Touch Screen क्या होता है? यह कैसे कार्य करता है ?

दोस्तों Touch Screen क्या होता है? यह कैसे कार्य करता है ? :-आज के इस लेख में हम आपको कंप्यूटर की महत्वपूर्ण इनपुट डिवाइस में से एक Touch Screen के बारे में ब ताने वाले हैं. टच स्क्रीन आज के समय में बहुत अधिक इस्तेमाल की जाती है और यह एक लोकप्रिय डिवाइस भी है. जिसका इस्तेमाल अधिकतर लोग कर रहे हैं.

इसलिए यह जानना भी आवश्यक है कि टच स्क्रीन क्या है, क्योकि जिस डिवाइस को हम इस्तेमाल कर रहे हैं उसके बारे में जानकारी होनी भी जरुरी है.

इस लेख में हम आपको What Is Touch Screen In Hindi, Touch Screen का इतिहास, इसकी कार्यप्रणाली, उपयोग, Touch Screen के प्रकार तथा फायदे और नुकसानों के बारे में बताएँगे जिससे आपको टच स्क्रीन के बारे में अच्छी जानकारी हो जाएगी. चलिए बिना देरी के शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं टच स्क्रीन क्या होता है –

 

Touch Screen क्या होता है? यह कैसे कार्य करता है ?
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Touch Screen क्या होता है ? (What is Touch Screen)

 

टच स्क्रीन कंप्यूटर की एक इनपुट डिवाइस होती है, जिसे उँगलियों या किसी अन्य उपकरण के द्वारा टच करके नियंत्रित किया जा सकता है.

Touch Screen एक Touch Display होती है, जिसमें Screen पर दिख रहे Icon को उँगलियों के द्वारा टच करके Select, Open और Use किया जाता है.

जिस प्रकार हम Keyboard, Keypad या Mouse के द्वारा कंप्यूटर को निर्देश देते हैं उसी प्रकार से Touch Screen भी काम करते हैं.

आज के समय में Touch Screen बहुत अधिक मात्रा में इस्तेमाल किये जाते हैं. मोबाइल, टेबलेट टच स्क्रीन का उपयोग हम दैनिक जीवन में करते हैं. इसके अलावा बैंक, ATM, मॉल आदि में भी टच स्क्रीन का अधिक इस्तेमाल होता है.

 

 

Touchscreen का इतिहास

Touchscreen के इतिहास की बात करें तब, इसके विषय में सबसे पहला idea E.A Johnson को आया जो की उस समय Royal Radar Establishment, Malvern, UK में काम करते थे late 1960s में. जानकारों का मानना है की पहली touchscreen capacitive type की थी, जिसे की हम अभी अपने Smartphone में इस्तमाल करते हैं.

उसके बाद touchscreen को लेकर कर experiment किये गए और फिर सन early 1970s के समय, पहला touchscreen को develop किया गया Frank Beck और Bent Stumpe के द्वारा, जो की उस समय CERN में engineers थे. इस physical product को पहली बार सन 1973 में इस्तमाल किया गया था.

वहीँ सन 1971 में, touchscreen technology में एक नया कीर्तिमान Doctor George Samuel Hurst ने स्थापित किया, जो की उस समय एक instructor थे University of Kentucky Research Foundation में. उन्होंने एक touch sensor का आविष्कार किया था जिसे की उन्होंने ‘Elograph’ का नाम दिया था.

वहीँ सन 1974 में, Hurst ने अपने company Elographics के साथ मिलकर दुनिया की सबसे पहली real touchscreen तैयार की जिसमें की transparent surface जैसे feature था.

सन 1977 में, लगातार प्रयासों के बाद Elographics ने एक resistive touchscreen को develop किया और उसे अपने नाम पर patent भी किया. ये वही resistive touchscreen technology थी, जो की आज touchscreen technologies के तोर पर बहुत प्रसिद्ध है और उसे हम आज इस्तमाल भी कर रहे हैं.

एक बात जो बहुतों को पता नहीं है वो ये की पहली resistive touchscreen को सन 1975 में Samuel Hurst के द्वारा develop तो कर लिया गया था लेकिन उसे सन 1982 तक न ही दुनिया के सामने produce किया गया और न ही इस्तमाल किया गया.

 

Touchscreens ke prakar (Types of Touchscreens)

 

यहाँ पर हम जानने वाले हैं की ये Touchscreen के कितने प्रकार उपलब्ध हैं और हमारे लिए कोन सा प्रकार बेहतर है. वैसे तो कई अलग अलग प्रकार के Touchscreen in hindi उपलब्ध है लेकिन यहाँ मैंने सबसे ज्यादा इस्तमाल में लाये जाने वाले touchscreen के विषय में जानकारी प्रदान करने वाला हूँ.

  • Resistive
  • Capacitive
  • Surface Wave
  • Infrared

1.प्रतिरोधक (Resistive)

Resistive touchscreens (जो की फिलहाल सबसे ज्यादा popular technology है) और जो की एक “transparent keyboards” के तरह ही है जिसे की Screen के top में overlay किया गया होता है.

ये resistive touch screen panel के ऊपर एक पतली metallic electrically conductive की coating होती है और एक resistive layer भी होता है जो की electric current में change पैदा करता है जब कोई touch event होता है, मतलब की जब कोई अपनी ऊँगली से इस screen के ऊपर touch करता है तब इससे जो हलचल पैदा होती है उससे current के प्रभाव में भी बदलाव आता है और इसे ही controller के पास भेजा जाता है processing के लिए. ये तो थी इसकी technical details अब इसे आसान भाषा में समझते हैं.

इस resistive touchscreen में एक flexible upper layer जो की conducting polyester plastic की बनी होती है वो एक rigid lower layer जो की एक conducting glass होती है उसके साथ bonded होती है और एक insulating membrane से ही separate हुई होती है.

जब आप screen को press करते हैं, तब आप उस polyester को force करते हैं glass को touch करने के लिए और जिससे ये circuit complete होती है — जैसे की जब आप कोई keyboard की key press करते हैं. Screen के भीतर स्तिथ chip आपके coordinates का पता करती है की आपने किस जगह में उस screen को touch किया है.

ये Resistive touch screen panels ज्यादा affordable होते बाकियों के तुलना में लेकिन ये केवल 75% की ही clarity प्रदान करते हैं और ये layer को आसानी से किसी sharp object से damage किया जा सकता है. Resistive touch screen panels भी दुसरे बाहरी elements जैसे की dust या water से ख़राब नहीं होती है.

 

2.संधारित्र(Capacitive)

एक capacitive touch screen panel ऐसे material से coated होती है जो की electrical charges को store करती है. जब भी panel को touch किया जाता है, तब एक छोटी ही मात्रा में charge उस point of contact की और draw होई है.

Circuits जो की panel के corner में स्थित होती है वो उस charge को measure करती है controller को सारी जानकारी भेजती है processing करने के लिए. ये Capacitive touch screen panels को केवल उँगलियों से ही touch करने से काम करता है और plastic या कोई दूसरी वस्तु से ये काम नहीं करती हैं.

इसके साथ ये Capacitive touch screens पर दुसरे outside elements ज्यादा प्रवाह नहीं डाल सकते हैं और ये बहुत ही high clarity के होते हैं.

ये screens बहुत से layers of glass से बने हुए होते हैं. इसकी inner layer electricity conduct करती हैं और ठीक वैसे ही outer layer भी, इसलिए effectively ये screen ऐसा behave करता है जैसे की दो electrical conductors के insulator के वजह से separate हों, इसलिए इसे एक capacitor भी कहा जाता है.

जब हम अपनी ऊँगली को screen के ऊपर रखते हैं वैसे ही आप उसके electric field को भी change करते हैं. इन Capacitive screens को हम एक से ज्यादा जगह में छु सकते हैं और ये अच्छे तरीके से काम भी करता है.

 

3. सतही लहर (Surface wave)

Surface wave technology में ultrasonic waves का इस्तमाल होता है जो की touch screen panel के ऊपर से pass करता है. जब आप panel को touch, करते हैं तब एक छोटे portion की wave को ये absorb कर लेती है.

यही बदलाव ultrasonic waves में होने से ये उस touch किये गए स्थान का पता कर लेती है और controller को information भेज देती है processing करने के लिए. Surface wave touch screen panels अभी तक की सबसे advanced types है बाकियों के मुकाबले लेकिन ये बाहरी elements से आसानी से damage हो जाता है.

 

4. Infrared (अवरक्त)

किसी intruder alarm में जैसे magic eye beams का इस्तमाल होता है, ठीक उसी तरह infrared touchscreen में LEDs के grid pattern of LEDs और light-detector photocells का इस्तमाल होता है. उन्हें screen के opposite sides में arrange करके रखा जाता है. ये LEDs से infrared light निकलती है जो की screen के front से आती है — आप कह सकते हैं की ये एक invisible spider’s web के जैसे प्रतीत होती है.

अगर आप screen को किसी स्थान में touch करते हैं तब आप उन beams के रास्ते में आते हैं या रुकाव डालते हैं. Screen के भीतर स्तिथ microchip ये calculate करती है की आपने उन beams को कहाँ पर interrupt किया है, और उस हिसाब से controller को information भेज देती है processing करने के लिए. यहाँ पर उँगलियों के अलावा भी अगर आप कोई दुसरे वस्तु से screen को touch करें तब भी आप इसे इस्तमाल कर सकते हैं.

आगे मैं आप लोगों को कुछ less-common touch screen technologies के विषय में जानकारी प्रदान करने वाला हूँ.

 

 

Dispersive Signal Technology

इसे सन 2002 में 3M company के द्वारा introduce किया गया था, इसमें sensors आपके mechanical energy को detect करते हैं जब आप उन्हें touch करते हैं.

इसमें स्तिथ Complex algorithms उन data को interpret करते हैं ये पता करने के लिए की आपका location कहाँ पर है, और फिर data को controllers के भेजा जाता है.

Pros: ये ज्यादा Durable होते हैं, बहार के elements से ज्यादा effect नहीं होते हैं, इसकी clarity भी बहुत excellent होती है और इसमें आप finger या कोई दूसरी वस्तु का इस्तमाल touch करने के लिए कर सकते हैं.

Cons: प्रारंभिक touch के बाद, इसकी system को आपके motionless finger को detect कर पाना थोडा मुस्किल होता है.

 

Acoustic Pulse Recognition:

इस system को सन 2006 में release किया गया था Tyco International’s Elo division के द्वारा. इसमें transducers का इस्तमाल होता है जो की screen के आसपास स्तिथ होते हैं और जो की vibration को electrical energy में convert करते हैं algorithms के द्वारा और ये इसी तरह से ही location का अनुमान लगाते हैं.

Pros: इसकी durability और clarity अच्छी होती है, ये बाहरी elements से ज्यादा प्रभावित नहीं होती है और ये large display में ज्यादा well-suited होते हैं.

Cons: ये एक motionless finger को detect नहीं सकती है.

 

Optical Imaging:

Image sensors (cameras) जिन्हें की screen के edge में रखा जाता है वो infrared black lights को आसानी से pick कर सकते हैं जो की screen के opposite side में present होते हैं.

Pros: ये Scalable, versatile, affordable होते हैं और इन्हें large displays में भी इस्तमाल किया जा सकता है.

Resistive और Capacitive Touch Screen में क्या अंतर है?
यदि हम देखें तो touchscreens में मुख्य रूप से दो प्रकार के ही touchscreens ही हैं : Resistive और Capacitive. एक आसान तरीका जो की इन दोनों touchscreen के में अंतर बता सकता है वो है की resistive touchscreen आपके उँगलियों के touch को “resists” करते हैं, इसके बदले आपको एक stylus या electronic pen का इस्तमाल करना होगा screen के साथ वो भी थोडा force लगाकर, क्यूंकि अगर केवल screen के ऊपर ऊँगली फेर दी जाये तब उसमें ज्यादा effect नहीं होगा.

आप इन resistive touchscreen को supermarket में देख सकते हैं, जहाँ पर आप अपना electronic signature प्रदान करते हैं अपने bill pay करने के लिए.

वहीँ एक capacitive touchscreen को कुछ इस प्रकार से design किया गया है की वो केवल आपके finger’s touch से ही काम करता है. Touch Screen क्या इसलिए आप इन capacitive touchscreen का इस्तमाल smartphone और tablet में करते हैं. इसलिए इन displays का इस्तमाल मुख्य रूप से consumer electronics में किया जाता है.

 

Touchscreen कैसे karya करता है? (How does touchscreen work)

एक resistive touchscreen कुछ इसप्रकार से काम करता है जिसके बारे में हम आगे समझने वाले हैं/ Screen के ऊपर user को touch करना होता है और इस screen के निचे electrically conductive layer present होता है. जब आप इन display को press करते हैं तब आप ये feel करेंगे की display थोडा bend होता है.

यही इसे काम करने में मदद करती है. Touch करने से निचे स्तिथ electric current में बदलाव आता है जिससे ये पता चलता है की touch कहाँ पर हुआ है. उसके बाद ये सभी जानकारी processing के लिए controller को भेज देता है.

 

आप टच स्क्रीन का उपयोग कैसे करें? (How do you use the touch screen)

Note: सभी touchscreens के समान functions नहीं होता हैं, लेकिन यहाँ पर जो भी actions के विषय में मैंने बताया है वो बहुत ही common function हैं.

Tap – एक single touch या tap करने से screen के ऊपर अपने ऊँगली के द्वारा आप कोई भी app को खोल सकते हैं या कोई object को select कर सकते हैं. अगर हम इसे एक traditional computer के साथ तुलना करें तब, एक tap का मतलब है अपने mouse के द्वारा click करना है.

Double-tap – एक double-tap से बहुत सारे अलग अलग functions हो सकते हैं वो भी उस बात पर depend करता है की आप उसे किस प्रकार utilize करना चाहते हैं. उदहारण के लिए अगर हम एक photo के ऊपर double tap करते हैं तब इससे वो zoom हो जाता है.

Touch and hold – अगर हम touchscreen को Press और hold करेंगे अपने finger के सहायता से तब इससे कोई text select हो जाता है या कोई object highlight हो जाता है.

Drag – अगर आप कोई object या icon के ऊपर press करते हैं और उसे hold करते हैं Touch Screen क्या तब इससे आप उसे एक जगह से दुसरे जगह तक drag या खिंच सकते हैं.

Swipe – Screen के ऊपर Swip करने से आप photos को बदल सकते हैं आसानी से. या फिर इससे screen को किसी भी दिशा में scroll भी कर सकते हैं.

Pinch – अगर आप अपने दो उँगलियाँ को screen के ऊपर रखें और उसे pinch करें तब इससे कोई भी जगह को आप zoom in और zoom out कर सकते हैं.

 

Touchscreen के लाभ (Advantages of Touchscreen)

– Touchscreen के होने से आपको traditional buttons की और जरुरत नहीं है जो की अक्सर दो तीन सालों में टूट जाते हैं.

– Touchscreen devices में जो interface इस्तमाल होता है वो बहुत ही simple होते है इस्तमाल करने के लिए.

– Screen में कम बटन या no button के होने से Screen की size बड़ी नज़र आती है और इसमें hardware developer ज्यादा function डाल सकते हैं.

– Touchscreen को साफ करना बहुत ही आसान है और ये ज्यादा मैले भी नहीं होते हैं.

– Touchscreen को इस्तमाल करना इतना आसान है की इसे कोई बच्चा या कोई बुजुर्ग भी इस्तमाल कर सकते हैं.

 

Touchscreen से हानि (Touchscreen Disadvantages)

– Touchscreen की screen ज्यादा बड़ा होना चाहिए जिससे की कोई user इसे आसानी से छु सके और इस्तमाल कर सके.

– ज्यादा बड़ा और bright screen के होने से इसे ज्यादा computing power भी चाहिए जिससे battery life कम हो जाती है.

– इन्हें direct sunlight में इस्तमाल करना आसान नहीं है क्यूंकि चीज़ें ठीक से दिखती नहीं है.

– ये touchscreen अक्सर बहुत हलकी और breakable होती हैं जिससे ये आसानी से टूट जाती हैं अगर इनका सही ध्यान न रखा जाये तब.

– ये screens आसानी से मैले हो जाते हैं.

– ये normal screen के मुकाबले थोड़े ज्यादा costly होते हैं.

 

Application of Touchscreen

Improved experience का होना – Touchscreens के इस्तमाल से user को system को इस्तमाल करने में बड़ी आसानी होती है. इसके इस्तमाल से human-computer interface में improvement दिखाई पड़ती है और जिससे user’s experience भी अच्छी होति है.

Easy access – Touchscreens को इस्तमाल करना बहुत आसान होता है, जिससे इसके functions को हमारे brain को समझने में कोई difficulty नहीं होती है. Touch Screen क्या Touch जो की एक natural way हम सभी के लिए पहले से ही है इसलिए touchscreen को इस्तमाल करना बहुत आसान है.

Saves time – Mouse और दुसरे external devices को इस्तमाल करना थोडा tedious होता है और इससे time का भी waste होता है. ऐसे में touchscreen technology हमारा बहुत सारा समय बचाती है और इसका इस्तमाल करना भी उतना ही आसान है.

Sanitary – Buttons में सबसे ज्यादा germs पाए जाते हैं क्यूंकि इसे लोग ज्यादा छुते हैं और इन्हें साफ़ करना भी इतना आसान नहीं है. वहीँ Touchscreen को साफ़ करना बहुत आसान होता है जिससे यहाँ पर germs के पनपने की सुयोग का होता है.

Device size – Touchscreen के इस्तमाल से हमें बहुत सारे devices की जरुरत नहीं है. इसका मतलब है की हमें buttons, माउस, keyboard की और जरुरत नहीं है. सभी चीजों को एक जगह में integrate होने से space की भी बचत होती है. और एक benefit ये है की यहाँ पर cords और wires के नहीं होने से इसे इस्तमाल करना आसान होता है.

Durability और Easy to Clean का होना – दुसरे traditional screen की तुलना में ये touchscreen बहुत ज्यादा durable होती हैं. आजकल तो gorilla glass जैसे protective layers के होने से ये screen बहुत ज्यादा durable नहीं बन जाता है. इसके अलावा ये प्राय तोर से dust proof होता है इसलिए इसे साफ करना बही बहुत आसान होता है.

Potential to save money – Full touchscreen technology के होने से कोई भी keyboard या mouse की जरुरत नहीं होती है इससे पैसों की बचत होती है.

 

Touchscreen की Basic Fixes क्या है (What are the basic fixes of touchscreen)

Touch screens बहुत ही अच्छे लगते हैं जब वो ठीक से काम करते हैं वहीँ जब ये touch screen काम करना बंद कर देते हैं Touch Screen क्या तब हमारे भीतर frustration बढती है और हम चाहते हैं की कैसे जल्द से जल्द हम इसे कैसे ठीक करें. कुछ devices में तो केवल touchscreen ही एक मात्र तरीका है device के साथ interact करने के लिए.

और जब वो काम करना बंद कर देते हैं ऐसे में हमारे device पूरी तरह से lock हो जाता है. यहाँ पर में आप लोगों को कुछ basic fixes के विषय में बताने वाला हूँ जो की आपके बहुत काम में आएँगी.

 

Touchscreen के Basic Fixes

1. पहले screen को एक lint-free कपडे की मदद से साफ़ करें. Clean the screen with a lint-free cloth.

2. उसके बाद device को Restart करें. your device.

3. अगर कोई screen protector है तब आपको उन्हें Remove करना होगा. your case or screen protector.

4. और सबसे important चीज़ ये काम करने से पहले अपने हाथों को साफ़ करें और उन्हें dry भी रखें.

5. यदि इन basic fixes से आपकी problem का solution नहीं निकले तब आपको अपने निकटवर्ती service station पर जाकर mobile का check-up कराना चाहिए.

 

FAQ:-Touch Screen के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल जवाब :-

 

टच स्क्रीन कौन सा डिवाइस है इनपुट या आउटपुट?

टच स्क्रीन एक इनपुट डिवाइस है.

टच इनपुट को पहचानने वाली स्क्रीन का नाम क्या है?

टच इनपुट को पहचानने वाली स्क्रीन को टच स्क्रीन कहते हैं.

टच स्क्रीन का अविष्कार किसने किया?

टच स्क्रीन का अविष्कार सबसे पहले 1975 में Doctor Gorge Samual Hurst ने किया था जो कि एक प्रतिरोधी टच स्क्रीन था.

टच स्क्रीन कितने प्रकार के होते हैं?

टच स्क्रीन मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं – प्रतिरोधी टच स्क्रीन (Resistive Touch Screen), संधारित्र टच स्क्रीन (Capacitive Touch Screen), अवरक्त टच स्क्रीन (Infrared Touch Screen), सतह लहर टच स्क्रीन (Surface Wave Touch Screen).

मोबाइल में कौन से टच स्क्रीन का इस्तेमाल होता है?

मोबाइल में संधारित्र टच स्क्रीन का इस्तेमाल होता है.

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Conclusion

 

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख Touch Screen क्या होता है? यह कैसे कार्य करता है ? जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.
यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए, तब इसके लिए आप नीचे comments लिख सकते हैं.यदि आपको यह लेख पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share कीजिये.

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