Software कितने प्रकार के होते हैं उदाहरण सहित समझाइए

दोस्तों Software कितने प्रकार के होते हैं :- आज के इंटरनेट युग में Software हम इंसानों की जरुरत बन गया है बिना इसके दुनिया में कोई भी काम करना बहुत मुश्किल है, आप कह सकते हैं की हम पूरी तरहसे सॉफ्टवेयर पर निर्भर हो गए हैं. आपका मोबाइल बिना सॉफ्टवेयर के On भी नहीं होगा, आप इंटरनेट चलाने के लिए जिस क्रोम ब्राउज़र का इस्तेमाल करते हो वह भी एक सॉफ्टवेयर का ही प्रकार है (Software Kitne Prakar Ke Hote Hain).

लेकिन आप शायद यह नहीं जानतें हैं की सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं. अगर नहीं जानते तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आप अच्छी तरह से समझ जाओगे की सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं और सॉफ्टवेयर क्या होता है (Software Kya Hota Hai). तो चलिए सबसे पहले यह समझ लेते हैं की सॉफ्टवेयर क्या है (Types of Software in Hindi).

 

Software कितने प्रकार के होते हैं उदाहरण सहित समझाइए
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Software क्या होता है? (What is Software)

 

  • Software निर्देशों और प्रोग्राम का एक समूह होता है जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर को चलाने तथा कंप्यूटर में कार्यों को करने के लिए किया जाता है।
  • दूसरे शब्दों में कहें तो, “सॉफ्टवेयर कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जिसकी सहायता यूजर कंप्यूटर पर कार्य करता है।”
  • हार्डवेयर को हम हाथों से छू सकते है और आंखों से देख सकते हैं परंतु सॉफ्टवेयर को हम ना तो छू सकते हैं और ना ही देख सकते हैं। अर्थात् हार्डवेयर कंप्यूटर का शरीर होता है और सॉफ्टवेयर कंप्यूटर की आत्मा होती है।
  • बिना सॉफ्टवेयर के कंप्यूटर कोई भी कार्य नही कर सकता। सॉफ्टवेयर कंप्यूटर को निर्देश (instructions) देता है, वह कंप्यूटर को बताता है कि कौन सा कार्य कब और कैसे करना है।
  • सॉफ्टवेयर को बनाने के लिए बहुत सारी प्रोग्रामिंग भाषाओँ का इस्तेमाल किया जाता है जैसे – जावा, C language, .Net, जावास्क्रिप्ट, एंड्राइड और पाइथन आदि.

 

 

Sofware कितने प्रकार के होते है? (How many types of software are there)

 

सॉफ्टवेयर के तीन मुख्य प्रकार होते है. चलिए हम एक एक करके सबके बारे में बिस्तार से जानेंगे. अगर आप चाहे तो यहाँ से सॉफ्टवेयर की आवश्यकता और उपयोगिता पढ़ सकते है.

 

1. सिस्टम सॉफ्टवेयर

सिस्टम सॉफ्टवेयर वो सॉफ्टवेयर होते है जो अन्य सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए एक मंच प्रदान करते है.

इसे कंप्यूटर सिस्टम का मास्टर सिस्टम और ऑपरेटिंग सिस्टम भी कहा जाता है क्योंकि यह एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर, यूटिलिटी सॉफ्टवेयर और अन्य सॉफ्टवेयर को ऑपरेट करने का एक प्लेटफार्म प्रदान करता है.

System software के अंतर्गत सभी ऑपरेटिंग सिस्टम macOS, Linux, Android, Microsoft Windows, computational, industrial automation, इत्यादि service applications के सॉफ्टवेयर आते है.

सिस्टम सॉफ्टवेयर के बगैर किसी भी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर, यूटिलिटी सॉफ्टवेयर या किसी अन्य सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल करना मुमकिन नहीं होता है, सिस्टम सॉफ्टवेयर यूजर को हार्डवेयर, और अन्य सॉफ्टवेयर से सीधे, interact करने की अनुमति देता है.

 

सिस्टम सॉफ्टवेयर के कुछ प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित है.

 

1. BIOS (BASIC INPUT OUTPUT SYSTEM) – बायोस भी एक प्रकार का सिस्टम सॉफ्टवेयर ही होता है जिसके द्वारा आप अपने सिस्टम को ट्रबल सूट, बूट प्रायरिटी और सिस्टम की इंटरनल सेटिंग्स को बदल सकते हैं.

2. BOOT PROGRAM – बूटिंग प्रोग्राम कंप्यूटर को शुरू करने की एक प्रक्रिया है. इसे हार्डवेयर के द्वारा शुरू किया जा सकता है जैसे बटन प्रेस करके, या सॉफ्टवेयर कमांड द्वारा.

जब कोई कंप्यूटर शुरू में संचालित होता है, तो कंप्यूटर के ROM में कमांड स्वचालित रूप से execute होते हैं जो कंप्यूटर के बूट प्रोग्राम को मेमोरी में लोड करने और उसके निर्देशों को execute करने का निर्देश देते हैं.

3. DEVICE DRIVER – डिवाइस ड्राइवर भी एक प्रकार का सिस्टम सॉफ्टवेयर ही होता है जब भी आप अपने सिस्टम में किसी भी डिवाइस कनेक्ट करते हैं वह डिवाइस एक हार्डवेयर होता है जो सीधे आपके सिस्टम के सॉफ्टवेयर से इंटरेक्ट नहीं कर सकता.

इसके लिए आपके सिस्टम पर कुछ ड्राइवर इंस्टॉल्ड होना अनिवार्य होता है, काफी सारे ऑपरेटिंग सिस्टम में जरूरी ड्राइवर प्रीइंस्टॉल्ड आते हैं जो उपयोगकर्ता को अच्छी सुविधा प्रदान करते हैं.

 

2. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर

Application software ऐसे सॉफ्टवेयर होते है जो उपयोगकर्ता को text डॉक्यूमेंट बनाने, गेम खेलने, गाने सुनने और वैब browse, आदि जैसे यूजर- ओरिएंटेड कार्य करने की अनुमति देता है.

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर किसी खास कार्य को करने के लिए ही होते हैं, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के कुछ उदाहरण ms word, excel, mozilla, chrome, vlc आदि है.

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को कुछ प्रमुख वर्गों में बांटा गया है जोकि निम्नलिखित हैं.

 

1. Word processing – इस वर्ग के अंतर्गत ऐसे एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर आते हैं जिनका प्रयोग वर्ल्ड प्रोसेसिंग के लिए किया जाता है.

अर्थात जिनके अंदर आप शब्दों से जुड़े कार्य कर सकते हैं. वर्ल्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर के कुछ प्रमुख उदाहरण MICROSOFT WORD, wordpad, notepad आदि है.

2. Spreadsheet – इस वर्ग के अंतर्गत ऐसा सॉफ्टवेयर आते हैं जिसके द्वारा आंकड़ों को रो और कॉलम में दर्शाया जा सकता है जिससे कैलकुलेशन करने में आसानी होती है स्प्रेडशीट सॉफ्टवेयर का प्रमुख उदाहरण MS excel है.

3. Presentation – प्रेजेंटेशन वर्ग के अंतर्गत ऐसे सॉफ्टवेयर आते हैं जिनके द्वारा आप अपने स्कूल ऑफिस बिजनेस या अन्य कार्यों के लिए प्रेजेंटेशन तैयार कर सकते हैं इसका मुख्य उदाहरण ms powerpoint है.

4. Web browser – वेब ब्राउज़र एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का ऐसा वर्ग है जिसके बारे में अधिकांश लोग जानते हैं इस वर्ग के अंतर्गत ऐसे सॉफ्टवेयर आते हैं जिनके द्वारा उपयोगकर्ता इंटरनेट से जुड़ सकता है, वैब ब्राउजरो के कुछ प्रमुख उदाहरण internet explorer, edge in windows 10, chrome, firefox, navigator, opera, safari आदि है.

5. Development software – इस वर्ग के अंतर्गत ऐसे सॉफ्टवेयर आते हैं जिनका का प्रयोग करके उपयोगकर्ता खुद के प्रोग्राम डिवेलप कर सकता है इसके प्रमुख उदाहरण turbo c , turbo c++,msvs, netbeans आदि है.

6. Educational Software – एजुकेशनल सॉफ्टवेयर के अंतर्गत ऐसे सॉफ्टवेयर आते हैं जिनका प्रयोग करके उपयोगकर्ता एजुकेशन से जुड़ी जानकारी जुटा सकता है इसका एक प्रमुख उदाहरण MATLAB नामक सॉफ्टवेयर है इसकी मदद से उपयोगकर्ता गणित से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकता है.

सिस्टम सॉफ्टवेयर केवल अन्य सॉफ्टवेयर को कार्य करने के लिए प्लेटफार्म देता है लेकिन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर किसी भी विशेष कार्य को पूरा कर सकते हैं.

 

3. यूटिलिटी सॉफ्टवेयर

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर का प्रमुख काम आपके सिस्टम को मैनेज करना तथा सिस्टम पर आने वाली किसी समस्या को सही करना होता है.

यह आपके सिस्टम का टूलबॉक्स होता है इसके द्वारा आप अपने सिस्टम को सॉफ्टवेयर लेवल पर ठीक कर सकते हैं.

इसके द्वारा आप अपने सिस्टम की स्पीड तेज कर सकते हैं, इसे वायरस से बचा सकते हैं और भी अन्य दिक्कतों से बचा सकते हैं, यूटिलिटी सॉफ्टवेयर हमारे बहुत से कार्य को आसान कर देते हैं.

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर का एक प्रमुख उदाहरण एंटीवायरस है, जिसके द्वारा आप अपने कंप्यूटर को वायरस से बचा सकते हैं.

 

 

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर की कुछ कैटिगरीज निम्नलिखित है:

 

1. फाइल मैनेजमेंट टूल – विंडोज फाइल एक्सप्लोरर एक फाइल मैनेजमेंट टूल है जिसके द्वारा आप किसी भी फाइल को आसानी से ढूंढ सकते हैं और उसे move, copy, डिलीट रिनेम और भी बहुत कुछ कर सकते हैं.

2. कम्प्रेशन टूल (ex. winzip, winrar) – यह एक बहुत महत्वपूर्ण टूल होता है इस टूल के द्वारा आप किसी भी फॉर्मेट की फाइल जैसे कि MP3 MP4, JPg आदि का साइज कम कर सकते हैं और इसे कम साइज के साथ शेयर कर सकते हैं इसके बाद जब भी आप इसे वापस इस्तेमाल करना चाहे तो आप इसे एक्सट्रैक्ट कर सकते हैं.

3. डिस्क क्लीनअप – यह भी एक महत्वपूर्ण यूटिलिटी सॉफ्टवेयर का प्रकार है इसके द्वारा अपने सिस्टम में मौजूद किसी भी डिस्क को क्लीन कर सकते हैं, इससे आपके सिस्टम की स्पीड बढ़ती है example:- क्लीनअप ccleaner.

4. डिस्क मैनेजमेंट – डिस्क मैनेजमेंट यूटिलिटी से आप, अपनी ड्राइव को नए पार्टीशन में sync का कर सकते हैं.

5. बेकअप यूटिलिटी – बैकअप यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के द्वारा अपने जरूरी फाइलों का बैकअप कर रख सकते हैं. यदि कारणवश आपके द्वारा वह फाइल डिलीट हो जाती है तो आप उन्हें दोबारा से अपने सिस्टम में ला सकते हैं.

6. एंटीवायरस – एंटीवायरस यूटिलिटी सॉफ्टवेयर होते हैं जो आपके सिस्टम को बाहरी वायरस के हमले से सुरक्षित रखते हैं, माइक्रोसॉफ्ट डिफेंडर नेट प्रोटेक्टर, McAfee, आदि एंटीवायरसओ के कुछ प्रमुख उदाहरण हैं.

 

Conclusion

 

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख Software कितने प्रकार के होते हैं उदाहरण सहित समझाइए जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.
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