Kuwari Mata Biography In Hindi | विनेश्वरी साहू से कुंवारी माता बनने के

 

Kuwari Mata Biography In Hindi | विनेश्वरी साहू से कुंवारी माता बनने के..

 

Kuwari Mata Biography In Hindi जय माता दी जय छत्तीसगढ़ दोस्तों आज हम बात करेंगे kuwari mata के बारे में , जो दुर्ग जिले के कातरो नामक गांव में रहती है। कुंवारी माता के ऊपर माता आती है जो अपने रूप का दर्शन देती है। कुंवारी माता नवरात्र के समय 9 दिनों तक उपवास रखकर किलो की खाट पर सोकर अपने पेट के ऊपर ज्योत प्रज्वलित करती हैं। यह साधना कुंवारी माता मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए करती हैं जिसको करते kuwari mata को पूरे 5 साल हो गए हैं। जिसके कारण यहां लोग की भारी संख्या kuwari mata katro के दर्शन करने के लिए लगी हुई रहती है।

 

Kuwari Mata Biography In Hindi | विनेश्वरी साहू से कुंवारी माता बनने के
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Kuwari Mata Biography In Hindi

 

नाम विनेश्वरी साहू (कुँवारी माता)
जन्मस्थल  दुर्ग जिले के कातरो गाँव
पिता का नाम —–
माँ का नाम पियारी साहू
आयु
शिक्षा 8वी
Kuwari Mata Biography In Hindi | विनेश्वरी साहू से कुंवारी माता बनने के पीछे की कहानी को जानिए

Kuwari Mata के विषय में

 

Kuwari Mata Biography In Hindi | विनेश्वरी साहू से कुंवारी माता बनने के पीछे की कहानी को जानिए

दोस्तों ये माता कुंवारी माता के नाम से प्रसिद्ध कन्या का असली नाम विनेश्वरी साहू है तथा माता का नाम प्यारी साहू है जो छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के कातरो नामक गाँव में रहती है, दोस्तों कहा जाता है की यहाँ एक कन्या के उपर माँ दुर्गा आती है, चैत्र नवरात्र में यहा भारी संख्या में भीड़ देखि जाती है।

दोस्तों माता दुर्ग से कातरो की दुरी 15 किमी दुरी में है यहा रहने वाले लोगो की माता कुंवारी के उपर बड़ी आस्था है। तथा यहाँ आस-पास के गाँव से लोग अपनी समस्या के हल के लिए तथा माता कुंवारी के दर्शन के लिए आते है। यहां रहने वाली कन्या के ऊपर मां दुर्गा आती है ऐसा लोगों का मानना है।

दोस्तों ये माता कातरो की कुंवारी माता पिछले 5 सालों से हर नवरात्र में मां दुर्गा की कड़ी साधना करती आ रही है, जिसमें वह अपने पेट के ऊपर ज्योत प्रज्वलित करती है। साथ ही वह नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा की उपवास करती हैं, जिसमें वह बिना अन्न और जल के 9 दिनों तक कील की खाट पर सोई रहती हैं और चौंकाने वाली बात तो यह है की पुरे नौ दिन बिना शौच जाए वह अपनी साधना में लीन रहती है।

दोस्तों कुवारी माता यह एक बहुत कठिन साधना होती है जो हर किसी के बस की बात नही होती। यहाँ रहने वाले लोगो को Kunwari Mata के उपर बड़ी आस्था है जो आपको यहाँ देखने को मिल जायेगा।

 

Kuwari Mata कैसे कुंवारी माता बनी

 

दोस्तों आप सभी को बता दे की कुवारी माता कैसे कुवारी माता बानी है |दोस्तों माता को कुवारी माता इसलिए कहते है की कुवारी माता का शादी नहीं हुआ है और उनकी माता बताई है की विनेश्वरी साहू के बारे में की मैंने भी बहुत से सपने देखे थे सभी माँओ ने देखे होते है अपने बेटी की शादी हो, वह अच्छे घर में जाये, अच्छी पढाई करे अपने माता पिता का नाम ऊचा करे अच्छी जीवन बिताए।

लेकिन उनकी माँ का सपना- सपना ही रह गया क्युकी उनकी बेटी के ऊपर माँ दुर्गा बचपन से ही आने लगी थी | जिसके कारण सभी लोग उसे दुर्गा का स्वरुप मानने लगे | जिससे कुवारी माता की शादी नहीं हो पाई जिससे वह कुवारी ही रह गई जिसके कारण सभी लोग उसे कुवारी माता के नाम से मानने लगे इसे कारण कुवारी माता को कुवारी माता कहते है |

कुवारी पता के इतना प्रसिद्ध होने के कारण एक और भी है उसके बारे में भी थोड़ा चर्चा कर लेते है पिछला साल के नवरात्रि मतलब 2022 में कुंवर नवरात्रि में जब माता किला वाले पलंग में लेट कर बिना कुछ खाये पिए बिना शॉक जाए अपन पेट में जोत जावरा रखे थी और कुछ लोग टीवी न्यूज़ चैनल में माँ के भक्त के वीडियो डाला तब सब घरो घर इनके बारे में पता चला | तब कुवारी माता ज्यादा से ज्यादा प्रसिद्ध हुई |

लेकिन अभी हाल में 2023 के चैत्र नवरात्रि में माता जी के जो वीडियो को बहुत से युटुब पर भाई मा फिर से कोकर वीडियो अपलोड करें और माता रानी के आईकॉन कृपा बनी होकर जितना भी वीडियो डाली वो सब के सब वायरल होगी एकर करण माता जी के प्रसिद्ध है |

छत्तीसगढ़ में फेल गई साथ ही साथ अंदाज में भी फैलिता यही मुख्य करण हरि संगवारी हो एक न्यूज़ चैनल और दूसरा युटुब ला कुंवारी माता जी के प्रसिद्ध के मुख्य करण मां सकता संगवारी हो कुंवारी माता जिला आज हर कोई जयंती लेकिन माता जी हां एक साधारण लड़की से कुंवारी माता कैसे बन गई |

 

Kuwari Mata की बचपन की कहानी

 

Kuwari Mata Biography In Hindi | विनेश्वरी साहू से कुंवारी माता बनने के पीछे की कहानी को जानिए

दोस्तों आप को बता दे की कुंवारी माता का असली नाम विनेश्वरी साहू तथा माता का नाम पियारी साहू है जो दुर्ग जिले के कातरो नामक गांव में रहते हैं। माँ पियारी साहू को देवी देवताओं के ऊपर बड़ी आस्था है जिसके कारण वह अपने घर में देवी देवताओं की तस्वीरे रखती है। बचपन से अपनी मां के साथ पली-बड़ी होने के कारण विनेश्वरी को भी देवी-देवताओं में बड़ी आस्था थी और अपनी मां के साथ ही बचपन में वह देवी का उपवास रखती थी।

जिसके कारण बचपन से ही विनेश्वरी के ऊपर माता कभी-कभी आती थी। लेकिन 2012 में पहली बार विनेश्वरी साहू के ऊपर मां दुर्गा आई फिर सभी लोगों को इसके बारे में पता चल गया फिर क्या था सभी लोगों ने इसे कुंवारी माता मानकर पूजने लगे। फिर जैसे ही विनेश्वरी साहू को इसके बारे में पता चला उसने मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कड़ी साधना करने की ठानी और 2019 से आज तक नवरात्रि के दौरान 9 दिनों तक उपवास रखकर किलो के खाट के उपर सोकर अपने पेट के ऊपर ज्योत प्रज्वलित करती हैं।

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https://youtu.be/sjVQFI5X2f0?si=DpuKz9MiOccoZWdY

 

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Conclusion

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