस्टर एनजीओ के द्वारा इन कार्य को कर सकता है। हालांकि, रजिस्टर एनजीओ से यह फायदा है कि – आप इनमें सरकार से या अन्य कंपनी से सामाजिक कल्याण के लिए आर्थिक सहायता ले सकते हैं।

दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें – वर्तमान में सबसे ज्यादा एनजीओ अगर किसी देश में है; तो वह भारत देश में है। आइए अब जानते हैं एनजीओ कौन-कौन से काम करता है।

NGO कैसे खोले

आप अपना एक ग्रुप बनाकर NGO चालू कर सकते हैं। हमारे देश में एनजीओ का संचालन कई कानूनों के तहत होता है जैसे कि इंडियन ट्रस्ट एक्ट (1982), पब्लिक ट्रस्ट एक्ट (1950), इंडियन कंपनीज एक्ट (1956-धारा- 25), रिलीजियस एंडोमेंट एक्ट  (1863), चेरीटेबल एंड रिलीजियस ट्रस्ट एक्ट (1920), मुस्लिम वक्फ एक्ट (1923), वक्फ एक्ट (1954), पब्लिक वक्फ—एक्सटेंशन ऑफ लिमिटेशन एक्ट (1959) आदि।

वैसे हमारे देश में NGO चालू करना ज्यादा मुश्किल नहीं है। बिना मुनाफे घाटे के काम करने वाले NGO Company Act Section 25 के अंतर्गत ट्रस्ट संस्था, सोसायटी या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में अपना NGO Registered करवा सकते हैं।

NGO Kaise Banaye

अगर आप NGO बनाना चाह रहे है तो उसके लिए पहले आपको NGO संस्था बनाने के नियम को समझना होगा। क्योंकि यह नियम राज्य के हिसाब से अलग-अलग होते है। इन नियमों को Follow करके ही आप NGO बना सकते है। NGO में काम करने के लिए आपको NGO का सदस्य बनना होगा। आप NGO के Registration के समय ही इसके सदस्य बन सकते है। NGO के गठन के लिए कम से कम 7 सदस्य होना जरुरी है।

एनजीओ के गठन के लिए आपको इसके लक्ष्य, उद्देश्य को तय करने के साथ ही इसके अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष, सलाहकार सदस्य आदि सदस्य तय करने होते है। इन सबसे मिलकर ही एन.जी.ओ की संरचना बनती है। NGO शुरू करने से पहले आपको लोगों की परेशानियों को पहचानना होगा। उसके हिसाब से अपने NGO के उद्देश्य और मिशन को पहचाने और समाज के अंदर लोगों को क्या समस्याएं है उसके अनुसार NGO में कार्य किया जाता है।

बहुत से लोग अपनी समस्या के लिए आवाज़ नहीं उठा पाते है। NGO क्या है उनकी समस्या कोई नहीं सुनता, इसलिए किसी भी NGO का यही उद्देश्य होना चाहिए की वह लोगों की परेशानी को सुने, समझे और उसके हिसाब से अपने NGO को शुरू करे तभी एनजीओ का सकारात्मक प्रभाव दिखाई देता है।

गैर सरकारी संगठन को स्थापित करने के लिए ऐसे लोगों का समूह बनाये जो सभी कार्यों को एक सही रणनीति जिसमें वित्तीय प्रबंधन, मानव संसाधन, और नेटवर्किंग जैसे सभी तरह के कार्यो को कर सके और उन निर्णयों को लेने के लिए पूरी तरह से उत्तरदायी भी हो।यह थी NGO Kaise Banta Hai के बारे में कुछ जानकारी अब आपको NGO Kaise Banaya Jata Hai इस बारे में अच्छे से समझ में आ गया होगा। चलिए अब आपको आगे बताते है कि NGO में रजिस्टर करने के लिए आपको किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।

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NGO Ke Liye Documents

यदि आप NGO के लिए रजिस्टर कर रहे है तो आपके पास कुछ आवश्यक डाक्यूमेंट्स होने चाहिए जैसे:

  • ट्रस्ट डीड / मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन
  • नियम और विनियम / ज्ञापन
  • एसोसिएशन विनियमन के लेख
  • राष्ट्रपति से शपथ पत्र
  • आईडी प्रूफ (वोटर आईडी / आधार कार्ड)
  • निवास प्रमाण
  • पंजीकृत कार्यालय का पता प्रमाण
  • पासपोर्ट (अनिवार्य)

NGO Ki Sthapna करने के लिए आपको इन दस्तावेजों की जरुरत होगी।

अगर आप NGO शुरू करने जा रहे है तो आपको अपने एनजीओ के नाम से अलग बैंक अकाउंट खुलवाना होगा इसके लिए आपके पास पैनकार्ड होना चाहिए क्योंकि इसकी मदद से आप बैंक अकाउंट खुलवा पाएंगे। खाता इसलिए खुलवाया जाता है क्योंकि यदि कोई डोनेशन देता है तो वह NGO के खाते में ही जाता है।

NGO Kaise Register Kare

यदि आप भारत देश में NGO बनाना चाहते है तो इसके लिए 3 तरह की प्रक्रिया होती है या आप एनजीओ का रजिस्ट्रेशन इन 3 अधिनियम में से किसी एक अधिनियम में कर सकते है।

  • Trust Act

ट्रस्ट एक्ट भारत के अलग-अलग राज्यों में होता है परन्तु यदि किसी राज्य में Trust अधिनियम नही है तो उस राज्य में 1882 ट्रस्ट एक्ट लागू होता है। इस अधिनियम के अंतर्गत कम से कम दो Trustees होना जरुरी है।

अगर इस अधिनियम के तहत NGO का रजिस्ट्रेशन करना है तो आपको Charity Commissioner या Registrar के ऑफिस में आवेदन देना होगा। Trust Act के अंतर्गत NGO Register करने के लिए आपको Deed Document लगाना होगा।

  • Society Act

इस अधिनियम के तहत NGO को सोसाइटी के रूप में रजिस्टर किया जाता है। लेकिन कुछ राज्यों जैसे- महाराष्ट्र राज्य में सोसाइटी अधिनियम के तहत NGO को Trustee के तौर पर भी Registered किया जा सकता है।

सोसाइटी एक्ट में रजिस्ट्रेशन करने के लिए ‘Memorandum Of Association And Rules And Regulation Document’ लगाया जाता है। इस डॉक्यूमेंट को बनाने के लिए कम से कम 7 सदस्यों की आवश्यकता होती है ना की स्टाम्प पेपर की आवश्यकता पड़ती है।

  • Companies Act

कम्पनीज एक्ट के अंतर्गत NGO का रजिस्ट्रेशन करने के लिए ‘Memorandum And Articles Of Association And Regulation Document’ की आवश्यकता होती है।

इस दस्तावेज को बनाने के लिए किसी भी प्रकार के स्टाम्प पेपर की जरुरत नही होती है और यह दस्तावेज बनाने के लिए कम से कम तीन सदस्यों का होना जरूरी है।

NGO Management Course कराने वाले प्रमुख संस्थान

  • टाटा इंस्टीटय़ूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई, महाराष्ट्र
  • दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
  • एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ एनजीओ मैनेजमेंट, नोएडा, उत्तर प्रदेश
  • मदुरै कामराज विश्वविद्यालय, मदुरै, तमिलनाडु
  • अन्नामलाई विश्वविद्यालय, अन्नामलाई नगर, तमिलनाडु राज्य
  • भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान, गांधीनगर, गुजरात राज्य
  • जेवियर इंस्टीटय़ूट ऑफ सोशल साइंसेज, रांची, झारखंड
  • ग्रामीण प्रबंधन संस्थान, आणंद, गुजरात
  • लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ, उत्तर प्रदेश राज्य
  • सेंटर ऑफ सोशल इनीशिएटिव एंड मैनेजमेंट, हैदराबाद,तेलंगाना राज्य

NGO की पढ़ाई के लिए विदेशी संस्थान

  • टेंपल युनिवर्सिटी (जापान)
  • कैस बिजनेस स्कूल (लंदन)
  • एनजीओ मैनेजमेंट स्कूल (बेसिंस, लंदन)

NGO के लिए Fund कैसे प्राप्त करे

अपने NGO के लिए फंड इकट्ठा करना एक NGO के लिए सबसे कठिन काम होता है।

अगर आप प्रोफेशनल और सही तरीके से काम नहीं करते हैं तो आपके लिए पैसे जुटाना असंभव सा लगने लगता है।

परंतु आपको इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस आर्टिकल में हम आज आपको इसके बारे में बताने वाले हैं कि आप अपने एनजीओ के लिए अधिक से अधिक पैसे कैसे इकट्ठा कर सकते हैं।

1. Private Company से Contact करें

आप चाहे तो अपने एनजीओ के लिए प्राइवेट कंपनियों से भी पैसे जुटा सकते हैं।

आप छोटी कंपनियों को कॉल करके या ईमेल भेजकर आर्थिक सहायता के लिए कह सकते हैं।

इसके लिए एनजीओ की वेबसाइट का होना बहुत ही जरूरी है क्योंकि आपकी वेबसाइट आपके एनजीओ की विश्वसनीयता को काफी बढ़ा देती है।

2. Government से Fund कैसे लें

यदि आपका एनजीओ सरकारी बुक में रजिस्टर है तो आप सरकार से अपने एनजीओ के लिए आर्थिक सहायता ले सकते हैं। सरकार से फंड प्राप्त करने के लिए आपको थोड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है पर अगर आप सही तरीके से प्रयास करते हैं तो आप सरकारी सहायता अपने एनजीओ के लिए प्राप्त कर सकते हैं।

3. Fund के लिए कार्यक्रम का आयोजन

आप अपने एनजीओ के लिए फंड प्राप्त करने के लिए किसी भी प्रकार के सामाजिक अथवा धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन करवा सकते हैं जिसमें आप अपने कार्यों से सबको अवगत कराएं और लोगों को आर्थिक सहायता के लिए उत्साहित करें।

ऐसे किसी भी कार्यक्रम में आप अपने आसपास के सामाजिक व्यक्ति, डॉक्टर, वकील, नेता जैसे लोगों को बुला सकते हैं और उन्हें अपने एनजीओ के लिए फंड देने के लिए प्रेरित कर सकते हैं

Names of NGOs in India in Hindi (ngo ke naam) – भारत के प्रमुख एनजीओ के नाम क्या है?

भारत के कुछ टॉप गैर सरकारी संगठनों के नाम की लिस्ट दी गयी है जो व्यापक रूप से कार्यरत है, जैसे –

  1. मुस्कान फाउंडेशन
  2. नन्ही कली 
  3. गिव इंडिया फाउंडेशन
  4. गूंज
  5. हेल्पेज इंडिया
  6. क्राइ
  7. केयर इंडिया
  8. चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन
  9. सम्मान फाउंडेशन
  10. प्रथम

गैर-सरकारी संगठन शिकायतें क्या हैं ?

  • पैन – इसके अलावा एनजीओ पंजीकरण के बाद उन्हें पैन के लिए आवेदन करना होगा
  • आईटी अधिनियम – एनजीओ पंजीकरण के बाद गैर-सरकारी संगठन को कर लाभ लेने के लिए आयकर अधिनियम की धारा 12 ए के तहत पंजीकरण करना चाहिए। हालांकि यह एक अनिवार्य क्लॉज नहीं है लेकिन गैर-सरकारी संगठनों को ऐसा करना चाहिए जिसे कराधान (Taxation) से मुक्त होना चाहिए।
  • आयकर अनुपालन– गैर-सरकारी संगठनों को अपने दाताओं को अपने दान (Donation) पर कराधान से छूट देने की अनुमति देने के लिए, धारा 80 जी के तहत खुद को पंजीकृत करना होगा। जबकि यह अनिवार्य नहीं है गैर-सरकारी संगठनों के लिए यह बहुत फायदेमंद है।
  • एफसीआरए– यदि गैर सरकारी संगठन विदेशी निधियों (Foreign funds) को स्वीकार करता है तो उसके पास गृह मंत्रालय के एफसीआरए प्रभाग (division) से पंजीकरण होना चाहिए।
  • TAN– हालांकि स्रोत से कराधान को हटाने के लिए NGO को TAN के लिए पंजीकरण करना होगा।
  • जीएसटी पंजीकरण – यदि एनजीओ धन प्राप्त करने के लिए अनुसंधान या परामर्श करता है और जो एक निश्चित सीमा को पार करता है तो गैर-सरकारी संगठन को जीएसटी पंजीकरण होना चाहिए।
  • प्रोफेशनल टैक्स – यदि एनजीओ अपने वेतन में कटौती करता है और  कर्मचारियों से टैक्स जमा कराना चाहता हैं।

NGO खोलने के लाभ

वर्तमान के समय में NGO अतिरिक्त आय का अच्छा साधन बन चुका है। कई बार दूसरी नौकरियों से ज्यादा NGO में वेतन मिलता है और अगर आप किसी अंतरराष्ट्रीय एनजीओ में कार्यरत हैं तो आपकी सैलरी तो बहुत ही अधिक होगी, साथ ही इसमें समाज सेवा का सुकून भी मिलता है। NGO क्या है कई बार कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए NGO खोलते हैं क्योंकि एनजीओ में मिलने वाला फंड आयकर मुक्त होता है।

इसलिए जो लोग Black Money अथवा काले धंधे करते हैं वह अपने पैसे को वाइट मनी बदलने के लिए तथा सरकार को Tax देने से बचने के लिए एनजीओ खोलते हैं। इसके अलावा वह अपने NGO को दिखाकर पूरी दुनिया के बड़े-बड़े लोगों से करोड़ों में फंड लेते हैं। इसका कुछ हिस्सा वह सामाजिक कार्य में खर्च करते हैं बाकी सारा पैसा वह व्यक्तिगत कार्य के लिए रखते हैं। इस तरह वे एनजीओ के द्वारा काफी अच्छे पैसे कमाते हैं।

NGO खोलने का एक फायदा यह भी है कि आपको बड़े-बड़े लोगों से मिलना पड़ता है जिसके कारण आपकी पहचान बड़े बड़े लोग जैसे फिल्मी हस्तियां, राजनेता तथा अन्य जानी-मानी हस्तियों से होती है और आपका सामाजिक संपर्क तगड़ा बनता है।

इसके अलावा नए एनजीओ का गठन पैसा कमाने के लिए, सरकार से अपना Tax बचाने के लिए, राजनीति में अपना करियर बनाने के लिए, प्रसिद्धि पाने के लिए तथा और बहुत तरह के व्यक्तिगत फायदे को देख कर किया जाता है।

एनजीओ से संबंधित अन्य बातें

NGO एक ऐसा क्षेत्र है जिसकी डिमांड विदेशों में भी काफी है यूनिसेफ, यूनेस्को, यूनाइटेड नेशन, विश्व बैंक, नाटो, विश्व स्वास्थ्य संस्था, एमनेस्टी इंटरनेशनल, रेड क्रॉस, ग्रीनपीस, कॉमनवेल्थ, हुमन राइट एनवायरमेंट प्रोटक्शन जैसी संस्थाओं के साथ जुड़कर भी आप क्षेत्र में काम कर सकते हैं।

NGO को फण्ड कौन देता है?

  • इन गैर सरकारी संगठनों को फण्ड आज के समय में हर अमीर मध्य वर्ग के लोग अपना अपना योगदान पाकर इनकी मदद करते है |
  • आज की इंटरनेट की दुनिया में इन NGO या फाउंडेशन की वेबसाइट भी आपको इंटरनेट पर मिल जाएगी जिस के जरिए काफी समाज सेवी लोग अपनी तरफ से ऑनलाइन फण्ड इन गैर सरकारी संगठनों के खाते में भेजते है | ताकि गरीब बेसहारा लोगो का जीवन निर्वाह हो सके |
  • बड़े ओहदे पे लगे लोग जैसे जज ,वकील ,डॉक्टर्स ,अफसर जैसे ककई बड़े लोग इन फाउंडेशन की मदद करने में आगे आए है |
  • व्यपारिक वर्ग में बड़े-बड़े व्पारि अपना-अपना योगदान देकर गरीब बच्चो और वृद्ध लोगो के लिए खाने पीने, और पहनने के लिए कपडे ,दवाइयों का प्रबंद करते है या फिर इन फाउंडेशन के नाम पर फण्ड ट्रांसफर कर देते है |
  • जो NGO रजिस्टर्ड होते है | उन फाउंडेशन की सहायता सरकार की तरफ से भी हो जाती है | सरकार कुछ फण्ड इन संगठनों को सहायता के रूप में ट्रांसफर करती रहती है |
  • कई प्राइवेट कम्पनीज भी अपने फण्ड इन NGO को डोनेट करते है | कई बड़ी कम्पनी इन NGO के लिंक में रह करके इनकी समय-समय पर सहायता करती रहती है |
  • आज कल हर वो इंसान जो चाहे कम कमाता है चाहे ज्यादा कमाता है इन NGO से जुड़ गरीब बेबस और जरूरतमंद लोगो की मदद करना अपना एक फर्ज ही समझता है| जो की काफी हद तक सही भी है |

भारत में एनजीओ शुरू करते समय किन चरणों का पालन करना चाहिए ?

  1. सबसे पहले तय करें कि आप किस कारण से अपने एनजीओ को काम करना चाहते हैं और बैक-अप करना चाहते हैं।
  2. अपने NGO के मिशन विज़न और उद्देश्यों के बारे में स्पष्ट कथन ड्राफ्ट करें।
  3. एक अच्छे बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स पर फैसला करें जो आपको लगता है कि एनजीओ को ठीक से लीड कर पाएंगे।
  4. समान विचारधारा वाले लोगों को शामिल करने की कोशिश करें ताकि टीम हर समय एक साथ काम करे।
  5. ड्राफ्ट उपयुक्त ज्ञापन और एसोसिएशन के लेख
  6. एक अच्छे नाम पर निर्णय लें और फिर अपना एनजीओ पंजीकृत करें
  7. एक बार जब आपने एनजीओ पंजीकरण शुरू कर दिया तो अपने एनजीओ के लिए धन प्राप्त करने का प्रयास करना शुरू कर दें
  8. अपने कनेक्शन बढ़ाएं और एक व्यापक नेटवर्क बनाने की कोशिश करें

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Conclusion

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख  NGO क्या है ? NGO Kaise Kam Karta Hai (In Hindi)  जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.

यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए, तब इसके लिए आप नीचे comments लिख सकते हैं.यदि आपको यह लेख पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share कीजिये.

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