डीएलएड फुल फॉर्म क्या होता है? डीएलएड कैसे करें?

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको डीएलएड फुल फॉर्म क्या होता है? डीएलएड कैसे करें? इसके बारे में बताएंगे। अगर आप इस कोर्स को करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल में इस डीएलएड से जुड़ी हर जानकारी मिलेगी। जिससे आपको ये पता चल जाएगा कि ये कोर्स करना चाहिए या नही।

इसके साथ ही इसमे एडमिशन कैसे मिलेगा और इसकी फ़ीस कितनी होती है। डीएलएड करने के बाद कंहा- कंहा जॉब कर सकते हैं। इन सभी के बारे में डिटेल में जानकारी मिलेगी। D.El.Ed Course kya hai इसके बारे में स्टेप बाई स्टेप सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में प्रदान करेंगे। चलिये सबसे पहले D. El. Ed kya hai इसके बारे में जान लेते हैं।

 

डीएलएड फुल फॉर्म क्या होता है? डीएलएड कैसे करें?
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डीएलएड फुल फॉर्म (dled full form)

 

डीएलएड की फुल फॉर्म- “डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन” (Diploma In Elementary Education)

 

डीएलएड (D.El.Ed) क्या होता है? (What is D.El.Ed)

 

डीएलएड का पूरा नाम डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन है डीएलएड कोर्स एक प्रकार से डिप्लोमा कोर्स है, डिप्लोमा कोर्स एक बहुत ही अच्छा कोर्स है डीएलएड कोर्स 2 वर्ष में पूरा हो जाता है 2 वर्ष को 4 सेमेंटर में विभाजित किया जाता है डीएलएड कोर्स करके आप शिक्षक बनने का सपना साकार कर सकते है।

 

डीएलएड कोर्स करने के लिए योग्यता (Eligibility for doing DLED course)

 

अगर आप डीएलएड कोर्स करना चाहते है उसके लिए आपके पास किन किन योग्यताओ का होना आवश्यक है, डीएलएड कोर्स करने के लिए आपको आप 12 वी पास होना अनिवार्य है चाहे वह किसी भी सब्जेक्ट से हो लेकिन आपकी 12 वी कक्षा में 50 प्रतिशत होना अनिवार्य है।

नोट – अगर आपकी रिवायर्ड प्रतिशत से कम प्रतिशत होती है तो आप डीएलएड कोर्स नहीं कर सकेंगे।

 

 

एलिमेंट्री एजुकेशन है डीएलएड कोर्स कहाँ से करे (Where to do Elementary Education DLED course)

 

अगर आप डीएलएड कोर्स को रेगुलर बेसेस पर करने के इच्छुक है तो आप किसी भी डीएलएड कॉलेज से डीएलएड आसानी से कर सकते है या आप इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के माध्यम से भी डीएलएड करने के लिए एडमिशन ले सकते है।

 

विद्यार्थियों को डीएलएड कोर्स के लिए सेलेक्ट करने की प्रक्रिया

 

अगर आपकी 12 वी में अच्छे अंक आते है और आपकी पर्सेंटेज काफी अच्छी है तो इस स्थिति में आपको सेलेक्ट आसानी से हो सकते है। कॉलेजेस में मेरिट लिस्ट लगाई जाती है उसके बाद आपको काउंसलिंग के लिए जाना पड़ता है। कुछ प्राइवेट कॉलेज ऐसे भी होते है जहा आपको इंट्रेंस एग्जाम क्लियर करने के बाद ही एडमिशन दिया जाता है।

 

डीएलएड कैसे करें? (How to do DLED)

 

अगर आप डीएलएड कोर्स करके टीचिंग में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो आपको इस कोर्स को करने के लिए सबसे पहले ऊपर बताई गई योग्यता को पूरा करना होगा। आपको बता दें कि डीएलएड कोर्स में एडमिशन एंट्रेंस एग्जाम और मेरिट लिस्ट दो तरीकों से होता है। हमारे देश के अधिकतर सभी राज्यों के सरकारी कॉलेजों से डीएलएड करने के लिए एंट्रेंस एग्जाम पास करना होता है और वहीं प्राइवेट कॉलेजों में डीएलएड कोर्स में एडमिशन 12वीं के अंकों और मेरिट के आधार पर होता है।

डीएलएड कोर्स में एडमिशन की चयन प्रक्रिया राज्यों और उनके कॉलेजों पर निर्भर करती है। डीएलएड कोर्स करने के लिए आपको सबसे पहले आवेदन करना होगा और प्रवेश परीक्षा को पास करना होगा। प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद मेरिट के आधार पर आपको एडमिशन दिया जाएगा। कई ऐसे प्राइवेट कॉलेज भी हैं, जहाँ से बारहवीं के नंबर के आधार पर आप एडमिशन लेकर डीएलएड कर सकते हैं।

 

डीएलएड की फीस (DLED fees)

 

डीएलएड की फीस राज्य और उसके कॉलेज पर निर्भर करती है। सरकारी कॉलेज और प्राइवेट कॉलेज दोनों में फीस अलग-अलग होती है। सरकारी कॉलेज के मुकाबले प्राइवेट कॉलेज में डीएलएड कोर्स की फीस ज़्यादा होती है। अगर आप डीएलएड कोर्स किसी सरकारी कॉलेज से करते हैं, तो आपको प्रतिवर्ष दस से बीस हजार रुपये तक फीस देनी होगी और अगर आप इसी कोर्स को किसी प्राइवेट कॉलेज से करते हैं, तो आपको प्रतिवर्ष चालीस से पचास हजार रुपये तक फीस देनी होगी। किसी-किसी कॉलेज में डीएलएड की फीस प्रति सेमेस्टर भी होती है।

 

डीएलएड कोर्स अवधि (D.El.Ed Course Duration In Hindi)

 

डीएलएड कोर्स को पूरा होने में कुल दो साल का समय लगता है। इन दो सालों को चार सेमेस्टर में बांट दिया जाता है और टीचिंग से जुड़े विषयों को पढ़ाया और समझाया जाता है। डीएलएड फुल फॉर्म क्या इस दौरान आपको टीचर बनने की पूरी ट्रेनिंग दी जाती है। डीएलएड कोर्स मुख्य रूप से प्राइमरी स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए करवाया जाता, क्योंकि छोटे बच्चों को पढ़ाना बहुत मुश्किल काम होता है। इसीलिए प्राइमरी स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए डीएलएड किया जाता है। डीएलएड कोर्स पूरा होने के बाद आप प्राइमरी टीचर की जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

 

 

डीएलएड कोर्स पाठ्यक्रम की जानकारी (DLED Course Syllabus Information)

 

अब हम आपको बताने जा रहे है डीएलएड कोर्स करने वाले विद्याथियो को 2 वर्ष में क्या क्या पढ़ाया जाता है।

  • समकालीन सोसाइटी
  • एजुकेशन सोसाइटी
  • बचपन और बच्चो का डवलपमेंट
  • वर्क एन्ड एजुकेशन
  • खुद को समझने की और
  • इंग्लिश लैंग्वेज का शिक्षा शास्त्र
  • नेतृत्व में चेंजेस
  • इन्वोरमेंट स्टडी का शिक्षण
  • स्कूल हेल्थ और एजुकेशन
  • विविधता और एजुकेशन
  • मैथ्स एजुकेशन
  • अनुभूति समाज शास्त्रीय संदर्भ
  • फाइन आर्ट्स एन्ड एजुकेशन
  • टीचर की पहचान और स्कूल कल्चर
  • इंग्लिश

डीएलएड कोर्स में 2 वर्षो के अंतर्गत आपको यह पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है।

 

डीएलएड करने के बाद जॉब्स (jobs after dled)

 

आइये जानते जानते डीएलएड करने के पश्चात क्या क्या अवसर मिलते है आप कौन कौन सी जॉब कर सकते है।

  • अपर प्राइमरी टीचर
  • प्राइमरी टीचर
  • ट्यूशन प्वाइंट
  • होम ट्यूशन
  • कॅरियर काउंसलिंग
  • जूनियर टीचर

नोट -अगर आप जूनियर टीचर बनाना चाहते है तो उसके लिए आपके पास डीएलएड के साथ साथ ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन होना चाहिए।

 

FAQ:-D.EL.ED Full Form से सम्बंधित सवाल जवाब

 

डीएलएड क्या होता है ?

डीएलएड एक डिप्लोमा कोर्स होता है।

 

डीएलएड करने के लिए क्या योग्यता होनी अनिवार्य है ?

डीएलएड करने के लिए आपका 12 वी पास होना अनिवार्य है।

 

12 वी में कितनी प्रतिशत होनी चाहिए ?

12 वी में कम से कम 50 प्रतिशत होनी चाहिए

 

डीएलएड करने के बाद आपको जॉब के लिए क्या क्या अवसर मिलते है ?

डीएलएड करने के बाद आप प्राइमरी टीचर, ट्यूशन प्वाइंट, होम ट्यूशन, कॅरियर काउंसलिंग, जूनियर टीचर बन सकते है।

 

जूनियर टीचर बनने के लिए क्या होना आवश्यक है ?

जूनियर टीचर बनने के लिए डीएलएड के साथ साथ ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन होना जरूरी है।

 

डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन कोर्स कितने वर्षो का होता है ?

डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन कोर्स 2 वर्षो का होता है।

 

2 साल के अंतर्गत कितने सेमेस्टर होते है ?

2 साल के अंतर्गत 4 सेमेस्टर होते है।

 

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Conclusion

 

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख डीएलएड फुल फॉर्म क्या होता है? डीएलएड कैसे करें? जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे.
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