What is High-Level Language in Hindi

दोस्तों नमस्कार, आज हम बात करेंगे Definition of High Level Language in Hindi:-What is High-Level Language in Hindi हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम बनाने के लिए किया जाता है। यह एक एक श्रेणी की भाषा है जिसे कंप्यूटर प्रोग्रामिंग को सरल बनाने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है। इसमें प्रोग्राम को लिखने के लिए अंग्रेजी भाषा के शब्द और गणित के चिन्हों का उपयोग किया जाता है, इसलिए इंसानों द्वारा हाई लेवल लैंग्वेज को समझना और इसके उपयोग से प्रोग्राम लिखना काफी आसान होता है।

High level Programming Language की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह किसी भी प्रकार से कंप्यूटर के हार्डवेयर या Central Processing Unit ( CPU ) पर निर्भर नहीं होता है, इसीलिए हम एक कंप्यूटर में बनाए गए प्रोग्राम को किसी भी दूसरे कंप्यूटर पर चला सकते हैं। हाई लेवल लैंग्वेज को बहुत ही उच्च श्रेणी की प्रोग्रामिंग भाषा माना जाता है और इसे सीखना एवं इसकी मदद से किसी software का सोर्स कोड लिखना बहुत आसान होता है, क्योंकि जब कोई software engineer हाई लेवल लैंग्वेज के मदद से सोर्स कोड लिखता है तो वह Class और Function की मदद से कोड को छोटे-छोटे block में विभाजित कर सकता है जिससे code की संरचना काफी सरल हो जाती है और उन्हें समझना काफी आसान हो जाता है।

इसके साथ ही ये कोड को पुनर्प्रयोग करने की सुबिधा सुविधा प्रदान करता है जिससे की सामान प्रकार के कोड को बार-बार नहीं लिखना पड़ता।C, C++, C#, Java, Python, PHP, JavaScript, FORTRAN, Ruby, Visual Basic कुछ प्रमुख High-level Language के Example है।

What is High-Level Language in Hindi – उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा क्या है?
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हाई लेवल लैंग्वेज क्या है | What is High Level Language in Hindi !!

कोई भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जो मशीन इंडिपेंडेंट हो और उसे अंग्रेजी भाषा के शब्दों और अक्षर के द्वारा लिखा जाता है. वो लैंग्वेज हाई लेवल लैंग्वेज होती है. जैसे कि: c, c++,java…आदि. जब कोई भी कोड कंप्यूटर में हाई लेवल लैंग्वेज में लिखा जाता है, तो वो बाद में कंप्यूटर को समझ में आने के लिए मशीन लैंग्वेज में कन्वर्ट हो जाती है, जिसके लिए कम्पाइलर और इंटरप्रेटर का प्रयोग किया जाता है.

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What is High-Level Language in Hindi – उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा क्या है?

हाई लेवल लैंग्वेज एक ऐसी प्रोग्रामिंग भाषा है जिससे की कंप्यूटर प्रोग्राम्स काफी सरलता से लिखे जा सकते हैं। What is High-Level Language in Hindi ये एक ऐसी तरह की भाषा होती है जिसकी एक निर्धारित Syntax होती है।

इसके साथ -साथ High-level language को किसी इंसान द्वारा भी आसानी से पढ़ा तथा समझा जा सकता है। अलग-अलग तरह के High-level languages अलग-अलग तरह के Syntax का use करती है।

High-level language में लिखे गए प्रोग्राम्स को चलाने के लिए Compiler का प्रयोग किया जाता है जो की इन High-level language के कोड्स को Low-level programming language में कन्वर्ट कर देता है और उसके बाद CPU इन्हें आसानी से execute कर सकता है।

कुछ Scripting languages जैसे की PHP और Perl को चलाने के लिए Interpreter की जरुरत होती है जो की इन High-level language codes को Low-level language में परिवर्तित कर देती है।

इस कंप्यूटर भाषा का प्रयोग सबसे पहले 1950 के दशक में किया गया था तबसे लेकर High-level language का प्रयोग पूरी दुनिया में व्यापक रूप से फैला है।

आज High-level languages का प्रयोग काफी सारी technologies में होने लगा है, जैसे की Web Development, App Development, Artificial Intelligence, Machine Learning, आदि।

Advantage of High-level language (हाई-लेवल लैंग्वेज के लाभ) 

Machine independence (मशीन से स्वतंत्रता) : High-level language machine से स्वतंत्र होती है। यह एक बहुत valuable लाभ है, क्योंकि एक company द्वारा बदले गए कम्प्यूटर में यह आवश्यक नहीं है कि उन सभी programs को फिर से लिया जाए, जिन्हें वर्तमान में लाया जा रहा है।

Easy to learn and Use (सीखने तथा उपयोग में सरल) : ये languages भी user के द्वारा दिन-प्रतिदिन सामान्यतः उपयोग की जाने वाली language के समान होती है। अतः ये language सीखने तथा उपयोग में सरल होती है। Programmers को उस कम्प्यूटर के बारे में सीखने की आवश्यकता नहीं है, जो वह उपयोग करने वाला है।

Fewer errors (बहुत कम त्रुटियाँ) : High-level language की स्थिति में कम्प्यूटर द्वारा किये जाने वाले कार्य की सभी छोटी steps programmer द्वारा लिखा जाना आवश्यक नहीं होता है। जिससे वह काफी कम त्रुटियाँ करता है। What is High-Level Language in Hindi कम्प्यूटर एवं छोटी instructions का ध्यान रखता है तथा कोई errors नहीं बताता, जब तक कि कुछ breakdown न हो।

Lower Program Preparation Cost (प्रोग्राम तैयारी में कम व्यय) : High-level language में program लिखने के लिए कम समय लगता है तथा कम practice की आवश्यकता होती है, परिणामस्वरूप program तैयार करने में कम व्यय आता है।

Better Documentation : एक High-level language की रचना इस तरह से की जाती है कि इसमें instructions का written problems की language की तरह होता है। अतः High-level language में लिखे गए program के statements को कोई भी व्यक्ति या user आसानी से समझ सकता है, जो कि उस समस्या से परिचित है।

Easier to maintain (संभालने में सहज) : machine language या Assembly language की तुलना में High-level language में लिखे गए programs को संभालना सहज होता है, क्योंकि ये समझने में आसान होता है तथा इनके instructions को इच्छानुसार जब और जैसे चाहे ठीक, खोज तथा सुधार सकते हैं।

High Performance : Assembly language की अपेक्षा high-level language में program को सरलता व शीघ्रता से लिखा जा सकता है और इन्हें समझना भी आसान होता है। यह Assembly language की अपेक्षा दस गुना fast होती है।

Independent platform : High-level language में programs को सुगमता से एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर पर ले जा सकते हैं, क्योकि इन programs को हम किसी भी कम्प्यूटर पर चला सकते हैं। एक कम्प्यूटर के लिए तैयार assembly language programs को दूसरे कम्प्यूटर पर चला नहीं सकते हैं। High-level language का सबसे बड़ा फायदा है।

Memory management : Instructions व data के लिए memory locations का निर्धारण कम्प्यूटर द्वारा किया जाता है और programmer को इससे मुक्त कर दिया जाता है।

Limitations of High-level Language (हाई-लेवल लैंग्वेज की सीमाएँ) 

एक particular High-level language में programs लिखने हेतु special नियमों का ध्यान रखना होता है।

High-level language को operate करने की गति धीमी होती है, इसलिए machine language की अपेक्षा इसका computation time अधिक होता है।

High-level language में लिखे गए programs की तुलना में Machine language या Assembly language में लिखे गए programs की efficiency अधिक होती है क्योंकि High-level language में लिखे गए programs कार्य करने में अधिक समय तथा अधिक memory लेते हैं।

Extensive hardware support की आवश्यकता होती है।

High-level language से machine language में programs को convert करने हेतु हर एक कम्प्यूटर के साथ compiler प्रदान पड़ता है, क्योंकि कम्प्यूटर केवल machine language समझता है।

Advantages and Disadvantages of High level Language in Hindi

Advantages of High level Language in Hindi:-

  • इसमें अंग्रेजी के शब्द और गणित के चिन्हों का उपयोग करके कोड लिखा जाता है, इसलिए इंसानों के लिए इसे सीखना, समझना और गलतियों को ठीक करना बहुत आसान है।
  • इसके उपयोग से बनाए गए प्रोग्राम किस भी प्रकार से कंप्यूटर हार्डवेयर पर निर्भर नहीं होते हैं,What is High-Level Language in Hindi इसलिए एक मशीन में बनाए गए प्रोग्राम को उस मशीन से निकालकर बिना किसी मुश्किल के किसी भी दूसरे मशीन पर ले जाकर चलाया जा सकता है।
  • बेहतर प्रोग्रामिंग उत्पादकता प्रदान करता है, क्योंकि प्रोग्रामर को बस इस बात की चिंता करनी होती है कि कोड किस प्रकार से लिखना है, कोड मशीन के साथ किस प्रकार से काम करेगा इसके बारे में प्रोग्रामर को कोई चिंता नहीं करनी पड़ती है।   इसी कारण सभी Commercial software  हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के उपयोग से बनाये जाते है।
  • यह low-level language की तुलना में बेहतर graphical user interface ( ग्राफिकल यूजर इंटरफेस ) उपलब्ध करवाता है।

Disadvantages of High-level Language in Hindi:-

  • हाई लेवल लैंग्वेज के source code को पहले interpreter या compiler के उपयोग से मशीनी भाषा में बदला जाता है उसके बाद प्रोग्राम execute होता है इसमें काफ़ी समय बर्बाद होता है।
  • High level language के प्रोग्राम को अधिक memory space की आवश्यकता होती है।
  • हाई लेवल लैंग्वेज के उपयोग से बनने वाले प्रोग्राम की अपनी एक सीमा है, ये सीधे कंप्यूटर हार्डवेयर के साथ संवाद नहीं कर सकता इसलिए इसके उपयोग से हम System Driver जैसा कोई एप्लीकेशन नहीं बना सकते हैं।

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High-Level Language Examples – हाई लेवल लैंग्वेज के उदाहरण

आज की दुनिया में विभिन्न High-level languages का निर्माण हो चुका है जो की अपने लिए अलग-अलग तरह के Syntax का इस्तेमाल करती हैं। इसके साथ ही हर High-level language का प्रयोग भी अलग-अलग तरह के काम के लिए होता है।

कुछ प्रसिद्ध High-level language के उदाहरण इस प्रकार हैं — C, C++, C#, JAVA, Python, COBOL, PHP, JAVASCRIPT, RUBY, BASIC, आदि। आज हम इनमें से कुछ के बारे में थोड़ा विस्तार से जानेंगे।

  • Python: यह एक Interpreted तथा High-level programming language है। इसके साथ साथ ही यह एक Object oriented programming की श्रेणी में भी आता है। आजकल की दुनिया में Python को सबसे लोकप्रिय Programming language माना जाता है। इसका मुख्य कारण यह भी है की आजकल की सारी new technologies में Python का उपयोग व्यापक रूप से हो रहा है जैसे की Machine Learning, Artificial Intelligence, Data Science, Web Development, इत्यादि। Python में विभिन्न तरह की libraries का use किया जाता है जो की प्रोग्रामर्स का काम और आसान बना देती है।
  • Java: Python की तरह ही JAVA भी एक काफी लोकप्रिय High-level programming language है। JAVA का निर्माण वर्ष 1995 में Sun-Micro System ने किया था। JAVA भी एक तरह की Object oriented programming है। सामान्य तौर पर JAVA को General Purpose Language भी कहा जाता है क्योंकि इसका इस्तेमाल सामान्य रूप से Software तथा Applications बनाने के लिए किया जाता है। JAVA की एक ख़ास बात यह है की ये एक Platform independent language है। इसका मतलब यह है की JAVA में लिखे code को आप किसी भी दूसरे operating system की devices में भी चला सकते हो।
  • JavaScript: नाम भले ही JAVA से मिलता-जुलता लगता हो लेकिन हम आपको ये बता देना की चाहते हैं की वास्तव में ये दोनों language एक दूसरे से काफी अलग हैं JavaScript एक तरह की Scripting Language होती है जिसका इस्तेमाल वेब ब्राउज़र में HTML तथा CSS के साथ किया जाता है। JavaScript का उपयोग एक वेबसाइट में काफी तरह की functionalities ऐड करने के लिए भी किया जाता है। JavaScript के कुछ प्रमुख frameworks भी हैं जैसे Node Js, Vue Js, React Js, Angular Js इत्यादि।
  • C#: इसे आमतौर पर C Sharp भी कहा जाता है। C# को वर्ष 2002 में Microsoft के द्वारा निर्मित किया गया था। सर्वप्रथम C# को Microsoft .NET Framework के साथ launch किया गया था। C# भी एक तरह की High-level programming language ही है। C# का Syntax काफी हद तक C के जैसा ही है, लेकिन C# भी एक Object oriented language की श्रेणी में आता है। इसके अलावा भी C# और C में काफी सारे अंतर हैं । C# के code को चलाने के लिए Microsoft के .NET framework का उपयोग किया जाता है।
  • C++: यह एक ऐसी प्रोग्रामिंग है जो की C language का ही एक updated version है। हालाँकि C की कई सारी खूबियाँ होने के साथ-साथ इसमें Object oriented programming का भी सपोर्ट है जो की इसे C से काफी अलग बनाता है। आपको यह जानकार हैरानी होगी की C++ का इस्तेमाल High-level language के साथ- साथ एक Low-level programming language के तौर पर भी किया जाता है। इसका उपयोग कई तरह के Software तथा Games बनाने के लिए भी व्यापक रूप से किया जाता है।
  • Visual Basic: यह भी एक High-level language है जो की Microsoft Corporation के द्वारा निर्मित है। यह BASIC लैंग्वेज का ही एक upgrade version है। BASIC की कई सारी खूबियां होने के साथ ही यह Object oriented programming को भी सपोर्ट करता है। What is High-Level Language in Hindi इसका इस्तेमाल मुख्यतः GUI applications तथा Software बनाने में किया जाता है। 
  • PHP: इसका फुल-फॉर्म होता है Hypertext Processor. इसका उपयोग भी मुख्यतः Web Development में किया जाता है। PHP भी एक तरह की Scripting language है जो की Web servers में इस्तेमाल किया जाता है। PHP का निर्माण सर्वप्रथम Rasmus Lerdorf  ने वर्ष 1994 में किया था। इसके बाद से इसमें कई तरह के सुधार किये जा चुके हैं। PHP का आउटपुट एक Web browser में HTML page के रूप में display होता है।
  • Ruby: यह एक तरह की Object oriented, High-level language है। Ruby का निर्माण 1990 में जापान में किया गया था। Ruby की खासियत यह है की यह एक ऐसी भाषा है जो की Object oriented होने के साथ-साथ एक Scripting language के रूप में भी इस्तेमाल की जा सकती है।
  • Perl: यह भी एक Programming language है जिसे मूल रूप से Scripts को manipulate करने के लिए बनाया गया था। आजकल Perl का इस्तेमाल मुख्य रूप से Web Development, GUI applications इत्यादि में किया जाता है। Perl को एक Cross platform programming language भी कहा जाता है। Perl में लिखे code को रन करने के लिए एक Interpreter की जरूरत पड़ती है। Perl programming language में लिखे गए प्रोग्राम्स को आमतौर पर Perl scripts कहा जाता है।
  • COBOL: इसका full -form होता है, Common Business Oriented Language. COBOL का निर्माण वर्ष 1959 में CODASYL के द्वारा किया गया था। जैसा की COBOL के नाम से पता चलता है, What is High-Level Language in Hindi इसका निर्माण मूल रूप से business आधारित problems का solution निकालने के लिए किया गया था। इसका उपयोग आमतौर पर businesses के लिए Application Software बनाने के लिए ही किया जाता है।
  • PASCAL: इसका निर्माण Switzerland में वर्ष 1971 में professor Nicklaus Writh ने किया था। Pascal का नामकरण Blaise Pascal के नाम पर किया गया था जो की कंप्यूटर जगत के जनक भी कहे जाते हैं। PASCAL एक ऐसी High-level Programming Language है जिसका इस्तेमाल नए trainees को programming के बेसिक concepts समझाने के लिए भी किया जाता है इसलिए यह एक Educational language भी है।

Type Of High level Language in Hindi

Type Of High level Language in Hindi :- अलग-अलग प्रकार की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई अलग-अलग प्रकार के हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज बनाए गए है। इन के कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित रुप से हैं।

  • Algebraic Formula-Type Processing:- ये मुख्य रूप से mathematical और statistical समस्याओं को हल करने की सुबिधा प्रदान करता है।
    Example :- BASIC (Beginners All Purpose Symbolic Instruction Code), FORTRAN (Formula Translation), PL/I (Programming Language, Version 1), ALGOL (Algorithmic Language), APL (A Programming Language)
  • Business Data Processing:- इन्हे डेटा प्रोसेसिंग प्रक्रियाओं और फाइलों को संभालने के लिए बनाया गया है।
    Example :- COBOL (Common Business Oriented Language) , RPG (Report Program Generator)
  • String and List Processing:- इनका उपयोग data strings के साथ काम करने के लिए किया जाता है जैसे कि strings में कोई नया characters को खोजना , जोड़ना या हटाने के लिए।
    Example :- LISP (List Processing), Prolog (Program in Logic)
  • Object-Oriented Programming Language:- इसमें असली दुनिया के प्रॉब्लम को ऑब्जेक्ट में बांटकर उनका समाधान किया जाता है।
    Example :- C++ , Java
  • Visual Programming Language:- इन्हे Windows ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित एप्लिकेशन बनाने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।
    Example :- Visual Basic, Visual Java, Visual C

हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की विशेषता

High-level language, Low level language की तुलना में काफी आसान तथा इंसानों के समझने योग्य Programming language है। इन कंप्यूटर भाषाओ में प्रोग्राम लिखना प्रोग्रामर्स के लिए भी काफी आसान होता है।

High Level Language में लिखे प्रोग्राम पढ़ कर समझने में भी काफी सरल होते हैं। आधुनिक technology में भी इन कंप्यूटर भाषाओ का प्रयोग काफी व्यापक स्तर पर हो रहा है।

App Development, Data Science, Machine Learning, Artificial Intelligence तथा अन्य काफी सारे ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ पर High-level programming का इस्तेमाल काफी बड़े स्तर पर हो रहा है।

हाई लेवल लैंग्वेज के लाभ और हानि

 हाई लेवल लैंग्वेज के लाभ और हानि निम्नलिखित है:-

लाभ (Advantages) हानि (Disadvantages)
High-level language के प्रोग्राम में अंग्रेजी भाषा के अक्षर, सिंबल और नंबर का प्रयोग होता है जिसके कारण ये पढ़ने तथा समझने में काफी आसान होते हैं। इस प्रोग्रामिंग भाषा में लिखे गए कोड को पहले Compiler या Interpreter के द्वारा Low-level language में कन्वर्ट किया जाता है, इसके बाद ही वह प्रोग्राम execute हो पाता है। इस प्रक्रिया के कारण program execution में काफी समय बर्बाद होता है।
इस प्रोग्रामिंग भाषा में लिखे प्रोग्राम किसी भी specific मशीन पर निर्भर नहीं होते हैं इसलिए एक मशीन पर High-level language में लिखा गया कोड किसी दूसरे मशीन पर भी आसानी से execute हो सकता है। इसमें लिखे गए कोड को execute होने के लिए ज्यादा Memory space की आवश्यकता होती है।
High Level Language की मदद से Low Level Language की तुलना में बेहतर GUI applications बनाये जा सकते हैं। इस लैंग्वेज में लिखे गए प्रोग्राम सीधे तौर पर कंप्यूटर हार्डवेयर के साथ interaction नहीं कर सकते हैं इसलिए हम इसकी मदद से Operating system तथा Device driver जैसे Software नहीं बना सकते हैं।

Rules for writing code in High level Language in Hindi

Rules for writing code in High level Language in Hindi :- जिस प्रकार से साधारण जीवन में उपयोग किए जाने वाले भाषा जैसे कि हिंदी, अंग्रेजी, तमिल या बंगाली इत्यादि का अपना एक व्याकरण होता है। सभी इंसानो को इन भाषाओं को बोलते या लिखते समय इन नियमों का पालन करना होता है ठीक उसी प्रकार से सभी Programming Language  के भी अपने कुछ व्याकरण होते हैं, प्रोग्रामिंग की दुनिया में इन्हें Syntax कहा जाता है। जब भी कोई प्रोग्रामर किस प्रोग्रामिंग भाषा के उपयोग से कोड लिख रहा होता है तब उसके लिए यह बहुत आवश्यक है कि यह वह इन Syntax के नियमों का सही तरीके से पालन करें।

एक भाषा का सिंटेक्स दूसरे भाषा के सिंटेक्स से बहुत अलग होता है उदाहरण के लिए C programming का सिंटेक्स Java या Python के सिंटेक्स से बहुत अलग है। हालांकि अगर प्रोग्रामर किसी एक भाषा को अच्छी तरह से सीख ले तो उससे दूसरे भाषा को सीखने में अधिक समय नहीं लगता है क्योंकि सभी हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज एक दूसरे से बहुत हद तक मिलते जुलते होते हैं। Conclusion on High level Programming Language in Hindi:-  हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज एक उच्चस्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा है, जिसका उपयोग सॉफ्टवेयर निर्माण के लिए किया जाता है। इसका syntax या व्याकरण बहुत ही सरल होता है एवं इसमें सोर्स कोड लिखने के लिए अंग्रेजी भाषा के शब्द और गणित के संख्या एवं चिन्हों का उपयोग किया जाता है।

किसी भी Low level Programming language की तुलना में किसी इंसान द्वारा हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के कोड को आसानी से समझा जा सकता है एवं इनके मदद से सॉफ्टवेयर प्रोग्राम का निर्माण करना बहुत सरल होता है । इसके साथ ही इनके निर्माण की प्रक्रिया में लगने वाला कुल लागत, समय और प्रयास भी कम होता है। आमतौर पर बाजार में जितने भी सॉफ्टवेयर उपलब्ध है, What is High-Level Language in Hindi उनमें से 90% के निर्माण में हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का ही उपयोग किया जाता है। इस लेख में हमने हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। उम्मीद है की आपको high level programming language in hindi का यह लेख पसंद आया होगा। अगर आप इस लेख के में संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं जिससे कि हम अपने लेख में आवश्यक परिवर्तन करके और इसे और अधिक उपयोगी बना सके।

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