क्रिकेट वर्ल्ड कप का इतिहास एवं रोचक जानकारी

दोस्तों वर्ल्ड कप ने क्रिकेट की पूरी दुनिया को बदल दिया और मैचों का रोमांच बढ़ने के साथ ही कंप्टीशन बढ़ने लगा। ICC वनडे क्रिकेट विश्व कप पहली बार 1975 में इंग्लैंड में खेला गया था और अब ICC पुरुष वनडे क्रिकेट विश्व कप 2023 में 5 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है, लेकिन क्रिकेट वर्ल्ड कप के इतिहास में कई टीमें ऐसी हैं जिन्होंने कई बार ट्राॅफी जीती है और इस बारे में प्रतियोगी परीक्षाओं या इंटरव्यू में भी पूछा जाता है, इसलिए इस ब्लाॅग में हम वर्ल्ड कप का इतिहास (Cricket World Cup History in Hindi) जानेंगे।

 

 

क्रिकेट वर्ल्ड कप 1975

 

वर्ल्ड कप 1975 कई माईनो में खास था क्योंकि उस समय एक मैच 60 ओवर का होता था. तब खेल केवल दिन की रौशनी में और सफ़ेद कपड़ों के साथ लाल गेंद से खेला जाता था. उस वर्ल्ड कप को उस समय प्रुडेंशियल कप 75 के नाम से जानते थे और ये क्रिकेट इतिहास में पहला वर्ल्ड कप इंग्लैंड की मेजबानी में हुआ था इस वर्ल्ड कप में 6 टेस्ट खेलने वाले राष्ट्र खेल रहे थे और दो एसोसिएट टीम भी खेल रही थी. जो थी श्रीलंका और ईस्ट अफ्रीका दोनों टीम को दो ग्रुप में बांटा गया था टॉप चार टीम जो सेमीफाइनल में थी वो थी ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज. ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को और वेस्ट इंडीज ने न्यूज़ीलैण्ड को हरा कर अपनी जगह फाइनल में बनाई थी. इस वर्ल्ड कप में वेस्ट इंडीज ऑस्ट्रेलिया को हरा कर चैंपियन बना था.

 

क्रिकेट वर्ल्ड कप 1979

 

यह वर्ल्ड कप भी पुराने वर्ल्ड कप के जैसा ही था जिसमे फिर से 8 टीम ने शिरकत किया था. उन्हें 2 ग्रुप में बांटा गया. मैच फिर से दिन की रौशनी में ही लाल गेंद और सफ़ेद कपड़ो के साथ ही खेला जाना था पर जैसे की पुराने वर्ल्ड कप में कुछ नया था. इस वर्ल्ड कप में ईस्ट अफ्रीका की जगह एक नयी एसोसिएट टीम कनाडा खेलने वाली थी. कुछ ऐसा भी हुआ था उस वर्ल्ड कप में जो कि भारत के फैन्स को निराश करने वाला था. हुआ आखिर यूँ था कि भारतीय टीम बिना किसी मैच को जीते ही बाहर हो चुकी थी. वेस्ट इंडीज, इंग्लैंड, पाकिस्तान और न्यूज़ीलैण्ड की टीम ने सेमिफाइनल के लिए क्वालिफाय किया था. इंग्लैंड ने पाकिस्तान और वेस्टइंडीज ने न्यूज़ीलैण्ड को हरा कर फाइनल में अपनी जगह बनाइ थी. फाइनल में एक बार फिर से वेस्ट इंडीज जीता था. उसने इस बार इंग्लैंड को हराया था और एक बार फिर से खिताब अपने नाम किया था

क्रिकेट वर्ल्ड कप 1983

 

यह वर्ल्ड कप भारतीय क्रिकेट फैन्स के लिए बहुत खास था. उस समय वर्ल्ड कप में एक और नयी एसोसिएट टीम को देखने को मिली जो थी ज़िम्बाब्वे. पर एक बात और खास थी कि श्रीलंका की टीम इस बार आईसीसी की पूर्ण रूप से सदस्य हो चुकी थी. पर इस बार के नियमो में भी कुछ ऐसा था जो की पहले कभी नहीं हुआ था नियम ये थे की हर टीम अपने ग्रुप की हर टीम से 2 मैच खेलेगी जैसा कि आईपीएल के हर संस्करण में होता आया है. वैसा ही उस समय वर्ल्ड कप में भी हुआ था इस बार मैदानों की संख्या में भी बदलाव था जहां पिछले वर्ल्ड कप में सिर्फ 3 ही मैदान थे तो इस बार मैदानों की संख्या 15 थी जो कि पिछले दोनों वर्ल्ड कप के मुकाबले 5 गुना ज्यादा थी इस बार सेमीफाइनल में क्वालिफाय करने वाली टीम थी इंग्लैंड, पाकिस्तान, वेस्ट इंडीज और भारत और ग्रुप बी की दोनों टीम ग्रुप ए की दोनों टीम को हरा कर फाइनल में थी और टीम थी 2 बार की विजेता वेस्ट इंडीज और पिछले संस्करण में एक भी मैच न जीतने वाली भारतीय टीम पर इस बार वेस्ट इंडीज जीत हासिल नहीं कर पाया. भारत की टीम ने वेस्ट इंडीज की टीम को फाइनल में नहीं जीतने दिया और भारत की ओर से कपिल देव ने अपनी कप्तानी में टीम को फाइनल में पंहुचा कर खिताब जिताया था.

 

क्रिकेट वर्ल्ड कप 1987

 

यह वर्ल्ड कप भी कई तरह से पिछले वर्ल्ड कप से अलग था. इस वर्ल्ड कप की मेजबानी इस बार इंग्लैंड और वेल्स के पास नहीं जबकि भारत और पाकिस्तान के पास थी. ये पहला वर्ल्ड कप था जो कि आईसीसी की निगरानी में था. जी हां आपने सही पढ़ा ये पहला वर्ल्ड कप था जो कि आईसीसी की निगरानी में था और इस बार मैच 60 ओवर की जगह 50 ओवर के थे सेमिफाइनल में पहुचने वाली टीम थी इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, भारत और पाकिस्तान पर भारत और पाकिस्तान की टीम फाइनल में अपनी जगह नहीं बना पाई थी. फाइनल में ईडन गार्डन्स के मैदान पर थी दो ऐसी टीम जो की अपने पिछले वर्ल्ड कप फाइनल को वेस्ट इंडीज के हाथो गँवा चुकी थी और ये पहला मौका था जब वेस्ट इंडीज फाइनल में नहीं थी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को हरा कर पहली बार खिताब अपने नाम किया था.

 

क्रिकेट वर्ल्ड कप 1992

 

इस वर्ल्ड कप के बारे में आप पढ़ कर ही समझ गए होंगे की इसमें अलग क्या है. इस वर्ल्ड कप में नया यह है कि इस वर्ल्ड कप से पिछले वर्ल्ड कप के दरमियान 5 सालो का अंतर है जबकि पिछले सभी वर्ल्ड कप में 4 साल का ही अंतर था 5 सालो के अंतर का कारण यह था की आईसीसी ने ये तय कर लिया था कि अगला वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड में ही होना है. यह भी तय था कि ये वर्ल्ड कप अक्टूबर-नवम्बर में ही होना है पर ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड में मौसम ऐसा नहीं रहता की अक्टूबर-नवंबर में क्रिकेट मैच हो सके. इसी कारण वर्ल्ड कप को स्थगित कर 1992 में रखा गया. ये वर्ल्ड कप क्रिकेट वर्ल्ड कप के इतिहास में पांचवा वर्ल्ड कप था. इस वर्ल्ड कप में एक नई टीम ने शिरकत की जिसका नाम है साउथ अफ्रीका. यह टीम सीधे ही आईसीसी की टेस्ट मान्यता को ले कर ही वर्ल्ड कप में खेली. इसकी सेमीफाइनलिस्ट टीम थी न्यूज़ीलैण्ड, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका और पाकिस्तान. सेमीफाइनल में इंग्लैंड ने साउथ अफ्रीका को हराया और पाकिस्तान ने न्यूज़ीलैण्ड को उस समय सारी टीम एक ही ग्रुप में थी और फाइनल में थी पकिस्तान और इंग्लैंड. पाकिस्तान ने इंग्लैंड को हरा कर वर्ल्ड कप जीता था तब उस टीम के कप्तान थे इमरान खान.

 

क्रिकेट वर्ल्ड कप 1996

 

1996 वर्ल्ड कप पहला ऐसा वर्ल्ड कप था जिसमे मैच डे नाईट थे ये वर्ल्ड कप छटा वर्ल्ड कप था. इसमें भारत पाकिस्तान दूसरी बार मेज़बानी कर रहे थे जबकि श्रीलंका पहली बार मेजबानी कर रहा था. इस वर्ल्ड कप में ज़िम्बाब्वे नवीं टीम थी जो कि वर्ल्ड कप में टेस्ट मान्यताओ के साथ खेल रही थी. इस बार भी टीम को फिर से 2 ग्रुप में बांटा गया जिसमे एक ग्रुप में 6 टीम थी 4 आईसीसी की टेस्ट मान्यताओ वाली और दो एसोसिएट टीम. 3 नई एसोसिएट टीम थी यु.ए.ई., नीदर्लेंड्स और केन्या. इस बार सेमी फाइनल से पहले क्वाटर फाइनल मैच भी थे. इन सभी नॉक आउट मैचो को जीत कर फाइनल में दो टीम थी श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया फाइनल में श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया को हरा कर पहली बार वर्ल्ड कप अपने नाम किया था.

 

क्रिकेट वर्ल्ड कप 1999

 

वर्ल्ड कप 1999 सातवां वर्ल्ड कप था इस वर्ल्ड कप की मेजबानी 5 देशो ने की थी इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, आयरलैंड, नीदरलैंड और वेल्स. जिसमें प्रमुख मेज़बान था इंग्लैंड. इस वर्ल्ड कप में केन्या और स्कॉटलैंड दो नई एसोसिएट टीम थी. स्कॉटलैंड पहली एसोसिएट टीम थी जिसने 2 मैच की मेजबानी की थी. इस बार वर्ल्ड कप में क्वाटर फाइनल की जगह सुपर सिक्स नॉक आउट था जिसमें दोनों ग्रुप की टॉप 3 टीम को दुसरे ग्रुप की टॉप 3 टीम से भिड़ना था उसके बाद सेमीफाइनल और फाइनल. सेमी फाइनल की टीम थी पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड. फाइनल में ऑस्ट्रेलिया का सामना हुआ पाकिस्तान से जिसमे ऑस्ट्रेलिया आसानी से जीत गया था.

 

क्रिकेट वर्ल्ड कप 2003

 

यह वर्ल्ड कप भी 1999 के नियमों के आधार पर ही खेला गया था. इस वर्ल्ड कप में भी सुपर सिक्स नॉक आउट स्टेज थी जिसमे 6 टीमो ने प्रवेश लिया था पर हैरानी की बात थी कि पाकिस्तान, वेस्ट इंडीज और इंग्लैंड ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो चुकी थी सुपर सिक्स की टीम थी भारत, ऑस्ट्रेलिया, ज़िम्बाब्वे, श्रीलंका, केन्या, न्यूज़ीलैण्ड. सेमीफाइनल की रेस में न्यूज़ीलैण्ड और जिम्बाम्बे बाहर हो चुकी थी और सेमी फाइनल में थी चार टीम भारत श्रीलंका ऑस्ट्रेलिया और केन्या. केन्या अभी तक के वर्ल्ड कप इतिहास की पहली और एकमात्र टीम थी जो कि एसोसिएट टीम होने के बावजूद सेमीफ़ाइनल में पहुंच गयी थी. केन्या सेमीफाइनल में भारत से हार गयी थी. फाइनल में थी भारत और ऑस्ट्रेलिया. ऑस्ट्रेलिया उस समय सबसे मज़बूत टीम थी और फाइनल में हुआ भी ऑस्ट्रलियाई खिलाड़ीयों की काबिलियत के मुताबिक़ ही. फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हरा कर तीसरी बार वर्ल्ड कप अपने नाम किया.

 

क्रिकेट वर्ल्ड कप 2007

 

वर्ल्ड कप 2007 भी कुछ माईनो में अलग था इस बार 16 टीम के बीच खेला गया था. जिसमे 10 टीम आईसीसी की मेम्बर थी और 6 टीम एसोसिएट टीम थी. इस बार ग्रुप स्टेज के साथ-साथ सुपर 8 भी था. ये भी एक प्रकार की ग्रुप स्टेज ही थी. जिसमे हर टीम 7 मैच खेलेगी. भारत और पाकिस्तान दोनों ही ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गयी थी जबकि एसोसिएट टीम आयरलैंड ने सुपर 8 के लिए क्वालीफाई कर लिया था. सुपर 8 से सेमी फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली टीम थी ऑस्ट्रेलिया. श्रीलंका, न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका. फाइनल में पहुँचने वाली टीम थी श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया. जहां ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल जीतकर अपना चौथा खिताब जीता था.

 

 

क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011

 

ये वर्ल्ड कप भारत, श्रीलंका और पहली बार बांग्लादेश में होने जा रहा था. ये वर्ल्ड कप पाकिस्तान की सह मेजबानी में होने वाला था पर 2009 में श्रीलंकाई टीम पर हुए आतंकी हमले ने पकिस्तान की मेजबानी के दरवाज़े बंद कर दिए थे. पाकिस्तान टीम के सारे मैच भारत से बाहर हुए सिर्फ उसके आखिरी मैच को छोड़ कर. उस वर्ल्ड कप में क्वाटर फाइनल मैच खेले गए थे जिसमे ग्रुप A से पाकिस्तान, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की टीम गई थी. ग्रुप B से भारत, साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड और वेस्ट इन्डीज की टीम गई थी.सेमी फाइनल में थी भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, न्यज़ीलैण्ड. भारत ने चीर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को सेमी फाइनल में हराया था अभी तक भारत ने पकिस्तान को हर वर्ल्ड कप मैच में हराया है. श्रीलंका ने न्यूज़ीलैण्ड को सेमी फाइनल हरा दिया था. फाइनल में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भिड़ी भारत और श्रीलंका की टीम. वर्ल्ड कप इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था की फाइनल में दोनों ही टीम एशिया की थी फाइनल भारत ने जीता और एक बार फिर विश्व विजेता बना. युवराज सिंह को मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट का खिताब मिला.

 

वर्ल्ड कप 2015

 

वर्ल्ड कप 2015 ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड की सह मेजबानी में हुआ था. ये वर्ल्ड कप, वर्ल्ड कप इतिहास का आखिरी वर्ल्ड कप था ऐसा नहीं है कि अब वर्ल्ड कप नहीं होंगे. पर इस वर्ल्ड कप के बाद कोई वर्ल्ड कप नहीं हुआ. इस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने ग्रुप स्टेज के 6 में से 6 मैच जीते और क्वाटर फाइनल में भी सातवां मैच जीता. पर इन जीतों में खास बात ये थी कि भारतीय टीम ने हर मैच में विपक्षी टीम के सभी 10 के 10 विकेट गिराए थे. भारत के 7 मैचों में 70 विकेट थे पर भारतीय टीम सेमी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार कर बाहर हो गयी थी. सेमीफाइनल में दूसरी ओर न्यूज़ीलैण्ड ने साउथ अफ्रीका को हरा कर फाइनल में अपनी जगह तय की. और फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूज़ीलैण्ड को हरा कर विश्व चैंपियन का खिताब अपने नाम पांचवी बार किया था.

 

World Cup क्रिकेट के बारे में रोचक जानकारी

 

1. विश्व कप में सबसे ज़्यादा बार शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड न्यूज़ीलैंड के नाथन एस्टल और एजाज़ अहमद के नाम पर है. दोनों पाँच-पाँच बार शून्य पर आउट हो चुके हैं.
2. एक ही विश्व कप में सबसे ज़्यादा शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड दक्षिण अफ़्रीका के एबी डी वेलियर्स के नाम है, जो एक ही विश्व कप में चार बार आउट हो चुके हैं.
3. विश्व कप में सबसे धीमी गति से रन बनाने का रिकॉर्ड भारत के लिटिल मास्टर सुनील गावसकर के नाम है, जिन्होंने वर्ष 1975 के पहले विश्व कप में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 174 गेंदों का सामना करते हुए सिर्फ़ 36 रन बनाए थे. जिसमें उन्होंने सिर्फ़ एक चौका मारा था. उस समय 60-60 ओवर का मैच होता था.

गावसकर के नाम सबसे धीमी पारी का रिकॉर्ड है
4. पहले तीन विश्व कप में खिलाड़ियों ने उजली पोशाकें पहनीं और मैच लाल गेंद से खेली गई.
5. पहले तीनों विश्व कप इंग्लैंड में आयोजित हुए.
6. वेस्टइंडीज़ के विवियन रिचर्ड्स ऐसे एकमात्र क्रिकेटर हैं, जिन्होंने विश्व कप क्रिकेट के साथ-साथ विश्व कप फ़ुटबॉल में भी हिस्सा लिया है. विश्व कप फ़ुटबॉल में वे एंटिगा की ओर से खेले थे.
7. वर्ष 1996 के विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज़ ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए श्रीलंका में खेलने से इनकार कर दिया. ये दोनों मैच श्रीलंका के हक़ में गए. क्रिकेट वर्ल्ड कप का उसी विश्व कप के सेमी फ़ाइनल में भारत और श्रीलंका के बीच मुक़ाबला हुआ.

लेकिन दर्शकों के ख़राब व्यवहार के कारण ये मैच भी श्रीलंका की झोली में गया. हालाँकि श्रीलंका उस समय काफ़ी अच्छी स्थिति में था और उसका जीतना तय था.
8. अभी तक दो खिलाड़ी ऐसे हुए हैं, जिन्होंने दो अलग-अलग देशों की ओर से विश्व कप के मैच खेले हैं. एंडरसन कमिंस ने वर्ष 1992 में वेस्टइंडीज़ की ओर से और वर्ष 2007 में कनाडा की ओर से विश्व कप खेला है. उनके पहले कैपलर वेसल्स ने वर्ष 1983 में ऑस्ट्रेलिया की ओर से और 1992 में दक्षिण अफ़्रीका की ओर से विश्व कप के मैच खेले.

ग्रैम हिक ने भी वर्ष 1992, 1996 और 1999 में इंग्लैंड की ओर से विश्व कप में हिस्सा लिया. वैसे 1983 के विश्व कप में वे ज़िम्बाब्वे की टीम में शामिल थे, लेकिन कोई मैच नहीं खेल पाए.

कपिल की बेहतरीन पारी की रिकॉर्डिंग मौजूद नहीं
9. श्रीलंका की टीम पहली और एकमात्र मेज़बान देश की टीम है, जिसने विश्व कप जीता है. वर्ष 1996 के विश्व कप का आयोजन श्रीलंका, भारत और पाकिस्तान ने मिलकर किया था. श्रीलंका ने विश्व कप जीता, हालाँकि इसका फ़ाइनल पाकिस्तान के लाहौर शहर में हुआ था.
10. जेफ़ क्रो ने वर्ष 1987 के विश्व कप में न्यूज़ीलैंड की कप्तानी की थी. इस विश्व कप से पहले उन्होंने सिर्फ़ एक टेस्ट में न्यूज़ीलैंड की कप्तानी की थी.
11. विश्व कप की शानदार पारियों में से एक 1983 में कपिल देव ने ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ खेली थी. उनकी 175 रनों की नाबाद पारी की न वीडियो रिकॉर्डिंग मौजूद है और न ऑडियो कमेंट्री. क्योंकि कैमरामैन हड़ताल पर थे.
12. दक्षिण अफ़्रीका के हर्शेल गिब्स विश्व कप के एक मैच में एक ओवर में छह छक्के मारने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं. उन्होंने 2007 के विश्व कप में नीदरलैंड्स के ख़िलाफ़ ये कारनामा किया था.

वसीम अकरम के नाम भी एक ख़ास रिकॉर्ड है
13. विश्व कप के इतिहास में सबसे कम स्कोर वाला विश्व कप था, वर्ष 1979 का विश्व कप. इस विश्व कप में सिर्फ़ दो शतक लगे थे.
14. विश्व कप में टेस्ट न खेलने वाले देशों में सबसे बेहतरीन रिकॉर्ड कीनिया के नाम है. कीनिया ने वर्ष 2003 के विश्व कप के सेमी फ़ाइनल तक जगह बनाई थी.
15. बांग्लादेश के तल्हा जुबैर सबसे कम उम्र में विश्व कप खेलने वाले खिलाड़ी हैं. वर्ष 2003 के विश्व कप में वे शामिल हुए थे और उस समय उनकी उम्र थी 17 वर्ष और सात दिन.
16. इंग्लैंड के डेनिस एमिस के नाम विश्व कप में पहला शतक लगाने का रिकॉर्ड है. वर्ष 1975 के विश्व कप में भारत के ख़िलाफ़ उन्होंने 137 रनों की पारी खेली थी.

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Conclusion

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह क्रिकेट वर्ल्ड कप का इतिहास एवं रोचक जानकारी जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.

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