WWW क्या है (World Wide Web vs Internet) पूरी जानकारी 

नमस्कार दोस्तों , आज हम बात करेंगे WWW Ka Full Form और WWW क्या है यह सवाल काफी लोगों के मन में होगा। यदि आपका भी है तो WWW, जो Web के नाम से भी जाना जाता है, वेबसाइट्स का एक संग्रह है। जहाँ दुनिया भर की सभी जानकारियों को वेबसाइट में संग्रहित किया जाता है। ववव यानि WWW Full Form ‘वर्ल्ड वाइड वेब’ (World Wide Web) होता है। यदि आप WWW Ka Kya Arth Hai या वर्ल्ड वाइड वेब की परिभाषा (World Wide Web Ki Paribhasha) नहीं जानते। और अगर आप जानना चाहते है कि WWW फुल फॉर्म, What is WWW in Hindi तो हमारे इस लेख को अंत तक ज़रूर पढ़िए।

WWW क्या है (World Wide Web vs Internet) पूरी जानकारी 
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WWW क्या है – What is World Wide Web 

WWW का फुल फॉर्म है World Wide Web. जिसको W3 या Web भी बोला जाता है. ये एक information space है. यहाँ पे HTML document और web resources को Uniform Resource Locators के जरिये Identify किया जाता है.

जहाँ HTML document Hyperlink के जरिए आपस में जुड़े रहते हैं. इन web Document को हम Internet के जरिए access करते हैं.

Information को Store करने का ये Central Hub है. WWW, एक primary tool है जिसके जरिये हम Internet को Access या communicate करते हैं. web document को HTML (Hyper Text MarkUP Language) के जरिए लिखा जाता है.HTML document के अंदर image, audio, Video या text को Formatted वे में रखा जाता है.

WWW क्या होता है – वर्ल्ड वाइड वेब (World Wide Web) क्या है?

WWW का फुल फॉर्म “World Wide Web” होता है जिसे “Web” या “W3” भी कहा जाता है| यह एक Information space होता है जहाँ पर website से related सारे documents और web pages को URL (Uniform Resource Locator) के द्वारा Identify किया जाता है| यहाँ पर सभी documents HyperText links के द्वारा जुड़े होते हैं जिसे इन्टरनेट के माध्यम से access किया जाता है|

दुसरे शब्दों में कहें तो World Wide Web (WWW) एक storage system होता है जहाँ पर दुनिया के सारे वेबसाइट store रहते हैं|

WWW का फुल फॉर्म क्या है – Full form of WWW in Hindi

WWW का फुल फॉर्म अब चलिए वर्ल्ड वाइड वेब की परिभाषा के साथ साथ उससे सम्बंधित कुछ जानकारी भी प्राप्त करते हैं :-

  • ये एक बहुत बड़ा network हैं जहाँ Hypertext file और web pages आपस में linked हैं. जहाँ billions of hypertext text document अलग अलग Servers और Computer में Store करके रखते हैं. जिनको web browser के जरिए Access किया जाता है।
  • इसको हम एक system भी बोल सकते हैं जहाँ Hyper text document आपस में inter linked हैं, इनको access करने के लिए Internet का इस्तेमाल किया जाता है।
  • इसको हम Virtual place बोल सकते हैं जहाँ दुनिया के सारे web pages, web server, Website को HTTP protocol के जरिए access किया जाता है।
  • WWW में web pages, web servers, URL, HYPERLINKS और HTTP का collection भी बोल सकते हो. इनके बारे में निचे दिया गया है।
  • ये resources और Users, जो HTTP के जरिए Internet से जुड़ते हैं उनका Medium है।
  • दुनिया में जितने भी websites और web pages internet में हैं उनके combination को वर्ल्ड वाइड वेब बोला जाता है।
  • जब कभी भी आप URL अपने Browser में लिखते हो तो समझ जाना आप WWW से जुड़ गए हो।

World Wide Web Technology

एक web page में बोहत सारे software और इनको चलाने के लिए protocols होते हैं. इन web pages को open करने के लिए web browser का इस्तेमाल किया जाता है. और browsers में images, text, Videos और दुसरे Media files रहते हैं और ये web pages Hyperlink के जरिए आपस में जुड़ते हैं. ये सब काम world wide web में होता है.

Berners-Lee (Inventor) ने 3 Technique, WWW के लिए 3 technique को develop किए थे.

उनमे से एक है URL (Uniform Resource Locator) जहाँ पे website का Address रहता है.

दूसरा HTML जिसके जरिये web document को बनाया जाता है.

तीसरा है HTTP Hypertext Transfer Protocol.

ये Rules हैं जो Internet को चलाने में मदद करते हैं.

WWW का आविष्कार कब हुआ

World Wide Web यानी WWW टेक्नोलॉजी का आविष्कार ब्रिटिश वैज्ञानिक Tim Berners-Lee ने 1989 साल में किया था। यदि ब्रिटिश वैज्ञानिक Tim Berners-Lee ने WWW का अविष्कार ना करते, तब इंटरनेट का भी कोई अस्तित्व इस दुनिया में नहीं होता। Tim Berners-Lee को इंटरनेट की दुनिया में WEB का आविष्कारक भी कहा जाता है। वैज्ञानिक Berners-Lee थे, W3C कंपनी के डायरेक्टर और उन्होंने वहां पर काम करते वक्त, ही WWW का आविष्कार किया था।

WWW का इतिहास (History of WWW in Hindi)

Tim Berners-lee जिनको World Wide Web के Inventor बोला जाता है. जिनको web के inventor भी बताया जाता है. Berners-lee को W3C के Director थे. W3 के development को Berners Lee ही Monitor करते थे. इन्होने hypertext को भी develop किए थे.

web के जरिए communication करने की technique को Develop किए थे. web page को आपस में link करने की technique को इन्होने Invent किए थे.

Hypertext के concept से, इन्होने Internet का नजरिया ही बदल डाला. 1989 Berners-lee ने world wide web server पे काम करना सुरु किया. इस server का नाम “httpd” दिया गया. सुरुवात में WWW कुछ इस तरह था WYSIWYG Hypertext Browser/editer जो की NextStep Environment में चलता है.

World Wide Web 1991 तक दुनिया के ज़्यादातर हिस्सों तक पहुँच गया था.

WWWको क्यों बनाया गया ?

टिम को बचपन से ही कंप्यूटर में बहुत दिलचस्पी थी और वो हमेशा कंप्यूटर पर नए नए प्रयोग करते थे ताकि वो अपने और लोगो के काम को आसान बना सके | अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ये सन 1984 में CERN( यूरोपीय देशों की नाभिकीय प्रयोगशाला जो की जेनेवा , स्विट्ज़रलैंड में स्थित है)  में काम करने लग गए | 

यहां पर इनका काम प्रयोगशाला की सूचनाओं को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में स्थांतरित करना रहता था | लेकिन इस काम में काफी ज्यादा समय लग जाता था और काफी मेहनत भी | इसी समस्या को लेकर टिम बर्नर्स ली ने सोचा की क्यों ना कुछ ऐसा किया जाए जिससे की इस सभी सूचनाओं को एक ही कंप्यूटर पर रखा जाए और उसे अलग अलग कंप्यूटर से access किया जा सके |  

बस क्या था उन्होंने इस पर काम करना शुरू कर दिया और इंटरनेट के जरिए कम्युनिकेशन की तकनीक को बना दिया जिसे वेब कहा गया | सन 1991 में दुनिया की पहली website बनी जिसे CERN में ही टिम बर्नर्स ली के द्वारा बनाया गया | इस प्रकार दुनिया की पहली website का नाम http://info.cern.ch/ है | 

WWW के फंक्शन क्या है?

www  के फंक्शंस कुछ इस प्रकार हैं।

HTML:

 हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज वेब पेज ऑफ वेब एप्लीकेशन बनाने के लिए मानक मार्कअप लैंग्वेज है। कैस्केडिंग स्टाइल शीट्स और जावास्क्रिप्ट के साथ यह वर्ल्ड वाइड वेब के लिए आधारशिला प्रयोग किए का एक समूह बनाता है। वेब ब्राउजर वेब सर्वर से स्थानीय भंडारण से एचटीएमएल दस्तावेज़ प्राप्त करते हैं और दस्तावेज की मल्टीमीडिया वेब पेजों में प्रस्तुत करते हैं। एचटीएमएल वेब पेज  की सरिता वरना को शब्दार्थ और मूल रूप से दस्तावेज की उपस्थिति के लिए शामिल संकेतों का वर्णन करता है।

LINKING:

 अधिकांश वेब पृष्ठों में अन्य संबंधित पृष्ठों और शायद डाउनलोड करने योग्य फाइल्स, क्रोध, दस्तावेज, परिभाषा और अन्य वेब संस्थानों के लिए हाइपरलिंक होते हैं। इस तरह के उपयोगी संबंधित संस्थानों का एक संग्रह हाइपरटेक लिंक के माध्यम से जुड़ा हुआ है जिसे सूचना का वैध करार दिया जाता है। इंटरनेट पर प्रकाशन ने टीम बर्नर्स ली ने पहली बार वर्ल्ड वाइड वेब को नवंबर 1990 में बुलाया।

WWW prefix:

वर्ल्ड वाइड वेब के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कई होस्ट नेम www के साथ शुरू होते हैं क्योंकि वह प्रदान करने वाली सेवाओं के अनुसार इंटरनेट होस्ट के नामकरण की लंबे समय से चली आ रही पता है वेब सर्वर का  होस्ट ने नाम अक्सर www.dot होता है। उसी तरह से यह एफटीपी सर्वर कि ftp भी हो सकता है और यूज़ नेट समाचार सरवर के लिए समाचार यnntp यह होस्ट नाम, domain नाम सिस्टम या अपलोड में नामों के रूप में दिखाई देता है जैसे कि www.example.com

Pages:

 एक वेब पेज (जिसे वेबपेज के रूप में भी लिखा जाता है) एक दस्तावेज़ है जो वर्ल्ड वाइड वेब और वेब ब्राउज़र के लिए उपयुक्त है। एक वेब ब्राउज़र एक मॉनिटर या मोबाइल डिवाइस पर एक वेब पेज प्रदर्शित करता है।

Scheme Specifier:

 स्कीम क्रमशः http: // और https: // को निर्दिष्ट करती है एक वेब यूआरआई की शुरुआत में हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल या एचटीटीपी सिक्योर है। वे अनुरोध और प्रतिक्रिया के लिए उपयोग करने के लिए संचार प्रोटोकॉल निर्दिष्ट करते हैं। HTTP प्रोटोकॉल वर्ल्ड वाइड वेब के संचालन के लिए मूलभूत है, और ब्राउज़र या गोपनीय जानकारी जैसे गोपनीय डेटा को भेजने या पुनर्प्राप्त करने के लिए HTTPS में जोड़ा एन्क्रिप्शन परत आवश्यक है। वेब ब्राउज़र आमतौर पर स्वचालित रूप से http: // को प्री-प्रेंड करते हैं, यदि उपयोगकर्ता को URI में प्रवेश दिया जाता है, तो उसे छोड़ दिया जाता है

WWW कैसे कार्य करता है

तो अब सवाल आता है की ये world wide web कैसे काम करता है. आपको इतना तो समझ ही गए होंगे की WWW क्या  होता है. ये webserver, website, browser, webpage, http, hypertext और आखिर में hyperlink को लेके काम करता है. इसमें सारे pages के address और pages को connect करने की ख्यामता है.

जब एक user एक web document को open करता है तो इसके लिए वो एक application का इस्तेमाल करता है जिसको हम और आप web browser बोलते हैं. आपको पता होगा एक web document को web programming language में लिखा जाता है जिसको HTML (Hyper Text Mark Up Language) बोलते है. जब कभी आप web browser में एक Domain का नाम लिखते हो जैसे www.hindime.net  इसको url भी बोला जाता है.

हर domain का address होता है. तो browser http के doamain को world wide web में धुंडने का request generate करता है. साथै साथ domain name को एक server ip address में convert करता है. जिसको वर्ल्ड वाइड वेब उस website address को server में search करता है.

जब address उस domain को जिस server से host किया गया है अगर उसके page के साथ मैच होता तो वो page को वापस web browser के पास भेजा जाता है. जिसको आप अपने web browser में देख सकते हो. कुछ इस तरह से WWW काम करता है.

world wide web को चलाने के लिए आम तोर पर इन चार Technology का इस्तेमाल किया जाता है URL, Web Browser, HTTP और HTML का इस्तेमाल. इन सब के बिना world wide web exist ही नहीं करता.

WWW की खास विशेषताएं

Ease of use

वेब किसी भी व्यक्ति द्वारा दुनिया के किसी भी कंप्यूटर से इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें खास रिजल्ट होता है लिंक जो एक बटन दबाने के रूप में उपयोग करने के लिए नेचुरल और सिंपल तरीका है. वेब के आसानी से इस्तेमाल होने की वजह से ही 1990 से इंटरनेट इंटरनेट इतनी तेजी से पूरी दुनिया में फैला और स्थापित हो सका.

Universal access

ओपन डिजाइन होने की वजह से वेब वेब ब्राउज़र को बनाना आसान हो गया. वेब ब्राउजर्स को अब सेल फोन और पर्सनल कंप्यूटर में आसानी से इंस्टॉल किया जाता है और इस्तेमाल भी किया जाता है साथिया वेब जानकारी को प्रदान करने के लिए बहुत ही आसान इंटरफ़ेस भी उपलब्ध कराता है.

Search capabilities

सर्चिंग साइट्स के विकास ने सेकंड में लाखों वेबपेजेस को इफेक्टिव तरीके से खोजने की कैपेबिलिटी दी है जिससे वेब की शक्ति और उपयोगिता को कई गुना बढ़ा दिया है. सर्च इंजन ने वेब को एक ऑटोमेटिक लाइब्रेरी सिस्टम की तरह बनाया है जहां से आकर कोई भी अपनी जानकारी को बहुत ही आसानी से ढूंढ सकता है और उसे पढ़ भी सकते हैं

HyperText Information System

हाइपरटेक्स्ट नोट के वर्क के रूप में विभिन्न प्रकार की जानकारी को लिंक और एक्सेस करने का तरीका है जिसे यूजर अपनी मर्जी से ब्राउज़ कर सकता है. हाइपरटेक्स्ट स्टोर किए हुए इंफॉर्मेशन के बड़े क्लास जैसे कि रिपोर्ट, नोट, डेटाबेस, कंप्यूटर डॉक्यूमेंटेशन और ऑनलाइन सिस्टम के लिए सिंगल यूजर की मदद के लिए इंटरफेस प्रदान करता है.

Cross-platform

सबसे अधिक यूनिवर्सल क्रॉस प्लेटफॉर्म एप्लीकेशन वेब ब्राउज़र है. Cross-platform सॉफ्टवेयर डेवलपर के लिए यह एक प्रमुख मुद्दा है क्योंकि उन्हें सॉफ्टवेयर बेचना होता है और यूज़र इसका इस्तेमाल किसी भी तरह से ऑपरेटिंग सिस्टम वाले डेक्सटॉप में कर सकते हैं जैसे विंडोज, मैक,लिनक्स इत्यादि.

Graphical Interface

ग्राफिकल इंटरफेस यूजर इंटरफेस का ही एक रूप है जिसके माध्यम से यूजर एक पर आधारित यूजर इंटरफेस की बजाए ग्राफिकल आइकन और विजुअल इंडिकेटर्स के द्वारा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज से इंटरेक्ट करने की सुविधा देता है.

Distributed Application

एक Distributed एप्लीकेशन वह सॉफ्टवेयर है जिसे एक नेटवर्क के भीतर कई कंप्यूटरों पर इंस्टॉल करके चलाया जा सकता है. इस तरह के एप्लीकेशन एक खास गोल या टास्क को पूरा करने के लिए एक दूसरे से इंटरेक्ट करते हैं

Dynamic, Interactive, Evolving

CGI या फिर यूं कहें Common Gateway Interface एक ऐसा तरीका है जिससे वेब पेजेस को डायनेमिक और इंटरएक्टिव बनाया जाता है. CGI गैर मालिकाना प्रोटोकोल है जिसका उपयोग अधिकांश वेब सर्वर द्वारा सेशन इनफॉरमेशन को सर्वर साइड प्रोसेस के लिए कैप्चर और कम्युनिकेट करने के लिए किया जाता है.

Open Standards and Open Source

ओपन सोर्स ऑफ ओपन स्टैंडर्ड दोनों एक ही चीज नहीं होती. ओपन सोर्स का मतलब होता है वैसे सॉफ्टवेयर जिनका सोर्स कोड यूजर्स के लिए फ्री में उपलब्ध होता है जिसका इस्तेमाल यूजर debugging, modification, or extension के लिए कर सकते हैं

Web Browser

वेब ब्राउज़र एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिससे कि हम वेब को देख सकते हैं हर ऑपरेटिंग सिस्टम में एक वेब ब्राउजर पहले से इंस्टॉल किया हुआ रहता है जैसे कि माइक्रोसॉफ्ट विंडोज में इंटरनेट एक्सप्लोरर ब्राउज़र है.

Internet vs World Wide Web

Internet के बारे में आप दुसरे लेख में पढ़ सकते हो लेकिन फिर भी ये internet, Network highway है. जहां users हर रोज बोहत सारा डाटा को आपस में net के जरिये exchange करते हैं. Internet को चलाने के लिए protocols की जरुरत पड़ती है जैसे HTTP, SMTP, FTP, TelNET. Protocols Rules होते है जो Network Govern करते हैं.

दूसरी तरफ जहाँ WORLD WIDE WEB Internet access करने का एक जरिया है. ये एक information sharing Model है जो internet से उपर है. ये कुछ Programs का इस्तेमाल करता है जिनका नाम है HTTP, Web Browser, HTML और WEB SERVER जिनके बारे में निचे बताया गया है. WWW और INTERNET में क्या अंतर है जान लेते हैं.

INTERNET WWW
1. internet की सुरुवात 1960 में हो गई थी 1989 Tim Berners-lee इसको Invent किया था
2. Hardware से बना है . software.से बना है
3. Internet में server, Router, Bridge, tower, Satellite जैसे Hardware का इस्तेमाल करता है WWW program, hypertext, protocol, webpage, text, Images का इस्तेमाल करता है
4. पहले internet का नाम ARPANET था सुरुवाती दिनों में WWW को NFSNET बोला जाता था
5. Internet IP Address का इस्तेमाल करता है ये HTTP का इस्तेमाल करता है.
6. Internet बिना WWW के भी चल सकता है. बिना internet के WWW exist ही नहीं है
7. Internet WWW का superset है WWW  internet का subset है
8. internet में Computers को IP Address के जरिए खोजा जाता है. यहाँ Informtion को URL से Locare करता है

Web Server

Web server एक  प्रोग्राम है. जब कभी भी user HTTP के जरिए एक वेबसाइट या एक Web page के लिए request भेजता है. तो वह Server Request का Response भी HTTP के जरिए ही देता है. और वो Response कुछ और नहीं एक HTML का Page होता है.

जैसे आप Google में कुछ Search किए तो google website का web server आपको बहुत सारे Result Show करता है. यही web server का काम है.  server का एक उदाहरण है एक computer जहां से एक वेबसाइट को host किया जाता है. हर वेबसाइट का web server रहता है

HTML

HTML का पूरा नाम है हा Hyper Text Markup Language. यह एक Language है जिसको इस्तेमाल करके एक website को design किया जाता है. हर एक webpage को HTML document भी बोला जाता है. इसी पेज को वर्ल्ड वाइड वेब में दिखाई देता है.

जब एक web page  दूसरे web page के साथ link  होता है तो उसे hyperlink बोलते हैं. जितने भी web page आप इंटरनेट में देखते हो वह सब एक एक  HTML document है. HTML Document को run करने के लिए एक application की जरूरत पड़ती है जिसको web browser बोला जाता है. जिसके बारे में हम आगे बात करेंगे.

Webpage

यह भी एक पेज है. जिसको बनाने के लिए एक language का इस्तेमाल किया जाता है जिसको HTML मतलब Hyper Text Markup Language बोला जाता है. ये वेबसाइट का एक छोटा सा हिस्सा है. यह भी बोल सकते हो वेबसाइट webpages का collection है.

इन webpages को access करने के लिए URL Address का इस्तेमाल किया जाता है. जिस page को आप अभी पढ़ रहे हो यह भी एक web page का उदाहरण है

Web Browser

Web browser के बिना तो World Wide Web कभी भी चल ही नहीं सकता. web ब्राउजर एक Software Program है या एक Application भी बोल सकते हो. जिसके जरिए हम वेब पेज या वेबसाइट को access करते हैं. आमतौर पर ब्राउज़र को वेबसाइट और वेब पेज को इंटरनेट में access करने के लिए ब्राउज़र का इस्तेमाल किया जाता है.

Web Browser HTML Document को Human readable form में translate करता है. इसके कुछ उदहारण है Chrome, Mozila Firefox, Opera और Internet Explorer.

वर्ल्ड वाइड वेब के लाभ – Benefits Of  WWW In Hindi 

WWW यानी वर्ल्ड वाइड वेब एक ऐसा इंफॉर्मेशन स्पेस है, जो हमें इंटरनेट पर जानकारी को प्राप्त करने का अनुमति देता है, बगैर वर्ल्ड वाइड वेब के हम इंटरनेट के कोई भी वेबसाइट के महत्वपूर्ण तथ्य को प्राप्त नहीं कर सकते हैं। हमें वर्ल्ड वाइड वेब के कई लाभ देखने को मिल जाते हैं जैसे कि – 

  • WWW को हम विश्व भर के कोई भी प्लेटफार्म से एक्सेस कर सकते हैं, जैसे कि मोबाइल लैपटॉप कंप्यूटर।
  • WWW यानी वर्ल्ड वाइड वेब के कारण ही हम, घर बैठे विश्व के कोई भी जरूरी जानकारी को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। 
  • WWW के कारण ही आज हम वेबसाइट बनाकर लाखों से भी ज्यादा लोगों तक पहुंच सकते हैं, और ऐसे कई सारे सफल व्यवसायी मौजूद है, जो केवल वेबसाइट के कारण ही आज सफल हुए हैं। 
  • बाहर के देशों में क्या हो रहा है, यह हम WWW के माध्यम से बहुत ही आसानी से प्राप्त कर सकते हैं, सिर्फ यही नहीं बल्कि ऐसे बहुत सारे प्रश्न हमारे मन में होते हैं, जिसका उत्तर हम केवल WWW के तहत ही आसानी आ है, हम इस टेक्नोलॉजी को बहुत ही आसानी से और बिल्कुल फ्री में उपयोग कर सकते हैं।  

वर्ल्ड वाइड वेब के नुकसान – Disadvantages of WWW In Hindi

जैसे कि WWW यानी World Wide Web के कुछ उपयोगी फायदे हैं, ठीक उसी तरह से वर्ल्ड वाइड वेब के कुछ नुकसान भी है जैसे कि – 

  • बगैर वर्ल्ड वाइड वेब के हम इंटरनेट को एक्सेस ही नहीं कर सकते। 
  • WWW के तहत ऐसे कई सारे वेबसाइट मौजूद है, जो कि हमें गलत इंफॉर्मेशन प्रदान करते हैं। 
  • हमें वर्ल्ड वाइड वेब में ऐसे कई सारे जाली न्यूज़ देखने को मिलते हैं, जो कि असल जिंदगी में हो ही नहीं रहे है। 
  • WWW भी Hacking का एक बहुत ही बड़ा कारण है, क्योंकि इंटरनेट के कारण ही कई डिवाइस Hack किए जाते हैं। 

Conclusion

तो दोस्तों आपको मेरी यह लेख WWW क्या है (World Wide Web vs Internet) पूरी जानकारी  जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.

यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए, तब इसके लिए आप नीचे comments लिख सकते हैं.यदि आपको यह लेख पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share कीजिये.


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